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मिर्ज़ा मुहम्मद रफ़ी सौदा

सूची मिर्ज़ा मुहम्मद रफ़ी सौदा

सन् १८७२ में छपा सौदा की कुल्लियात का अंग्रेज़ी अनुवाद मिर्ज़ा मुहम्मद रफ़ी 'सौदा' (उर्दू:, १७१३–१७८१) देहली के एक प्रसिद्ध शायर थे। वे अपनी ग़ज़लों और क़सीदों के लिए जाने जाते हैं। ये मीर के समकालीन थे इसलिए इनकी तुलना भी अक्सर मीर से होती है। मीर जहाँ ग़ज़लों के लिए आधुनिक उर्दू के उस्ताद माने गए हैं (ख़ासकर दिल्ली-लखनऊ के इलाक़े में), सौदा को ग़ज़लों में वो स्थान नहीं मिल पाया । हाँलांकि सौदा ने मसनवी, क़सीदे, मर्सिया तर्जीहबन्द, मुख़म्मस, रुबाई, क़ता और हिजो तक लिखा है। .

18 संबंधों: तज़किरा, दिल्ली, देहली, फ़र्रूख़ाबाद, फ़ारसी भाषा, फ़ैज़ाबाद, मुहम्मद शाह (मुगल), मीर तक़ी "मीर", लखनऊ, शिया इस्लाम, हिजरी, ग़ज़ल, कटूपहास, क़सीदा, कवि, कुल्लियात, अवध, उर्दू भाषा

तज़किरा

तज़किरा (फ़ारसी) भारतीय उपमहाद्वीप, ईरान और मध्य एशिया की बहुत-सी भाषाओँ में (जैसे कि उर्दू, फ़ारसी, उज़बेकी, पंजाबी) के साहित्य में किसी लेखक कि जीवनी को दर्शाने वाले उसकी कृतियों के एक संग्रह (यानि कुसुमावली) को कहते हैं। तज़किरे अधिकतर कवियों-शायरों के बनाए जाते हैं, हालांकि गद्य-लेखक का भी तज़किरा बनाना संभव है। कभी-कभी किसी व्यक्ति कि जीवनी या जीवन-सम्बन्धी कहानियों को भी 'तज़किरा' कह दिया जाता है।, Muzaffar Alam, Françoise Delvoye Nalini, Marc Gaborieau, Manohar Publishers & Distributors, 2000, ISBN 978-81-7304-210-2,...

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दिल्ली

दिल्ली (IPA), आधिकारिक तौर पर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली (अंग्रेज़ी: National Capital Territory of Delhi) भारत का एक केंद्र-शासित प्रदेश और महानगर है। इसमें नई दिल्ली सम्मिलित है जो भारत की राजधानी है। दिल्ली राजधानी होने के नाते केंद्र सरकार की तीनों इकाइयों - कार्यपालिका, संसद और न्यायपालिका के मुख्यालय नई दिल्ली और दिल्ली में स्थापित हैं १४८३ वर्ग किलोमीटर में फैला दिल्ली जनसंख्या के तौर पर भारत का दूसरा सबसे बड़ा महानगर है। यहाँ की जनसंख्या लगभग १ करोड़ ७० लाख है। यहाँ बोली जाने वाली मुख्य भाषाएँ हैं: हिन्दी, पंजाबी, उर्दू और अंग्रेज़ी। भारत में दिल्ली का ऐतिहासिक महत्त्व है। इसके दक्षिण पश्चिम में अरावली पहाड़ियां और पूर्व में यमुना नदी है, जिसके किनारे यह बसा है। यह प्राचीन समय में गंगा के मैदान से होकर जाने वाले वाणिज्य पथों के रास्ते में पड़ने वाला मुख्य पड़ाव था। यमुना नदी के किनारे स्थित इस नगर का गौरवशाली पौराणिक इतिहास है। यह भारत का अति प्राचीन नगर है। इसके इतिहास का प्रारम्भ सिन्धु घाटी सभ्यता से जुड़ा हुआ है। हरियाणा के आसपास के क्षेत्रों में हुई खुदाई से इस बात के प्रमाण मिले हैं। महाभारत काल में इसका नाम इन्द्रप्रस्थ था। दिल्ली सल्तनत के उत्थान के साथ ही दिल्ली एक प्रमुख राजनैतिक, सांस्कृतिक एवं वाणिज्यिक शहर के रूप में उभरी। यहाँ कई प्राचीन एवं मध्यकालीन इमारतों तथा उनके अवशेषों को देखा जा सकता हैं। १६३९ में मुगल बादशाह शाहजहाँ ने दिल्ली में ही एक चारदीवारी से घिरे शहर का निर्माण करवाया जो १६७९ से १८५७ तक मुगल साम्राज्य की राजधानी रही। १८वीं एवं १९वीं शताब्दी में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने लगभग पूरे भारत को अपने कब्जे में ले लिया। इन लोगों ने कोलकाता को अपनी राजधानी बनाया। १९११ में अंग्रेजी सरकार ने फैसला किया कि राजधानी को वापस दिल्ली लाया जाए। इसके लिए पुरानी दिल्ली के दक्षिण में एक नए नगर नई दिल्ली का निर्माण प्रारम्भ हुआ। अंग्रेजों से १९४७ में स्वतंत्रता प्राप्त कर नई दिल्ली को भारत की राजधानी घोषित किया गया। स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात् दिल्ली में विभिन्न क्षेत्रों से लोगों का प्रवासन हुआ, इससे दिल्ली के स्वरूप में आमूल परिवर्तन हुआ। विभिन्न प्रान्तो, धर्मों एवं जातियों के लोगों के दिल्ली में बसने के कारण दिल्ली का शहरीकरण तो हुआ ही साथ ही यहाँ एक मिश्रित संस्कृति ने भी जन्म लिया। आज दिल्ली भारत का एक प्रमुख राजनैतिक, सांस्कृतिक एवं वाणिज्यिक केन्द्र है। .

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देहली

देहली में भारत के बिहार राज्य के अन्तर्गत मगध मण्डल के औरंगाबाद जिले का एक गाँव है। बिहार के जिले .

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फ़र्रूख़ाबाद

फ़र्रूख़ाबाद भारत के उत्तर प्रदेश का एक प्रमुख शहर एवं लोकसभा क्षेत्र है। फ़र्रूख़ाबाद जिला, उत्तर प्रदेश की उत्तर-पश्चिमी दिशा में स्थित है। इसका परिमाप १०५ किलो मीटर लम्बा तथा ६० किलो मीटर चौड़ा है। इसका क्षेत्रफल ४३४९ वर्ग किलो मीटर है, गंगा, रामगंगा, कालिन्दी व ईसन नदी इस क्षेत्र की प्रमुख नदियां हैं। यहाँ गंगा के पश्चिमी तट पर आबादी बहुत समय पहले से पायी जाती है। .

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फ़ारसी भाषा

फ़ारसी, एक भाषा है जो ईरान, ताजिकिस्तान, अफ़गानिस्तान और उज़बेकिस्तान में बोली जाती है। यह ईरान, अफ़ग़ानिस्तान, ताजिकिस्तान की राजभाषा है और इसे ७.५ करोड़ लोग बोलते हैं। भाषाई परिवार के लिहाज़ से यह हिन्द यूरोपीय परिवार की हिन्द ईरानी (इंडो ईरानियन) शाखा की ईरानी उपशाखा का सदस्य है और हिन्दी की तरह इसमें क्रिया वाक्य के अंत में आती है। फ़ारसी संस्कृत से क़ाफ़ी मिलती-जुलती है और उर्दू (और हिन्दी) में इसके कई शब्द प्रयुक्त होते हैं। ये अरबी-फ़ारसी लिपि में लिखी जाती है। अंग्रेज़ों के आगमन से पहले भारतीय उपमहाद्वीप में फ़ारसी भाषा का प्रयोग दरबारी कामों तथा लेखन की भाषा के रूप में होता है। दरबार में प्रयुक्त होने के कारण ही अफ़गानिस्तान में इस दारी कहा जाता है। .

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फ़ैज़ाबाद

फ़ैज़ाबाद भारतवर्ष के उत्तरी राज्य उत्तर प्रदेश का एक नगर है।भगवान राम, राममनोहर लोहिया, कुंवर नारायण, राम प्रकाश द्विवेदी आदि की यह जन्मभूमि है। .

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मुहम्मद शाह (मुगल)

मुहम्मद शाह ((1748 – १७०२) जिन्हें रोशन अख्तर भी कहते थे, मुगल सम्राट था। इनका शासन काल १७१९-१७४८ रहा। Available on Project Gutenberg. मुहम्मद शह की मृत्यु १७४८ में ४६ वर्ष की आयु में हुई थी। .

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मीर तक़ी "मीर"

ख़ुदा-ए-सुखन मोहम्मद तकी उर्फ मीर तकी "मीर" (1723 - 20 सितम्बर 1810) उर्दू एवं फ़ारसी भाषा के महान शायर थे। मीर को उर्दू के उस प्रचलन के लिए याद किया जाता है जिसमें फ़ारसी और हिन्दुस्तानी के शब्दों का अच्छा मिश्रण और सामंजस्य हो। अहमद शाह अब्दाली और नादिरशाह के हमलों से कटी-फटी दिल्ली को मीर तक़ी मीर ने अपनी आँखों से देखा था। इस त्रासदी की व्यथा उनकी रचनाओं मे दिखती है। अपनी ग़ज़लों के बारे में एक जगह उन्होने कहा था- हमको शायर न कहो मीर कि साहिब हमने दर्दो ग़म कितने किए जमा तो दीवान किया .

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लखनऊ

लखनऊ (भारत के सर्वाधिक आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश की राजधानी है। इस शहर में लखनऊ जिले और लखनऊ मंडल के प्रशासनिक मुख्यालय भी स्थित हैं। लखनऊ शहर अपनी खास नज़ाकत और तहजीब वाली बहुसांस्कृतिक खूबी, दशहरी आम के बाग़ों तथा चिकन की कढ़ाई के काम के लिये जाना जाता है। २००६ मे इसकी जनसंख्या २,५४१,१०१ तथा साक्षरता दर ६८.६३% थी। भारत सरकार की २००१ की जनगणना, सामाजिक आर्थिक सूचकांक और बुनियादी सुविधा सूचकांक संबंधी आंकड़ों के अनुसार, लखनऊ जिला अल्पसंख्यकों की घनी आबादी वाला जिला है। कानपुर के बाद यह शहर उत्तर-प्रदेश का सबसे बड़ा शहरी क्षेत्र है। शहर के बीच से गोमती नदी बहती है, जो लखनऊ की संस्कृति का हिस्सा है। लखनऊ उस क्ष्रेत्र मे स्थित है जिसे ऐतिहासिक रूप से अवध क्षेत्र के नाम से जाना जाता था। लखनऊ हमेशा से एक बहुसांस्कृतिक शहर रहा है। यहाँ के शिया नवाबों द्वारा शिष्टाचार, खूबसूरत उद्यानों, कविता, संगीत और बढ़िया व्यंजनों को हमेशा संरक्षण दिया गया। लखनऊ को नवाबों के शहर के रूप में भी जाना जाता है। इसे पूर्व की स्वर्ण नगर (गोल्डन सिटी) और शिराज-ए-हिंद के रूप में जाना जाता है। आज का लखनऊ एक जीवंत शहर है जिसमे एक आर्थिक विकास दिखता है और यह भारत के तेजी से बढ़ रहे गैर-महानगरों के शीर्ष पंद्रह में से एक है। यह हिंदी और उर्दू साहित्य के केंद्रों में से एक है। यहां अधिकांश लोग हिन्दी बोलते हैं। यहां की हिन्दी में लखनवी अंदाज़ है, जो विश्वप्रसिद्ध है। इसके अलावा यहाँ उर्दू और अंग्रेज़ी भी बोली जाती हैं। .

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शिया इस्लाम

अरबी लिपि में लिखा शब्द-युग्म "मुहम्मद अली" इस शिया विश्वास को दिखाता है कि मुहम्मद और अली में निष्ठा दिखाना एक समान ही है। इसको उलटा घुमा देने पर यह "अली मुहम्मद" बन जाता है। शिया एक मुसलमान सम्प्रदाय है। सुन्नी सम्प्रदाय के बाद यह इस्लाम का दूसरा सबसे बड़ा सम्प्रदाय है जो पूरी मुस्लिम आबादी का केवल १५% है। सन् ६३२ में हजरत मुहम्मद की मृत्यु के पश्चात जिन लोगों ने अपनी भावना से हज़रत अली को अपना इमाम (धर्मगुरु) और ख़लीफा (नेता) चुना वो लोग शियाने अली (अली की टोली वाले) कहलाए जो आज शिया कहलाते हैं। लेकिन बहोत से सुन्नी इन्हें "शिया" या "शियाने अली" नहीं बल्कि "राफज़ी" (अस्वीकृत लोग) नाम से बुलाते हैं ! इस धार्मिक विचारधारा के अनुसार हज़रत अली, जो मुहम्मद साहब के चचेरे भाई और दामाद दोनों थे, ही हजरत मुहम्मद साहब के असली उत्तराधिकारी थे और उन्हें ही पहला ख़लीफ़ा (राजनैतिक प्रमुख) बनना चाहिए था। यद्यपि ऐसा हुआ नहीं और उनको तीन और लोगों के बाद ख़लीफ़ा, यानि प्रधान नेता, बनाया गया। अली और उनके बाद उनके वंशजों को इस्लाम का प्रमुख बनना चाहिए था, ऐसा विशवास रखने वाले शिया हैं। सुन्नी मुसलमान मानते हैं कि हज़रत अली सहित पहले चार खलीफ़ा (अबु बक़र, उमर, उस्मान तथा हज़रत अली) सतपथी (राशिदुन) थे जबकि शिया मुसलमानों का मानना है कि पहले तीन खलीफ़ा इस्लाम के गैर-वाजिब प्रधान थे और वे हज़रत अली से ही इमामों की गिनती आरंभ करते हैं और इस गिनती में ख़लीफ़ा शब्द का प्रयोग नहीं करते। सुन्नी मुस्लिम अली को (चौथा) ख़लीफ़ा भी मानते है और उनके पुत्र हुसैन को मरवाने वाले ख़लीफ़ा याजिद को कई जगहों पर पथभ्रष्ट मुस्लिम कहते हैं। इस सम्प्रदाय के अनुयायियों का बहुमत मुख्य रूप से इरान,इराक़,बहरीन और अज़रबैजान में रहते हैं। इसके अलावा सीरिया, कुवैत, तुर्की, अफ़ग़ानिस्तान, पाकिस्तान, ओमान, यमन तथा भारत में भी शिया आबादी एक प्रमुख अल्पसंख्यक के रूप में है। शिया इस्लाम के विश्वास के तीन उपखंड हैं - बारहवारी, इस्माइली और ज़ैदी। एक मशहूर हदीस मन्कुनतो मौला फ़ हा जा अली उन मौला, जो मुहम्मद साहब ने गदीर नामक जगह पर अपने आखरी हज पर खुत्बा दिया था, में स्पष्ट कह दिया था कि मुसलमान समुदाय को समुदाय अली के कहे का अनुसरण करना है। .

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हिजरी

हिजरी या इस्लामी पंचांग को (अरबी: التقويم الهجري; अत-तक्वीम-हिज़री; फारसी: تقویم هجری قمری ‎'तकवीम-ए-हिज़री-ये-क़मरी) जिसे हिजरी कालदर्शक भी कहते हैं, एक चंद्र कालदर्शक है, जो न सिर्फ मुस्लिम देशों में प्रयोग होता है बल्कि इसे पूरे विश्व के मुस्लिम भी इस्लामिक धार्मिक पर्वों को मनाने का सही समय जानने के लिए प्रयोग करते हैं। यह चंद्र-कालदर्शक है, जिसमें वर्ष में बारह मास, एवं 354 या 355 दिवस होते हैं। क्योंकि यह सौर कालदर्शक से 11 दिवस छोटा है इसलिए इस्लामी धार्मिक तिथियाँ, जो कि इस कालदर्शक के अनुसार स्थिर तिथियों पर होतीं हैं, परंतु हर वर्ष पिछले सौर कालदर्शक से 11 दिन पीछे हो जाती हैं। इसे हिज्रा या हिज्री भी कहते हैं, क्योंकि इसका पहला वर्ष वह वर्ष है जिसमें कि हज़रत मुहम्मद की मक्का शहर से मदीना की ओर हिज्ऱत (प्रवास) हुई थी। हर वर्ष के साथ वर्ष संख्या के बाद में H जो हिज्र को संदर्भित करता है या AH (लैटिनः अन्नो हेजिरी (हिज्र के वर्ष में) लगाया जाता है।हिज्र से पहले के कुछ वर्ष (BH) का प्रयोग इस्लामिक इतिहास से संबंधित घटनाओं के संदर्भ मे किया जाता है, जैसे मुहम्म्द साहिब का जन्म लिए 53 BH। वर्तमान हिज्री़ वर्ष है 1430 AH. .

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ग़ज़ल

यह अरबी साहित्य की प्रसिद्ध काव्य विधा है जो बाद में फ़ारसी, उर्दू, नेपाली और हिंदी साहित्य में भी बेहद लोकप्रिय हुइ। संगीत के क्षेत्र में इस विधा को गाने के लिए इरानी और भारतीय संगीत के मिश्रण से अलग शैली निर्मित हुई। .

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कटूपहास

"Le व्यंग्य l'ई डी अतारांकित Orazio Flacco epistole" 1814 में छपी. कटूपहास या तन्ज़ ऐसे व्यंग्य को कहते हैं जिसमे किसी व्यक्ति, समाज, संस्था या राष्ट्र की बुराइयों की निंदा छुपी हो। तन्ज़ का ध्येय अक्सर शर्मिन्दगी की भावना के ज़रिये बुराइयों के प्रति जागरूकता लाना होता है ताकि उनमें सुधार हो सके.

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क़सीदा

क़सीदा (फ़ारसी) शायरी का वह रूप है जिसमें किसी की प्रशंसा की जाए। कुछ शायर अपने बेहतरीन क़सीदों के लिए विख्यात हुए हैं, जैसे कि मिर्ज़ा सौदा। क़सीदे लिखने का रिवाज अरब संस्कृति से आया है, जहाँ यह इस्लाम के आने से बहुत पूर्व से लिखे जा रहे हैं।, Britannica Educational Publishing, The Rosen Publishing Group, 2011, ISBN 978-1-61530-539-1,...

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कवि

कवि वह है जो भावों को रसाभिषिक्त अभिव्यक्ति देता है और सामान्य अथवा स्पष्ट के परे गहन यथार्थ का वर्णन करता है। इसीलिये वैदिक काल में ऋषय: मन्त्रदृष्टार: कवय: क्रान्तदर्शिन: अर्थात् ऋषि को मन्त्रदृष्टा और कवि को क्रान्तदर्शी कहा गया है। "जहाँ न पहुँचे रवि, वहाँ पहुँचे कवि" इस लोकोक्ति को एक दोहे के माध्यम से अभिव्यक्ति दी गयी है: "जहाँ न पहुँचे रवि वहाँ, कवि पहुँचे तत्काल। दिन में कवि का काम क्या, निशि में करे कमाल।।" ('क्रान्त' कृत मुक्तकी से साभार) .

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कुल्लियात

सन् १८७२ में छपा मिर्ज़ा सौदा की कुल्लियात का अंग्रेज़ी अनुवाद कुल्लियात (उर्दू) शायरी में किसी शायर की रचनाओं के संग्रह को कहते हैं। मसलन ग़ालिब की ग़ज़लों और नज्मों के संकलन को 'कुल्लियात-ए-ग़ालिब' कहा जाता है। यह शब्द 'कुल' से आया है, यानि शायर का 'कुल' काम इस संग्रह में मौजूद होना चाहिए, लेकिन वास्तव में अगर शायर की कुछ-बहुत रचनाएँ भी उसमें सम्मिलित हों तो उसे कुल्लियात ही कहा जाएगा। पुराने ज़माने में कभी-कभी यह शब्द शायारी के अलावा और सन्दर्भों में भी प्रयोग हुआ करता था। उदाहरण के लिए अगर किसी पुस्तक में चिकित्सा (अरबी में 'तिब्ब') के बारे में बहुत कुछ लिखा हो तो उसे 'कुल्लियात-ए-तिब्बी' कह दिया जाता था। यही शब्द बिगड़कर अंग्रेज़ी में भी 'कॉलिजॅट' (Colliget) के रूप में आ गया।, Plinio Prioreschi, Horatius press, 2001, ISBN 978-1-888456-04-2,...

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अवध

अवध अवध वर्तमान उत्तर प्रदेश के एक भाग का नाम है जो प्राचीन काल में कोशल कहलाता था। इसकी राजधानी अयोध्या थी। अवध शब्द अयोध्या से ही निकला है। अवध की राजधानी प्रांरभ में फैजाबाद थी किंतु बाद को लखनऊ उठ आई थी। अवध पर नवाबों का आधिपत्य था जो प्राय: स्वतंत्र थे, क्योंकि अवध के नवाब शिया मुसलमान थे अत: अवध में इसलाम के इस संप्रदाय को विशेष संरक्षण मिला। लखनऊ उर्दू कविता का भी प्रसिद्ध केंद्र रहा। दिल्ली केंद्र के नष्ट होने पर बहुत से दिल्ली के भी प्रसिद्ध उर्दू कवि लखनऊ वापस चले आए थे। अवध की पारम्परिक राजधानी लखनऊ है। भौगोलिक रूप से अवध की आधुनिक परिभाषा - लखनऊ, सुल्तानपुर, रायबरेली, उन्नाव, कानपुर, भदोही, इलाहाबाद, बाराबंकी, फैजाबाद, प्रतापगढ़, बहराइच, बलरामपुर, गोंडा, हरदोई, लखीमपुर खीरी, कौशाम्बी, सीतापुर, श्रावस्ती, बस्ती, सिद्धार्थ नगर, खलीलाबाद, उन्नाव, फतेहपुर, कानपुर, (जौनपुर, और मिर्जापुर के पश्चिमी हिस्सों), कन्नौज, पीलीभीत, शाहजहांपुर से बनती है। .

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उर्दू भाषा

उर्दू भाषा हिन्द आर्य भाषा है। उर्दू भाषा हिन्दुस्तानी भाषा की एक मानकीकृत रूप मानी जाती है। उर्दू में संस्कृत के तत्सम शब्द न्यून हैं और अरबी-फ़ारसी और संस्कृत से तद्भव शब्द अधिक हैं। ये मुख्यतः दक्षिण एशिया में बोली जाती है। यह भारत की शासकीय भाषाओं में से एक है, तथा पाकिस्तान की राष्ट्रभाषा है। इस के अतिरिक्त भारत के राज्य तेलंगाना, दिल्ली, बिहार और उत्तर प्रदेश की अतिरिक्त शासकीय भाषा है। .

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

मिर्ज़ा रफ़ी सौदा, मिर्ज़ा सौदा, सौदा (शायर)

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