यह सबसे प्राचीनतम राजवंश था। महाभारत तथा पुराणों के अनुसार जरासंध के पिता तथा चेदिराज वसु के पुत्र ब्रहद्रथ ने ब्रहद्रथ वंश की स्थापना की। इस वंश में दस राजा हुए जिसमें ब्रहद्रथ पुत्र जरासंध एवं प्रतापी सम्राट था। जरासंध ने काशी, कौशल, चेदि, मालवा, विदेह, अंग, वंग, कलिंग, कश्मीर और गांधार राजाओं को पराजित किया। मथुरा शासक कंस ने अपनी बहन की शादी जरासंध से की तथा ब्रहद्रथ वंश की राजधानी वशुमति या गिरिव्रज या राजगृह को बनाई। भगवान श्रीकृष्ण की सहायता से पाण्डव पुत्र भीम ने जरासंध को द्वन्द युद्ध में मार दिया। उसके बाद उसके पुत्र सहदेव को शासक बनाया गया। इस वंश का अन्तिम राजा रिपुन्जय था। रिपुन्जय को उसके दरबारी मंत्री पूलिक ने मारकर अपने पुत्र को राजा बना दिया। इसके बाद एक अन्य दरबारी ‘महीय’ ने पूलिक और उसके पुत्र की हत्या कर अपने पुत्र बिम्बिसार को गद्दी पर बैठाया। ईसा पूर्व ६०० में ब्रहद्रथ वंश को समाप्त कर एक नये राजवंश की स्थापना हुई। पुराणों के अनुसार मनु के पुत्र सुद्युम्न के पुत्र का ही नाम “गया" था। श्रेणी:बिहार का इतिहास श्रेणी:बिहार के राजवंश श्रेणी:भारत का इतिहास श्रेणी:राजवंश श्रेणी:ओड़िशा का इतिहास.