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वस्त्र निपीडक

सूची वस्त्र निपीडक

विविध प्रकार के प्रेस वस्त्र निपीडक या वस्त्र प्रेस (clothes iron) हाथ से पकड़कर युक्ति है जिसे गरम करके वस्त्रों की सलवटें हटाने के काम में लिया जाता है। यह कई आकार-प्रकार की होती है और ऊष्मा के स्रोत के आधार पर भी कई प्रकार की होती है। वर्तमान समय में प्रायः विद्युत से चलने वाली प्रेस ही अधिक प्रचलन में है। .

सामग्री की तालिका

  1. 3 संबंधों: ऊष्मा, विद्युत, विद्युत्-तापन

  2. प्राचीन आविष्कार

ऊष्मा

इस उपशाखा में ऊष्मा ताप और उनके प्रभाव का वर्णन किया जाता है। प्राय: सभी द्रव्यों का आयतन तापवृद्धि से बढ़ जाता है। इसी गुण का उपयोग करते हुए तापमापी बनाए जाते हैं। ऊष्मा या ऊष्मीय ऊर्जा ऊर्जा का एक रूप है जो ताप के कारण होता है। ऊर्जा के अन्य रूपों की तरह ऊष्मा का भी प्रवाह होता है। किसी पदार्थ के गर्म या ठंढे होने के कारण उसमें जो ऊर्जा होती है उसे उसकी ऊष्मीय ऊर्जा कहते हैं। अन्य ऊर्जा की तरह इसका मात्रक भी जूल (Joule) होता है पर इसे कैलोरी (Calorie) में भी व्यक्त करते हैं। .

देखें वस्त्र निपीडक और ऊष्मा

विद्युत

वायुमण्डलीय विद्युत विद्युत आवेशों के मौजूदगी और बहाव से जुड़े भौतिक परिघटनाओं के समुच्चय को विद्युत (Electricity) कहा जाता है। विद्युत से अनेक जानी-मानी घटनाएं जुड़ी है जैसे कि तडित, स्थैतिक विद्युत, विद्युतचुम्बकीय प्रेरण, तथा विद्युत धारा। इसके अतिरिक्त, विद्युत के द्वारा ही वैद्युतचुम्बकीय तरंगो (जैसे रेडियो तरंग) का सृजन एवं प्राप्ति सम्भव होता है? विद्युत के साथ चुम्बकत्व जुड़ी हुई घटना है। विद्युत आवेश वैद्युतचुम्बकीय क्षेत्र पैदा करते हैं। विद्युत क्षेत्र में रखे विद्युत आवेशों पर बल लगता है। समस्त विद्युत का आधार इलेक्ट्रॉन हैं। इलेक्ट्रानों के हस्तानान्तरण के कारण ही कोई वस्तु आवेशित होती है। आवेश की गति ही विद्युत धारा है। विद्युत के अनेक प्रभाव हैं जैसे चुम्बकीय क्षेत्र, ऊष्मा, रासायनिक प्रभाव आदि। जब विद्युत और चुम्बकत्व का एक साथ अध्ययन किया जाता है तो इसे विद्युत चुम्बकत्व कहते हैं। विद्युत को अनेकों प्रकार से परिभाषित किया जा सकता है किन्तु सरल शब्दों में कहा जाये तो विद्युत आवेश की उपस्थिति तथा बहाव के परिणामस्वरूप उत्पन्न उस सामान्य अवस्था को विद्युत कहते हैं जिसमें अनेकों कार्यों को सम्पन्न करने की क्षमता होती है। विद्युत चल अथवा अचल इलेक्ट्रान या प्रोटान से सम्बद्ध एक भौतिक घटना है। किसी चालक में विद्युत आवेशों के बहाव से उत्पन्न उर्जा को विद्युत कहते हैं। .

देखें वस्त्र निपीडक और विद्युत

विद्युत्-तापन

३० किलोवाट का विद्युत-तापक जिस किसी प्रक्रिया में विद्युत ऊर्जा, ऊष्मा में बदली जाती है उसे विद्युत्-तापन (Electric heating) कहते हैं। कमरे का तापन, खाना बनाना, पानी गरम करना तथा अनेकों औद्योगिक प्रक्रम आदि कार्य विद्युत तापन द्वारा किये जा सकते हैं। विद्युत तापक (इलेक्ट्रिक हीटर) वह युक्ति है जिससे विद्युत ऊर्जा को ऊष्मा में बदला जाता है। सभी प्रकार के वैद्युत तापकों में ऊष्मा पैदा करने का कार्य विद्युत प्रतिरोध द्वारा किया जाता है जो जूल तापन द्वारा ऊष्मा प्रदान करता है। किसी प्रतिरोध R से होकर I धारा प्रवाहित होती है तो उसमें प्रति सेकेण्ड I2R जूल ऊष्मा उत्पन्न होती है। आधुनिक विद्युत तापन की अधिकांश युक्तियों में तापक के रूप में नाइक्रोम तार का उपयोग किया जाता है। श्रेणी:तापन.

देखें वस्त्र निपीडक और विद्युत्-तापन

यह भी देखें

प्राचीन आविष्कार

विद्युत वस्त्र निपीडक, इस्त्री के रूप में भी जाना जाता है।