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मुराद चतुर्थ

सूची मुराद चतुर्थ

मुराद चतुर्थ (مراد رابع, मुराद-ए राबीʿ; 26/27 जुलाई 1612 – 8 फ़रवरी 1640) 1623 से 1640 तक उस्मानिया साम्राज्य के सुल्तान रहे। उन्होंने राज्य पर सुल्तान के शासन की पुनःस्थापना की थी और उन्हें अपने गतिविधियों की क्रूरता के लिए जाने जाते हैं। उनका जन्म क़ुस्तुंतुनिया में हुआ था। वे सुल्तान अहमद प्रथम (दौर: 1603–17) और यूनानी मूल की कौसम सुल्तान के पुत्र थे। उनके चाचा मुस्तफ़ा प्रथम (दौर: 1617–18, 1622–23) को सुल्तान के पद से निकालने की साज़िश कामयाब होने के बाद मुराद चतुर्थ तख़्त पर आसीन हुए। उस वक़्त उनकी उम्र सिर्फ़ 11 साल की थी। उनके दौर में उस्मानी-सफ़वी युद्ध (1623–39) हुआ, जिसके नतीजे में संपूर्ण क़फ़क़ाज़ क्षेत्र दोनों साम्राज्यों के दरमियान विभाजित हुआ। इस विभजन ने लगभग वर्तमान तुर्की-ईरान-इराक़ देशों की सरहदों की नींव रखी। .

सामग्री की तालिका

  1. 40 संबंधों: ठट्टा, तबरेज़, तम्बाकू, ताजमहल, तुर्की, दाग़िस्तान, बसरा, बग़दाद, मिस्र, मुस्तफ़ा प्रथम, मुग़ल साम्राज्य, मृत्युदंड, मेसोपोटामिया, लीवर सिरोसिस, शराब, शाह जहाँ, सफ़वी वंश, सुन्नी इस्लाम, सुल्तान अहमद मस्जिद, सुलेमान प्रथम, सूरत, हथियार, जहाँगीर, ज़ीन, जाँनिसारी, ईरान, वास्तुकला, इराक़, इस्तांबुल, क़ुस्तुंतुनिया, कांधार, कौसम सुल्तान (टीवी धारावाहिक), कॉफ़ी, कॉकस, कोन्या, अमास्या, अहमद प्रथम, अज़रबाइजान, उस्मान द्वितीय, उस्मानी साम्राज्य

ठट्टा

ठट्टा या ठठ्ठा (सिन्धी:, उर्दू:, अंग्रेज़ी: Thatta) पाकिस्तान के सिंध प्रान्त में कराची से 98 किमी पूर्व में स्थित एक ऐतिहासिक शहर है। यहाँ एक 'मकली क़ब्रिस्तान' (अंग्रेज़ी: Makli Hill) नामक मशहूर समाधि-क्षेत्र है जहाँ बहुत से शानदार मक़बरे हैं और जो एक विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्य है।, Sarina Singh, Lindsay Brown, Paul Clammer, Rodney Cocks, John Mock, pp.

देखें मुराद चतुर्थ और ठट्टा

तबरेज़

250px तबरेज़ (फारसी: تبريز) ईरान में पूर्व अज़रबैजान प्रांत का एक शहर है। इस शहर की जनसंख्या वर्ष २००६ की जनगणना के अनुसार १,३९८,०६० है। तबरेज़ ईरान के उत्तर पश्चिम में स्थित एक शहर है। यह अज़री संस्कृति का गढ़ माना जात है और ऐतिहासिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण है। श्रेणी:ईरान के नगर श्रेणी:पूर्व अज़रबैजान प्रांत.

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तम्बाकू

तम्बाकू एक प्रकार के निकोटियाना प्रजाति के पेड़ के पत्तों को सुखा कर नशा करने की वस्तु बनाई जाती है। दरअसल तम्बाकू एक मीठा जहर है, एक धीमा जहर.

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ताजमहल

ताजमहल (تاج محل) भारत के आगरा शहर में स्थित एक विश्व धरोहर मक़बरा है। इसका निर्माण मुग़ल सम्राट शाहजहाँ ने, अपनी पत्नी मुमताज़ महल की याद में करवाया था। ताजमहल मुग़ल वास्तुकला का उत्कृष्ट नमूना है। इसकी वास्तु शैली फ़ारसी, तुर्क, भारतीय और इस्लामी वास्तुकला के घटकों का अनोखा सम्मिलन है। सन् १९८३ में, ताजमहल युनेस्को विश्व धरोहर स्थल बना। इसके साथ ही इसे विश्व धरोहर के सर्वत्र प्रशंसा पाने वाली, अत्युत्तम मानवी कृतियों में से एक बताया गया। ताजमहल को भारत की इस्लामी कला का रत्न भी घोषित किया गया है। साधारणतया देखे गये संगमर्मर की सिल्लियों की बडी- बडी पर्तो से ढंक कर बनाई गई इमारतों की तरह न बनाकर इसका श्वेत गुम्बद एवं टाइल आकार में संगमर्मर से ढंका है। केन्द्र में बना मकबरा अपनी वास्तु श्रेष्ठता में सौन्दर्य के संयोजन का परिचय देते हैं। ताजमहल इमारत समूह की संरचना की खास बात है, कि यह पूर्णतया सममितीय है। इसका निर्माण सन् १६४८ के लगभग पूर्ण हुआ था। उस्ताद अहमद लाहौरी को प्रायः इसका प्रधान रूपांकनकर्ता माना जाता है। .

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तुर्की

तुर्की (तुर्क भाषा: Türkiye उच्चारण: तुर्किया) यूरेशिया में स्थित एक देश है। इसकी राजधानी अंकारा है। इसकी मुख्य- और राजभाषा तुर्की भाषा है। ये दुनिया का अकेला मुस्लिम बहुमत वाला देश है जो कि धर्मनिर्पेक्ष है। ये एक लोकतान्त्रिक गणराज्य है। इसके एशियाई हिस्से को अनातोलिया और यूरोपीय हिस्से को थ्रेस कहते हैं। स्थिति: 39 डिग्री उत्तरी अक्षांश तथा 36 डिग्री पूर्वी देशान्तर। इसका कुछ भाग यूरोप में तथा अधिकांश भाग एशिया में पड़ता है अत: इसे यूरोप एवं एशिया के बीच का 'पुल' कहा जाता है। इजीयन सागर (Aegean sea) के पतले जलखंड के बीच में आ जाने से इस पुल के दो भाग हो जाते हैं, जिन्हें साधारणतया यूरोपीय टर्की तथा एशियाई टर्की कहते हैं। टर्की के ये दोनों भाग बॉसपोरस के जलडमरूमध्य, मारमारा सागर तथा डारडनेल्ज द्वारा एक दूसरे से अलग होते हैं। टर्की गणतंत्र का कुल क्षेत्रफल 2,96,185 वर्ग मील है जिसमें यूरोपीय टर्की (पूर्वी थ्रैस) का क्षेत्रफल 9,068 वर्ग मील तथा एशियाई टर्की (ऐनाटोलिआ) का क्षेत्रफल 2,87,117 वर्ग मील है। इसके अंतर्गत 451 दलदली स्थल तथा 3,256 खारे पानी की झीलें हैं। पूर्व में रूस और ईरान, दक्षिण की ओर इराक, सीरिया तथा भूमध्यसागर, पश्चिम में ग्रीस और बुल्गारिया और उत्तर में कालासागर इसकी राजनीतिक सीमा निर्धारित करते हैं। यूरोपीय टर्की - त्रिभुजाकर प्रायद्वीपी प्रदेश है जिसका शीर्षक पूर्व में बॉसपोरस के मुहाने पर है। उसके उत्तर तथा दक्षिण दोनों ओर पर्वतश्रेणियाँ फैली हुई हैं। मध्य में निचला मैदान मिलता है जिसमें होकर मारीत्सा और इरजिन नदियाँ बहती हैं। इसी भाग से होकर इस्तैस्म्यूल का संबंध पश्चिमी देशों से है। एशियाई टर्की - इसको हम तीन प्राकृतिक भागों में विभाजित कर सकते हैं: 1.

देखें मुराद चतुर्थ और तुर्की

दाग़िस्तान

दाग़िस्तान का नक़्शा दाग़िस्तान (रूसी: Респу́блика Дагеста́н, रिसपुबलीका दागेस्तान) उत्तरी कॉकस क्षेत्र में स्थित रूस का एक राज्य है। भाषा और जाती के नज़रिए से इस प्रदेश में बहुत विविधता है। यहाँ ज़्यादातर कॉकसी, अल्ताई और ईरानी भाषाएँ बोली जाती हैं। यहाँ की सब से बड़ी जातियाँ अवर, दरगिन, कुमिक, लज़गी और लाक हैं। हालांकि यहाँ के केवल ४। ७% लोग रूसी हैं, फिर भी रूसी यहाँ की राजभाषा है। समय-समय पर इस इलाक़े में समुदायों के बीच तनाव का वातावरण और झड़पें होती रहती हैं और आतंकवाद के भी हादसे होते रहते हैं। इसका सरकारी नाम "दाग़िस्तान गणराज्य" है। गणराज्य, रूस के अवरोही क्रम में दूसरे स्तर के विभाग होते हैं। दाग़िस्तान की राजधानी मख़ाचक़ला है। .

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बसरा

बसरा बसरा इराक का तीसरा सबसे बड़ा नगर एवं महत्वपूर्ण बंदरगाह है। यह बसरा प्रान्त की राजधानी भी है। फारस की खाड़ी से 75 मील दूर तथा बगदाद से 280 मील दूर दक्षिण-पूर्वी भाग में दज़ला और फरात नदियों के मुहाने पर बसा हुआ है। स्थिति - 30 डिग्री 30मिनट उत्तरी अक्षांश तथा तथा 47 डिग्री 50 मिनट पूर्वी देशान्तर। बसरा से देश की 90 प्रतिशत वस्तुओं का निर्यात किया जाता है। यहाँ से ऊन, कपास, खजूर, तेल, गोंद, गलीचे तथा जानवर निर्यात किए जाते हैं। जनसंख्या में अधिकांश अरब, यहूदी, अमरीकी, ईरानी तथा भारतीय हैं। .

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बग़दाद

बगदाद एक प्रमुख नगर बग़दाद (بغداد) विश्व का एक प्रमुख नगर एवं ईराक की राजधानी है। इसका नाम ६०० ईपू के बाबिल के राजा भागदत्त पर पड़ा है। यह नगर 4,000 वर्ष पहले पश्चिमी यूरोप और सुदूर पूर्व के देशों के बीच, समुद्री मार्ग के आविष्कार के पहले कारवाँ मार्ग का प्रसिद्ध केंद्र था तथा नदी के किनारे इसकी स्थिति व्यापारिक महत्व रखती थी। मेसोपोटामिया के उपजाऊ भाग में स्थित बगदाद वास्तव में शांति और समृद्धि का केंद्र था। 9वीं शताब्दी के प्रारंभिक वर्षों में यह अपने चरमोत्कर्ष पर था। उस समय यहाँ प्रबुद्ध खलीफा की छत्रछाया में धनी व्यापारी एवं विद्वान लोग फले-फूले। रेशमी वस्त्र एवं विशाल खपरैल के भवनों के लिए प्रसिद्ध बगदाद इस्लाम धर्म का केंद्र रहा है। यहाँ का औसत ताप लगभग 23 डिग्री सें.

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मिस्र

मिस्र (अरबी; مصر, अंग्रेजी:Egypt), आधिकारिक तौर पर मिस्र अरब गणराज्य, एक देश है जिसका अधिकांश हालांकि उत्तरी अफ्रीका में स्थित है जबकि इसका सिनाई प्रायद्वीप, दक्षिणपश्चिम एशिया में एक स्थल पुल बनाता है। इस प्रकार मिस्र एक अंतरमहाद्वीपीय देश है, तथा अफ्रीका, भूमध्य क्षेत्र, मध्य पूर्व और इस्लामी दुनिया की यह एक प्रमुख शक्ति है। इसका क्षेत्रफल 1010000 वर्ग किलोमीटर है और इसके उत्तर में भूमध्य सागर, पूर्वोत्तर में गाजा पट्टी और इस्राइल, पूर्व में लाल सागर, दक्षिण में सूडान और पश्चिम में लीबिया स्थित है। मिस्र, अफ्रीका और मध्य पूर्व के सबसे अधिक जनसंख्या वाले देशों में से एक है। इसकी अनुमानित 7.90 करोड़ जनसंख्या का अधिकतर हिस्सा नील नदी के किनारे वाले हिस्से में रहता है। नील नदी का यह क्षेत्र लगभग 40000 वर्ग किलोमीटर (15000 वर्ग मील) का है और पूरे देश का सिर्फ इसी क्षेत्र में कृषि योग्य भूमि पायी जाती है। सहारा मरुस्थल के एक बड़े हिस्से में विरल जनसंख्या निवास करती है। मिस्र के लगभग आधे निवासी शहरों में वास करते हैं जिनमें नील नदी के मुहाने के क्षेत्र में बसे सघन जनसंख्या वाले शहर जैसे कि काहिरा, सिकन्दरिया आदि प्रमुख हैं। मिस्र की मान्यता उसकी प्राचीन सभ्यता के लिए है। गीज़ा पिरामिड परिसर और महान स्फिंक्स जैसे प्रसिद्ध स्मारक यहीं स्थित है। मिस्र के प्राचीन खंडहर जैसे कि मेम्फिस, थेबिस, करनाक और राजाओं की घाटी जो लक्सर के बाहर स्थित हैं, पुरातात्विक अध्ययन का एक महत्वपूर्ण केंद्र हैं। यहां के शासक को फारो नाम से जाना जाता था। इस पदवी का प्रयोग ईसाई और इस्लाम काल के पूर्व काल में होता था। इसे फारोह भी लिखते हैं। फारो को मिस्र के देवता होरसका पुनर्जन्म माना जाता था। होरस द्यौ (आकाश) का देवता था और इसे सूर्य भी माना जाता था। मिस्र की कार्यशक्ति का लगभग 12% हिस्सा पर्यटन और लाल सागर रिवेरा में कार्यरत है। मध्य पूर्व में, मिस्र की अर्थव्यवस्था सबसे अधिक विकसित और विविध अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। पर्यटन, कृषि, उद्योग और सेवा जैसे क्षेत्रों का उत्पादन स्तर लगभग एक समान है। 2011 के शुरूआत में मिस्र उस क्रांति का गवाह बना, जिसके द्वारा मिस्र से होस्नी मुबारक नाम के तानाशाह के 30 साल के शासन का खात्मा हुआ। .

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मुस्तफ़ा प्रथम

मुस्तफ़ा प्रथम (24 जून 1591 – 20 जनवरी 1639), पुण्य मुस्तफ़ा (Veli Mustafa) या पागल मुस्तफ़ा (Deli Mustafa) के नामों से भी पहचाने जाते हैं, महमद तृतीय एवं हलीमा सुल्तान के पुत्र और 1617 से 1618 तक और फिर 1622 से 1623 तक उस्मानिया साम्राज्य के सुल्तान रहे। .

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मुग़ल साम्राज्य

मुग़ल साम्राज्य (फ़ारसी:, मुग़ल सलतनत-ए-हिंद; तुर्की: बाबर इम्परातोरलुग़ु), एक इस्लामी तुर्की-मंगोल साम्राज्य था जो 1526 में शुरू हुआ, जिसने 17 वीं शताब्दी के आखिर में और 18 वीं शताब्दी की शुरुआत तक भारतीय उपमहाद्वीप में शासन किया और 19 वीं शताब्दी के मध्य में समाप्त हुआ। मुग़ल सम्राट तुर्क-मंगोल पीढ़ी के तैमूरवंशी थे और इन्होंने अति परिष्कृत मिश्रित हिन्द-फारसी संस्कृति को विकसित किया। 1700 के आसपास, अपनी शक्ति की ऊँचाई पर, इसने भारतीय उपमहाद्वीप के अधिकांश भाग को नियंत्रित किया - इसका विस्तार पूर्व में वर्तमान बंगलादेश से पश्चिम में बलूचिस्तान तक और उत्तर में कश्मीर से दक्षिण में कावेरी घाटी तक था। उस समय 40 लाख किमी² (15 लाख मील²) के क्षेत्र पर फैले इस साम्राज्य की जनसंख्या का अनुमान 11 और 13 करोड़ के बीच लगाया गया था। 1725 के बाद इसकी शक्ति में तेज़ी से गिरावट आई। उत्तराधिकार के कलह, कृषि संकट की वजह से स्थानीय विद्रोह, धार्मिक असहिष्णुता का उत्कर्ष और ब्रिटिश उपनिवेशवाद से कमजोर हुए साम्राज्य का अंतिम सम्राट बहादुर ज़फ़र शाह था, जिसका शासन दिल्ली शहर तक सीमित रह गया था। अंग्रेजों ने उसे कैद में रखा और 1857 के भारतीय विद्रोह के बाद ब्रिटिश द्वारा म्यानमार निर्वासित कर दिया। 1556 में, जलालुद्दीन मोहम्मद अकबर, जो महान अकबर के नाम से प्रसिद्ध हुआ, के पदग्रहण के साथ इस साम्राज्य का उत्कृष्ट काल शुरू हुआ और सम्राट औरंगज़ेब के निधन के साथ समाप्त हुआ, हालाँकि यह साम्राज्य और 150 साल तक चला। इस समय के दौरान, विभिन्न क्षेत्रों को जोड़ने में एक उच्च केंद्रीकृत प्रशासन निर्मित किया गया था। मुग़लों के सभी महत्वपूर्ण स्मारक, उनके ज्यादातर दृश्य विरासत, इस अवधि के हैं। .

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मृत्युदंड

एशियाई विश्व में सबसे प्रचलित मृत्युदंड का रूप है फांसी मृत्युदण्ड (अंग्रेज़ी:''कैपिटल पनिश्मैन्ट''), किसी व्यक्ति को कानूनी तौर पर न्यायिक प्रक्रिया के फलस्वरूप किसी अपराध के परिणाम में प्राणांत का दण्ड देने को कहते हैं। अंग्रेज़ी में इसके लिये प्रयुक्त कैपिटल शब्द लैटिन के कैपिटलिस शब्द से आया है, जिसका शाब्दिक अर्थ है "सिर के संबंध में या से संबंधित" (लैटिन कैपुट)। इसके मूल में आरंभिक रूप में दिये जाने वाले मृत्युदण्ड का स्वरूप सिर को धड़ से अलग कर देने की प्रक्रिया में है। वर्तमान समय में एमनेस्टी इंटरनेशनल के आंकड़ों के अनुसार विश्व के 58 देशों में अभी मृत्युदंड दिया जाता है, जबकि अन्य देशों में या तो इस पर रोक लगा दी गई है, या गत दस वर्षो से किसी को फांसी नहीं दी गई है। यूरोपियाई संघ के सदस्य देशों में,चार्टर ऑफ फ़्ण्डामेण्टल राइट्स ऑफ द यूरोपियन यूनियन की धारा-2 मृत्युदण्ड को निषेध करती है। .

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मेसोपोटामिया

मेसोपोटामिया के विस्तार को दर्शाता मानचित्र मेसोपोटामिया का यूनानी अर्थ है "दो नदियों के बीच"। यह इलाका दजला (टिगरिस) और फ़ुरात (इयुफ़्रेटीस) नदियों के बीच के क्षेत्र में पड़ता है। इसमें आधुनिक इराक़ बाबिल ज़िला, उत्तरपूर्वी सीरिया, दक्षिणपूर्वी तुर्की तथा ईरान का क़ुज़ेस्तान प्रांत के क्षेत्र शामिल हैं। यह कांस्ययुगीन सभ्यता का उद्गम स्थल माना जाता है। यहाँ सुमेर, अक्कदी सभ्यता, बेबीलोन तथा असीरिया के साम्राज्य अलग-अलग समय में स्थापित हुए थे। हड़प्पा सभ्यता में मेसोपोटामिया को 'मेलुहा' कहा गया है। .

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लीवर सिरोसिस

सिरोसिस यकृत की कैंसर के बाद सबसे गंभीर बीमारी है, इस बीमारी का इलाज लीवर प्रत्यारोपण के अलावा और कोई नहीं है। इस रोग में यकृत कोशिकाएं बडे पैमाने पर नष्ट हो जाती हैं और उनके स्थान पर फाइबर तंतुओं का निर्माण हो जाता है। यकृत की बनावट भी असामान्य हो जाती है, जिससे पोर्टल हाइपरटैंशन की स्थिति बन जाती है। (राजस्थान पत्रिका) .

देखें मुराद चतुर्थ और लीवर सिरोसिस

शराब

सफेद मदिरा लाल मदिरा मदिरा, सुरा या शराब अल्कोहलीय पेय पदार्थ है। रम, विस्की, चूलईया, महुआ, ब्रांडी, जीन, बीयर, हंड़िया, आदि सभी एक है क्योंकि सबमें अल्कोहल होता है। हाँ, इनमें एलकोहल की मात्रा और नशा लाने कि अपेक्षित क्षमता अलग-अलग जरूर होती है परन्तु सभी को हम 'शराब' ही कहते है। कभी-कभी लोग हड़िया या बीयर को शराब से अलग समझते हैं जो कि बिलकुल गलत है। दोनों में एल्कोहल तो होता ही है। शराब अक्सर हमारे समाज में आनन्द के लिए पी जाती है। ज्यादातर शुरूआत दोस्तों के प्रभाव या दबाव के कारण होता है और बाद में भी कई अन्य कारणों से लोग इसका सेवन जारी रखते है। जैसे- बोरियत मिटाने के लिए, खुशी मनाने के लिए, अवसाद में, चिन्ता में, तीव्र क्रोध या आवेग आने पर, आत्माविश्वास लाने के लिए या मूड बनाने के लिए आदि। इसके अतिरिक्त शराब के सेवन को कई समाज में धार्मिक व अन्य सामाजिक अनुष्ठानों से भी जोड़ा जाता है। परन्तु कोई भी समाज या धर्म इसके दुरूपयोग की स्वीकृति नहीं देता है। .

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शाह जहाँ

शाह जहाँ (उर्दू: شاہجہان)पांचवे मुग़ल शहंशाह था। शाह जहाँ अपनी न्यायप्रियता और वैभवविलास के कारण अपने काल में बड़े लोकप्रिय रहे। किन्तु इतिहास में उनका नाम केवल इस कारण नहीं लिया जाता। शाहजहाँ का नाम एक ऐसे आशिक के तौर पर लिया जाता है जिसने अपनी बेग़म मुमताज़ बेगम के लिये विश्व की सबसे ख़ूबसूरत इमारत ताज महल बनाने का यत्न किया। सम्राट जहाँगीर के मौत के बाद, छोटी उम्र में ही उन्हें मुगल सिंहासन के उत्तराधिकारी के रूप में चुन लिया गया था। 1627 में अपने पिता की मृत्यु होने के बाद वह गद्दी पर बैठे। उनके शासनकाल को मुग़ल शासन का स्वर्ण युग और भारतीय सभ्यता का सबसे समृद्ध काल बुलाया गया है। .

देखें मुराद चतुर्थ और शाह जहाँ

सफ़वी वंश

सफ़वी वंश ईरान का एक राजवंश जिन्होने 1502 - 1730 तक राज किया। इस वंश के शासनकाल में पहली बार शिया इस्लाम राजधर्म के रूप में स्थापित हुआ। इसका पतन अफ़गानों के विद्रोहों और उस्मानी साम्राज्य के आक्रमणों के कारण 1720 में हुआ। मुग़ल बादशाह बाबर के भारत में प्रवेश करने से पहले बाबर को मध्य एशियाई सैन्य अभियानों में सफ़वियों ने बहुत मदद की और अपने सहायक के रूप में देखा। अज़ेरी या कुर्द मूल के माने गए सफ़वी वंश के शासकों ने ईरान को मुख्य रूप से शिया बनाया जो आधुनिक ईरान की पहचान है। आरंभिक तीन सुन्नी ख़लीफ़ाओं (अबू बकर, उमर और उस्मान) को गाली देने की परंपरा भी इन्हीं लोगों ने शुरु की। इस्माईल और अब्बास के शासन काल में साम्राज्य विस्तृत और मजबूत हुआ। .

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सुन्नी इस्लाम

सुन्नी मुस्लिम इस्लाम के सबसे बड़े सम्प्रदाय सुन्नी इस्लाम को मानने वाले मुस्लिम हैं। सुन्नी इस्लाम को अहले सुन्नत व'ल जमाअत (अरबी: أهل السنة والجماعة‎ "(मुहम्म्द के) आदर्श लोग और समुदाय") या संक्षिप्त में अहल अस- सुन्नाह (अरबी: أهل السنة‎) भी कहते हैं। सुन्नी शब्द अरबी के सुन्नाह (अरबी: سنة) से आया है, जिसका अर्थ (पैगम्बर मोहम्मद) की बातें और कर्म या उनके आदर्श है। सामान्य अर्थों में सुन्नी -पवित्र ईशसन्देश्टा मुहम्मद स० के निधन के पश्चात जिन लोगों ने मुहम्मद स० द्वारा बताये गये नियमों का पालन किया सुन्नी कहलाऐ। सुन्नी दुनिया में 80% हैं ये आंकड़ा 5 गिरोह को मिलाकर बनता हैं।.

देखें मुराद चतुर्थ और सुन्नी इस्लाम

सुल्तान अहमद मस्जिद

सुल्तान अहमद मस्जिद या नीली मस्जिद (Sultanahmet Camii) इस्तांबुल, तुर्की में स्थित एक मस्जिद है। उसे बाहरी दीवारों के नीले रंग के कारण नीली मस्जिद के रूप में जाना जाता है। .

देखें मुराद चतुर्थ और सुल्तान अहमद मस्जिद

सुलेमान प्रथम

सुलेमान प्रथम, सुलेमान क़ानूनी, सुलेमान महान या शानदार सुलेमान (उस्मानी तुर्की: سلطان سليمان اول‎ सुल्तान सुलेमान अव्वल, आधुनिक तुर्की: Süleyman I या Kanunî Sultan Süleyman) उस्मानी सल्तनत के दसवें शासक थे जिन्होंने 1520 से 1566, 46 साल तक शासन किया। वे सम्भवतः उस्मानी सल्तनत के सबसे महान शासकों में से एक थे जिन्होंने अपने अनोखी न्यायप्रणाली और अतुलनीय प्रबन्धन की बदौलत समस्त इस्लामी विश्व को समृद्धि और विकास का मार्ग पर लाया था। उन्होंने सल्तनत के लिए क़ानून की विशेष व्यवस्था स्थापित की थी और इस कारण से उन्हें सुलेमान क़ानूनी के नाम से याद किया जाता है। पश्चिमी विश्व उनकी महानता से इतने प्रभावित हुए कि पश्चिमी लेखकों ने उन्हें शानदार सुलेमान का नाम दिया। उनकी सरकार के मुख्य इलाक़ों में हिजाज़, तुर्की, मिस्र, अल्जीरिया, इराक़, कुर्दिस्तान, यमन, शाम, फ़ारस की खाड़ी और भूमध्य तटीय क्षेत्र, यूनान और हंगरी शामिल थे। .

देखें मुराद चतुर्थ और सुलेमान प्रथम

सूरत

सूरत गुजरात प्रान्त का एक प्रमुख शहर है। यह शहर सूरत जिले का प्रशासनिक मुख्यालय भी है। तापी नदी सूरत शहर के मध्य से होकर गुजरती है। सूरत मुख्यत: कपड़ा उद्योग और डायमंड कटिंग और पोलिशिंग के लिए प्रसिद्ध है, इसलिए इस शहर को सिल्क सिटी और डायमंड सिटी के नाम से भी जाना जाता है। .

देखें मुराद चतुर्थ और सूरत

हथियार

* हथियार हिन्दी फ़िल्म जो १९८९ में बनी।.

देखें मुराद चतुर्थ और हथियार

जहाँगीर

अकबर के तीन लड़के थे। सलीम, मुराद और दानियाल (मुग़ल परिवार)। मुराद और दानियाल पिता के जीवन में शराब पीने की वजह से मर चुके थे। सलीम अकबर की मृत्यु पर नुरुद्दीन मोहम्मद जहांगीर के उपनाम से तख्त नशीन हुआ। १६०५ ई.

देखें मुराद चतुर्थ और जहाँगीर

ज़ीन

ज़ीन किसी जानवर की पीठ पर सवारी करने या बोझ ढोने के लिये पहनाई जाने वाली चीज़ को कहते हैं। यह अक्सर चमड़े या कपड़े की बनी होती है और जानवर के पेट व छाती पर कसी जाने वाली पट्टीयों से उसकी पीठ पर स्थाई रहती है। यह घोड़े, ऊँट, हाथी, गधे और खच्चर जैसे जानवरों को पहनाई जाती है। अगर इसका प्रयोग सवारी के लिये किया जा रहा हो तो अक्सर नीचे पाँव टिकाने के लिये रकाब भी लगे होते हैं। ज़ीन को कभी-कभी काठी भी कहते हैं लेकिन ध्यान दें कि काठी शब्द के अन्य अर्थ भी होते हैं। ऊँट की ज़ीन को कजावा भी कहा जाता है। .

देखें मुराद चतुर्थ और ज़ीन

जाँनिसारी

वियना युद्ध में जाँनिसारी सेना जाँनिसारी या यनीचरी (يڭيچرى, मतलब "नया सिपाही") कुलीन पैदल सेना इकाइयाँ थीं जो उस्मानी सुल्तान के घरेलू सिपाही, अंगरक्षक और यूरोप में सबसे पहली आधुनिक पैदल सेना थी। सुल्तान ओरख़ान ने सर्वप्रथम इसका संगठन 1330 में किया था। मुराद प्रथम ने इसकी उन्नति की और 1362 में इसके सिपाहियों की संख्या 10,000 हो गई। यह सेना, अपने रणकौशल और वीरतापूर्ण दक्षता के लिये प्रसिद्ध है। सिपाहियों का यह दावा था कि वे युद्ध से कभी विचलित नहीं हुए। यह तुर्की की बहुत बड़ी शक्ति थी। वैतनिक स्थायी सिपाहियों की संख्या एक समय 60,000 के लगभग थी। बाद में यह संख्या घटाकर 25,000 कर दी गई। इनके रहने के लिये क़ुस्तुंतुनिया और अन्य शहरों में बैरक बने हुए थे। अस्थायी सिपाहियों की संख्या 3,00,000 से 4,00,000 तक रहती थी। ये सिपाही राज्य के सभी शह्ररों में बिखरे हुए थे और शांति के समय पुलिस का कार्य करते थे। सुल्तान की अंगरक्षता में रहनेवाले जाँनिसारी धीरे-धीरे इनते उग्र हो गए कि वे कभी कभी विद्रोह भी करने लगे। लेकिन इन विद्रोहों का दमन भी किया जाता रहा। 1826 में जाँनिसारी सिपाहियों ने नई राष्ट्रीय सेना की स्थापना के प्रस्ताव पर विद्रोह कर दिया। इसपर महमूद द्वितीय ने प्रधान जाँनिसारी सेनापति की सहायता लेकर इन्हें बुरी तरह पराजित किया और उनकी बैरकें जला दीं।Kinross, pp.

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ईरान

ईरान (جمهوری اسلامی ايران, जम्हूरीए इस्लामीए ईरान) जंबुद्वीप (एशिया) के दक्षिण-पश्चिम खंड में स्थित देश है। इसे सन १९३५ तक फारस नाम से भी जाना जाता है। इसकी राजधानी तेहरान है और यह देश उत्तर-पूर्व में तुर्कमेनिस्तान, उत्तर में कैस्पियन सागर और अज़रबैजान, दक्षिण में फारस की खाड़ी, पश्चिम में इराक और तुर्की, पूर्व में अफ़ग़ानिस्तान तथा पाकिस्तान से घिरा है। यहां का प्रमुख धर्म इस्लाम है तथा यह क्षेत्र शिया बहुल है। प्राचीन काल में यह बड़े साम्राज्यों की भूमि रह चुका है। ईरान को १९७९ में इस्लामिक गणराज्य घोषित किया गया था। यहाँ के प्रमुख शहर तेहरान, इस्फ़हान, तबरेज़, मशहद इत्यादि हैं। राजधानी तेहरान में देश की १५ प्रतिशत जनता वास करती है। ईरान की अर्थव्यवस्था मुख्यतः तेल और प्राकृतिक गैस निर्यात पर निर्भर है। फ़ारसी यहाँ की मुख्य भाषा है। ईरान में फारसी, अजरबैजान, कुर्द और लूर सबसे महत्वपूर्ण जातीय समूह हैं .

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वास्तुकला

'''अंकोरवाट मंदिर''' विश्व की सबसे बड़ी धार्मिक संरचना है भवनों के विन्यास, आकल्पन और रचना की, तथा परिवर्तनशील समय, तकनीक और रुचि के अनुसार मानव की आवश्यकताओं को संतुष्ट करने योग्य सभी प्रकार के स्थानों के तर्कसंगत एवं बुद्धिसंगत निर्माण की कला, विज्ञान तथा तकनीक का संमिश्रण वास्तुकला (आर्किटेक्चर) की परिभाषा में आता है। इसका और भी स्पष्टकीण किया जा सकता है। वास्तुकला ललितकला की वह शाखा रही है और है, जिसका उद्देश्य औद्योगिकी का सहयोग लेते हुए उपयोगिता की दृष्टि से उत्तम भवननिर्माण करना है, जिनके पर्यावरण सुसंस्कृत एवं कलात्मक रुचि के लिए अत्यंत प्रिय, सौंदर्य-भावना के पोषक तथा आनंदकर एवं आनंदवर्धक हों। प्रकृति, बुद्धि एवं रुचि द्वारा निर्धारित और नियमित कतिपय सिद्धांतों और अनुपातों के अनुसार रचना करना इस कला का संबद्ध अंग है। नक्शों और पिंडों का ऐसा विन्यास करना और संरचना को अत्यंत उपयुक्त ढंग से समृद्ध करना, जिससे अधिकतम सुविधाओं के साथ रोचकता, सौंदर्य, महानता, एकता और शक्ति की सृष्टि हो से यही वास्तुकौशल है। प्रारंभिक अवस्थाओं में, अथवा स्वल्पसिद्धि के साथ, वास्तुकला का स्थान मानव के सीमित प्रयोजनों के लिए आवश्यक पेशों, या व्यवसायों में-प्राय: मनुष्य के लिए किसी प्रकार का रक्षास्थान प्रदान करने के लिए होता है। किसी जाति के इतिहास में वास्तुकृतियाँ महत्वपूर्ण तब होती हैं, जब उनमें किसी अंश तक सभ्यता, समृद्धि और विलासिता आ जाती है और उनमें जाति के गर्व, प्रतिष्ठा, महत्वाकांक्षा और आध्यात्मिकता की प्रकृति पूर्णतया अभिव्यक्त होती है। .

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इराक़

इराक़ पश्चिमी एशिया में स्थित एक जनतांत्रिक देश है जहाँ के लोग मुख्यतः मुस्लिम हैं। इसके दक्षिण में सउदी अरब और कुवैत, पश्चिम में जोर्डन और सीरिया, उत्तर में तुर्की और पूर्व में ईरान अवस्थित है। दक्षिण पश्चिम की दिशा में यह फ़ारस की खाड़ी से भी जुड़ा है। दजला नदी और फरात इसकी दो प्रमुख नदियाँ हैं जो इसके इतिहास को ५००० साल पीछे ले जाती हैं। इसके दोआबे में ही मेसोपोटामिया की सभ्यता का उदय हुआ था। इराक़ के इतिहास में असीरिया के पतन के बाद विदेशी शक्तियों का प्रभुत्व रहा है। ईसापूर्व छठी सदी के बाद से फ़ारसी शासन में रहने के बाद (सातवीं सदी तक) इसपर अरबों का प्रभुत्व बना। अरब शासन के समय यहाँ इस्लाम धर्म आया और बगदाद अब्बासी खिलाफत की राजधानी रहा। तेरहवीं सदी में मंगोल आक्रमण से बगदाद का पतन हो गया और उसके बाद की अराजकता के सालों बाद तुर्कों (उस्मानी साम्राज्य) का प्रभुत्व यहाँ पर बन गया २००३ से दिसम्बर २०११ तक अमेरिका के नेतृत्व में नैटो की सेना की यहाँ उपस्थिति बनी हुई थी जिसके बाद से यहाँ एक जनतांत्रिक सरकार का शासन है। राजधानी बगदाद के अलावा करबला, बसरा, किर्कुक तथा नजफ़ अन्य प्रमुख शहर हैं। यहाँ की मुख्य बोलचाल की भाषा अरबी और कुर्दी भाषा है और दोनों को सांवैधानिक दर्जा मिला है। .

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इस्तांबुल

इतिहास में कस्न्निया के नाम से प्रसिद्ध तुर्की शहर इस्तांबुल (तुर्की: İstanbul) के नाम से जाना जाता है) देश का सबसे बड़ा शहर और उसकी सांस्कृतिक और आर्थिक केंद्र है। शहर राज्य इस्तांबुल राष्ट्रपति स्थान है। आबनाईे बासतुरस और उसकी प्राकृतिक बंदरगाह शाखा मुहाना (तुर्की: Haliç) के किनारे स्थित तुर्की का उत्तर पश्चिमी शहर बासतुरस एक ओर यूरोप क्षेत्र थरेस और दूसरी ओर एशिया के क्षेत्र आना्ऑलियह तक फैला हुआ है इस तरह वह दुनिया का एकमात्र शहर है जो दो महाद्वीपों में स्थित है। इस्तांबुल तारीख़े आलम का एकमात्र शहर जो तीन महान सटिनतों की राजधानी रहा है जिनमें ३३० ई.

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क़ुस्तुंतुनिया

क़ुस्तुंतुनिया या कांस्टैंटिनोपुल (यूनानी: Κωνσταντινούπολις कोन्स्तान्तिनोउपोलिस या Κωνσταντινούπολη कोन्स्तान्तिनोउपोली; लातीनी: Constantinopolis कोन्स्तान्तिनोपोलिस; उस्मानी तुर्कीयाई: قسطنطینية, Ḳosṭanṭīnīye कोस्तान्तिनिये‎), बोस्पोरुस जलसन्धि और मारमरा सागर के संगम पर स्थित एक ऐतिहासिक शहर है, जो रोमन, बाइज़ेंटाइन, और उस्मानी साम्राज्य की राजधानी थी। 324 ई.

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कांधार

The final phase of the battle of Kandahar on the side of the Murghan mountain कांधार या कंदहार अफ़ग़ानिस्तान का एक शहर है। यह अफगानिस्तान का तीसरा प्रमुख ऐतिहासिक नगर एवं कंदहार प्रान्त की राजधानी भी है। इसकी स्थिति 31 डिग्री 27मि उ.अ.

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कौसम सुल्तान (टीवी धारावाहिक)

मुह्तेशेम यूज़्यिल: कॉव्सेम (तुर्कीयाई: Muhteşem Yüzyıl: Kösem, उच्चारण: , अर्थ: कौसम की स्वर्ण सदी) एक ऐतिहासिक तुर्कीयाई टीवी धारावाहिक है। धारावाहिक मेरा सुल्तान के बाद यिलमाज़ शाहीन ने इस नया धारावाहिक को लिखा है। इसके पहले सत्र का प्रीमियर स्टार टीवी नामक चैनल पर प्रसारित हुआ और दूसरे सत्र के दौरान यह फ़ोक्स टीवी पर पर हस्तान्तरित हो गया। यह धारावाहिक कौसम सुल्तान की ज़िन्दगी पर आधारित है, जो उस्मान साम्राज्य के बादशाह अहमद प्रथम की हरम से एक कनीज़ और बाद में उनकी पत्नी जो उस्मान साम्राज्य के इतिहास की सबसे शक्तिशाली स्त्रियों में से एक बन जाती है। उर्दू 1 नामक चैनल इस धारावाहिक को कौसम सुल्तान के नाम से पाकिस्तान में प्रसारित किया जा रहा है। .

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कॉफ़ी

कॉफ़ी का प्यालाकॉफ़ी (अरब. قهوة क़हवा उत्तेजक पेय पदार्थ) — एक लोकप्रिय पेय पदार्थ (साधारणतया गर्म) है, जो कॉफ़ी के पेड़ के भुने हुए बीजों से बनाया जाता है। कॉफ़ी में कैफ़ीन होने के कारण वह हल्के उद्दीपक सा प्रभाव डालती है। इसके विषय में वैज्ञानिकों का कोई निश्चित मत नहीं हैं। जहाँ एक ओर कहा जाता है कि कॉफ़ी से शुक्राणुओं की सक्रियता बढ़ती है वहीं दूसरी ओर कुछ अध्ययनों में यह भी पता चला है कि अधिक कॉफ़ी पीने से मतिभ्रम भी हो सकता है। .

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कॉकस

कॉकस या कौकसस यूरोप और एशिया की सीमा पर स्थित एक भौगोलिक और राजनैतिक क्षेत्र है। इस क्षेत्र में कॉकस पर्वत शृंखला भी आती है, जिसमें यूरोप का सबसे ऊंचा पहाड़, एल्ब्रुस पर्वत शामिल है। कॉकस के दो मुख्य खंड बताये जाते हैं: उत्तर कॉकस और दक्षिण कॉकस। उत्तर कॉकस में चेचन्या, इन्गुशेतिया, दाग़िस्तान, आदिगेया, काबारदीनो-बल्कारिया, काराचाए-चरकस्सिया, उत्तर ओसेतिया, क्रास्नोदार क्राय और स्ताव्रोपोल क्राय के क्षेत्र आते हैं। दक्षिण कॉकस में आर्मीनिया, अज़रबैजान और जॉर्जिया आते हैं, जिसमें दक्षिण ओसेतिया, अबख़ज़िया और नागोर्नो-काराबाख़ शामिल हैं। .

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कोन्या

कोन्या (अंग्रेजी: Konya) तुर्की के एक प्रान्त का नाम है। श्रेणी:तुर्की के प्रान्त.

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अमास्या

तुर्की का एक प्रांत। श्रेणी:तुर्की के प्रान्त श्रेणी:चित्र जोड़ें en:Turkey.

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अहमद प्रथम

अहमद प्रथम (احمد اول; I.; 18 अप्रैल 1590 – 22 नवम्बर 1617) 1603 से 1617 उनकी मौत तक उस्मानिया साम्राज्य के सुल्तान रहे। अहमद के दौर में "भ्रातृवध" की शाही उस्मानी परंपरा समाप्त हुई थी, इसके बाद किसी उस्मानी शासक ने तख़्त आसीन होने पर इनके सभी भाइयों का वध नहीं किया। वे नीली मस्जिद, तुर्की की सबसे जानी पहचानी मस्जिदों में से एक, के निर्माण करने हेतु प्रसिद्ध हैं। .

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अज़रबाइजान

आज़रबाइजान(अन्य वर्तनी:अज़रबैजान या अज़रबाइजान) (Respublikası), कॉकेशस के पूर्वी भाग में एक गणराज्य है, पूर्वी यूरोप और एशिया के मध्य में बसा हुआ। भौगोलिक रूप से यह एशिया का ही भाग है। इसके सीमांत देश हैं: अर्मेनिया, जॉर्जिया, रूस, ईरान, तुर्की और इसका तटीय भाग कैस्पियन सागर से लगता हुआ है। यह १९९१ तक भूतपूर्व सोवियत संघ का भाग था। अज़रबैजान एक धर्मनिरपेक्ष देश है और वर्ष २००१ से काउंसिल का सदस्य है। अधिकांश जनसंख्या इस्लाम धर्म की अनुयायी है और यह देश इस्लामी सम्मेलन संघ का सदस्य राष्ट्र भी है। यह देश धीरे-धीरे औपचारिक लेकिन सत्तावादी लोकतंत्र की ओर बढ़ रहा है। .

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उस्मान द्वितीय

उस्मान द्वितीय (عثمان ثانى ‘ओसमान-इ सआनी; 3 नवम्बर 1604 – 20 मई 1622), जो तुर्की में गेंच ओस्मान (Genç Osman, जवान उस्मान) के नाम से भी पहचाने जाते हैं, 1618 से 20 मई 1622, अपनी हत्या तक उस्मानिया साम्राज्य के सुल्तान रहे। .

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उस्मानी साम्राज्य

उस्मानी सलतनत (१२९९ - १९२३) (या उस्मानी साम्राज्य या तुर्क साम्राज्य, उर्दू में सल्तनत-ए-उस्मानिया, उस्मानी तुर्कीयाई:دَوْلَتِ عَلِيّهٔ عُثمَانِیّه देव्लेत-इ-आलीय्ये-इ-ऑस्मानिय्ये) १२९९ में पश्चिमोत्तर अनातोलिया में स्थापित एक तुर्क राज्य था। महमद द्वितीय द्वारा १४९३ में क़ुस्तुंतुनिया जीतने के बाद यह एक साम्राज्य में बदल गया। प्रथम विश्वयुद्ध में १९१९ में पराजित होने पर इसका विभाजन करके इस पर अधिकार कर लिया गया। स्वतंत्रता के लिये संघर्ष के बाद २९ अक्तुबर सन् १९२३ में तुर्की गणराज्य की स्थापना पर इसे समाप्त माना जाता है। उस्मानी साम्राज्य सोलहवीं-सत्रहवीं शताब्दी में अपने चरम शक्ति पर था। अपनी शक्ति के चरमोत्कर्ष के समय यह एशिया, यूरोप तथा उत्तरी अफ़्रीका के हिस्सों में फैला हुआ था। यह साम्राज्य पश्चिमी तथा पूर्वी सभ्यताओं के लिए विचारों के आदान प्रदान के लिए एक सेतु की तरह था। इसने १४५३ में क़ुस्तुन्तुनिया (आधुनिक इस्ताम्बुल) को जीतकर बीज़ान्टिन साम्राज्य का अन्त कर दिया। इस्ताम्बुल बाद में इनकी राजधानी बनी रही। इस्ताम्बुल पर इसकी जीत ने यूरोप में पुनर्जागरण को प्रोत्साहित किया था। .

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