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राधास्वामी

सूची राधास्वामी

राधास्वामी मत, श्री शिव दयाल सिंह साहब द्वारा संस्थापित एक पन्थ हैं। 1861 में वसंत पंचमी के दिन पहली बार इसे आम लोग के लिये जारी किया गया था। दयालबाग इसी राधास्वामी मत का एक मुख्य मंदिर है। विश्व में इस विचारधारा का पालन करने वाले दो करोड़ से भी अधिक लोग हैं। .

सामग्री की तालिका

  1. 3 संबंधों: दयाल बाग, शिव दयाल सिंह, हिन्दू धर्म

दयाल बाग

स्वामी बाग समाधि दयालबाग की स्थापना राधास्वामी सत्संग के पांचवे संत सत्गुरु परम गुरु हुजूर साहब जी महाराज (सर आनन्द स्वरुप साहब) ने की थी। दयालबाग की स्थापना भी बसन्त पंचमी के दिन 20 जनवरी 1915 को शहतूत का पौधा लगा कर की गई थी। दयालबाग राधास्वामी सत्संग का हेडक्वाटर है और राधास्वामी सत्संग के आठवे संत सत्गुरु परम गुरु हुजूर सत्संगी साहब (परम पुज्य डा प्रेम सरन सतसंगी साहब) का निवास भी है। स्वामीबाग़ समाधि हुजूर स्वामी जी महाराज (श्री शिव दयाल सिंह सेठ) का स्मारक/ समाधि है। यह आगरा के बाहरी क्षेत्र में है, जिसे स्वामी बाग कहते हैं। वे राधास्वामी मत के संस्थापक थे। उनकी समाधि उनके अनुयाइयों के लिये पवित्र है। सन् 1908 ईस्वी में इसका निर्माण आरम्भ हुआ था और कहते हैं, कि यह कभी समाप्त नहीं होगा। इसमें भी श्वेत संगमरमर का प्रयोग हुआ है। साथ ही नक्काशी व बेलबूटों के लिये रंगीन संगमरमर व कुछ अन्य रंगीन पत्थरों का प्रयोग किया गया है। यह नक्काशी व बेल बूटे एकदम जीवंत लगते हैं। यह भारत भर में कहीं नहीं दिखते हैं। पूर्ण होने पर इस समाधि पर एक नक्काशीकृत गुम्बद शिखर के साथ एक महाद्वार होगा। इसे कभी-कभार दूसरा ताज भी कहा जाता है। श्रेणी:आगरा श्रेणी:उत्तर प्रदेश के भवन और स्थापत्य.

देखें राधास्वामी और दयाल बाग

शिव दयाल सिंह

श्री शिव दयाल सिंह साहब (1861 - 1878) (परम पुरुश पुरन धनी हुजुर स्वामी जी महाराज) राधास्वामी मत की शिक्षाओं का प्रारंभ करने वाले पहले सन्त सतगुरु थे। उनका जन्म नाम सेठ शिव दयाल सिंह था। उनका जन्म 24 अगस्त 1818 में आगरा, उत्तर प्रदेश, भारत में जन्माष्टमी के दिन हुआ। पाँच वर्ष की आयु में उन्हें पाठशाला भेजा गया जहाँ उन्होंने हिंदी, उर्दू, फारसी और गुरमुखी सीखी। उन्होंने अरबी और संस्कृत भाषा का भी कार्यसाधक ज्ञान प्राप्त किया। उनके माता-पिता हाथरस, भारत के परम संत तुलसी साहब के अनुयायी थे। छोटी आयु में ही इनका विवाह फरीदाबाद के इज़्ज़त राय की पुत्री नारायनी देवी से हुआ। उनका स्वभाव बहुत विशाल हृदयी था और वे पति के प्रति बहुत समर्पित थीं। शिव दयाल सिंह स्कूल से ही बांदा में एक सरकारी कार्यालय के लिए फारसी के विशेषज्ञ के तौर पर चुन लिए गए। वह नौकरी उन्हें रास नहीं आई.

देखें राधास्वामी और शिव दयाल सिंह

हिन्दू धर्म

हिन्दू धर्म (संस्कृत: सनातन धर्म) एक धर्म (या, जीवन पद्धति) है जिसके अनुयायी अधिकांशतः भारत,नेपाल और मॉरिशस में बहुमत में हैं। इसे विश्व का प्राचीनतम धर्म कहा जाता है। इसे 'वैदिक सनातन वर्णाश्रम धर्म' भी कहते हैं जिसका अर्थ है कि इसकी उत्पत्ति मानव की उत्पत्ति से भी पहले से है। विद्वान लोग हिन्दू धर्म को भारत की विभिन्न संस्कृतियों एवं परम्पराओं का सम्मिश्रण मानते हैं जिसका कोई संस्थापक नहीं है। यह धर्म अपने अन्दर कई अलग-अलग उपासना पद्धतियाँ, मत, सम्प्रदाय और दर्शन समेटे हुए हैं। अनुयायियों की संख्या के आधार पर ये विश्व का तीसरा सबसे बड़ा धर्म है। संख्या के आधार पर इसके अधिकतर उपासक भारत में हैं और प्रतिशत के आधार पर नेपाल में हैं। हालाँकि इसमें कई देवी-देवताओं की पूजा की जाती है, लेकिन वास्तव में यह एकेश्वरवादी धर्म है। इसे सनातन धर्म अथवा वैदिक धर्म भी कहते हैं। इण्डोनेशिया में इस धर्म का औपचारिक नाम "हिन्दु आगम" है। हिन्दू केवल एक धर्म या सम्प्रदाय ही नहीं है अपितु जीवन जीने की एक पद्धति है। .

देखें राधास्वामी और हिन्दू धर्म

राधा स्वामी, राधास्वामी मत के रूप में भी जाना जाता है।