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राष्ट्रीय विधि सेवा प्राधिकरण
लीगल सर्विस भारत में राष्ट्रीय विधि सेवा प्राधिकरण (National Legal Services Authority (NALSA)) का गठन विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम, 1987 के तहत किया गया। इसका काम कानूनी सहयता कार्यक्रम लागू करना और उसका मूल्यांकन एवं निगरानी करना है। साथ ही, इस अधिनियम के अंतर्गत कानूनी सेवाएं उपलब्ध कराना भी इसका काम है। प्रत्येक राज्य में एक राज्य कानूनी सहायता प्राधिकरण तथा प्रत्येक उच्च न्यायालय में एक उच्च न्यायालय कानूनी सेवा समिति गठित की गई है। जिला कानूनी सहायता प्राधिकरण और तालुका कानूनी सेवा समितियां जिला और तालुका स्तर पर बनाई गई हैं। इनका काम नालसा की नीतियों और निर्देशों को कार्य रूप देना और लोगों को निशुल्क कानूनी सेवा प्रदान करना और लोक अदालतें चलाना है। राज्य कानूनी सहायता प्राधिकरणों की अध्यक्षता संबंधित जिले के मुख्य न्यायाधीश और तालुका कानूनी सेवा समितियों की अध्यक्षता तालुका स्तर के न्यायिक अधिकारी करते हैं। .
देखें विधिक जागरूकता और राष्ट्रीय विधि सेवा प्राधिकरण
विधि शासन
विधि शासन या कानून का शासन (Rule of law) का अर्थ है कि कानून सर्वोपरि है तथा वह सभी लोगों पर समान रूप से लागू होती है। .
देखें विधिक जागरूकता और विधि शासन
विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम, 1987
समान अवसर के आधार न्याय सुलभ कराने को सुनिश्चित करने के लिये भारत सरकार द्वारा विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम, 1987 पारित किया गया जिसके द्वारा केन्द्र में राष्ट्रीय विधिक सेवा समिति एवं जिलों में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण का गठन किया गया। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण पर एक प्रमुख दायित्व सौंपा गया कि ग्रामीण क्षेत्रों, गरीब बस्तियों या स्लम कालोनियों में समस्त कमजोर वर्गो को उनके अधिकारों के साथ ही लोक अदालतों के माध्यम से विवादों को सुलझाने के लिए प्रात्साहित करने के लिए शिक्षित करने के प्रयोजन से विधिक सहायता शिविरों का आयोजन किया जाय और राज्य प्राधिकरणों पर इस कार्यक्रम के क्रियान्वयन का उत्तरदायित्व सौंपा गया। .