4 संबंधों: फर्मिऑन, मूलकण, गेज बोसॉन, क्वार्क।
फर्मिऑन
सांख्यिकीय व्यवहार के आधार पर भौतिकी में कणों को दो भागों में बांटा जाता है: बोसॉन एवं फर्मिऑन। फर्मिऑन (fermion):- वे कण जो फर्मी-डिराक सांख्यिकी के अनुसार व्यवहार करते है, जिनका प्रचक्रण विषम अर्ध पूर्णांक (१/२, ३/२, ----) होता है और जो पाउली अपवर्जन नियम का पालन करते है, फर्मिऑन कहलाते है। मूलकण क्वार्क और लेप्टॉन एवं संयोजित कण प्रोटॉन और न्यूट्रॉन इसके उदाहरण है। .
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मूलकण
मूलभूत कणों का मानक मॉडल भौतिकी में मूलकण (elementary particle) वे कण हैं, जिनकी कोई उपसंरचना ज्ञात नहीं है। यह किन कणों से मिलकर बना है, अज्ञात है। मूलकण ब्रह्माण्ड की आधारभूत संरचना है, समस्त ब्रह्माण्ड इन्ही मूलभूत कणों से मिलकर बना है। कण भौतिकी के मानक मॉडल (standard model) के अनुसार क्वार्क, लेप्टॉन और गेज बोसॉन मूलकण है। .
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गेज बोसॉन
मानक प्रतिमान के अनुसार मूलभूत कण, यहाँ चतुर्थ स्तम्भ में गेज बोसॉन हैं। कण भौतिकी में, गेज बोसॉन (gauge boson) एक बोसॉनिक कण है जो प्रक्रिति के मूलभूत बलो के वाहक की भूमिका निभाता है अर्थात यह एक प्रकार का बल वाहक कण (force carrier particle) है। * श्रेणी:मूलकण श्रेणी:कण भौतिकी श्रेणी:बोसोन.
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क्वार्क
प्रोटॉन क्वार्क एक प्राथमिक कण है तथा यह पदार्थ का मूल घटक है। क्वार्क एकजुट होकर सम्मिश्र कण हेड्रॉन बनाते है, परमाणु नाभिक के मुख्य अवयव प्रोटॉन व न्यूट्रॉन इनमें से सर्वाधिक स्थिर हैं। नैसर्गिक घटना रंग बंधन के कारण, क्वार्क ना कभी सीधे प्रेक्षित हुआ या एकांत में पाया गया; वे केवल हेड्रॉनों के भीतर पाये जा सकते है, जैसे कि बेरिऑनों (उदाहरणार्थ: प्रोटान और न्यूट्रान) और मेसॉनों के रूप में। क्वार्क के अनेक आंतरिक गुण है, जिनमे विद्युत आवेश, द्रव्यमान, रंग आवेश और स्पिन सम्मिलित है। कण भौतिकी के मानक मॉडल में क्वार्क एकमात्र प्राथमिक कण है जो सभी चार मूलभूत अंतःक्रिया या मौलिक बलों (विद्युत चुंबकत्व, गुरुत्वाकर्षण, प्रबल अंतःक्रिया और दुर्बल अंतःक्रिया) को महसूस करता है, साथ ही यह मात्र ज्ञात कण है जिसका विद्युत आवेश प्राथमिक आवेश का पूर्णांक गुणनफल नहीं है। क्वार्क के छह प्रकार है, जो जाने जाते है फ्लेवर से: अप, डाउन, स्ट्रेन्ज, चार्म, टॉप और बॉटम। अप व डाउन क्वार्क के द्रव्यमान सभी क्वार्को में सबसे कम है। अपेक्षाकृत भारी क्वार्क कणिका क्षय की प्रक्रिया के माध्यम से तीव्रता से अप व डाउन क्वार्क में बदल जाते हैं। कणिका क्षय, एक उच्च द्रव्य अवस्था का एक निम्न द्रव्य अवस्था में परिवर्तन है। इस वजह से, अप व डाउन क्वार्क आम तौर पर स्थिर होते है और ब्रह्मांड में सबसे आम हैं, वहीं स्ट्रेन्ज, चार्म, बॉटम और टॉप क्वार्क केवल उच्च ऊर्जा टक्करों में उत्पन्न किए जा सकते है। हर क्वार्क फ्लेवर के प्रतिकण होते है जिनके परिमाण तो क्वार्क के बराबर होते है परंतु चिन्ह विपरीत रखते है तथा यह एंटीक्वार्क के रूप में जाने जाते है। क्वार्क मॉडल स्वतंत्र रूप से भौतिकविदों मरे गेल-मन और जॉर्ज वाइग द्वारा 1964 में प्रस्तावित किया गया था। क्वार्क हेड्रॉनों के अंग के रूप में पेश किए गए थे। 1968 में स्टैनफोर्ड रैखिक त्वरक केंद्र पर प्रयोग होने तक उनके भौतिक अस्तित्व के बहुत कम प्रमाण थे। त्वरक प्रयोगों ने सभी छह फ्लेवरों के लिए प्रमाण प्रदान किए। टॉप क्वार्क सबसे अंत में फर्मीलैब पर 1995 में खोजा गया। .
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