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लेखापरीक्षा

सूची लेखापरीक्षा

लेखा परीक्षा, अंकेक्षण या ऑडिट (audit) का सबसे व्यापक अर्थ किसी व्यक्ति, संस्था, तन्त्र, प्रक्रिया, परियोजना या उत्पाद का मूल्यांकन करना है। लेखा परीक्षा यह सुनिश्चित करने के लिये की जाती है कि दी गयी सूचना वैध एवं विश्वसनीय है। इससे उस तन्त्र के आन्तरिक नियन्त्रण का भी मूल्यांकन प्राप्त होता है। लेखा परीक्षा का उद्देश्य यह होता है कि लेखा परीक्षा के बाद व्यक्ति/संस्था/तन्त्र/प्रक्रिया के बार में एक राय या विचार व्यक्त किया जाय। वित्तीय लेखा परीक्षा (financial audits) की स्थिति में वित्त सम्बन्धी कथनों (statements) को सत्य एवं त्रुटिरहित घोषित किया जाता है यदि उनमें गलत कथन न हों। परम्परागत रूप से लेखा परीक्षा मुख्यत: किसी कम्पनी या किसी वाणिज्यिक संस्था के वित्तीय रिकार्डों के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिये की जाती थी। किन्तु आजकल आडिट के अन्तर्गत अन्य सूचनाएँ (जैसे पर्यावरण की दृष्टि से कामकाज की स्थिति) भी सम्मिलित की जाने लगी हैं। .

सामग्री की तालिका

  1. 5 संबंधों: बही-खाता, भारत सरकार, भारत के नियन्त्रक एवं महालेखापरीक्षक, मुम्बई, अंकेक्षण मानकों की सूची (भारत)

  2. जोखिम प्रबंधन

बही-खाता

बही-खाता या पुस्तपालन या बुककीपिंग एक ऐसी पद्धति है जिसमें किसी कम्पनी, गैर–लाभकारी संगठन या किसी व्यक्ति के वित्तीय लेनदेन के आंकड़ों का प्रतिदिन के आधार पर भंडारण, रिकॉर्डिंग और पुनर्प्राप्त करना, विश्लेषण और व्याख्या करने की प्रक्रिया शामिल होती है। इस प्रक्रिया में बिक्री, प्राप्तियां, लेनदेन में खरीद, और किसी व्यक्ति/निगम/संगठन द्वारा भुगतान आदि सम्मिलित किए जाते हैं। बुककीपिंग, एक बुककीपर द्वारा किया जाता है जो किसी व्यवसाय के प्रतिदिन के वित्तीय लेनदेन को रिकॉर्ड करता है। प्रक्रिया के लिए शुद्धता इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह सुनिश्चित करता है कि व्यक्तिगत वित्तीय लेनदेन के रिकॉर्ड सही, व्यापक और अद्यतन (अप–टू–डेट) हैं। प्रत्येक लेनदेन, चाहे वह बिक्री हो या खरीद हो, दर्ज किया जाना चाहिए। बुक कीपिंग के लिए स्थापित संरचनाएं होती हैं जिन्हें ‘गुणवत्ता नियंत्रण‘ कहा जाता है। ये संरचनाएँ समय–समय पर वित्तीय लेनदेन के भंडारण, रिकॉर्डिंग और पुनर्प्राप्ति और सटीक रिकॉर्ड सुनिश्चित करने में सहायता करतीं हैं। 'बही-खाता' दो प्रविष्टियों वाली (डबल इंट्री) पुस्तपालन (बुककीपिंग) की भारतीय पद्धति है। प्रायः १४९४ में लिखित पिकौलीज समर (Pacioli's Summar) को अंकेक्षण का प्राचीनतम ग्रंथ माना जाता है किन्तु बही खाता का प्रचलन भारत में उससे भी पूर्व कई शताब्दियों से है। बही-खाता की पद्धति भारत में यूनानी एवं रोमन साम्राज्यों के पहले भी विद्यमान थी। इससे यही अनुमान लगाया जा सकता है कि भारतीय व्यवसायी अपने बही-खाता अपने साथ इटली ले गये और वहीं से द्विप्रविष्टि प्रणाली पूरे यूरोप में फैली। .

देखें लेखापरीक्षा और बही-खाता

भारत सरकार

भारत सरकार, जो आधिकारिक तौर से संघीय सरकार व आमतौर से केन्द्रीय सरकार के नाम से जाना जाता है, 29 राज्यों तथा सात केन्द्र शासित प्रदेशों के संघीय इकाई जो संयुक्त रूप से भारतीय गणराज्य कहलाता है, की नियंत्रक प्राधिकारी है। भारतीय संविधान द्वारा स्थापित भारत सरकार नई दिल्ली, दिल्ली से कार्य करती है। भारत के नागरिकों से संबंधित बुनियादी दीवानी और फौजदारी कानून जैसे नागरिक प्रक्रिया संहिता, भारतीय दंड संहिता, अपराध प्रक्रिया संहिता, आदि मुख्यतः संसद द्वारा बनाया जाता है। संघ और हरेक राज्य सरकार तीन अंगो कार्यपालिका, विधायिका व न्यायपालिका के अन्तर्गत काम करती है। संघीय और राज्य सरकारों पर लागू कानूनी प्रणाली मुख्यतः अंग्रेजी साझा और वैधानिक कानून (English Common and Statutory Law) पर आधारित है। भारत कुछ अपवादों के साथ अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के न्याय अधिकारिता को स्वीकार करता है। स्थानीय स्तर पर पंचायती राज प्रणाली द्वारा शासन का विकेन्द्रीकरण किया गया है। भारत का संविधान भारत को एक सार्वभौमिक, समाजवादी गणराज्य की उपाधि देता है। भारत एक लोकतांत्रिक गणराज्य है, जिसका द्विसदनात्मक संसद वेस्टमिन्स्टर शैली के संसदीय प्रणाली द्वारा संचालित है। इसके शासन में तीन मुख्य अंग हैं: न्यायपालिका, कार्यपालिका और व्यवस्थापिका। .

देखें लेखापरीक्षा और भारत सरकार

भारत के नियन्त्रक एवं महालेखापरीक्षक

भारत के नियन्त्रक एवं महालेखापरीक्षक (अंग्रेजी: Comptroller and Auditor General of India संक्षिप्त नाम: CAG) भारतीय संविधान के अध्याय ५ द्वारा स्थापित एक प्राधिकारी है जो भारत सरकार तथा सभी प्रादेशिक सरकारों के सभी तरह के लेखों का अंकेक्षण करता है। वह सरकार के स्वामित्व वाली कम्पनियों का भी अंकेक्षण करता है। उसकी रिपोर्ट पर सार्वजनिक लेखा समितियाँ ध्यान देती है। भारत के नियंत्रक और महालेखापरीक्षक एक सवतंत्र संस्था के रूप में कार्य करते हैं और इस पर सरकार का नियंत्रण नहीं होता| भारत के नियन्त्र और महालेखापरीक्षक की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती हैं| नियन्त्रक एवं महालेखापरीक्षक ही भारतीय लेखा परीक्षा और लेखा सेवा का भी मुखिया होता है। इस समय पूरे भारत की इस सार्वजनिक संस्था में ५८ हजार से अधिक कर्मचारी काम करते हैं। भारत के नियन्त्रक एवं महालेखापरीक्षक का कार्यालय 10 बहादुर शाह जफर मार्ग पर नई दिल्ली में स्थित है। वर्तमान समय में इस संस्थान के मुखिया राजीव महर्षि हैं। वे भारत के 13वें नियन्त्रक एवं महालेखापरीक्षक हैं। इनका कार्यकाल 6 वर्ष या 65 वर्ष की उम्र, जो भी पहले होगा, की अवधि के लिए राष्टपति द्वारा नियुक्त किया जाता है।केन्द अथवा राज्य सरकार के अनुरोध पर किसी भी सरकारी विभाग की जाँच करता है। .

देखें लेखापरीक्षा और भारत के नियन्त्रक एवं महालेखापरीक्षक

मुम्बई

भारत के पश्चिमी तट पर स्थित मुंंबई (पूर्व नाम बम्बई), भारतीय राज्य महाराष्ट्र की राजधानी है। इसकी अनुमानित जनसंख्या ३ करोड़ २९ लाख है जो देश की पहली सर्वाधिक आबादी वाली नगरी है। इसका गठन लावा निर्मित सात छोटे-छोटे द्वीपों द्वारा हुआ है एवं यह पुल द्वारा प्रमुख भू-खंड के साथ जुड़ा हुआ है। मुम्बई बन्दरगाह भारतवर्ष का सर्वश्रेष्ठ सामुद्रिक बन्दरगाह है। मुम्बई का तट कटा-फटा है जिसके कारण इसका पोताश्रय प्राकृतिक एवं सुरक्षित है। यूरोप, अमेरिका, अफ़्रीका आदि पश्चिमी देशों से जलमार्ग या वायुमार्ग से आनेवाले जहाज यात्री एवं पर्यटक सर्वप्रथम मुम्बई ही आते हैं इसलिए मुम्बई को भारत का प्रवेशद्वार कहा जाता है। मुम्बई भारत का सर्ववृहत्तम वाणिज्यिक केन्द्र है। जिसकी भारत के सकल घरेलू उत्पाद में 5% की भागीदारी है। यह सम्पूर्ण भारत के औद्योगिक उत्पाद का 25%, नौवहन व्यापार का 40%, एवं भारतीय अर्थ व्यवस्था के पूंजी लेनदेन का 70% भागीदार है। मुंबई विश्व के सर्वोच्च दस वाणिज्यिक केन्द्रों में से एक है। भारत के अधिकांश बैंक एवं सौदागरी कार्यालयों के प्रमुख कार्यालय एवं कई महत्वपूर्ण आर्थिक संस्थान जैसे भारतीय रिज़र्व बैंक, बम्बई स्टॉक एक्स्चेंज, नेशनल स्टऑक एक्स्चेंज एवं अनेक भारतीय कम्पनियों के निगमित मुख्यालय तथा बहुराष्ट्रीय कंपनियां मुम्बई में अवस्थित हैं। इसलिए इसे भारत की आर्थिक राजधानी भी कहते हैं। नगर में भारत का हिन्दी चलचित्र एवं दूरदर्शन उद्योग भी है, जो बॉलीवुड नाम से प्रसिद्ध है। मुंबई की व्यवसायिक अपॊर्ट्युनिटी, व उच्च जीवन स्तर पूरे भारतवर्ष भर के लोगों को आकर्षित करती है, जिसके कारण यह नगर विभिन्न समाजों व संस्कृतियों का मिश्रण बन गया है। मुंबई पत्तन भारत के लगभग आधे समुद्री माल की आवाजाही करता है। .

देखें लेखापरीक्षा और मुम्बई

अंकेक्षण मानकों की सूची (भारत)

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देखें लेखापरीक्षा और अंकेक्षण मानकों की सूची (भारत)

यह भी देखें

जोखिम प्रबंधन

लेखा परीक्षण, आडिट, अंकेक्षण के रूप में भी जाना जाता है।