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विद्युत शक्ति अनुकूलन

सूची विद्युत शक्ति अनुकूलन

विद्युत उपभोक्ताओं को दिये जाने वाली वुद्युत शक्ति की गुणवत्ता (quality) सुनिश्चित करने वाले उपकरणों को शक्ति अनुकूलक (power conditioner) कहते हैं तथा इस प्रक्रिया को शक्ति अनुकूलन (Power conditioning) कहते हैं। विद्युत शक्ति में गुणवत्ता संबन्धी अनेक प्रकार की समस्याएँ हो सकती हैं; जैसे वोल्टेज निर्धारित सीमा से भी कम या अधिक हो; आवृत्ति ५० हर्ट्ज के बजाय ४७ हर्ट्ज हो; कुछ देर (जैसे आधा सेकेण्ड) के लिये विद्युत शक्ति शून्य हो आदि। ज्ञातव्य है कि विद्युत-शक्ति यदि निर्धारित मापडण्दों के अनुकूल नहीं होगी तो उससे विद्युत के उपकरण खराब हो सकते हैं; या वे ठीक से कार्य न करें आदि समस्याएँ पैदा हो सकती हैं। वोल्टेज रेगुलेटर एक शक्ति-अनुकूलक उपकरण है। इसी तरह यूपीएस भी एक शक्ति अनुकूलक उपकरण है। सर्ज-सप्रेसर भी एक ऐसा ही उपकरण है। प्राय: एक ही उपकरण में शक्ति-गुणवत्ता की सभी समस्याओं को ठीक करने की क्षमता नहीं होती है। किन्तु अधिकांश उपकरण एक से अधिक समस्याओं के निवारण में सक्षम होते हैं। .

3 संबंधों: वोल्टता नियंत्रक, आवृत्ति, अबाधित विद्युत आपूर्ति

वोल्टता नियंत्रक

चुम्बकीय वोल्टता नियंत्रक जो ए सी विद्युत (मेन्स) के लिये बना है। +12 V DC निर्गत करने वाली लोक-प्रचलित 3-पिन वाली आईसी (7812) वोल्टता नियंत्रक (voltage regulator) वह एलेक्ट्रॉनिक युक्ति है जो स्वत: वोल्टता को एक निश्चित मान के पास बनाकर रखती है। यह प्रत्यावर्ती वोल्तता के नियंत्रण के लिये बनायी जा सकती है या दिष्ट वोल्टता के लिये। इसमें विद्युतयांत्रिक युक्तियाँ (जैसे मोटर, रिले, जनित्र आदि) लगी होतीं हैं; या ये आधुनिक अर्धचालक युक्तियों (डायोड, ट्रांजिस्टर, मॉसफेट, आईजीबीटी आदि) एवं कुछ पैसिव युक्तियों (प्रतिरोध, संधारित्र आदि) के योग से बनायी जा सकती है। इसके द्वारा नियंत्रित वोल्टता मिलने से जो युक्तियाँ चलती हैं वे खराब नहीं होतीं एवं अपना काम भी नियत तरीके से करती हैं। उदाहरण के लिये जिन गाँवों में सप्लाई वोल्टेज बहुत घटता-बढ़ता रहता है वहाँ टीवी चलाने के लिये उसके साथ २२० वोल्ट का वोल्टता-नियंत्रक भी लगाया जाता है। .

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आवृत्ति

विभिन्न आवृतियों की तरंगें कोई आवृत घटना (बार-बार दोहराई जाने वाली घटना), इकाई समय में जितनी बार घटित होती है उसे उस घटना की आवृत्ति (frequency) कहते हैं। आवृति को किसी साइनाकार (sinusoidal) तरंग के कला (phase) परिवर्तन की दर के रूप में भी समझ सकते हैं। आवृति की इकाई हर्त्ज (साकल्स प्रति सेकण्ड) होती है। एक कम्पन पूरा करने में जितना समय लगता है उसे आवर्त काल (Time Period) कहते हैं। आवर्त काल .

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अबाधित विद्युत आपूर्ति

अबाधित विद्युत आपूर्ति (अंग्रेज़ी:Uninterruptible power supply) या यूपीएस एक ऐसा उपकरण होता है जो विद्युत से चलने वाले किसी उपकरण को उस स्थिति में भी सीमित समय के लिये विद्युत की समुचित आपूर्ति सुनिश्चित करता है जब आपूर्ति के मुख्य स्रोत (मेन्स) से विद्युत आपूति उपलब्ध नहीं होती। यूपीएस कई प्रकार के बनाये जाते हैं और सीमित समय के लिये आपूर्ति उपलब्ध कराने के अलावा ये कुछ और भी काम कर सकते हैं - जैसे वोल्टता-नियंत्रण, आवृत्ति-नियंत्रण, शक्ति गुणांक वर्धन एवं उसकी गुणवत्ता को बेहतर करके उपकरण को देना, आदि। यूपीएस में उर्जा-संचय करने का कोई एक साधन होता है, जैसे बैटरी, तेज गति से चालित फ्लाईह्वील, आवेशित किया हुआ संधारित्र या एक अतिचालक कुण्डली में प्रवाहित अत्यधिक धारा। यूपीएस, सहायक ऊर्जा-स्रोत जैसे- स्टैण्ड-बाई जनरेटर आदि से इस मामले में भिन्न हैं कि विद्युत जाने पर वे सम्बन्धित उपकरण को मिलने वाली विद्युत में नगण्य समय के लिये व्यवधान करते हैं जिससे उस उपकरण के काम में बाधा या रूकावट नहीं आती।|हिन्दुस्तान लाइव। २७ जनवरी २०१०। पूनम जैन यूपीएस का उपयोग कम्प्यूटरों, आंकड़ा केन्द्र, संचार उपकरणों, आदि के साथ प्राय: किया जाता है जहाँ कि विद्युत जाने से कोई दुर्घटना हो सकती है; महत्त्वपूर्ण आंकड़े नष्ट होने का डर हो; व्यापार का नुकसान आदि हो सकता हो। .

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