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बुरीरम प्रान्त

सूची बुरीरम प्रान्त

बुरीरम थाईलैण्ड का एक प्रान्त है। यह देश के पूर्वोत्तरी भाग (ईसान क्षेत्र) में खोरात पठार के दक्षिणी भाग पर स्थित है। इस क्षेत्र में कई मृत ज्वालामुखी हैं। प्रान्त की दक्षिणपूर्वी सीमाएँ कम्बोडिया से लगती हैं। .

सामग्री की तालिका

  1. 10 संबंधों: थाई भाषा, थाईलैण्ड, थाईलैण्ड के प्रान्त, लाओ भाषा, संस्कृत भाषा, ज्वालामुखी, ईसान, ख्मेर भाषा, खोरात पठार, कम्बोडिया

थाई भाषा

थाई भाषा (थाई: ภาษาไทย) थाईलैंड की मातृभाषा और राष्ट्रभाषा है और यहाँ के ९५% लोग यही भाषा बोलते हैं। .

देखें बुरीरम प्रान्त और थाई भाषा

थाईलैण्ड

श्यामदेश (थाईलैण्ड) जिसका प्राचीन भारतीय नाम श्यामदेश है दक्षिण पूर्वी एशिया में एक देश है। इसकी पूर्वी सीमा पर लाओस और कम्बोडिया, दक्षिणी सीमा पर मलेशिया और पश्चिमी सीमा पर म्यानमार है। थाईलैण्ड को सियाम के नाम से भी जाना जाता है जो ११ मई, १९४९ तक थाईलैण्ड का अधिकृत नाम था। थाई शब्द का अर्थ थाई भाषा में आज़ाद होता है। यह शब्द थाई नागरिको के सन्दर्भ में भी इस्तेमाल किया जाता है। इस वजह से कुछ लोग विशेष रूप से यहाँ बसने वाले चीनी लोग, थाईलैंड को आज भी सियाम नाम से पुकारना पसन्द करते हैं। थाईलैण्ड की राजधानी बैंकाक है। .

देखें बुरीरम प्रान्त और थाईलैण्ड

थाईलैण्ड के प्रान्त

थाईलैण्ड एक एकात्मक राज्य है जो प्रशासनिक रूप से ७६ प्रान्तों में बांटा गया है। थाई भाषा में यह "चंगवत" (थाई: จังหวัด, changwat) कहलाते हैं। इनके अलावा राष्ट्रीय राजधानी बैंकॉक को एक विशेष प्रशासनिक क्षेत्र में सम्मिलित किया गया है। .

देखें बुरीरम प्रान्त और थाईलैण्ड के प्रान्त

लाओ भाषा

लाओ या लाओतियन ताई-कादाई भाषा-परिवार की भाषा है। यह लाओस की आधिकारिक भाषा है, इसके अलावा यह थाईलैंड के उत्तरपूर्वी क्षेत्रों में बोली जाती है, जहां इसे इशान भाषा कहते हैं। लाओ भाषा अबुगिडा लिपि में लिखी जाती है। आधिकारिक मानक नहीं होने की वजह से वियतनामी बोली मानक बन गई है। श्रेणी:भाषाएँ श्रेणी:ताई-कादाई भाषाएँ श्रेणी:विश्व की प्रमुख भाषाएं श्रेणी:ताई भाषाएँ.

देखें बुरीरम प्रान्त और लाओ भाषा

संस्कृत भाषा

संस्कृत (संस्कृतम्) भारतीय उपमहाद्वीप की एक शास्त्रीय भाषा है। इसे देववाणी अथवा सुरभारती भी कहा जाता है। यह विश्व की सबसे प्राचीन भाषा है। संस्कृत एक हिंद-आर्य भाषा हैं जो हिंद-यूरोपीय भाषा परिवार का एक शाखा हैं। आधुनिक भारतीय भाषाएँ जैसे, हिंदी, मराठी, सिन्धी, पंजाबी, नेपाली, आदि इसी से उत्पन्न हुई हैं। इन सभी भाषाओं में यूरोपीय बंजारों की रोमानी भाषा भी शामिल है। संस्कृत में वैदिक धर्म से संबंधित लगभग सभी धर्मग्रंथ लिखे गये हैं। बौद्ध धर्म (विशेषकर महायान) तथा जैन मत के भी कई महत्त्वपूर्ण ग्रंथ संस्कृत में लिखे गये हैं। आज भी हिंदू धर्म के अधिकतर यज्ञ और पूजा संस्कृत में ही होती हैं। .

देखें बुरीरम प्रान्त और संस्कृत भाषा

ज्वालामुखी

तवुर्वुर का एक सक्रिय ज्वालामुखी फटते हुए, राबाउल, पापुआ न्यू गिनिया ज्वालामुखी पृथ्वी की सतह पर उपस्थित ऐसी दरार या मुख होता है जिससे पृथ्वी के भीतर का गर्म लावा, गैस, राख आदि बाहर आते हैं। वस्तुतः यह पृथ्वी की ऊपरी परत में एक विभंग (rupture) होता है जिसके द्वारा अन्दर के पदार्थ बाहर निकलते हैं। ज्वालामुखी द्वारा निःसृत इन पदार्थों के जमा हो जाने से निर्मित शंक्वाकार स्थलरूप को ज्वालामुखी पर्वत कहा जाता है। ज्वालामुखी का सम्बंध प्लेट विवर्तनिकी से है क्योंकि यह पाया गया है कि बहुधा ये प्लेटों की सीमाओं के सहारे पाए जाते हैं क्योंकि प्लेट सीमाएँ पृथ्वी की ऊपरी परत में विभंग उत्पन्न होने हेतु कमजोर स्थल उपलब्ध करा देती हैं। इसके अलावा कुछ अन्य स्थलों पर भी ज्वालामुखी पाए जाते हैं जिनकी उत्पत्ति मैंटल प्लूम से मानी जाती है और ऐसे स्थलों को हॉटस्पॉट की संज्ञा दी जाती है। भू-आकृति विज्ञान में ज्वालामुखी को आकस्मिक घटना के रूप में देखा जाता है और पृथ्वी की सतह पर परिवर्तन लाने वाले बलों में इसे रचनात्मक बल के रूप में वर्गीकृत किया जाता है क्योंकि इनसे कई स्थलरूपों का निर्माण होता है। वहीं, दूसरी ओर पर्यावरण भूगोल इनका अध्ययन एक प्राकृतिक आपदा के रूप में करता है क्योंकि इससे पारितंत्र और जान-माल का नुकसान होता है। .

देखें बुरीरम प्रान्त और ज्वालामुखी

ईसान

ईसान या फाक ईसान (थाई: ภาคอีสาน) थाईलैण्ड का पूर्वोत्तरी भाग है। इसका नाम संस्कृत व पालि के ऐशान शब्द से उत्पन्न हुआ है, जिसका अर्थ "पूर्वोत्तर" होता है। थाईलैण्ड में देश को एक छह-क्षेत्रीय विभाजन में देखा जाना सबसे अधिक प्रचलित है और उस विधि के अनुसार यह देश का सबसे बड़ा क्षेत्र है। इसका अधिकांश भाग खोरात पठार पर स्थित है। उत्तर और पूर्व में मीकांग नदी इसे लाओस देश से अलग करती है जबकि दक्षिण में यह कम्बोडिया के साथ सीमावर्ती है। पश्चिम में फेत्चबून पहाड़ियाँ इसे उत्तरी और मध्य थाईलैण्ड से अलग करती है। .

देखें बुरीरम प्रान्त और ईसान

ख्मेर भाषा

ख्मेर (ភាសាខ្មែរ) या कम्बोडियाई भाषा, खमेर जाति की भाषा है। यह कम्बोडिया की अधिकारिक भाषा भी है। वियतनामी भाषा के बाद यह सर्वाधिक बोली जाने वाली ऑस्ट्रो-एशियाई भाषा (Austroasiatic language) है। हिन्दू और बौद्ध धर्म के के कारण खमेर भाषा पर संस्कृत और पालि का गहरा प्रभाव है। .

देखें बुरीरम प्रान्त और ख्मेर भाषा

खोरात पठार

खोरात पठार, जो कोरात पठार भी कहलाता है, पूर्वोत्तरी थाईलैण्ड के ईसान क्षेत्र में एक पठार है। इसका नाम नखोन रात्चासीमा के नाम के संक्षिप्तिकरण से बना है। .

देखें बुरीरम प्रान्त और खोरात पठार

कम्बोडिया

कंबोडिया जिसे पहले कंपूचिया के नाम से जाना जाता था दक्षिण पूर्व एशिया का एक प्रमुख देश है जिसकी आबादी १,४२,४१,६४० (एक करोड़ बयालीस लाख, इकतालीस हज़ार छे सौ चालीस) है। नामपेन्ह इस राजतंत्रीय देश का सबसे बड़ा शहर एवं इसकी राजधानी है। कंबोडिया का आविर्भाव एक समय बहुत शक्तिशाली रहे हिंदू एवं बौद्ध खमेर साम्राज्य से हुआ जिसने ग्यारहवीं से चौदहवीं सदी के बीच पूरे हिन्द चीन (इंडोचायना) क्षेत्र पर शासन किया था। कंबोडिया की सीमाएँ पश्चिम एवं पश्चिमोत्तर में थाईलैंड, पूर्व एवं उत्तरपूर्व में लाओस तथा वियतनाम एवं दक्षिण में थाईलैंड की खाड़ी से लगती हैं। मेकोंग नदी यहाँ बहने वाली प्रमुख जलधारा है। कंबोडिया की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से वस्त्र उद्योग, पर्यटन एवं निर्माण उद्योग पर आधारित है। २००७ में यहाँ केवल अंकोरवाट मंदिर आनेवाले विदेशी पर्यटकों की संख्या ४० लाख से भी ज्यादा थी। सन २००७ में कंबोडिया के समुद्र तटीय क्षेत्रों में तेल एवं गैस के विशाल भंडार की खोज हुई, जिसका व्यापारिक उत्पादन सन २०११ से होने की उम्मीद है जिससे इस देश की अर्थव्यवस्था में काफी परिवर्तन होने की अपेक्षा की जा रही है। .

देखें बुरीरम प्रान्त और कम्बोडिया