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रव

सूची रव

रव या 'शोर' (noise) का सामान्य अर्थ 'अवांछित ध्वनि' से है। किन्तु भौतिकी तथा एनालॉग एलेक्ट्रॉनिकी में रव से अभिप्राय 'किसी विद्युत संकेत में अवांछित यादृच्छ संकेत का जुड़ना' है। यदि रव से युक्त इस संकेत को ध्वनि में परिवर्तित किया जाय तो ये अवांछित संकेत शोर के रूप में प्रकट होंगे। इसी तरह यदि किसी विडियो संकेत में रव जुड़ जाय तो वह पर्दे पर छबि के साथ 'स्नो' के रूप में दिखेगा। यदि किसी संकेत पर रव की मात्रा बहुत अधिक हो जाय तो मूल अर्थ ही बदल जाय, भ्र्ष्ट हो जाय या पूर्णतः गायब हो जाय। किसी संकेत में मौजूद उपयोगी सूचना तथा अप्रासंगिक अनुपयोगी रव की मात्रा के अनुपात को सिगनल-रव अनुपात (Signal-to-noise ratio) कहते हैं जो एक अत्यन्त उपयोगी मापदण्ड है। श्रेणी:एलेक्ट्रॉनिकी.

3 संबंधों: भौतिक शास्त्र, सिगनल-रव अनुपात, विद्युत संकेत

भौतिक शास्त्र

भौतिकी के अन्तर्गत बहुत से प्राकृतिक विज्ञान आते हैं भौतिक शास्त्र अथवा भौतिकी, प्रकृति विज्ञान की एक विशाल शाखा है। भौतिकी को परिभाषित करना कठिन है। कुछ विद्वानों के मतानुसार यह ऊर्जा विषयक विज्ञान है और इसमें ऊर्जा के रूपांतरण तथा उसके द्रव्य संबन्धों की विवेचना की जाती है। इसके द्वारा प्राकृत जगत और उसकी आन्तरिक क्रियाओं का अध्ययन किया जाता है। स्थान, काल, गति, द्रव्य, विद्युत, प्रकाश, ऊष्मा तथा ध्वनि इत्यादि अनेक विषय इसकी परिधि में आते हैं। यह विज्ञान का एक प्रमुख विभाग है। इसके सिद्धांत समूचे विज्ञान में मान्य हैं और विज्ञान के प्रत्येक अंग में लागू होते हैं। इसका क्षेत्र विस्तृत है और इसकी सीमा निर्धारित करना अति दुष्कर है। सभी वैज्ञानिक विषय अल्पाधिक मात्रा में इसके अंतर्गत आ जाते हैं। विज्ञान की अन्य शाखायें या तो सीधे ही भौतिक पर आधारित हैं, अथवा इनके तथ्यों को इसके मूल सिद्धांतों से संबद्ध करने का प्रयत्न किया जाता है। भौतिकी का महत्व इसलिये भी अधिक है कि अभियांत्रिकी तथा शिल्पविज्ञान की जन्मदात्री होने के नाते यह इस युग के अखिल सामाजिक एवं आर्थिक विकास की मूल प्रेरक है। बहुत पहले इसको दर्शन शास्त्र का अंग मानकर नैचुरल फिलॉसोफी या प्राकृतिक दर्शनशास्त्र कहते थे, किंतु १८७० ईस्वी के लगभग इसको वर्तमान नाम भौतिकी या फिजिक्स द्वारा संबोधित करने लगे। धीरे-धीरे यह विज्ञान उन्नति करता गया और इस समय तो इसके विकास की तीव्र गति देखकर, अग्रगण्य भौतिक विज्ञानियों को भी आश्चर्य हो रहा है। धीरे-धीरे इससे अनेक महत्वपूर्ण शाखाओं की उत्पत्ति हुई, जैसे रासायनिक भौतिकी, तारा भौतिकी, जीवभौतिकी, भूभौतिकी, नाभिकीय भौतिकी, आकाशीय भौतिकी इत्यादि। भौतिकी का मुख्य सिद्धांत "उर्जा संरक्षण का नियम" है। इसके अनुसार किसी भी द्रव्यसमुदाय की ऊर्जा की मात्रा स्थिर होती है। समुदाय की आंतरिक क्रियाओं द्वारा इस मात्रा को घटाना या बढ़ाना संभव नहीं। ऊर्जा के अनेक रूप होते हैं और उसका रूपांतरण हो सकता है, किंतु उसकी मात्रा में किसी प्रकार परिवर्तन करना संभव नहीं हो सकता। आइंस्टाइन के सापेक्षिकता सिद्धांत के अनुसार द्रव्यमान भी उर्जा में बदला जा सकता है। इस प्रकार ऊर्जा संरक्षण और द्रव्यमान संरक्षण दोनों सिद्धांतों का समन्वय हो जाता है और इस सिद्धांत के द्वारा भौतिकी और रसायन एक दूसरे से संबद्ध हो जाते हैं। .

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सिगनल-रव अनुपात

विज्ञान और प्रौद्योगिकी में संकेत बाधानुपात या सिगनल-रव अनुपात (Signal-to-noise ratio; SNR या S/N) का उपयोग वांछित संकेत तथा अवांछित संकेत के मात्राओं की तुलना करने के लिए प्रयोग किया जाता है। संकेत शक्ति तथा रव-शक्ति के अनुपात को 'सिगनल-रव अनुपात' कहते हैं और इसे प्रायः डेसीबेल के रूप में अभिव्यक्त करते हैं। किसी प्रवर्धक से आने वाली संगीत की ध्वनि के सिगनल-रव अनुपात का मान कम होने का सीधा अर्थ यह है कि हमें संगीत का उतना आनन्द नहीं आयेगा जितना उसी संगीत को किसी अधिक सिगनल-रव अनुपात वाले प्रवर्धक से सुनने पर आता।.

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विद्युत संकेत

संचार, संकेत प्रसंस्करण और सामान्य रूप से विद्युत इंजीनियरी के सन्दर्भ में समय के साथ परिवर्तनशील या अवकाश के साथ परिवर्तनशील (spatial-varying) कोई भी राशि संकेत (signal) कहलाती है। उदाहरण के लिये किसी तापयुग्म से प्राप्त वोल्टता एक संकेत है जो तापमान की सूचना देती है। .

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