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योवेरी मुसेवेनी

सूची योवेरी मुसेवेनी

योवेरी मुसेवेनी (जन्म 15 अगस्त (लगभग) 1944) युगाण्डा के राजनीतिज्ञ हैं। वो २९ जनवरी १९८६ से युगाण्डा के राष्ट्रपति हैं। राष्ट्रपति मुसेवेनी ने दशकों से विद्रोही गतिविधि और गृह युद्ध में उलझे यूगांडा में स्थिरता और आर्थिक विकास लाने का काम किया है। उनका कार्यकाल अफ्रीका में एचआईवी/ एड्स के लिए सबसे प्रभावी राष्ट्रीय प्रतिक्रियाओं में से एक रहा है। .

सामग्री की तालिका

  1. 4 संबंधों: एचआइवी, युगाण्डा, गृहयुद्ध, अफ़्रीका

एचआइवी

एचआइवी अथवा कपोसी सार्कोमा प्रभावित महिला की नाक का चित्र एचआईवी (ह्युमन इम्युनडिफिशिएंशी वायरस) या मानवीय प्रतिरक्षी अपूर्णता विषाणु एक विषाणु है जो शरीर की रोग-प्रतिरक्षा प्रणाली पर प्रहार करता है और संक्रमणों के प्रति उसकी प्रतिरोध क्षमता को धीरे-धीरे कम करता जाता है। यह लाइलाज बीमारी एड्स का कारण है। मुख्यतः यौण संबंध तथा रक्त के जरिए फैलने वाला यह विषाणु शरीर की श्वेत रक्त कणिकाओं का भक्षण कर लेता है। इसमें उच्च आनुवंशिक परिवर्तनशीलता का गुण है। यह विशेषता इसके उपचार में बहुत बड़ी बाधा उत्पन्न करता है। .

देखें योवेरी मुसेवेनी और एचआइवी

युगाण्डा

युगांडा गणराज्य पूर्वी अफ्रीका में स्थित एक लैंडलाक देश है। इसकी सीमा पूर्व में केन्या, उत्तर में सूडान, पश्चिम में कांगो लोकतान्त्रिक गणराज्य, दक्षिण पश्चिम में रवांडा और दक्षिण में तंजानिया से मिलती है। देश के दक्षिणी हिस्से में विक्टोरिया झील का एक बड़ा भाग शामिल है, जिससे केन्या और तंजानिया से सीमा निर्धारित होती है। युगांडा नाम बुगांडा राजशाही से लिया गया है, जिसमें देश का दक्षिणी ह्स्सिा, राजधानी कंपाला को शामिल कर, आता था। देश की एक तिहाई जनसंख्या अंतरराष्ट्रीय गरीबी रेखा (2 डालर प्रतिदिन) से नीचे जीवनयापन करती है। .

देखें योवेरी मुसेवेनी और युगाण्डा

गृहयुद्ध

स्पेनी गृहयुद्ध के दौरान दो सैनिक अपने ज़ख़्मी साथी को ले जाते हुए श्रीलंका के गृहयुद्ध के दौरान कुछ लोग जो अपने घर या सम्बन्धी खो बैठे गृहयुद्ध एक ही राष्ट्र के अन्दर संगठित गुटों के बीच में होने वाले युद्ध को कहते हैं। कभी-कभी गृह युद्ध ऐसे भी दो देशों के युद्ध को कहा जाता है जो कभी एक ही देश के भाग रहे हों। गृहयुद्ध में लड़ने वाले गिरोहों के ध्येय भिन्न प्रकार के होते हैं। कुछ पूरे देश पर नियंत्रण पाकर अपनी मनचाही व्यवस्था लागू करना चाहते हैं, कुछ देश की सरकारी नीतियाँ बदलना चाहते हैं और कुछ देश को विभाजित करके अपने क्षेत्र को स्वतन्त्र बनाना चाहते हैं। गृहयुद्धों अक्सर बहुत घातक होते हैं - लाखों मर सकते हैं, करोड़ों बेघर हो सकते हैं, देश में दशकों तक चलने वाली भयंकर ग़रीबी और भुखमरी फैल सकती है और देश का उद्योग लम्बे अरसे के लिए चौपट हो सकता है। बर्मा, अंगोला और अफ़्ग़ानिस्तान ऐसे देश हैं जिनका भविष्य कभी बहुत उज्वल माना जाता था लेकिन गृहयुद्ध की चपेट में आने से यह दुनिया के सबसे पिछड़े और असुरक्षित देशों में गिने जाने लगे। गृहयुद्धों के दौरान अक्सर विदेशी ताक़तें भी देश को कमज़ोर पाकर उसमें हस्तक्षेप करने लगती हैं, जैसा की १९७५-१९९० तक चलने वाले लेबनान के गृहयुद्ध में हुआ।, Marie Olson Lounsbery, Frederic Pearson, University of Toronto Press, 2009, ISBN 978-0-8020-9672-2 .

देखें योवेरी मुसेवेनी और गृहयुद्ध

अफ़्रीका

अफ़्रीका वा कालद्वीप, एशिया के बाद विश्व का सबसे बड़ा महाद्वीप है। यह 37°14' उत्तरी अक्षांश से 34°50' दक्षिणी अक्षांश एवं 17°33' पश्चिमी देशान्तर से 51°23' पूर्वी देशान्तर के मध्य स्थित है। अफ्रीका के उत्तर में भूमध्यसागर एवं यूरोप महाद्वीप, पश्चिम में अंध महासागर, दक्षिण में दक्षिण महासागर तथा पूर्व में अरब सागर एवं हिन्द महासागर हैं। पूर्व में स्वेज भूडमरूमध्य इसे एशिया से जोड़ता है तथा स्वेज नहर इसे एशिया से अलग करती है। जिब्राल्टर जलडमरूमध्य इसे उत्तर में यूरोप महाद्वीप से अलग करता है। इस महाद्वीप में विशाल मरुस्थल, अत्यन्त घने वन, विस्तृत घास के मैदान, बड़ी-बड़ी नदियाँ व झीलें तथा विचित्र जंगली जानवर हैं। मुख्य मध्याह्न रेखा (0°) अफ्रीका महाद्वीप के घाना देश की राजधानी अक्रा शहर से होकर गुजरती है। यहाँ सेरेनगेती और क्रुजर राष्‍ट्रीय उद्यान है तो जलप्रपात और वर्षावन भी हैं। एक ओर सहारा मरुस्‍थल है तो दूसरी ओर किलिमंजारो पर्वत भी है और सुषुप्‍त ज्वालामुखी भी है। युगांडा, तंजानिया और केन्या की सीमा पर स्थित विक्टोरिया झील अफ्रीका की सबसे बड़ी तथा सम्पूर्ण पृथ्वी पर मीठे पानी की दूसरी सबसे बड़ी झीलहै। यह झील दुनिया की सबसे लम्बी नदी नील के पानी का स्रोत भी है। कुछ इतिहासकारों का मानना है कि इसी महाद्वीप में सबसे पहले मानव का जन्म व विकास हुआ और यहीं से जाकर वे दूसरे महाद्वीपों में बसे, इसलिए इसे मानव सभ्‍यता की जन्‍मभूमि माना जाता है। यहाँ विश्व की दो प्राचीन सभ्यताओं (मिस्र एवं कार्थेज) का भी विकास हुआ था। अफ्रीका के बहुत से देश द्वितीय विश्व युद्ध के बाद स्वतंत्र हुए हैं एवं सभी अपने आर्थिक विकास में लगे हुए हैं। अफ़्रीका अपनी बहुरंगी संस्कृति और जमीन से जुड़े साहित्य के कारण भी विश्व में जाना जाता है। .

देखें योवेरी मुसेवेनी और अफ़्रीका