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विस्तारात्मक तथा अविस्तारात्मक गुणधर्म

सूची विस्तारात्मक तथा अविस्तारात्मक गुणधर्म

पदार्थों के भौतिक गुणों को प्रायः दो भागों में विभाजित किया जाता है - .

7 संबंधों: तापमान, द्रव्यमान, पदार्थ, भौतिक गुण, घनत्व, कठोरता, अपवर्तनांक

तापमान

आदर्श गैस के तापमान का सैद्धान्तिक आधार अणुगति सिद्धान्त से मिलता है। तापमान किसी वस्तु की उष्णता की माप है। अर्थात्, तापमान से यह पता चलता है कि कोई वस्तु ठंढी है या गर्म। उदाहरणार्थ, यदि किसी एक वस्तु का तापमान 20 डिग्री है और एक दूसरी वस्तु का 40 डिग्री, तो यह कहा जा सकता है कि दूसरी वस्तु प्रथम वस्तु की अपेक्षा गर्म है। एक अन्य उदाहरण - यदि बंगलौर में, 4 अगस्त 2006 का औसत तापमान 29 डिग्री था और 5 अगस्त का तापमान 32 डिग्री; तो बंगलौर, 5 अगस्त 2006 को, 4 अगस्त 2006 की अपेक्षा अधिक गर्म था। गैसों के अणुगति सिद्धान्त के विकास के आधार पर यह माना जाता है कि किसी वस्तु का ताप उसके सूक्ष्म कणों (इलेक्ट्रॉन, परमाणु तथा अणु) के यादृच्छ गति (रैण्डम मोशन) में निहित औसत गतिज ऊर्जा के समानुपाती होता है। तापमान अत्यन्त महत्वपूर्ण भौतिक राशि है। प्राकृतिक विज्ञान के सभी महत्वपूर्ण क्षेत्रों (भौतिकी, रसायन, चिकित्सा, जीवविज्ञान, भूविज्ञान आदि) में इसका महत्व दृष्टिगोचर होता है। इसके अलावा दैनिक जीवन के सभी पहलुओं पर तापमान का महत्व है। .

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द्रव्यमान

द्रव्यमान किसी पदार्थ का वह मूल गुण है, जो उस पदार्थ के त्वरण का विरोध करता है। सरल भाषा में द्रव्यमान से हमें किसी वस्तु का वज़न और गुरुत्वाकर्षण के प्रति उसके आकर्षण या शक्ति का पता चलता है। श्रेणी:भौतिकी श्रेणी:भौतिक शब्दावली *.

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पदार्थ

रसायन विज्ञान और भौतिक विज्ञान में पदार्थ (matter) उसे कहते हैं जो स्थान घेरता है व जिसमे द्रव्यमान (mass) होता है। पदार्थ और ऊर्जा दो अलग-अलग वस्तुएं हैं। विज्ञान के आरम्भिक विकास के दिनों में ऐसा माना जाता था कि पदार्थ न तो उत्पन्न किया जा सकता है, न नष्ट ही किया जा सकता है, अर्थात् पदार्थ अविनाशी है। इसे पदार्थ की अविनाशिता का नियम कहा जाता था। किन्तु अब यह स्थापित हो गया है कि पदार्थ और ऊर्जा का परस्पर परिवर्तन सम्भव है। यह परिवर्तन आइन्स्टीन के प्रसिद्ध समीकरण E.

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भौतिक गुण

किसी भौतिक प्रणाली के किसी भी मापने योग्य गुण को भौतिक गुण (physical property) कहते हैं जो उस प्रणाली की बहुतिक अवस्था का सूचक है। इसके विपरीत वे गुण जो यह बताते हैं कि कोई वस्तु किसी रासायनिक अभिक्रिया में कैसा व्यवहार करती है, उसका रासायनिक गुण कहलाती है। .

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घनत्व

भौतिकी में किसी पदार्थ के इकाई आयतन में निहित द्रव्यमान को उस पदार्थ का घनत्व (डेंसिटी) कहते हैं। इसे ρ या d से निरूपित करते हैं। अर्थात अतः घनत्व किसी पदार्थ के घनेपन की माप है। यह इंगित करता है कि कोई पदार्थ कितनी अच्छी तरह सजाया हुआ है। इसकी इकाई किग्रा प्रति घन मीटर होती है। .

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कठोरता

विकर्स का कठोरतामापी एलास्टोमर पदार्थों के बल-विकृति ग्राफ में हिस्टेरिसिस पायी जाती है (प्रतिबल बढ़ाने पर और घटाने पर ग्राफ अलग-अलग मार्ग से जाता है)। इसे एलास्टिक हिस्टेरिस कहते हैं। प्रतिक्षेप कठोरता (रिबाउण्ड हार्डनेस) का मापन इसी सिद्धान्त पर आधारित है। प्रत्यास्थ पदार्थों में यह हिस्टेरिसिस् नहीं पायी जाती। कठोरता (Hardness) किसी ठोस का वह गुण है जिससे पता चलता है कि उस पर बल लगाने पर उसे स्थायी रूप से विकृत करने की कितनी सम्भावना है। सामान्यतः अधिक कठोर ठोस वह होता है जिसमें अन्तराणविक बल अधिक मजबूत होगा। कठोर पदार्थों के कुछ उदाहरण: सिरामिक (ceramics), कंक्रीट (concrete), कुछ धातुएँ तथा अतिकठोर पदार्थ। 'कठोरता' को मापने के अलग-अलग तरीके हैं.

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अपवर्तनांक

एक माध्यम से दूसरे माध्यम में जाने पर प्रकाश की किरण सीधी न जाकर अभिलम्ब की तरफ या अभिलम्ब से दूर मुड़ जाती है। अभिलम्ब की तरफ मुड़ेगी या अभिलम्ब से दूर जायेगी - यह दोनों माध्यमों के अपवर्तनांक पर निर्भर करता है। किसी बिन्दु से निकलने वाले वेवफ्रॉण्ट जब कम अपवर्तनांक वाले माध्यम से अधिक अपवर्तनांक वाले माध्यम में प्रवेश करते हैं तो उनमें परिवर्तन होता है। ऊपर वाले वेवफ्रॉण्ट पूर्णतः वृत्ताकार हैं जबकि नीचे वाले वृत्ताकार न होकर लगभग अतिपरवलय के आकार के हैं। किसी माध्यम (जैसे जल, हवा, कांच आदि) का अपवर्तनांक (रिफ्रैक्टिव इण्डेक्स) वह संख्या है जो बताती है कि उस माध्यम में विद्युतचुम्बकीय तरंग (जैसे प्रकाश) की चाल किसी अन्य माध्यम की अपेक्षा कितने गुना कम या अधिक है। यदि प्रकाश के सन्दर्भ में बात करें तो सोडा-लाइम कांच का अपवर्तनांक लगभग 1.5 है जिसका अर्थ यह है कि कांच में प्रकाश की चाल निर्वात में प्रकाश की चाल की अपेक्षा 1.5 गुना कम अर्थात (1/1.5 .

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