3 संबंधों: वेल्डिंग, कील, कीलक।
वेल्डिंग
दिल्ली के लौह स्तम्भ के निर्माण में वेल्डिंग का उपयोग हुआ था। झलाई या वेल्डन, निर्माण (fabrication) की एक प्रक्रिया है जो चीजों को जोडने के काम आती है। झलाई द्वारा मुख्यतः धातुएँ तथा थर्मोप्लास्टिक जोड़े जाते हैं। इस प्रक्रिया में सम्बन्धित टुकड़ों को गर्म करके पिघला लिया जाता है और उसमें एक फिलर सामग्री को भी पिघलाकर मिलाया जाता है। यह पिघली हुई धातुएं एवं फिलर सामग्री ठण्डी होकर एक मजबूत जोड़ बन जाता है। झलाई के लिये कभी-कभी उष्मा के साथ-साथ दाब का प्रयोग भी किया जाता है। झलाई, दबाव द्वारा और द्रवण द्वारा किया जाता है। लोहार लोग दो धातुपिंडों को पीटकर जोड़ देते हैं यह दबाव द्वारा झलाई है। दबाव देने के लिए आज अनेक द्रवचालित दाबक (Hydraulic press) बने हैं, जिनका उपयोग उत्तरोत्तर बढ़ रहा है। द्रवण द्वारा झलाई में दोनों तलों को संपर्क में लाकर गलित अवस्था में कर देते हैं, जो ठंडा होने पर आपस में मिलकर ठोस और स्थायी रूप से जुड़ जाते हैं। गलाने का कार्य विद्युत् आर्क द्वारा संपन्न किया जाता है। .
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कील
लोहे की बनी '''कीलें''' कांटी या कील (nail) इंजीनियरी, काष्ठकारी एवं निर्माण कार्य में उपयोग आने वाली पिन के आकार की वस्तु है। इसका उपयोग दो वस्तुओं को जो। दने के लिये किया जाता है। पहले कीलें रॉट आइरन की बनायी जातीं थी किन्तु आजकल इस्पात की एक मिश्रधातु से बनायी जातीं हैं तथा इनके ऊपर किसी धातु का लेप किया गया होता है। कील से जुड़े हुए दो भाग .
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कीलक
कीलक (Rivet) एक स्थायी यांत्रिक योक्ता (fastener) है। श्रेणी:यांत्रिक योक्ता en:Rivet.
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