4 संबंधों: बल, यांत्रिक संतुलन, संतुलन, गति विज्ञान।
बल
भौतिकि संबंधी बल के लिए देखें बल (भौतिकी) बल, जिसे ताकत भी कहा जाता है, कार्य करने की शक्ति है। परंपरागत रूप से इसे शरीर से जोड़कर देखा जाता रहा है। इसलिए प्रायः यह शारिरिक बल का प्रतिनिधित्व करता है। लेकिन इसके अतिरिक्त मानसिक एवं आध्यात्मिक बल की संकल्पना भी की गई है। .
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यांत्रिक संतुलन
स्थैतिक संतुलन (static equilibrium) का मानक परिभाषा निम्नवत है- सूत्र रूप में - यांत्रिक संतुलन थोड़ा अलग तरह से परिभाषित है:; सूत्र रूप में - \begin\sum \mathbf^ .
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संतुलन
संतुलन या साम्य या साम्यावस्था (इक्विलिब्रिअम) से तात्पर्य किसी निकाय की उस अवस्था से है जब दो या अधिक परस्पर विरोधी वस्तुओं या बलों के होने पर भी 'स्थिरता' (अगति) का दर्शन हो। बहुत से निकायों में साम्यावस्था देखने को मिलती है। शाब्दिक अर्थ की दृष्टि से संतुलन का अर्थ निम्नलिखित है- .
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गति विज्ञान
गति विज्ञान (Dynamics) अनुप्रयुक्त गणित की यह शाखा पिंडों की गति से तथा इन गतियों को नियमित करनेवाले बलों से संबद्ध है। गतिविज्ञान को दो भागों में अंतिर्विभक्त किया जा सकता है। पहला शुद्धगतिकी (Kinematics), जिसमें माप तथा यथातथ्य चित्रण की दृष्टि से गति का अध्ययन किया जाता है, तथा दूसरा बलगतिकी (Kinetics) अथवा वास्तविक गति विज्ञान, जो कारणों अथवा गतिनियमों से संबद्ध है। व्यापक दृष्टि से दोनों दृष्टिकोण संभव हैं। पहला गतिविज्ञान को ऐसे विज्ञान के रूप में प्रस्तुत करता है जिसका निर्माण परीक्षण की प्रक्रियाओं (प्रयोगों) के आधार पर तथ्योपस्थापन (आगम, अनुमान) द्वारा हुआ है। तदनुसार गति विज्ञान में गतिनियम यूक्लिड के स्वयंसिद्धों का स्थान ग्रहण करते हैं। दावा यह है कि प्रयोगों द्वारा इन नियमों की परीक्षा की जा सकती है, परंतु यह भी निश्चित है कि व्यावहारिक कठिनाइयों के कारण कोई सैद्धांतिक नियम यथातथ्य रूप में प्रकाशित नहीं हो पाता है। इन नियमों को प्रमाणित कर सकने में व्यावहारिक कठिनाइयों के अतिरिक्त कुछ तर्कविषयक बाधाएँ भी हैं, जो इस स्थिति को दूषित अथवा त्रुटिपूर्ण बना देती हैं। इन कठिनाइयों का परिहार किया जा सकता है, यदि हम दूसरा दृष्टिकोण अपनाएँ। उक्त दृष्टिकोण के अनुसार गतिविज्ञान शुद्ध अमूर्त विज्ञान (abstract science) है, जिसके समस्त नियम कुछ आधारभूत कल्पनाओं से निकाल जा सकते हैं। .