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मृत्तिका

सूची मृत्तिका

मृत्तिका निर्माण कार्य वाली जगह पर मृत्तिका मृत्तिका (Clay) एक व्यापक शब्द है। प्रायः २ माइक्रॉन से छोटे व्यास वाले कणों वाले अवसादी शैलों को 'मृत्तिका' कहते हैं। यह मुख्यतः अलमुनियम के सिलिकेट एवं अन्य बहुसिलिकेट (पॉलीसिलिकेट) का मिश्रण है। मृत्तिका जिन मुख्य खनिजों से बनी होती है उन्हें 'मृत्तिका खनिज' कहते हैं। भूतकनीकी दृष्टि से मृत्तिका उन मृत्तिका खनिजों को कहते हैं जिनके कणों का आकार ४ माइक्रॉन से छोटा होता है। (४ माइक्रॉन से लेकर ५० माइक्रॉन तक के आकार वाले अवसादी शैलों को गाद तथा ५० माइक्रॉन से बड़े कण-आकार वाले अवसादी शैलों को बालू कहते हैं।) मृत्तिका मुख्यतः भूरे रंग (grey) की होती है किन्तु अन्य रंगों (सफेद, पीली, लाल आदि) की भी मृत्तिका पायी जाती है। यह नदियों के किनारों पर देखने को मिल सकती है। .

सामग्री की तालिका

  1. 7 संबंधों: बालू, बजरी, मृत्तिका खनिज, मृदा, मृदा यांत्रिकी, गाद, अवसादी शैल

  2. तलछट
  3. तलछट विज्ञान
  4. प्राकृतिक सामग्री
  5. फिलोसिलिकेट
  6. मूर्ति सामग्री
  7. मृदा के प्रकार
  8. मृदा-आधारित निर्माण सामग्री

बालू

लिबिया में बालू का ढ़ेर गोबी मरुस्थल के बालू का पास से लिया गया फोटो (1 x 1 सेमी) चट्टानें और अन्य धात्विक पदार्थ विविध प्राकृतिक और अप्राकृतिक साधनों से टूट फूटकर बजरी, बालू, गाद या चिकनी मिट्टी का रूप ले लेते हैं। यदि टुकड़े बड़े हुए तो बजरी और यदि छोटे हुए तो कणों, के विस्तार के हिसाब से उन्हें क्रमश: बालू (sand), गाद (silt) या मृत्तिका (चिकनी मिट्टी / clay) कहते हैं। .

देखें मृत्तिका और बालू

बजरी

छोटे पत्थर जिनको कंकड़ कहा जा सकता है। छोटे-छोटे कंकड़ बहुत छोटे पत्थर को कंकड़ कहते हैं। शैलों के छोटे-छोटे टुकड़ों को बजरी या 'कंकड़' (Gravel) कहते हैं। यहेक महत्वपूर्ण वाणिज्यिक पदार्थ है जो बहुत से कार्यों में प्रयुक्त होता है। यह सड़कों के उपरी तल पर बिछाने, प्लेटफॉर्म बनाने, कंक्रीट के निर्माण आदि के काम आता है। .

देखें मृत्तिका और बजरी

मृत्तिका खनिज

जलीय अलमुनियम फिल्लोसिलिकेट (hydrous aluminium phyllosilicates) मृत्तिका खनिज (Clay minerals) कहलाते हैं। कभी-कभी इनमें विभिन्न मात्राओं में लोहा, मैगनीशियम, अल्कली धातुओं आदि के धनायन भी मौजूद होते हैं। एक खनिज आमतौर पर abiogenic, एक रासायनिक सूत्र द्वारा प्रदर्शनीय, कमरे के तापमान पर ठोस और स्थिर है और एक का आदेश दिया परमाणु संरचना है कि एक स्वाभाविक रूप से होने वाली पदार्थ है। यह खनिज या गैर खनिजों की कुल किया जा सकता है, जो एक चट्टान से अलग है और एक विशिष्ट रासायनिक संरचना नहीं है। एक खनिज की सही परिभाषा विशेष रूप से आवश्यकता के संबंध में, बहस के दायरे में है एक वैध प्रजातियों abiogenic हो और यह एक का आदेश दिया परमाणु संरचना होने के संबंध के साथ एक हद तक कम करने के लिए.

देखें मृत्तिका और मृत्तिका खनिज

मृदा

पृथ्वी ऊपरी सतह पर मोटे, मध्यम और बारीक कार्बनिक तथा अकार्बनिक मिश्रित कणों को मृदा (मिट्टी / soil) कहते हैं। ऊपरी सतह पर से मिट्टी हटाने पर प्राय: चट्टान (शैल) पाई जाती है। कभी कभी थोड़ी गहराई पर ही चट्टान मिल जाती है। 'मृदा विज्ञान' (Pedology) भौतिक भूगोल की एक प्रमुख शाखा है जिसमें मृदा के निर्माण, उसकी विशेषताओं एवं धरातल पर उसके वितरण का वैज्ञानिक अध्ययन किया जाता हैं। पृथऽवी की ऊपरी सतह के कणों को ही (छोटे या बडे) soil कहा जाता है .

देखें मृत्तिका और मृदा

मृदा यांत्रिकी

'''पीसा की झुकी मीनार''' -- यह लोड पड़ने पर भूमि के अपरूपण का अच्छा उदाहरण है भूयांत्रिकी (Soil mechanics), इंजीनियरी यांत्रिकी (engineering mechanics) की एक शाखा है जो भूमि के गुणधर्मों का अध्ययन एवं वर्णन करती है। यह तरल यांत्रिकी एवं ठोस यांत्रिकी से इस अर्थ में अलग है कि भूमि गैस (हवा), द्रव (जल आदि) एवं ठोस (मिट्टी, रेत आदि) के विषमांग मिश्रण से बनी होती है। इसके अलावा भूमि में जैव ठोस, द्रव एवं गैसें भी हो सकतीं हैं। शैल यांत्रिकी (rock mechanics) और भूयांत्रिकी मिलकर भूतकनीकी इंजीनियरी का सैद्धान्तिक आधार तैयार करते हैं। भूतकनीकी इंजीनियरी, सिविल इंजीनियरी का उपविषय है। भूतकनीकी का उपयोग भवनों तथा पुलों की नींव, रिटेनिंग दीवार, तथा बांध के निर्माण में होता है। .

देखें मृत्तिका और मृदा यांत्रिकी

गाद

क्वार्ट्ज और फिल्ड्स्पार खनिजों से उत्पन्न कणिकामय पदार्थ को गादी (Silt) कहते हैं। इसके कणों का आकार बालू से छोटा किन्तु मृत्तिका (clay) से बड़ा होता है। यह भूमि के रूप में या जल में घुले अवसाद (sediment) के रूप में हो सकती है। इसके अतिरिक्त यह नदियों, तालाबों आदि के तल में भी जमा हो सकती है। श्रेणी:मृदा विज्ञान श्रेणी:अवसादी शैलें.

देखें मृत्तिका और गाद

अवसादी शैल

अवसादी शैल जिसके स्तर स्पष्ट दृष्टिगोचर हैं अपक्षय एवं अपरदन के विभिन्न साधनों द्वारा मौलिक चट्टनों के विघटन, वियोजन और टूटने से परिवहन तथा किसी स्थान पर जमाव के परिणामस्वरुप उनके अवसादों से निर्मित शैल को अवसादी शैल (sedimentary rock) कहा जाता हैं। वायु, जल और हिम के चिरंतन आघातों से पूर्वस्थित शैलों का निरंतर अपक्षय एवं विदारण होता रहता है। इस प्रकार के अपक्षरण से उपलब्ध पदार्थ कंकड़, पत्थर, रेत, मिट्टी इत्यादि, जलधाराओं, वायु या हिमनदों द्वारा परिवाहित होकर प्राय: निचले प्रदेशों, सागर, झील अथवा नदी की घाटियों में एकत्र हो जाते हैं। कालांतर में संघनित होकर वे स्तरीभूत हो जाते हैं। इन स्तरीभूत शैलों को अवसाद शैल (सेडिमेंटरी रॉक्स) कहते हैं। .

देखें मृत्तिका और अवसादी शैल

यह भी देखें

तलछट

तलछट विज्ञान

प्राकृतिक सामग्री

फिलोसिलिकेट

मूर्ति सामग्री

मृदा के प्रकार

मृदा-आधारित निर्माण सामग्री

चिकनी मिट्टी के रूप में भी जाना जाता है।