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लिसूतू
लिसूतू या लेसोथो (Lesotho, उच्चारण: लिसूतू) (आधिकारिक तौर पर 'लिसूतू किंगडम') एक लैंडलॉक और दक्षिण अफ्रीका गणतंत्र से चारों तरफ से घिरा हुआ देश है। महज 30,000 वर्ग किमी क्षेत्रफल वाले इस देस की अनुमानित जनसंख्या 1,800,000 है। देश की राजधानी और सबसे बड़ा शहर मासेरु है। यह राष्ट्रमंडल का सदस्य है। लेसोथो का अर्थ मोटे तौर पर 'सेसोथो बोलने वाले लोगों का देश" है। देश की 40% जनसंख्या अंतर्राष्ट्रीय गरीबी रेखा से नीचे 1.25 अमेरिकी डॉलर प्रतिदिन से कम आमदनी में गुजारा करती है। इसके पश्चिम और उत्तर में ऑरेंज फ्री स्टेट, पूर्व में नेटाल तथा पूर्वी ग्रीक्वालैंड तथा दक्षिण में केप प्रॉविंस हैं। यहाँ का औसत ताप लगभ १५.५ डिग्री सेल्सियस तथा जलवायु शुष्क है। लगभग ३० इंच वर्षा हाती हे। यहाँ बाँटू जाति के बासूतो लोग रहते हैं। इसकी पूर्वी सीमा पर १०,००० फुट ऊँचा 'द्राखेन्सबर्ग' नामक पठार है। ऑरेंज प्रमुख नदी है। मुख्यत: गेहूँ, मक्का, सोरघम, जौ, जई, फलियों (बीन), मटर एवं सब्जियों की उपज है। घोड़े, बंदर, भेड़, बकरे, खच्चर आदि प्रमुख पशु हैं। मसेरू यहाँ की राजधानी तथा रेलवे स्टेशन है। श्रेणी:लिसूतू श्रेणी:देश श्रेणी:अफ़्रीका श्रेणी:स्थलरुद्ध देश.
देखें मसेरू और लिसूतू
अफ़्रीका
अफ़्रीका वा कालद्वीप, एशिया के बाद विश्व का सबसे बड़ा महाद्वीप है। यह 37°14' उत्तरी अक्षांश से 34°50' दक्षिणी अक्षांश एवं 17°33' पश्चिमी देशान्तर से 51°23' पूर्वी देशान्तर के मध्य स्थित है। अफ्रीका के उत्तर में भूमध्यसागर एवं यूरोप महाद्वीप, पश्चिम में अंध महासागर, दक्षिण में दक्षिण महासागर तथा पूर्व में अरब सागर एवं हिन्द महासागर हैं। पूर्व में स्वेज भूडमरूमध्य इसे एशिया से जोड़ता है तथा स्वेज नहर इसे एशिया से अलग करती है। जिब्राल्टर जलडमरूमध्य इसे उत्तर में यूरोप महाद्वीप से अलग करता है। इस महाद्वीप में विशाल मरुस्थल, अत्यन्त घने वन, विस्तृत घास के मैदान, बड़ी-बड़ी नदियाँ व झीलें तथा विचित्र जंगली जानवर हैं। मुख्य मध्याह्न रेखा (0°) अफ्रीका महाद्वीप के घाना देश की राजधानी अक्रा शहर से होकर गुजरती है। यहाँ सेरेनगेती और क्रुजर राष्ट्रीय उद्यान है तो जलप्रपात और वर्षावन भी हैं। एक ओर सहारा मरुस्थल है तो दूसरी ओर किलिमंजारो पर्वत भी है और सुषुप्त ज्वालामुखी भी है। युगांडा, तंजानिया और केन्या की सीमा पर स्थित विक्टोरिया झील अफ्रीका की सबसे बड़ी तथा सम्पूर्ण पृथ्वी पर मीठे पानी की दूसरी सबसे बड़ी झीलहै। यह झील दुनिया की सबसे लम्बी नदी नील के पानी का स्रोत भी है। कुछ इतिहासकारों का मानना है कि इसी महाद्वीप में सबसे पहले मानव का जन्म व विकास हुआ और यहीं से जाकर वे दूसरे महाद्वीपों में बसे, इसलिए इसे मानव सभ्यता की जन्मभूमि माना जाता है। यहाँ विश्व की दो प्राचीन सभ्यताओं (मिस्र एवं कार्थेज) का भी विकास हुआ था। अफ्रीका के बहुत से देश द्वितीय विश्व युद्ध के बाद स्वतंत्र हुए हैं एवं सभी अपने आर्थिक विकास में लगे हुए हैं। अफ़्रीका अपनी बहुरंगी संस्कृति और जमीन से जुड़े साहित्य के कारण भी विश्व में जाना जाता है। .
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