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भुरीवाले

सूची भुरीवाले

सतगुरु ब्रह्म् सागर जी महाराज (भुरीवाले) सतगुरु ब्रह्म् सागर जी महाराज (भुरीवाले) का जन्म गांव: रामपुर तहसील: श्री आन्द्पुर साहिब, जिला: रुपनगर (पंजाब) मे हुआ था। आप बड़े ही तेजस्वी संत थे |आप भुरीवाले (गरिबदासी) साम्प्रदा के संस्थापक भी थे | आप जी का उप नाम भुरीवाले के नाम से प्रसिद्ध हुआ| आप अक्सर एक काली कम्बली ओड़ा रखते थे जिसे पंजाबी भाषा में भूरी कहते है |आपने ने अपने जीवन काल में कई चमत्कार किये तथा आचार्य गरीब दास जी की अमृत वाणी का प्रचार पंजाब, हिमाचल तथा हरियाणा में किया | आप अपने जीवन में सतगुरु गरीब दास जी के जन्म स्थान छुडानी धाम जिला:झज्जर (हरियाणा) को बड़ा ही उच्च स्थान देते थे | आप ने पंजाब के पछडे इलाके में गरीब दास जी की बानी से लोगो को अच्छे संस्कार दिए जिस से वेह एक अच्छे इंसान बन सके | आप के आचार्य श्री गरीबदास जी की बानी का निचोड़ जो की एक आरती के रूप में है जिस में प्राथना प्रमुख है जो आज हर गरीबदासी संधिया के समय बड़े ही आदर तथा प्रेम के साथ करते है |आप ने आचार्य श्री गरीबदास जी के भव्य विशाल मंदिर का निर्माण छुडानी धाम में आपने सामने करवाया तथा लोगो को वाणी के ज्ञान से जुड़ने की सलाह दी |आज इन की साम्प्रदा में इन के सुयोग्य शिष्य स्वामी लाल दास जी के नाम पर उनके उतराधिकारी स्वामी ब्रह्मानंद जी भुरीवालो ने समाज कल्याण के लिए रोपड़, होशिअरपुर, नवा शहर तथा हिमाचल प्रदेश के कई इलाको में गरीब लोगो के लिए हस्पताल, स्कुल तथा कई डिग्री कॉलेज भी खोले, इस के साथ साथ गौ की रक्षा के लिए कई गौशाल्ल्ये भी खोली |जिस को महाराज भुरीवाले ट्रस्ट द्वारा सुचालू रूप से वर्तमान गुरगद्दीनशीं वेदांत आचार्य स्वामी चेतना नन्द जी भुरीवाले बड़े ही सुचालू रूप से चला रहे है तथा समाज कल्याण हेतु कई कार्य भी कर रहे है | आप भी अपनी गुरु परम्परा की तरह आचार्य श्री गरीबदास जी महाराज की वाणी का प्रचार देश में ही नहीं बल्कि विदेशो में भी फैला रहे है | .

1 संबंध: पंजाब (भारत)

पंजाब (भारत)

पंजाब (पंजाबी: ਪੰਜਾਬ) उत्तर-पश्चिम भारत का एक राज्य है जो वृहद्तर पंजाब क्षेत्र का एक भाग है। इसका दूसरा भाग पाकिस्तान में है। पंजाब क्षेत्र के अन्य भाग (भारत के) हरियाणा और हिमाचल प्रदेश राज्यों में हैं। इसके पश्चिम में पाकिस्तानी पंजाब, उत्तर में जम्मू और कश्मीर, उत्तर-पूर्व में हिमाचल प्रदेश, दक्षिण और दक्षिण-पूर्व में हरियाणा, दक्षिण-पूर्व में केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ और दक्षिण-पश्चिम में राजस्थान राज्य हैं। राज्य की कुल जनसंख्या २,४२,८९,२९६ है एंव कुल क्षेत्रफल ५०,३६२ वर्ग किलोमीटर है। केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ पंजाब की राजधानी है जोकि हरियाणा राज्य की भी राजधानी है। पंजाब के प्रमुख नगरों में अमृतसर, लुधियाना, जालंधर, पटियाला और बठिंडा हैं। 1947 भारत का विभाजन के बाद बर्तानवी भारत के पंजाब सूबे को भारत और पाकिस्तान दरमियान विभाजन दिया गया था। 1966 में भारतीय पंजाब का विभाजन फिर से हो गया और नतीजे के तौर पर हरियाणा और हिमाचल प्रदेश वजूद में आए और पंजाब का मौजूदा राज बना। यह भारत का अकेला सूबा है जहाँ सिख बहुमत में हैं। युनानी लोग पंजाब को पैंटापोटाम्या नाम के साथ जानते थे जो कि पाँच इकठ्ठा होते दरियाओं का अंदरूनी डेल्टा है। पारसियों के पवित्र ग्रंथ अवैस्टा में पंजाब क्षेत्र को पुरातन हपता हेंदू या सप्त-सिंधु (सात दरियाओं की धरती) के साथ जोड़ा जाता है। बर्तानवी लोग इस को "हमारा प्रशिया" कह कर बुलाते थे। ऐतिहासिक तौर पर पंजाब युनानियों, मध्य एशियाईओं, अफ़ग़ानियों और ईरानियों के लिए भारतीय उपमहाद्वीप का प्रवेश-द्वार रहा है। कृषि पंजाब का सब से बड़ा उद्योग है; यह भारत का सब से बड़ा गेहूँ उत्पादक है। यहाँ के प्रमुख उद्योग हैं: वैज्ञानिक साज़ों सामान, कृषि, खेल और बिजली सम्बन्धित माल, सिलाई मशीनें, मशीन यंत्रों, स्टार्च, साइकिलों, खादों आदि का निर्माण, वित्तीय रोज़गार, सैर-सपाटा और देवदार के तेल और खंड का उत्पादन। पंजाब में भारत में से सब से अधिक इस्पात के लुढ़का हुआ मीलों के कारख़ाने हैं जो कि फ़तहगढ़ साहब की इस्पात नगरी मंडी गोबिन्दगढ़ में हैं। .

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