मनकामेश्वर महादेव, ठाकुर जी विराजमान मंदिर,ब्रह्मचारी घाट पीलीभीत (U.P)। मनकामेश्वर महादेव-Mankameshwar Mahadev- मान्यता के अनुसार यहां पूजन-अर्चन से सभी प्रकार की मनोकामनाएं पूरी होती हैं। खकरा- देवह (देवःआहुति गंगा) नदीयों के पावन संगम के किनारे ब्रह्मचारी घाट पर भगवान कामेश्वर का प्राचीन तीर्थ है, जिन्हें शिव का पर्याय माना जाता है। जहां शिव होते हैं, वहां निश्चित रूप से मनकामेश्वरी अर्थात पार्वती का भी वास होता है। इसीलिए यहां भैरव, यक्ष, किन्नर आदि गण भी विराजते हैं। धनेश्वर महादेव-Dhaneshwar mahadev- मंदिर के प्रांगण में ही धनेश्वर महादेव का मंदिर है जिसकी मान्यता नेपाल तक है। धनेश्वर महादेव अन्न दान से शीघ्र प्रसन्न हो जाते है। धनेश्वर महादेव की कृपा से भक्तों को कभी धन की कमी नही होती है एवं अकस्मात धनप्राप्ति के योग बनते हैं। शास्त्रों में कहा गया है कि हाथी का दान घोड़े के दान से श्रेष्ठ है। हाथी के दान से भूमि दान, भूमि के दान से तिलों का दान, तिलों के दान से स्वर्ण का दान तथा स्वर्ण के दान से अन्न का दान श्रेष्ठ है। अन्न दान के बराबर कोई दान नहीं है। अन्नदान से देवता, पितर और मनुष्य तीनों तृप्त हो जाते हैं। शास्त्रों में इसको कन्यादान के बराबर माना है। महादेव के इन दो रूपों धनेश्वर और मनकामेश्वर महादेव के चमत्कार को उनके दरबार में आने के बाद ही महसूस किया जा सकता है.