सामग्री की तालिका
3 संबंधों: भारतीय रेल, मेल एक्स्प्रेस ट्रेन, हावड़ा जंक्शन रेलवे स्टेशन।
भारतीय रेल
यार्ड में खड़ी एक जनशताब्दी रेल। भारतीय रेल (आईआर) एशिया का सबसे बड़ा रेल नेटवर्क तथा एकल सरकारी स्वामित्व वाला विश्व का दूसरा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है। यह १६० वर्षों से भी अधिक समय तक भारत के परिवहन क्षेत्र का मुख्य घटक रहा है। यह विश्व का सबसे बड़ा नियोक्ता है, जिसके १३ लाख से भी अधिक कर्मचारी हैं। यह न केवल देश की मूल संरचनात्मक आवश्यकताओं को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है अपितु बिखरे हुए क्षेत्रों को एक साथ जोड़ने में और देश राष्ट्रीय अखंडता का भी संवर्धन करता है। राष्ट्रीय आपात स्थिति के दौरान आपदाग्रस्त क्षेत्रों में राहत सामग्री पहुंचाने में भारतीय रेलवे अग्रणी रहा है। अर्थव्यस्था में अंतर्देशीय परिवहन का रेल मुख्य माध्यम है। यह ऊर्जा सक्षम परिवहन मोड, जो बड़ी मात्रा में जनशक्ति के आवागमन के लिए बड़ा ही आदर्श एवं उपयुक्त है, बड़ी मात्रा में वस्तुओं को लाने ले जाने तथा लंबी दूरी की यात्रा के लिए अत्यन्त उपयुक्त है। यह देश की जीवनधारा है और इसके सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए इनका महत्वपूर्ण स्थान है। सुस्थापित रेल प्रणाली देश के दूरतम स्थानों से लोगों को एक साथ मिलाती है और व्यापार करना, दृश्य दर्शन, तीर्थ और शिक्षा संभव बनाती है। यह जीवन स्तर सुधारती है और इस प्रकार से उद्योग और कृषि का विकासशील त्वरित करने में सहायता करता है। .
देखें रुपाशी बंगला एक्स्प्रेस २८८३ और भारतीय रेल
मेल एक्स्प्रेस ट्रेन
भारतीय रेल द्वारा अनेक प्रकार की रेलगाड़ियां संचालित की जाती हैं। इनमें से प्रमुख हैं राजधानी एक्स्प्रेस, शताब्दी एक्स्प्रेस, संपर्क क्रांति एक्स्प्रेस, जनशताब्दी एक्स्प्रेस एवं कई स्पेशल एक्स्प्रेस गाड़ियां। इनके अलावा भि लगभग २००० मेल एक्स्प्रेस गाड़ियां चलाई जाती हैं, जो कि पूरे भारत पर्यंत यात्र्यों की आवा जाही करती हैं। .
देखें रुपाशी बंगला एक्स्प्रेस २८८३ और मेल एक्स्प्रेस ट्रेन
हावड़ा जंक्शन रेलवे स्टेशन
हावड़ा जंक्शन रेलवे स्टेशन हावड़ा एवं कोलकाता शहर का रेलवे स्टेशन है। यह हुगली नदी के दाहिने किनारे पर स्थित है। इसके २३ प्लेटफार्म इसे भारत के सबसे बड़े रेलवे स्टेशनों में एक बनाते हैं। १८५३ में भारत में पहली रेल गाड़ी मुम्बई से एवं १८५४ दूसरी हावड़ा से चली। सुप्रसिद्ध क्रान्तिकारी योगेश चन्द्र चटर्जी काकोरी काण्ड से पूर्व ही हावड़ा रेलवे स्टेशन पर गिरफ्तार कर लिये गये थे। नजरबन्दी की हालत में ही इन्हें काकोरी काण्ड के मुकदमे में शामिल किया गया था और आजीवन कारावास की सजा दी गयी थी। .
देखें रुपाशी बंगला एक्स्प्रेस २८८३ और हावड़ा जंक्शन रेलवे स्टेशन
रुपाशी बंगला एक्स्प्रेस 2883 के रूप में भी जाना जाता है।