लोगो
यूनियनपीडिया
संचार
Google Play पर पाएं
नई! अपने एंड्रॉयड डिवाइस पर डाउनलोड यूनियनपीडिया!
मुक्त
ब्राउज़र की तुलना में तेजी से पहुँच!
 

राइट्स ऑफ मैन

सूची राइट्स ऑफ मैन

राइट्स ऑफ मैन (1791) थॉमस पेन की एक पुस्तक है, जो ३१ लेखों के साथ, यह तथ्य रखती हैं कि लोकप्रिय क्रान्ति अनुज्ञेय हैं जब कोई सरकार अपने लोगों के प्राकृतिक अधिकारों की रक्षा नहीं करती। इन मुद्दों के आधार पर, वह रिफ्लेक्शन्स ऑन द रिवोल्यूशन ऑफ फ़्रान्स (1790) में एडमण्ड बर्क के फ़्रान्सीसी क्रान्ति पर आक्रमण का बचाव करती है। वह मार्च 1791 and फरवरी 1792 में दो भागों में प्रकाशित हुई थी। .

3 संबंधों: एडमण्ड बर्क, थॉमस पेन, फ़्रान्सीसी क्रान्ति

एडमण्ड बर्क

एडमण्ड बर्क (12 जनवरी 17309 जुलाई 1797) डबलिन में पैदा हुए एक आयरिश राजनेता थे, और साथ ही वे एक लेखक, वक्ता, राजनीतिक सिद्धांतवादी और दार्शनिक भी थे। 1750 में लंदन आने के बाद, वे व्हिग पार्टी के साथ 1766 और 1794 के बीच हाउस ऑफ कॉमन्स में सांसद के रूप में सेवारत थे। .

नई!!: राइट्स ऑफ मैन और एडमण्ड बर्क · और देखें »

थॉमस पेन

थॉमस पेन थॉमस पेन (अंग्रेज़ी: Thomas Paine, जन्म: 9 फ़रवरी 1737, देहांत: 8 जून 1809) एक लेखक, अविष्कारक, बुद्धिजीवी, क्रांतिकारी और संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपिताओं में से एक थे। उनका जन्म इंग्लैण्ड के नॉर्फ़क काउंटी (ज़िले) के थ़ॅटफ़र्ड शहर में हुआ था और सन् 1774 में वे इंग्लैण्ड छोड़ अमेरिका में जा बसे। उन्होंने सन् 1776 की अमेरिकी क्रांति में अहम भूमिका निभाई। उन्होने अमेरिका में क्रांति की उठती लहर को अपनी लिखाई के ज़रिये अपनी राजनैतिक सोच का ढाँचा दिया। उनकी दो सब से प्रभावशाली लिखईयाँ थीं -.

नई!!: राइट्स ऑफ मैन और थॉमस पेन · और देखें »

फ़्रान्सीसी क्रान्ति

बेसिल दिवस: १४ जुलाई १७८९ फ्रांसीसी क्रांति (फ्रेंच: Révolution française / रेवोलुस्योँ फ़्राँसेज़; 1789-1799) फ्रांस के इतिहास की राजनैतिक और सामाजिक उथल-पुथल एवं आमूल परिवर्तन की अवधि थी जो 1789 से 1799 तक चली। बाद में, नेपोलियन बोनापार्ट ने फ्रांसीसी साम्राज्य के विस्तार द्वारा कुछ अंश तक इस क्रांति को आगे बढ़ाया। क्रांति के फलस्वरूप राजा को गद्दी से हटा दिया गया, एक गणतंत्र की स्थापना हुई, खूनी संघर्षों का दौर चला, और अन्ततः नेपोलियन की तानाशाही स्थापित हुई जिससे इस क्रांति के अनेकों मूल्यों का पश्चिमी यूरोप में तथा उसके बाहर प्रसार हुआ। इस क्रान्ति ने आधुनिक इतिहास की दिशा बदल दी। इससे विश्व भर में निरपेक्ष राजतन्त्र का ह्रास होना शुरू हुआ, नये गणतन्त्र एव्ं उदार प्रजातन्त्र बने। आधुनिक युग में जिन महापरिवर्तनों ने पाश्चात्य सभ्यता को हिला दिया उसमें फ्रांस की राज्यक्रांति सर्वाधिक नाटकीय और जटिल साबित हुई। इस क्रांति ने केवल फ्रांस को ही नहीं अपितु समस्त यूरोप के जन-जीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया। फ्रांसीसी क्रांति को पूरे विश्व के इतिहास में मील का पत्थर कहा जाता है। इस क्रान्ति ने अन्य यूरोपीय देशों में भी स्वतन्त्रता की ललक कायम की और अन्य देश भी राजशाही से मुक्ति के लिए संघर्ष करने लगे। इसने यूरोपीय राष्ट्रों सहित एशियाई देशों में राजशाही और निरंकुशता के खिलाफ वातावरण तैयार किया। .

नई!!: राइट्स ऑफ मैन और फ़्रान्सीसी क्रान्ति · और देखें »

निवर्तमानआने वाली
अरे! अब हम फेसबुक पर हैं! »