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बांग्लादेश के प्रधानमंत्री

सूची बांग्लादेश के प्रधानमंत्री

गणप्रजातंत्र बांग्लादेश के प्रधानमंत्री (बांग्ला:বাংলাদেশের প্রধানমন্ত্রী, बाड़्ग्लादेशेर प्रोधानमोन्त्री), बांग्लादेश के राजप्रमुख के तौर पर स्थापित एक राजनैतिक पद है। बांग्लादेश की मंत्रीपरिषद शासित अथवा संसदीय सरकारी व्यवस्था में बांग्लादेश के राष्ट्रप्रमुख बांग्लादेश के राष्ट्रपति, राष्ट्रप्रमुख, वहीं, प्रधानमंत्री, सरकार प्रमुख अथवा राजप्रमुख होते हैं। प्रधानमंत्री व मंत्री परिषद सम्मिलित रूप से देश को प्रशासित एवं सरकारी तंत्र को नियंत्रित करते हैं। प्रधानमंत्री, मंत्रीपरिषद के प्रमुख होते हैं जो मिलकर सरकार की नीति निर्धारित करती है एवं राष्ट्रीय संसद के समक्ष निर्वाचित सरकार की नीतियों को प्रस्तुत करती है। साथ ही, समस्त मंत्रीपरिषद, सदन में सरकार की योजना व नीतियों की प्रस्तुति बचाव के लिए जिम्मेदार होते हैं। प्रधानमंत्री बांग्लादेश की एकसदनीय राष्ट्रीय संसद में बहुमत दल के नेता एवं सदन में सत्तापक्ष के नेता भी हैं। प्रधानमंत्री को कार्यकाल की शपथ बांग्लादेश के राष्ट्रपति द्वारा दिलाई जाती है। .

30 संबंधों: एकसदनीयता, ढाका, ताजुद्दीन अहमद, प्रधानमन्त्री, प्रधानमंत्री कार्यालय (बांग्लादेश), प्रोटोकॉल, फ़ख़रुद्दीन अहमद, फज़्लुल हक, बहुमत, बांग्लादेश, बांग्लादेश का संविधान, बांग्लादेश के प्रधानमंत्रीगण की सूची, बांग्लादेश के राष्ट्रपति, बांग्लादेश के राजनैतिक दल, बांग्लादेश की मंत्रिसभा, बांग्लादेश की राजनीति, बांग्लादेश की संसद, बांग्लादेश अवामी लीग, बांग्लादेशी संविधान में संशोधनों की सूची, बाङ्ला भाषा, मंत्री, शेरेबांग्ला नगर थाना, शेख हसीना, सरकार, संसदीय प्रणाली, खालिदा ज़िया, गणभवन, आपातकाल (भारत), इयाजुद्दीन अहमद, अप्रत्यक्ष निर्वाचन

एकसदनीयता

सरकारी व्यवथाओं में एकसदनीयता (unicameralism) उस विधि को कहते हैं जिसमें विधायिका (legislature) में एक सदन हो। उदाहरण के लिये भारत के गुजरात राज्य में एक-सदन की विधान सभा ही है (यानि विधान परिषद है ही नहीं)। राष्ट्रीय स्तर पर भारत में द्विसदनीयता (bicameralism) है क्योंकि भारतीय संसद में लोक सभा व राज्य सभा को अलग रखा गया है, लेकिन फ़िलिपीन्स जैसे कुछ देशों में एकसदनीय संसदें हैं। .

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ढाका

ढाका (बांग्ला: ঢাকা) बांग्लादेश की राजधानी है। बूढ़ी गंगा नदी के तट पर स्थित यह देश का सबसे बड़ा शहर है। राजधानी होने के अलावा यह बांग्लादेश का औद्यौगिक और प्रशासनिक केन्द्र भी है। यहाँ पर धान, गन्ना और चाय का व्यापार होता है। ढाका की जनसंख्या लगभग 1.1 करोड़ है (२००१ की जनसंख्या: ९,०००,०२)) जो इसे दुनिया के ग्यारहवें सबसे बड़ी जनसंख्या वाले शहर का दर्जा भी दिलाता है। ढाका का अपना इतिहास रहा है और इसे दुनिया में मस्जिदों के शहर के नाम से जाना जाता है। मुगल सल्तनत के दौरान इस शहर को १७ वीं सदी में जहांगीर नगर के नाम से भी जाना जाता था, यह न सिर्फ प्रादेशिक राजधानी हुआ करती थी बल्कि यहाँ पर निर्मित होने वाले मलमल के व्यापार में इस शहर का पूरी दुनिया में दबदबा था। आधुनिक ढाका का निर्माण एवं विकास ब्रिटिश शासन के दौरान उन्नीसवीं शताब्दी में हुआ और जल्द ही यह कोलकाता के बाद पूरे बंगाल का दूसरा सबसे बड़ा शहर बन गया। भारत विभाजन के बाद १९४७ में ढाका पूर्वी पाकिस्तान की प्रशासनिक राजधानी बना तथा १९७२ में बांग्लादेश के स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में अस्तित्व में आने पर यह राष्ट्रीय राजधानी घोषित हुआ। आधुनिक ढाका देश की राजनीति, अर्थव्यवस्था, एवं संस्कृति का मुख्य केन्द्र है। ढाका न सिर्फ देश का सबसे साक्षर (६३%) शहर है- - बल्कि बांग्लादेश के शहरों में सबसे ज्यादा विविधता वाला शहर भी है। हालांकि आधुनिक ढाका का शहरी आधारभूत ढांचा देश में सबसे ज्यादा विकसित है परंतु प्रदूषण, यातायात कुव्यवस्था, गरीबी, अपराध जैसी समस्यायें इस शहर के लिए बड़ी चुनौतियां हैं। सारे देश से लोगों का ढाका की ओर पलायन भी सरकार के लिए एक बड़ी समस्या का रूप लेता जा रहा है। .

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ताजुद्दीन अहमद

ताजुद्दीन अहमद, (बांग्ला: তাজউদ্দীন আহমদ) (जुलाई 23, 1925 – नवंबर 3, 1975) एक बांग्लादेशी राजनयिक और स्वतंत्रता सेनानी थे। उन्होंने बांग्लादेश के प्रथम प्रधानमंत्री के रूप में युद्धकालीन अंतरिम सरकार का मुक्ति युद्ध में निर्णायक नेतृत्व किया था। उन्हें बांग्लादेश के जन्म एवं स्वतंत्रता के सबसे प्रभावशाली, निर्णायक एवं सूत्रधारी शख़्सियतों में गिना जाता है। 1971 में अंतरिम सरकार के उनके नेतृत्व नें बांग्लादेशी राष्ट्रवादियों के विभिन्न राजनीतिक, सामरिक, जातिगत एवं सांस्कृतिक खेमों को एकजुट कर दिया था। .

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प्रधानमन्त्री

प्रधानमंत्री एक ऐसा राजनेता होता है जो कि सरकार की कार्यकारिणी शाखा का संचालन करता है। सामान्यतः, प्रधानमंत्री अपने देश की संसद का सदस्य भी होता है। भारत में प्रधानमन्त्री या अन्य कोई मन्त्री छः माह तक बिना संसद सदस्य रहते हुए भी पद पर बने रह सकते हैं लेकिन उन्हे छः महीने के अन्दर संसद के किसी भी सदन का सदस्य बनना पडेगा। अगर प्रधानमन्त्री या मन्त्री इस अवधि में संसद के सदस्य बनने में विफल रहते हैं तो उन्हे त्यागपत्र देना पडेगा। लेकिन इसका यह अर्थ कदापि नहीं कि हर बार छ: माह के लिए आप सदन के सदस्य न रहते हुए भी मन्त्री पद पर आसीन रहे। इस सम्बन्ध में उच्चतम न्यालय का निर्णय अत्यन्त महत्वपूर्ण है। भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री वर्ष २०१४ में निर्वाचित श्री नरेन्द्र मोदी हैं जो भारतीय जनता पार्टी के सदस्य तथा वाराणसी से सांसद हैं। .

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प्रधानमंत्री कार्यालय (बांग्लादेश)

गणप्रजातंत्री बांग्लादेश का प्रधानमंत्री कर्यालय या सहजतः प्रधानमंत्री कार्यालय(প্রধানমন্ত্রীর কার্যালয়, उच्चारण:प्रोधानमोन्त्रीर् कार्एयालाॅयो, Prime Minister's Office (PMO), प्राइम मिनिस्टरस् ऑफिस (पीएमओ)), एक सरकारी प्रशासनिक कार्यालय है जो ढाका महानगर के व्यस्ततम् क्षेत्र तेजगाँव में स्थित है। यह बांग्लादेश के/की प्रधानमंत्री की व्यक्तिगत अधिकारिणी है, जिसे अकसर, कई मायनों में सरकार के एक मंत्रालय के रूप में भी देखा जाता है। इसकी जिम्मेदारी, सरकार के अन्य मंत्रालयी कार्यालयों के बीच विभिन्न मुद्दों पर समन्वयक संबंध बरकरार रखना। यह प्रधानमंत्री को कार्यकारिणी, सुरक्षा व अन्य प्रकार के सहयोग प्रदान करती है एवं प्रधानमंत्री को अपने दैनिक कार्यों में सहायता करती है। यह गुप्त मामलों (आसूचना) व गैर सरकारी संगठनों को नियंत्रित करता है, और प्रोटोकॉल(नवाचार) एवं समारोहों की व्यवस्था भी करता है। अन्य ऐसे भवनों के विरुद्ध, बांग्लादेश के/की प्रधानमंत्री का यह कार्यालय केवल कार्यालय ही है, उनका निवासी स्थान नहीं। प्रधानमंत्री का आधिकारिक निवास, ढाका के शेर-ए-बांग्ला नगर का गणभवन है। .

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प्रोटोकॉल

कोई विवरण नहीं।

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फ़ख़रुद्दीन अहमद

फकरुद्दीन अहमद, (बांग्ला:ফাকরুদ্দীন আহমেদ, जन्म 1 मई 1940) एक बांग्लादेशी अर्थशास्त्री, नौकरशाह और बांग्लादेश बैंक (बांग्लादेश का केंद्रीय बैंक) के गवर्नर थे। 12 जनवरी 2007 को उन्हें, राजनीतिक संकट के बीच, निष्पक्ष अंतरिम सरकार का मुख्य सलाहकार नियुक्त किया गया था। वे इस पद पर तकरीबन 2 वर्ष तक विराजमान रहे, जोकि साधारण कार्यकाल से कहीं अधिक है। तत्पश्चात 29 दिसंबर 2008 को साधारण चुनाव घोषित किए गए और अवामी लीग सत्ता पर काबिज हुई। .

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फज़्लुल हक

न्यायमूर्ति मोहम्मद फज्लुल हक (ম., जन्म 1938) बांग्लादेश की सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश थे, जिन्होंने 2007 में सामयिक के मुख्य सचिव के रूप में कार्य किया था। .

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बहुमत

बहुमत (plurality या majority) शब्द का प्रयोग मतदान (वोंटिंग) के सन्दर्भ में किया जाता है। सामान्यतः जो प्रत्याशी सर्वाधिक मत प्राप्त करता है उसे 'बहुत मिला है' कहते हैं।.

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बांग्लादेश

बांग्लादेश गणतन्त्र (बांग्ला) ("गणप्रजातन्त्री बांग्लादेश") दक्षिण जंबूद्वीप का एक राष्ट्र है। देश की उत्तर, पूर्व और पश्चिम सीमाएँ भारत और दक्षिणपूर्व सीमा म्यान्मार देशों से मिलती है; दक्षिण में बंगाल की खाड़ी है। बांग्लादेश और भारतीय राज्य पश्चिम बंगाल एक बांग्लाभाषी अंचल, बंगाल हैं, जिसका ऐतिहासिक नाम “বঙ্গ” बंग या “বাংলা” बांग्ला है। इसकी सीमारेखा उस समय निर्धारित हुई जब 1947 में भारत के विभाजन के समय इसे पूर्वी पाकिस्तान के नाम से पाकिस्तान का पूर्वी भाग घोषित किया गया। पूर्व और पश्चिम पाकिस्तान के मध्य लगभग 1600 किमी (1000 मील) की भौगोलिक दूरी थी। पाकिस्तान के दोनों भागों की जनता का धर्म (इस्लाम) एक था, पर उनके बीच जाति और भाषागत काफ़ी दूरियाँ थीं। पश्चिम पाकिस्तान की तत्कालीन सरकार के अन्याय के विरुद्ध 1971 में भारत के सहयोग से एक रक्तरंजित युद्ध के बाद स्वाधीन राष्ट्र बांग्लादेश का उदभव हुआ। स्वाधीनता के बाद बांग्लादेश के कुछ प्रारंभिक वर्ष राजनैतिक अस्थिरता से परिपूर्ण थे, देश में 13 राष्ट्रशासक बदले गए और 4 सैन्य बगावतें हुई। विश्व के सबसे जनबहुल देशों में बांग्लादेश का स्थान आठवां है। किन्तु क्षेत्रफल की दृष्टि से बांग्लादेश विश्व में 93वाँ है। फलस्वरूप बांग्लादेश विश्व की सबसे घनी आबादी वाले देशों में से एक है। मुसलमान- सघन जनसंख्या वाले देशों में बांग्लादेश का स्थान 4था है, जबकि बांग्लादेश के मुसलमानों की संख्या भारत के अल्पसंख्यक मुसलमानों की संख्या से कम है। गंगा-ब्रह्मपुत्र के मुहाने पर स्थित यह देश, प्रतिवर्ष मौसमी उत्पात का शिकार होता है और चक्रवात भी बहुत सामान्य हैं। बांग्लादेश दक्षिण एशियाई आंचलिक सहयोग संस्था, सार्क और बिम्सटेक का प्रतिष्ठित सदस्य है। यह ओआइसी और डी-8 का भी सदस्य है।.

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बांग्लादेश का संविधान

गणप्रजातंत्र बांग्लादेश का संविधान(গণপ্রজাতন্ত্রী বাংলাদেশের সংবিধান, सीधा लिप्यांतरण:गणप्रजातंत्री बांलादेशेर संविधान, उच्चारण:गाॅनोप्रोजातोन्त्री बांलादेशेर् शाॅम्बिधान्) स्वतंत्र, स्वतः स्वाधीन व सर्वसंप्रभुतासम्पन्न बांग्लादेशी राष्ट्र की सर्वोच्च विधि संहिता है। यह एक लिखित दस्तावेज़ है। सन १९७२ के नवंबर मास की 8 तारीख को बांग्लादेश की राष्ट्रीय संसद में यह संविधान अपनी गई एवं उसी वर्ष के १६ दिसंबर को अर्थात् बांग्लादेश की विजय दिवस की प्रथम वर्षगाँठ होते यह कार्यान्वित हुई। मूल संविधान अंग्रेज़ी भाषा में रचित है एवं इसका बंगाली में अनुवाद कराया गया है। तभी यह बांग्ला व अंग्रेज़ी दोनो भाषाओं में विद्यमान है। अंग्रेज़ी व बंगाली के मध्य अर्थगत विरोध दृश्यमान होने पर बंगाली संस्करण अनुसरणीय होगी। १७ सितंबर; वर्ष २०१४ के सोलहवें संशोधन सहित यह संविधान सर्वमत १६ बार संशोधित हुई है। यह संविधान के संशोधन हेतु राष्ट्रीय संसदीय सदस्यों की कुल संख्या की दो तिहाई भाग के मतों का प्रावधान है। हालाँकि, तेरहवें संशोधन रद्द करने के आदेश में बांग्लादेश की सर्वोच्च न्यायालय ने यह निर्णय दिया है की, संविधान की मूल ढाँचा परिवर्तित हो, ऐसी संशोधन नहीं किया जाएगा; लाने पर यह अधिकार क्षेत्र से परे होगा अतः अमान्य होगा। बांग्लादेश का संविधान केवल बांग्लादेश की सर्वोच्च विधि संहिता ही नहीं है; संविधान में बांग्लादेश की नामक राष्ट्रीय चरित्र वर्णित की गई है। इसमें बांग्लादेश की भौगोलिक सीमारेखा विस्तृत है। इस संविधान में दिये गए मूल ढाँचे के अनुसार: देश प्रजातांत्रिक होगा, गणतंत्र होगी इसकी प्रशासनिक नींव, जनगणन होंगे देश के सर्व शक्तियों के स्रोत और न्यायपालिका स्वतंत्रत होगी। गनगण सर्व शक्तियों के स्रोत होने पर भी देश में विधि शासन(कानून का शासन होगा)। बांग्लादेश के संविधान में राष्ट्रवाद, समाजवाद, गणतंत्र व धर्मनिरपेक्षता को राष्ट्र परिचालन के मूल सिद्धांतों के रूप में अपनाया गया है। .

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बांग्लादेश के प्रधानमंत्रीगण की सूची

बांग्लादेश के प्रधानमंत्री की पूरी सूची में वे लोग शामिल हैं जिन्होंने 1971 में बांग्लादेश के गठन के बाद प्रधानमंत्री बांग्लादेश के पद की शपथ ली। .

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बांग्लादेश के राष्ट्रपति

बांग्लादेश के राष्ट्रपति का पद गणप्रजातंत्री बांग्लादेश का सर्वोच्च संवैधानिक पद है। वर्तमान नियमों के अनुसार, राष्ट्रपति को बांग्लादेश की राष्ट्रीय संसद द्वारा, खुले चुनाव प्रक्रिया द्वारा निर्वाचित होते हैं। राष्ट्रपति, बांग्लादेश की कार्यपालिका न्यायपालिका एवं विधानपालिका के सर्व शाखाओं के, पारंपरिक, प्रमुख एवं बांग्लादेश के सारे सशस्त्र बलों के सर्वादिनायक हैं। इस पद पर नियुक्त प्रत्येक राष्ट्रपति का कार्यकाल 5 वर्ष होता है। संसदीय बहुमत द्वारा निर्वाचित होने के कारण इस पद पर साधारण तौर पर शासक दल के प्रतिनिधि ही चुने जाते हैं। हालाँकि, एक बार निर्वाचित हो चुके पदाधिकारी चुनाव में पुनः खड़े होने के लिए मुक्त होते हैं। वर्ष 1991 में संसदीय गणतंत्र की शुरुआत से पूर्व, राष्ट्रपति का चुनाव जनता के मतों द्वारा होता था। संसदीय प्रणाली के पुनर्स्थापन के पश्चात से यह पद मूलतः एक पारंपरिक पद रह गया है, जिसकी, विशेषतः कोई सार्थक कार्यकारी शक्तियाँ नहीं हैं। प्रत्येक संसदीय साधारण चुनाव के पश्चात संसद की प्रथम अधिवेशन में राष्ट्रपति अपना उद्घाधाटनी अभिभाषण देते हैं। प्रत्येक वर्ष के प्रथम संसदीय अधिवेशन में भी राष्ट्रपति अपना उद्घाटनी अभिभाषण देते हैं। इसके अतिरिक्त, संसद में पारित हुई किसी भी अधिनियम को कानून बनने के लिए राष्ट्रपति की स्वीकृति प्राप्त करना आवश्यक होता है। इसके अलावा राष्ट्रपति अपने विवेक पर क्षमादान भी दे सकते हैं। सन 1956 में संसद में नए कानून पारित किए, जिनके द्वारा राष्ट्रपति की, संसद के भंग होने के बाद की कार्यकारी शक्तियों को, संवैधानिक प्रावधानों के अंतर्गत बढ़ाया गया था। बांग्लादेश के राष्ट्रपति आधिकारिक तौर पर ढाका के बंगभवन में निवास करते हैं। कार्यकाल समाप्त होने के बाद भी वह अपने पद पर तब तक विराजमान रहते हैं जब तक उनका उत्तराधिकारी पद पर स्थापित नहीं हो जाता। .

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बांग्लादेश के राजनैतिक दल

बांग्लादेश, संवैधानिक रूप से एक बहुदलीय लोकतांत्रिक गणराज्य है, अर्थात्, सैद्धान्तिक रूप से बांग्लादेश में असंख्य राजनैतिक दल बनाये जा सकते हैं, तथा लोकतांत्रिक प्रक्रियानुसार राष्ट्रीय संसद में बहुमत प्राप्त करने वाले किसी भी दल या गठबंधन का, परवर्ती चुनाव तक, बांग्लादेश पर "शासन" करने का अधिकार होता है। बहरहाल, वर्त्तमान स्थिति में, बांग्लादेश एक "निकष्ट" द्विदलीय लोकतंत्र विकसित हो उठी है, जिसमें, दो प्रमुख राजनैतिक दल हैं, अवामी लीग और बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी। इसके अलावा अनेक छोटे दल भी हैं, जो यदा दोनों दलों से स्वतंत्र हैं, या दोनों में से किसी एक दल के साथ गठबंधन में हैं। .

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बांग्लादेश की मंत्रिसभा

बांग्लादेश की मंत्रीमंडल अथवा बांग्लादेश की मंत्रिसभा(বাংলাদেশের মন্ত্রিসভা, सटीक उच्चारण:बाड़्लादेशेर मोन्त्रीशाॅभा), बांग्लादेश की उच्चतम् शासनिक एवं निर्णयात्मक निकाय हैं। इसे बांग्लादेशी लहजे में, मंत्रिसभा(মন্ত্রিসভা) या कैबिनेट कहते हैं। प्रधानमंत्री व मंत्री परिषद सम्मिलित रूप से देश को प्रशासित एवं सरकारी तंत्र को नियंत्रित करते हैं। प्रधानमंत्री, मंत्रीपरिषद के प्रमुख होते हैं जो सम्मिलित रूप से शासन का परिचालन व सरकार की नीति निर्धारित करती है। इसके अतिरिक्त, सरकार के मंत्री, राष्ट्रीय संसद के समक्ष निर्वाचित सरकार की नीतियों की प्रस्तुती एवं सदन में सरकार की योजना व नीतियों के बचाव के लिए भी जिम्मेदार होती है। .

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बांग्लादेश की राजनीति

बांग्लादेश में राजनीति संविधान, में दिए गए संसदीय, प्रतिनिधित्व वादी लोकतांत्रिक, गणतांत्रिक प्रणाली के अंतर्गत होती है जिसके अनुसार: राष्ट्रपति बांग्लादेश के राष्ट्राध्यक्ष एवं बांग्लादेश के प्रधानमंत्री, सरकार एवं एक बहुदलीय जनतांत्रिक प्रणाली के प्रमुख होते हैं। कार्यकारी शक्तियाँ, बांग्लादेश की सरकार के अधिकारक्षेत्र के अंतर्गत आती हैं, एवं विधाई शक्तियां सरकार और संसद दोनों पर न्योछावर की गई हैं। इसके अलावा, बांग्लादेश में एक स्वतंत्र श्रेणीबद्ध न्यायपालिका भी है, जिसके शिखर पर बांग्लादेश की सर्वोच्च न्यायालय है। बांग्लादेश के संविधान को सन 1972 में लिखा गया था और तब से लेकर आज तक इसमें कुल 16 संशोधन किए गए हैं। .

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बांग्लादेश की संसद

राष्ट्रीय संसद या जातीय संसद(জাতীয় সংসদ., जातीयो शॉंशोद्), है जनप्रजातंत्र बांग्लादेश की सर्वोच्च विधाई सदन। इस एकसदनीय विधायिका के सदस्यों की कुल संख्या है 350। जिनमें 300 आसन जनता द्वारा प्रत्यक्ष रूप से निर्वाचित सांसदों के लिए होते हैं एवं अवशिष्ट 50 आसन महिलाओं के लिए आरक्षित हैं। आरक्षित आसनो के नारी सदस्यगण, पूर्वकथित 300 निर्वाचित सांसदों के मतों द्वारा परोक्ष निर्वाचन पद्धति से निर्वाचित होते हैं। निर्वाचित होती संसद की कार्यअवधि 5 वर्ष है। .

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बांग्लादेश अवामी लीग

बांग्लादेश अवामी लीग (बांग्ला: বাংলাদেশ আওয়ামী লীগ: उर्दु से शाब्दिक अनुवाद) बांग्लादेश की मुख्यधारा का एक प्रमुख धर्मनिरपेक्ष राजनीतिक दल है। यह 1971 के बांग्ला असंतोष और विद्रोह का एक महत्वपूर्ण राजनीतिक उत्प्रेरक रहा है। 1984 के बाद से दल का नेतृत्व स्वर्गीय शेख मुजीबुर्रहमान की बेटी शेख हसीना करती हैं। 16 दिसम्बर 1971 को एक स्वतंत्र बांग्लादेश के अस्तित्व मे आने के बाद से, अवामी लीग चार बार सत्ता मे आयी है और इसने लगभग साढ़े आठ तक बांग्लादेश पर शासन किया है। दिसंबर 2008 में हुये संसदीय चुनावों में, अवामी लीग के नेतृत्व मे बने विशाल गठबंधन जो चार राजनीतिक द्वारा मिल कर बनाया गया था, ने जीत हासिल की है। अवामी लीग ने संसदीय सीटों में से 87% सीटों पर विजय प्राप्त की है और साढ़े सात साल के बाद पार्टी एक बार फिर से सत्तासीन हुई है। .

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बांग्लादेशी संविधान में संशोधनों की सूची

बांग्लादेश के संविधान, बांग्लादेश की सर्वोच्च न्यायि संहिता है। इसे 4 नवंबर 1972 को पारित किया गया था। इसमें कुल 11 भाग, 153 अनुच्छेद और 27 अनुसूचियां हैं। इस संविधान में संशोधन का भी प्रावधान भी दिया गया है। संविधान का भाग 10- अनुच्छेद 142, संविधान में संशोधनों से संबंधित विषय को विस्तृत रूप से अंकित करता है। संविधान के प्रावधानों के अनुसार संविधान में संशोधन के लिए राष्ट्रीय संसद के सदस्यसमूह के दो तिहाई संख्या के सकारात्मक मत की आवश्यक बताई गई है। अर्थात्, संविधान में संशोधन तभी लाया जा सकता है जब राष्ट्रीय संसद की दो तिहाई बहुमत इसके पक्ष में अपना मत दे। 2016 की स्थिति अनुसार बांग्लादेश के संविधान में कुल 16 बार संशोधन किए गए हैं। .

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बाङ्ला भाषा

बाङ्ला भाषा अथवा बंगाली भाषा (बाङ्ला लिपि में: বাংলা ভাষা / बाङ्ला), बांग्लादेश और भारत के पश्चिम बंगाल और उत्तर-पूर्वी भारत के त्रिपुरा तथा असम राज्यों के कुछ प्रान्तों में बोली जानेवाली एक प्रमुख भाषा है। भाषाई परिवार की दृष्टि से यह हिन्द यूरोपीय भाषा परिवार का सदस्य है। इस परिवार की अन्य प्रमुख भाषाओं में हिन्दी, नेपाली, पंजाबी, गुजराती, असमिया, ओड़िया, मैथिली इत्यादी भाषाएँ हैं। बंगाली बोलने वालों की सँख्या लगभग २३ करोड़ है और यह विश्व की छठी सबसे बड़ी भाषा है। इसके बोलने वाले बांग्लादेश और भारत के अलावा विश्व के बहुत से अन्य देशों में भी फ़ैले हैं। .

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मंत्री

मंत्री आधुनिक राष्ट्रीय या क्षेत्रीय सरकारों का प्रमुख पद है। भारत में प्राचीनकाल में राजा को विविध विषयों पर सलाह देने के लिये नियुक्त व्यक्ति को मंत्री या सचिव कहा जाता था। .

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शेरेबांग्ला नगर थाना

शेरेबांग्ला नगर(बांग्ला:শেরেবাংলা নগর) बांग्लादेश की राजधानी ढाका का एक थाना है, यह ढाका का एक प्रमुख एवं अतिमहत्वपूर्ण क्षेत्र है, और बांग्लादेश की संसद का भवन(जातीय संसद भवन), बांग्लदेश का प्रधानमंत्री निवास(गणभवन) एवं सचिवालय समेत कई महत्वपूर्ण मंत्रालय व सरकारी कार्यालय यहाँ स्थित हैं। पाकिस्तान आंदोलन एवं बंगाली अस्मिता के महत्वपूर्ण व्यक्तिन्व, अबुल कासिम फज्लुल हक, जिन्हें शेर-ए-बांग्ला के नाम से भी जाना जाता था, के नाम पर इस क्षेत्र का नामकरण किया गया है। .

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शेख हसीना

शेख हसीना शेख हसीना (जन्म: २८ सितम्बर १९४७) बांगलादेश की वर्तमान प्रधानमंत्री हैं। वे बांलादेशे ९वीं राष्ट्रीय संसद के सरकारी पक्ष की प्रधान एवं बांग्लादेश अवामी लीग की नेत्री हैं। वे बांलादेश के महान स्वाधीनता संग्राम के प्रधान नेता तथा बांग्लादेश सरकार के प्रथम राष्ट्रपति राष्ट्रीय जनक बंगबन्धु शेख मुजीबुर्रहमान की पुत्री हैं। .

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सरकार

सरकार कुछ निश्चित व्यक्तियों का समूह होती है जो राष्ट्र तथा राज्यों में निश्चित काल के लिए तथा निश्चित पद्धति द्वारा शासन करता है। प्रायः इसके तीन अंग होते हैं - व्यवस्थापिका, कार्यपालिका तथा न्यायपालिका। सरकार के माध्यम से राज्य में राजशासन नीति लागू होती है। सरकार के तंत्र का अभिप्राय उस राजनितिक व्यवस्था से होता है जिसके द्वारा राज्य की सरकार को जाना जाता है। राज्य निरन्तर बदलती हुयी सरकारों द्वारा प्रशासित होते हैं। हर नई सरकार कुछ व्यक्तियों का समूह होती है जो राजनितिक फ़ैसले लेती है या उनपर नियन्त्रण रखती है। सरकार का कार्य नए कानून बनाना, पुराने कानूनों को लागू रखना तथा झगड़ों में मध्यस्थता करना होता है। कुछ समाजों में यह समूह आत्म-मनोनीत या वंशानुगत होता है। बाकी समाजों में, जैसे लोकतंत्र, राजनितिक भूमिका का निर्वाह निरन्तर बदलते हुये व्यक्तियों द्वारा किया जाता है। संसदीय पद्धति में सरकार का अभिप्राय राष्ट्रपतीय पद्धति के अधिशासी शाखा से होता है। इस पद्धति में राष्ट्र में प्रधान मन्त्री एवं मन्त्री परीषद् तथा राज्य में मुख्य मन्त्री एवं मन्त्री परीषद् होते हैं। पाश्चात् देशों में सरकार और तंत्र में साफ़ अन्तर है। जनता द्वारा सरकार का दोबारा चयन न करना इस बात को नहीं दर्शाता है कि जनता अपने राज्य के तंत्र से नाख़ुश है। लेकिन कुछ पूर्णवादी शासन पद्धतियों में यह भेद इतना साफ़ नहीं है। इसका कारण यह है कि वहाँ के शासक अपने फ़ायदे के लिये यह लकीर मिटा देते हैं। .

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संसदीय प्रणाली

संसदीय प्रणाली (parliamentary system) लोकतांत्रिक शासन की वह प्रणाली है जिसमें कार्यपालिका अपनी लोकतांत्रिक वैधता विधायिकता (संसद) से प्राप्त करती है तथा विधायिकता के प्रति उत्तरदायी होती है। इस प्रकार संसदीय प्रणाली में कार्यपालिका और विधायिका परस्पर सम्बन्धित (जुड़े हुए) होते हैं। इस प्रणाली में राज्य का मुखिया तथा सरकार का मुखिया अलग-अलग व्यक्ति होते हैं। भारत में संसदीय शासन प्रणाली है। इसके विपरीत अध्यक्षीय प्रणाली (presidential system) में प्रायः राज्य का अध्यक्ष सरकार (कार्यपालिका) का भी अध्यक्ष होता है। इससे भी अधिक महत्वपूर्ण यह है कि अध्यक्षीय प्रणाली में कार्यपालिका अपनी लोकतांत्रिक वैधता विधायिका से नहीं प्राप्त करती। शासन प्रणालियाँ लाल: अध्यक्षीय प्रणाली नारंगी: संसदीय प्रणाली हरा: संसदीय गणतंत्र जहाँ अध्यक्ष का चुनाव संसद करती है। श्रेणी:राजनीति विज्ञान.

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खालिदा ज़िया

खालेदा जिय़ा बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री हैं। इनका कार्यकाल 1991 से 1996 तक तथा 2001 से 2006 तक रहा। श्रेणी:बांग्लादेश के प्रधानमन्त्री.

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गणभवन

गणभवन(গণভবন, उच्चारण:गाॅनोभाॅबोन), बांग्लादेशकी राजधानी ढाका में जातीय संसद भवन के निकट स्थित एक भवन है। यह बांग्लादेश के प्रधानमंत्री का आधिकारिक निवास है। यह ढाका के शेर-ए-बांगला नगर क्षेत्र में, संसद भवन के उत्तरी कोने पर स्थित है। .

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आपातकाल (भारत)

प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी, जिन्होंने भारत के राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद से राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा करवाई। 26 जून 1975 से 21 मार्च 1977 तक का 21 महीने की अवधि में भारत में आपातकाल घोषित था। तत्कालीन राष्ट्रपति फ़ख़रुद्दीन अली अहमद ने तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी के कहने पर भारतीय संविधान की धारा 352 के अधीन आपातकाल की घोषणा कर दी। स्वतंत्र भारत के इतिहास में यह सबसे विवादास्पद और अलोकतांत्रिक काल था। आपातकाल में चुनाव स्थगित हो गए तथा नागरिक अधिकारों को समाप्त करके मनमानी की गई। इंदिरा गांधी के राजनीतिक विरोधियों को कैद कर लिया गया और प्रेस पर प्रतिबंधित कर दिया गया। प्रधानमंत्री के बेटे संजय गांधी के नेतृत्व में बड़े पैमाने पर नसबंदी अभियान चलाया गया। जयप्रकाश नारायण ने इसे 'भारतीय इतिहास की सर्वाधिक काली अवधि' कहा था। .

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इयाजुद्दीन अहमद

याजुद्दिन अहमद (बांग्ला: য়াজউদ্দিন আহম্মেদ) (१ फरवरी, 1931) के वर्तमान राष्ट्रपति बांग्लादेश की है और कार्यालय में 2002 के बाद से पैदा की गई है। जन्म है विक्रमपुर ढाका जिला, तत्कालीन बंगाल प्रांत, ब्रिटिश भारत में पैदा हुई थी (अब मुंशिगंज जिला, बांग्लादेश)। श्रेणी:1931 में जन्मे लोग.

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अप्रत्यक्ष निर्वाचन

अप्रत्यक्ष निर्वाचन (Indirect election), निर्वाचन की वह पद्धति है जिसमें किसी पद के लिए प्रत्याशी का चुनाव सीधे मतदाता नहीं करते बल्कि मतदाता उन लोगों का चुनाव करते हैं जो अन्ततः उन पदों के लिए प्रत्याशियों का चुनाव करेंगे। यह पद्धति, चुनाव की सबसे पुरानी पद्धतियों में से एक है और बहुत से देशों के उच्च सदनों के लिए तथा राष्ट्रपति का चुनाव अप्रत्यक्ष ही होता है। .

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

प्रधानमंत्री बांग्लादेश, बांग्लादेश का प्रधानमंत्री, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री, बांग्लादेशी प्रधानमंत्री

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