लोगो
यूनियनपीडिया
संचार
Google Play पर पाएं
नई! अपने एंड्रॉयड डिवाइस पर डाउनलोड यूनियनपीडिया!
मुक्त
ब्राउज़र की तुलना में तेजी से पहुँच!
 

मानसरोवर (कथा संग्रह)

सूची मानसरोवर (कथा संग्रह)

मानसरोवर झील के बारे में जानने के लिए यहां जाएं -मानसरोवर यह प्रेमचंद द्वारा लिखी गई कहानियों का संकलन है। उनके निधनोपरांत मानसरोवर नाम से ८ खण्डों में प्रकाशित इस संकलन में उनकी दो सौ से भी अधिक कहानियाँ शामिल है। किया गया है। कॉपीराइट अधिकारों से प्रेमचंद की रचनाओं के मुक्त होने के उपरांत मानसरोवर का प्रकाशन अनेक प्रकाशकों द्वारा किया गया है। .

9 संबंधों: दिल की रानी, प्रेमचंद, माता, मानसरोवर, शान्ति, शिकार, सद्गति, ईद गाह, अनुभव

दिल की रानी

दिल की रानी 1947 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

नई!!: मानसरोवर (कथा संग्रह) और दिल की रानी · और देखें »

प्रेमचंद

प्रेमचंद (३१ जुलाई १८८० – ८ अक्टूबर १९३६) हिन्दी और उर्दू के महानतम भारतीय लेखकों में से एक हैं। मूल नाम धनपत राय प्रेमचंद को नवाब राय और मुंशी प्रेमचंद के नाम से भी जाना जाता है। उपन्यास के क्षेत्र में उनके योगदान को देखकर बंगाल के विख्यात उपन्यासकार शरतचंद्र चट्टोपाध्याय ने उन्हें उपन्यास सम्राट कहकर संबोधित किया था। प्रेमचंद ने हिन्दी कहानी और उपन्यास की एक ऐसी परंपरा का विकास किया जिसने पूरी सदी के साहित्य का मार्गदर्शन किया। आगामी एक पूरी पीढ़ी को गहराई तक प्रभावित कर प्रेमचंद ने साहित्य की यथार्थवादी परंपरा की नींव रखी। उनका लेखन हिन्दी साहित्य की एक ऐसी विरासत है जिसके बिना हिन्दी के विकास का अध्ययन अधूरा होगा। वे एक संवेदनशील लेखक, सचेत नागरिक, कुशल वक्ता तथा सुधी (विद्वान) संपादक थे। बीसवीं शती के पूर्वार्द्ध में, जब हिन्दी में तकनीकी सुविधाओं का अभाव था, उनका योगदान अतुलनीय है। प्रेमचंद के बाद जिन लोगों ने साहित्‍य को सामाजिक सरोकारों और प्रगतिशील मूल्‍यों के साथ आगे बढ़ाने का काम किया, उनमें यशपाल से लेकर मुक्तिबोध तक शामिल हैं। .

नई!!: मानसरोवर (कथा संग्रह) और प्रेमचंद · और देखें »

माता

माता वह है जिसके द्वारा कोई प्राणी जन्म लेता है। माता का संस्कृत मूल मातृ है। हिन्दी में इस शब्द का प्रयोग प्रायः इष्टदेवी को संबोधित करने के लिये किये जाता है, पर सामान्यरूप से माँ शब्द का प्रयोग ज्यादा होता है। .

नई!!: मानसरोवर (कथा संग्रह) और माता · और देखें »

मानसरोवर

अधिक विकल्पों के लिए यहां जाएं - मानसरोवर (बहुविकल्पी) मानसरोवर तिब्बत में स्थित एक झील है। हिन्दू तथा बौद्ध धर्म में इसे पवित्र माना गया है। .

नई!!: मानसरोवर (कथा संग्रह) और मानसरोवर · और देखें »

शान्ति

शांति मधुरता और भाईचारे की अवस्था है, जिसमें बैर अनुपस्थित होता है। इस शब्द का प्रयोग अन्तर्राष्ट्रीय संदर्भ में युद्धविराम या संघर्ष में ठहराव के लिए किया जाता है। इस अर्थ में यह शब्द युद्ध का विलोम है। अगर देखा जाए तो शांति के बिना जीवन का आधार नहीं है हजारों सालों से भारत विश्व का गुरु और शांतिदूत रहा था लेकिन मानव की स्वार्थसिद्धी के कारण भारत में शांति का पतन होता आया और आज आम आदमी के जीवन में भय व्याप्त हो गया है, इसका मूल कारण स्वार्थ, कायरता, अविश्वास और ईश्वर प्रदत प्रेमभाव का आम जन में समाप्त होना *.

नई!!: मानसरोवर (कथा संग्रह) और शान्ति · और देखें »

शिकार

शिकार नाम से लेख:-.

नई!!: मानसरोवर (कथा संग्रह) और शिकार · और देखें »

सद्गति

kahani` mantra` ek dr ki katha hai jo ki apni swarth prasti ki wajah se ek mareez ko bhi nahi dekhne jata or us mareez ki mrityu ho jati hai.mareez k boodhe pita unse bahut anurodh yachna karte hain parantu dr.

नई!!: मानसरोवर (कथा संग्रह) और सद्गति · और देखें »

ईद गाह

सऊदी अरब के शहर जेद्दा में एक खुली मस्जिद  सिलहेट का शाही ईद गाह  ईद गाह  या ईदगाह (उर्दू: عید گاہ&#x200E): दक्षिण एशिया में उपयोगित इसलामी संस्कृती का एक शब्द है। ईद उल-फ़ित्र और ईद अल-अज़हा के पर्वों के अवसर पर, गांव के बाहर, सामूहिक प्रार्थनाओं के लिये उपयोग किये जाने वाला स्थल या मैदान। खास तौर पर रमदान और बक़र ईद के मौक़ों पर यहां नमाज़ (सलात) पढी जाती है, जिसे ईद की नमाज़ भी कहा जाता है।  साधारण तौर पर जहां रोज़ाना पांच वक़्त की नमाज़ पढी जाती है उस स्थल को मसजिद कहते हैं  इसलामी परंपरा के अनुसार यह माना जाता है कि हज़रत मुहम्मद ने ईद की नमाज़ अदा की थी, इस लिये इस नमाज़ को ईद गाह पर अदा करना सुन्नत (प्रेशित का तरीक़ा) माना जाता है।   .

नई!!: मानसरोवर (कथा संग्रह) और ईद गाह · और देखें »

अनुभव

प्रयोग अथवा परीक्षा द्वारा प्राप्त ज्ञान अनुभव कहलाता है। प्रत्यक्ष ज्ञान अथवा बोध। स्मृति (याददास्त) से भिन्न ज्ञान। तर्कसंग्रह के अनुसार ज्ञान के दो भेद हैं - स्मृति और अनुभव। संस्कार मात्र से उत्पन्न ज्ञान को स्मृति और इससे भिन्न ज्ञान को अनुभव कहते हैं। अनुभव के दो भेद हैं - यथार्थ अनुभव तथा अयथार्थ अनुभव। प्रथम को प्रमा तथा द्वितीय को अप्रमा कहते हैं। यथार्थ अनुभव के चार भेद हैं- (1) प्रत्यक्ष, (2) अनुमिति, (3) उपमिति, तथा (4) शाब्द इनके अतिरिक्त मीमांसा के प्रसिद्ध आचार्य प्रभाकर के अनुयायी अर्थपत्ति, भाट्टमतानुयायी अनुपलब्धि, पौराणिक सांभविका और ऐतिह्यका तथा तांत्रिक चंष्टिका को भी यथार्थ अनुभव के भेद मानते हैं। इन्हें क्रम से प्रत्यक्ष, अनुमान, उपमान, शब्द, अर्थापत्ति, अनुलब्धि, संभव, ऐतिह्य तथा चेष्टा से प्राप्त किया जा सकता है। अयथार्थ अनुभव के तीन भेद हैं- (1) संशय, (2) विपर्यय तथा (3) तर्क। संदिग्ध ज्ञान को संशय, मिथ्या ज्ञान को विपर्यय एवं ऊह (संभावना) को तर्क कहते है। .

नई!!: मानसरोवर (कथा संग्रह) और अनुभव · और देखें »

यहां पुनर्निर्देश करता है:

मानसरोवर(कथा-संग्रह), मानसरोवर(कथासंग्रह)

निवर्तमानआने वाली
अरे! अब हम फेसबुक पर हैं! »