लोगो
यूनियनपीडिया
संचार
Google Play पर पाएं
नई! अपने एंड्रॉयड डिवाइस पर डाउनलोड यूनियनपीडिया!
डाउनलोड
ब्राउज़र की तुलना में तेजी से पहुँच!
 

मिकोयान-गुरेविच मिग-6

सूची मिकोयान-गुरेविच मिग-6

मिकोयान-गुरेविच मिग-6 (Mikoyan-Gurevich MiG-6) द्वितीय विश्व युद्ध के समय सोवियत संघ द्वारा मैदान डिजाइन किया गया ग्राउंड अटैक विमान था। ओकेबी मिकॉयन-गुरेविच की स्थापना करते समय, आर्टेम मिकोययन और मिखाइल गुरेविच ने अपने पूर्व नियोक्ता पोलिकारपोव से दो बुनियादी डिजाइनों का इस्तेमाल किया। पहले से अंततः मिकोयान-गुरेविच मिग-1 को विकसित किया गया था। और दूसरा परियोजना 65 थी। उन्होंने परियोजना 65 पर एक तथाकथित टीएससी (तजास्कली श्टुरमोविक) के एक प्रतिस्पर्धी मॉडल के रूप में इलुशुइन आईएल-2 पर काम किया। केवल कागजी कार्रवाई की गई थी। सुखोई द्वारा इसी प्रकार का एक समानांतर विकास किया गया था, जिससे सुखोई एसयू-6 का विकास किया गया था। .

6 संबंधों: द्वितीय विश्वयुद्ध, मिकोयान-गुरेविच मिग-1, सुखोई, सुखोई एसयू-6, सोवियत संघ, विमान

द्वितीय विश्वयुद्ध

द्वितीय विश्वयुद्ध १९३९ से १९४५ तक चलने वाला विश्व-स्तरीय युद्ध था। लगभग ७० देशों की थल-जल-वायु सेनाएँ इस युद्ध में सम्मलित थीं। इस युद्ध में विश्व दो भागों मे बँटा हुआ था - मित्र राष्ट्र और धुरी राष्ट्र। इस युद्ध के दौरान पूर्ण युद्ध का मनोभाव प्रचलन में आया क्योंकि इस युद्ध में लिप्त सारी महाशक्तियों ने अपनी आर्थिक, औद्योगिक तथा वैज्ञानिक क्षमता इस युद्ध में झोंक दी थी। इस युद्ध में विभिन्न राष्ट्रों के लगभग १० करोड़ सैनिकों ने हिस्सा लिया, तथा यह मानव इतिहास का सबसे ज़्यादा घातक युद्ध साबित हुआ। इस महायुद्ध में ५ से ७ करोड़ व्यक्तियों की जानें गईं क्योंकि इसके महत्वपूर्ण घटनाक्रम में असैनिक नागरिकों का नरसंहार- जिसमें होलोकॉस्ट भी शामिल है- तथा परमाणु हथियारों का एकमात्र इस्तेमाल शामिल है (जिसकी वजह से युद्ध के अंत मे मित्र राष्ट्रों की जीत हुई)। इसी कारण यह मानव इतिहास का सबसे भयंकर युद्ध था। हालांकि जापान चीन से सन् १९३७ ई. से युद्ध की अवस्था में था किन्तु अमूमन दूसरे विश्व युद्ध की शुरुआत ०१ सितम्बर १९३९ में जानी जाती है जब जर्मनी ने पोलैंड पर हमला बोला और उसके बाद जब फ्रांस ने जर्मनी पर युद्ध की घोषणा कर दी तथा इंग्लैंड और अन्य राष्ट्रमंडल देशों ने भी इसका अनुमोदन किया। जर्मनी ने १९३९ में यूरोप में एक बड़ा साम्राज्य बनाने के उद्देश्य से पोलैंड पर हमला बोल दिया। १९३९ के अंत से १९४१ की शुरुआत तक, अभियान तथा संधि की एक शृंखला में जर्मनी ने महाद्वीपीय यूरोप का बड़ा भाग या तो अपने अधीन कर लिया था या उसे जीत लिया था। नाट्सी-सोवियत समझौते के तहत सोवियत रूस अपने छः पड़ोसी मुल्कों, जिसमें पोलैंड भी शामिल था, पर क़ाबिज़ हो गया। फ़्रांस की हार के बाद युनाइटेड किंगडम और अन्य राष्ट्रमंडल देश ही धुरी राष्ट्रों से संघर्ष कर रहे थे, जिसमें उत्तरी अफ़्रीका की लड़ाइयाँ तथा लम्बी चली अटलांटिक की लड़ाई शामिल थे। जून १९४१ में युरोपीय धुरी राष्ट्रों ने सोवियत संघ पर हमला बोल दिया और इसने मानव इतिहास में ज़मीनी युद्ध के सबसे बड़े रणक्षेत्र को जन्म दिया। दिसंबर १९४१ को जापानी साम्राज्य भी धुरी राष्ट्रों की तरफ़ से इस युद्ध में कूद गया। दरअसल जापान का उद्देश्य पूर्वी एशिया तथा इंडोचायना में अपना प्रभुत्व स्थापित करने का था। उसने प्रशान्त महासागर में युरोपीय देशों के आधिपत्य वाले क्षेत्रों तथा संयुक्त राज्य अमेरीका के पर्ल हार्बर पर हमला बोल दिया और जल्द ही पश्चिमी प्रशान्त पर क़ब्ज़ा बना लिया। सन् १९४२ में आगे बढ़ती धुरी सेना पर लगाम तब लगी जब पहले तो जापान सिलसिलेवार कई नौसैनिक झड़पें हारा, युरोपीय धुरी ताकतें उत्तरी अफ़्रीका में हारीं और निर्णायक मोड़ तब आया जब उनको स्तालिनग्राड में हार का मुँह देखना पड़ा। सन् १९४३ में जर्मनी पूर्वी युरोप में कई झड़पें हारा, इटली में मित्र राष्ट्रों ने आक्रमण बोल दिया तथा अमेरिका ने प्रशान्त महासागर में जीत दर्ज करनी शुरु कर दी जिसके कारणवश धुरी राष्ट्रों को सारे मोर्चों पर सामरिक दृश्टि से पीछे हटने की रणनीति अपनाने को मजबूर होना पड़ा। सन् १९४४ में जहाँ एक ओर पश्चिमी मित्र देशों ने जर्मनी द्वारा क़ब्ज़ा किए हुए फ़्रांस पर आक्रमण किया वहीं दूसरी ओर से सोवियत संघ ने अपनी खोई हुयी ज़मीन वापस छीनने के बाद जर्मनी तथा उसके सहयोगी राष्ट्रों पर हमला बोल दिया। सन् १९४५ के अप्रैल-मई में सोवियत और पोलैंड की सेनाओं ने बर्लिन पर क़ब्ज़ा कर लिया और युरोप में दूसरे विश्वयुद्ध का अन्त ८ मई १९४५ को तब हुआ जब जर्मनी ने बिना शर्त आत्मसमर्पण कर दिया। सन् १९४४ और १९४५ के दौरान अमेरिका ने कई जगहों पर जापानी नौसेना को शिकस्त दी और पश्चिमी प्रशान्त के कई द्वीपों में अपना क़ब्ज़ा बना लिया। जब जापानी द्वीपसमूह पर आक्रमण करने का समय क़रीब आया तो अमेरिका ने जापान में दो परमाणु बम गिरा दिये। १५ अगस्त १९४५ को एशिया में भी दूसरा विश्वयुद्ध समाप्त हो गया जब जापानी साम्राज्य ने आत्मसमर्पण करना स्वीकार कर लिया। .

नई!!: मिकोयान-गुरेविच मिग-6 और द्वितीय विश्वयुद्ध · और देखें »

मिकोयान-गुरेविच मिग-1

मिकोयायन-गुरेविच मिग-1 (रूसी: Микоян-Гуревич МиГ-1) द्वितीय विश्व युद्ध का एक सोवियत लड़ाकू विमान था, जिसे 1939 में जारी एक उच्च ऊंचाई वाले लड़ाकू विमान के लिए आवश्यकता को पूरा करने के लिए बनाया गया था। एल्यूमीनियम जैसे सामरिक सामग्रियों पर मांग को कम करने के लिए, विमान को ज्यादातर स्टील टयूबिंग और लकड़ी से बनाया गया था। उड़ान परीक्षण में कई कमी देखी गईं, लेकिन इन्हे ठीक करने से पहले विमान के उत्पादन का आदेश दिया गया था। हालांकि इसे संभालना मुश्किल हो गया था। इसके डिजाइन को संशोधित करने से पहले एक सौ मिग-1 का निर्माण किया गया था। इसके संशोधित डिजाइन को मिग-3 विमान कहा जाता है। 1941 में सोवियत वायु सेना की लड़ाकू रेजिमेंट के लिए विमान को जारी किया गया था, लेकिन ज्यादातर ऑपरेशन बारबारोसा के शुरुआती दिनों में जाहिरा तौर पर नष्ट हुए थे। ऑपरेशन बारबारोसा जून 1941 में सोवियत संघ का जर्मन पर आक्रमण था। .

नई!!: मिकोयान-गुरेविच मिग-6 और मिकोयान-गुरेविच मिग-1 · और देखें »

सुखोई

सुखोई कम्पनी का मुख्यालय सुखोई (रुसी: ОАО "Компания "Сухой") रूस की वायुयान निर्माता कम्पनी है। इसका मुख्यालय ओकुर्ग, मॉस्को में है। इसकी स्थापना पावेल सुखोई ने १९३९ में की थी। श्रेणी:विश्व की प्रमुख कम्पनियाँ.

नई!!: मिकोयान-गुरेविच मिग-6 और सुखोई · और देखें »

सुखोई एसयू-6

सुखोई एसयू-6 (Sukhoi Su-6) द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान विकसित सोवियत ग्राउंड अटैक विमान थे। मिश्रित शक्ति (रॉकेट और पिस्टन इंजन) उच्च-ऊंचाई इंटरसेप्टर सुखोई एसयू-7, सुखोई एसयू-6 प्रोटोटाइप पर आधारित था। .

नई!!: मिकोयान-गुरेविच मिग-6 और सुखोई एसयू-6 · और देखें »

सोवियत संघ

सोवियत संघ (रूसी भाषा: Сове́тский Сою́з, सोवेत्स्की सोयूज़; अंग्रेज़ी: Soviet Union), जिसका औपचारिक नाम सोवियत समाजवादी गणतंत्रों का संघ (Сою́з Сове́тских Социалисти́ческих Респу́блик, Union of Soviet Socialist Republics) था, यूरेशिया के बड़े भूभाग पर विस्तृत एक देश था जो १९२२ से १९९१ तक अस्तित्व में रहा। यह अपनी स्थापना से १९९० तक साम्यवादी पार्टी (कोम्युनिस्ट पार्टी) द्वारा शासित रहा। संवैधानिक रूप से सोवियत संघ १५ स्वशासित गणतंत्रों का संघ था लेकिन वास्तव में पूरे देश के प्रशासन और अर्थव्यवस्था पर केन्द्रीय सरकार का कड़ा नियंत्रण रहा। रूसी सोवियत संघीय समाजवादी गणतंत्र (Russian Soviet Federative Socialist Republic) इस देश का सबसे बड़ा गणतंत्र और राजनैतिक, सांस्कृतिक और आर्थिक केंद्र था, इसलिए पूरे देश का गहरा रूसीकरण हुआ। यही कारण रहा कि विदेश में भी सोवियत संघ को अक्सर गलती से 'रूस' बोल दिया जाता था। .

नई!!: मिकोयान-गुरेविच मिग-6 और सोवियत संघ · और देखें »

विमान

विमान शब्द भारतीय साहित्य (मुख्यतः वेद, रामायण, महाभारत एवं जैन साहित्य में) में एक उड़ाने वाली युक्ति को इंगित करता है। कहीं-कहीं पर यह 'मंदिर', 'स्थान' आदि का भी अर्थ रखता है। समरांगणसूत्रधार तथा वैमानिक शास्त्र आदि कई ग्रन्थों में इनका विशद तकनीकी वर्णन भी मिलता है। .

नई!!: मिकोयान-गुरेविच मिग-6 और विमान · और देखें »

निवर्तमानआने वाली
अरे! अब हम फेसबुक पर हैं! »