सामग्री की तालिका
11 संबंधों: ऊष्मा चालकता, ऊष्मा धारिता, नारंगी, प्रयोगशाला, बोरॉन ट्राईऑक्साइड, सिलिका, सीमेंट, घनत्व, आपेक्षिक विद्युतशीलता, क्वथन नली, अपवर्तनांक।
- पारदर्शी पदार्थ
- बोरॉन यौगिक
ऊष्मा चालकता
भौतिकी में, ऊष्मा चालकता (थर्मल कण्डक्टिविटी) पदार्थों का वह गुण है जो दिखाती है कि पदार्थ से होकर ऊष्मा आसानी से प्रवाहित हो सकती है या नहीं। ऊष्मा चालकता को k, λ, या κ से निरूपित करते हैं। जिन पदार्थों की ऊष्मा चालकता अधिक होती है उनसे होकर समान समय में अधिक ऊष्मा प्रवाहित होती है (यदि अन्य परिस्थितियाँ, जैसे ताप का अन्तर, पदार्थ की लम्बाई और क्षेत्रफल आदि समान हों)। जिन पदार्थों की ऊष्मा चालकता बहुत कम होती हैं उन्हें ऊष्मा का कुचालक (थर्मल इन्सुलेटर) कहा जाता है। ऊष्मा चालकता के व्युत्क्रम (रेसिप्रोकल) को उष्मा प्रतिरोधकता (thermal resistivity) कहते हैं। .
देखें बोरोसिलिकेट काँच और ऊष्मा चालकता
ऊष्मा धारिता
किसी पदार्थ के द्रव्यमान का ताप एक डिग्री सेल्सियस बढ़ाने के लिए आवश्यक ऊष्मा की मात्रा को उस पदार्थ की ऊष्मा धारिता (Heat capacity) कहते हैं। इस भौतिक राशि का एस आई मात्रक जूल प्रति केल्विन (J/K) है। ऊष्मा धारिता की विमा है। सूत्र के रूप में, जहाँ, C पदार्थ की ऊष्मा-धारिता है। .
देखें बोरोसिलिकेट काँच और ऊष्मा धारिता
नारंगी
नारंगी एक फल, उसके पेङ तथा सम्बंधित रंग को कहते हैं।.
देखें बोरोसिलिकेट काँच और नारंगी
प्रयोगशाला
उन्नीसवीं शताब्दी के भौतिकशास्त्री एवं रसायनज्ञ माइकल फैराडे अपनी प्रयोगशाला में जैव रसायन प्रयोगशाला प्रयोगशाला एक ऐसी सुविधा (कक्ष, भवन या स्थान) को कहते हैं, जो वैज्ञानिक अनुसंधान, प्रयोग एवं मापन के लिए आवश्यक माहौल प्रदान करता है। .
देखें बोरोसिलिकेट काँच और प्रयोगशाला
बोरॉन ट्राईऑक्साइड
बोरॉन ट्राईऑक्साइड बोरॉन के ऑक्साइड होते हैं। .
देखें बोरोसिलिकेट काँच और बोरॉन ट्राईऑक्साइड
सिलिका
बालू या रेत सिलिका या सिलिकॉन डाईऑक्साइड (Silica, SiO2), खनिज सिलिकन और ऑक्सीजन के योग से बना है। यह निम्नलिखित खनिजों के रूप में मिलता है: १.
देखें बोरोसिलिकेट काँच और सिलिका
सीमेंट
सीमेंट का उपयोग। सीमेंट आधुनिक भवन निर्माण मे प्रयुक्त होने वाली एक प्राथमिक सामग्री है। सीमेंट मुख्यतः कैल्शियम के सिलिकेट और एलुमिनेट यौगिकों का मिश्रण होता है, जो कैल्शियम ऑक्साइड, सिलिका, एल्यूमीनियम ऑक्साइड और लौह आक्साइड से निर्मित होते हैं। सीमेंट बनाने कि लिये चूना पत्थर और मृत्तिका (क्ले) के मिश्रण को एक भट्ठी में उच्च तापमान पर जलाया जाता है और तत्पश्चात इस प्रक्रिया के फल:स्वरूप बने खंगर (क्लिंकर) को जिप्सम के साथ मिलाकर महीन पीसा जाता है और इस प्रकार जो अंतिम उत्पाद प्राप्त होता है उसे साधारण पोर्टलैंड सीमेंट (सा.पो.सी.) कहा जाता है। भारत में, सा.पो.सी.
देखें बोरोसिलिकेट काँच और सीमेंट
घनत्व
भौतिकी में किसी पदार्थ के इकाई आयतन में निहित द्रव्यमान को उस पदार्थ का घनत्व (डेंसिटी) कहते हैं। इसे ρ या d से निरूपित करते हैं। अर्थात अतः घनत्व किसी पदार्थ के घनेपन की माप है। यह इंगित करता है कि कोई पदार्थ कितनी अच्छी तरह सजाया हुआ है। इसकी इकाई किग्रा प्रति घन मीटर होती है। .
देखें बोरोसिलिकेट काँच और घनत्व
आपेक्षिक विद्युतशीलता
किसी पदार्थ की विद्युतशीलता तथा निर्वात की विद्युतशीलता के अनुपात को उस पदार्थ की आपेक्षिक विद्युतशीलता (relative permittivity) कहते हैं। पहले इसे 'परावैद्युतांक' (dielectric constant) कहते थे किन्तु अब मानक संस्थाओं ने यह शब्द त्याग दिया है। .
देखें बोरोसिलिकेट काँच और आपेक्षिक विद्युतशीलता
क्वथन नली
क्वथन नली लगभग परखनली की तरह दिखती है। क्वथन नली एक प्रकार का गर्म करने हेतु एक नली है। यह परखनली की तरह ही होता है, लेकिन उससे 50% अधिक बड़ा होता है। साथ ही इसमें अधिक ताप पर इसे गर्म भी किया जा सकता है। इसे मुख्यतः गर्म करने हेतु ही बनाया गया है। इसमें रासायनिक अभिक्रिया के दौरान तरल पदार्थ में विस्फोट भी हो जाता है। इसमें बुलबुले और गैस के निकलने हेतु पर्याप्त जगह नहीं होता है। .
देखें बोरोसिलिकेट काँच और क्वथन नली
अपवर्तनांक
एक माध्यम से दूसरे माध्यम में जाने पर प्रकाश की किरण सीधी न जाकर अभिलम्ब की तरफ या अभिलम्ब से दूर मुड़ जाती है। अभिलम्ब की तरफ मुड़ेगी या अभिलम्ब से दूर जायेगी - यह दोनों माध्यमों के अपवर्तनांक पर निर्भर करता है। किसी बिन्दु से निकलने वाले वेवफ्रॉण्ट जब कम अपवर्तनांक वाले माध्यम से अधिक अपवर्तनांक वाले माध्यम में प्रवेश करते हैं तो उनमें परिवर्तन होता है। ऊपर वाले वेवफ्रॉण्ट पूर्णतः वृत्ताकार हैं जबकि नीचे वाले वृत्ताकार न होकर लगभग अतिपरवलय के आकार के हैं। किसी माध्यम (जैसे जल, हवा, कांच आदि) का अपवर्तनांक (रिफ्रैक्टिव इण्डेक्स) वह संख्या है जो बताती है कि उस माध्यम में विद्युतचुम्बकीय तरंग (जैसे प्रकाश) की चाल किसी अन्य माध्यम की अपेक्षा कितने गुना कम या अधिक है। यदि प्रकाश के सन्दर्भ में बात करें तो सोडा-लाइम कांच का अपवर्तनांक लगभग 1.5 है जिसका अर्थ यह है कि कांच में प्रकाश की चाल निर्वात में प्रकाश की चाल की अपेक्षा 1.5 गुना कम अर्थात (1/1.5 .
देखें बोरोसिलिकेट काँच और अपवर्तनांक
यह भी देखें
पारदर्शी पदार्थ
- कैल्साइट
- जर्मेनियम(IV) ऑक्साइड
- नाइट्रोसेलूलोज
- नीलम
- पारदर्शिता और पारभासकता
- पॉलीएथिलीन
- पॉलीमेथिल मेथाक्रिलेट
- बर्फ़
- बोरोसिलिकेट काँच
- सेलोफेन
- सेल्यूलोज एसिटेट
- हीरा
बोरॉन यौगिक
- बोरॉन ट्राईऑक्साइड
- बोरॉन सबऑक्साइड
- बोरोन कार्बाइड
- बोरोन ट्राइक्लोराइड
- बोरोन ट्राइफ्लोराइड
- बोरोन नाइट्राइड
- बोरोसिलिकेट काँच
बोरोसिलिकेट के रूप में भी जाना जाता है।