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मिनिक्स 3

सूची मिनिक्स 3

मिनिक्स 3 एक मुक्त स्रोत युनिक्स पर आधारित संचालन प्रणाली है। जिसके प्रकाशन के अधिकार को बीएसडी के तहत उपलब्ध कराया गया है। इसके पिछले संस्करण मिनिक्स 1 और मिनिक्स 2 भी सफल रहे। इसके कारण ही इसके नए संस्करण की परियोजना की शुरुआत की गई। इसका मुख्य लक्ष्य त्रुटि को स्वयं ही खोजना और बिना किसी उपयोगकर्ता के निर्देश के उसे ठीक करना है। इसका मुख्य उपयोग शिक्षा के क्षेत्र में किया जाता है। .

सामग्री की तालिका

  1. 3 संबंधों: प्रचालन तन्त्र, बीएसडी लाइसेंस, मुक्त स्रोत

प्रचालन तन्त्र

प्रचालन तंत्र (अंग्रेज़ी:ऑपरेटिंग सिस्टम) साफ्टवेयर का समूह है जो कि आंकड़ों एवं निर्देश के संचरण को नियंत्रित करता है। यह हार्डवेयर एवं साफ्टवेयर के बीच सेतु का कार्य करता है और कंप्यूटर का सॉफ्टवेयर घटक होता है। इसी की सहायता से ही कंप्यूटर में स्थापित प्रोग्राम चलते हैं। ऑपरेटिंग सिस्टम कंप्यूटर का मेरुदंड होता है, जो इसके सॉफ्टवेयर व हार्डवेयर को नियंत्रण में रखता है। यह अनधिकृत व्यक्ति को कंप्यूटर के गलत प्रयोग करने से रोकता है।। हिन्दुस्तान लाइव।। प्रमोद पंत।२५ अक्टूबर, २००९ वह इसमें भी विभेद कर सकता हैं कि कौन सा निवेदन पूरा करना है और कौन सा नहीं, इसके साथ ही इनकी वरीयता भी ध्यान रखी जाती है। इसकी मदद से एक से ज्यादा सीपीयू में भी प्रोगाम चलाए जा सकते हैं। इसके अलावा संगणक संचिका को पुनः नाम देना, डायरेक्टरी की विषय सूची बदलना, डायरेक्टरी बदलना आदि कार्य भी प्रचालन तंत्र के द्वारा किए जाते है। डॉस (DOS), यूनिक्स, विंडोज़ ऑपरेटिंग सिस्टम (३.१, ९५, ९८, २०००, एक्स पी, विस्ता, विंडोज ७) और लिनक्स आदि कुछ प्रमुख प्रचालन तंत्र हैं।। तकनीक.कॉम।२ जुलाई, २००८।। कमल विभिन्न प्रचालन तंत्रों में से कुछ हैं:लिनक्स, मैक ओएस एक्स, डॉस, आईबीएम ओएस/2 (IBM OS/2), यूनिक्स, विन्डोज सीई, विन्डोज 3.x, विन्डोज ९५, विन्डोज ९८, विन्डोज मिलेनियम, विन्डोज़ एनटी, विन्डोज २०००, विन्डोज़ एक्स पी, विन्डोज़ विस्टा, विन्डोज़ 7। उबंटु प्रचालन तंत्र कंप्यूटर से जुड़े कई मौलिक कार्यों को संभालता है, जैसे की-बोर्ड से इनपुट लेना, डिस्प्ले स्क्रीन को आउटपुट भेजना, डाइरेक्टरी और संगणक संचिका को डिस्क में ट्रेक करना, इत्यादि। बड़े कंप्यूटरों में इसका काम और अधिक होता है। वह इनमें लगातार यह जांच करता है कि एक ही समय पर कंप्यूटर में चलने वाले प्रोगामों, फाइलों और एक ही समय पर खुलने वाली साइटों में दोहराव न हो। आरंभिक दौर में यह मेनफ्रेम कंप्यूटरों पर बड़े कामों के लिए ही हुआ करता था। बाद में धीरे-धीरे माइक्रोकम्प्यूटर्स में भी मिलने लगा, लेकिन उस समय इसमें एक समय पर केवल एक ही प्रोगाम रन करा सकते थे। मेनफ्रेम कंप्यूटर में १९६० में पहली बार बहुकार्यिक (मल्टीटास्किंग) सिस्टम आया था। इससे एक समय में एक से ज्यादा उपयोक्ता काम कर सकते थे। १९७० लिनक्स ने पहली बार पीडीपी-७ में प्रचालन तंत्र निकाला, जो मुख्यतया मल्टीटास्किंग, स्मृति प्रबंधन (मेमोरी मैनेजमेंट), स्मृति संरक्षण (मेमोरी प्रोटेक्शन) जैसे कार्य करता था। .

देखें मिनिक्स 3 और प्रचालन तन्त्र

बीएसडी लाइसेंस

बीएसडी लाईसेंस एक अनुमत मुक्त सॉफ्टवेयर लाइसेंस का समूह होता है। इसका मूल प्रयोग बर्कले सॉफ्टवेयर डिस्ट्रिब्यूशन (बीएसडी) ने किया था, जिसका नाम एक युनिक्स जैसे प्रचालन तंत्र लाइसेंस प्रणाली के ऊपर रखा गया था। .

देखें मिनिक्स 3 और बीएसडी लाइसेंस

मुक्त स्रोत

फ्री एवं मुक्त स्रोत सॉफ्टवेयर का सैद्धांतिक आरेख मुक्त स्रोत (अंग्रेज़ी:ओपन सोर्स) किसी भी सामग्री के उत्पादन, विस्तार एवं विकास की वह प्रक्रिया है जिसमें उत्पादन की प्रक्रिया पूरी तरह से खुली व्यवस्था होती है। इसमें स्रोत को प्रकाशित किया एवं बढ़ावा दिया जाता है। इस विचारधारा के आरंभ के समय यह केवल कंप्यूटर सॉफ्टवेयर तक ही सीमित थी, जिसके अंतरगत विभिन्न सॉफ्टवेयर के सोर्स कोड को निःशुल्क वितरित किया जाता था और इस प्रकार उपयोक्ता की पहुंच सॉफ्टवेयर के सोर्स कोड तक होती थी। इसके अंतर्गत उपयोक्ताओं को किसी भी अनुप्रयोग के विकास की प्रक्रिया में भाग लेने, इसे बदलने व इसमें किसी भी प्रकार का सुधार कर फिर स्वयं वितरित करने का अधिकार भी मिलता था। इस प्रकार उसे कोई भी व्यक्ति अपनी सुविधानुसार नये और परिवर्तित सॉफ्टवेयर को बनाने के लिये प्रयोग करने हेतु मुक्त होता था। इसके किसी प्रकार के प्रयोग पर कोई निषेध नहीं होता है।।हिन्दुस्तान लाइव।५ नवंबर, २००९ इस तरह से ओपन सोर्स केवल सोफ्टवेयर तक सीमित न रहकर हर प्रकार की रचना तक पहुंच गया है, जैसे लेख, चित्र, संगीत और चलचित्र आदि।। सूचना एवं पुस्तकालय नेटवर्क केन्द्र। सॉफ्टवेयर उद्योग में मुक्त स्रोत का विचार सर्वप्रथम १९९० के दशक में आया था, जब कई कंपनियों ने अपने सॉफ्टवेयर, प्रचालन तंत्र आदि मुक्त स्रोत रूप में जारी किये थे। इसका आरंभ लाइनेक्स से हुआ था। पहली बार वृहत स्तर पर १९९८ में दिखा जब नेविगेटर (मोज़िला) का सोर्स कोड जारी किया। इसके कई स्तर होते हैं। कई कंपनियां मुक्त स्रोत को जारी करते समय उसके साथ कुछ कुछ प्रतिबंध या शर्तें आदि लगा देती हैं ताकि उसका दुरुपयोग न हो सके। मुक्त स्रोत का मुख्य लाभ होता है कि उपभोक्ता के पास इसका सोर्स कोर्ड उपलब्ध होने के कारण वह इसका प्रयोग अपनी इच्छा और आवश्यकतानुसार कर सकता है। एप्पल आदि कई कंपनियां अपनी तकनीकों को मुक्त स्रोत लाइसेंस के द्वारा जारी करती हैं जिसके ऐवज में उपभोक्ताओं से वो पैसे लेती हैं। लगभग एक वर्ष पूर्व बाजार में गूगल फोन आया था जिसमें एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम का प्रयोग किया गया था। इसका प्रचालन तंत्र भी मुक्त स्रोत ही था और जिसमें डेवलपर परिवर्तन करके इसके प्रकार्यों और कुछ सुविधाओं को को बढ़ा और घटा भी सकते थे, जैसे फोन के मीडिया प्लेयर में इच्छानुसार परिवर्तन करना संभव था। मुक्त स्रोत के पीछे का उद्देश्य है, कि किसी भी उत्पाद के बारे में विकास और उसमें निहित त्रुटियां और कमियां जितनी अधिक और जल्दी उपयोक्ता बता सकते हैं, उतना अधिक उसके निर्माता नहीं कर सकते हैं। निर्मातागण मात्र सीमित दिशा में ही सोच सकते हैं, किन्तु बड़ी संख्या में उपयोक्ता असीमित आयामों सहित विकास कर सकते हैं, जिनको अध्ययन कर बाद में निर्माताओं का विकास अनुभाग नया और उत्कृष्ट वर्ज़न निकाल सकते हैं। लिनक्स, विकिपीडिया, फेडोरा, फ़ायरफ़ॉक्स आदि की सफलता ने मुक्त स्रोत की विचारधारा को मुख्यधारा में ला दिया है।। दैट्स हिन्दी।२६ मई, २००९। राजेश रंजन। वर्तमान युग में ये प्रणाली सॉफ्टवेयरों के अलावा बहुत जगह प्रयोग की जाने लगी है। इसका एक जीवंत उदाहरण है विकिपीडिया। इसे कोई भी कभी और कहीं भी संपादित कर सकता है। जिसका अध्ययन कर प्रबंधकवर्ग संशोधित संस्करण निकालते रहते हैं और ध्वंसकारी बदलाव वापस करते रहते हैं। .

देखें मिनिक्स 3 और मुक्त स्रोत