सामग्री की तालिका
5 संबंधों: चेतक, म्यान्मार, घोड़ा, विंडसर कासल, ओटावा।
चेतक
महाराणा प्रताप के सबसे प्रिय और प्रसिद्ध नीलवर्ण irani मूल के घोड़े का नाम चेतक था। चेतक अश्व गुजरातमे चोटीलाके पास भीमोरा गांवका था.
देखें बर्मीज़ (घोड़ी) और चेतक
म्यान्मार
म्यांमार यो ब्रह्मदेश दक्षिण एशिया का एक देश है। इसका आधुनिक बर्मी नाम 'मयन्मा' (မြန်မာ .
देखें बर्मीज़ (घोड़ी) और म्यान्मार
घोड़ा
घोड़ा, घोड़ी और उसका बच्चा घोड़े भी खेल में इस्तेमाल किया जाता है। घोड़ा या अश्व (Equus ferus caballus; ऐक़्वस फ़ेरस कैबेलस) ऐक़्वस फ़ेरस (Equus ferus) की दो अविलुप्त उपप्रजातियों में से एक हैं। वह एक विषम-उंगली खुरदार स्तनधारी हैं, जो अश्ववंश (ऐक़्वडी) कुल से ताल्लुक रखता हैं। घोड़े का पिछले ४५ से ५५ मिलियन वर्षों में एक छोटे बहु-उंगली जीव, ऐओहिप्पस (Eohippus) से आज के विशाल, एकल-उंगली जानवर में क्रम-विकास हुआ हैं। मनुष्यों ने ४००० ईसा पूर्व के आसपास घोड़ों को पालतू बनाना शुरू कर दिया, और उनका पालतूकरण ३००० ईसा पूर्व से व्यापक रूप से फैला हुआ माना जाता हैं। कैबेलस (caballus) उपप्रजाति में घोड़े पालतू बनाएँ जाते हैं, यद्यपि कुछ पालतू आबादियाँ वन में रहती हैं निरंकुश घोड़ो के रूप में। ये निरंकुश आबादियाँ असली जंगली घोड़े नहीं हैं, क्योंकि यह शब्द उन घोड़ो को वर्णित करने के लिए प्रयुक्त होता हैं जो कभी पालतू बनाएँ ही नहीं गएँ हो, जैसे कि विलुप्तप्राय शेवालस्की का घोड़ा, जो एक अलग उपप्रजाति हैं और बचा हुआ केवल एकमात्र असली जंगली घोड़ा हैं। वह मनुष्य से जुड़ा हुआ संसार का सबसे प्राचीन पालतू स्तनपोषी प्राणी है, जिसने अज्ञात काल से मनुष्य की किसी ने किसी रूप में सेवा की है। घोड़ा ईक्यूडी (Equidae) कुटुंब का सदस्य है। इस कुटुंब में घोड़े के अतिरिक्त वर्तमान युग का गधा, जेबरा, भोट-खर, टट्टू, घोड़-खर एवं खच्चर भी है। आदिनूतन युग (Eosin period) के ईयोहिप्पस (Eohippus) नामक घोड़े के प्रथम पूर्वज से लेकर आज तक के सारे पूर्वज और सदस्य इसी कुटुंब में सम्मिलित हैं। इसका वैज्ञानिक नाम ईक्वस (Equus) लैटिन से लिया गया है, जिसका अर्थ घोड़ा है, परंतु इस कुटुंब के दूसरे सदस्य ईक्वस जाति की ही दूसरों छ: उपजातियों में विभाजित है। अत: केवल ईक्वस शब्द से घोड़े को अभिहित करना उचित नहीं है। आज के घोड़े का सही नाम ईक्वस कैबेलस (Equus caballus) है। इसके पालतू और जंगली संबंधी इसी नाम से जाने जातें है। जंगली संबंधियों से भी यौन संबंध स्थापति करने पर बाँझ संतान नहीं उत्पन्न होती। कहा जाता है, आज के युग के सारे जंगली घोड़े उन्ही पालतू घोड़ो के पूर्वज हैं जो अपने सभ्य जीवन के बाद जंगल को चले गए और आज जंगली माने जाते है। यद्यपि कुछ लोग मध्य एशिया के पश्चिमी मंगोलिया और पूर्वी तुर्किस्तान में मिलनेवाले ईक्वस प्रज़्वेलस्की (Equus przwalski) नामक घोड़े को वास्तविक जंगली घोड़ा मानते है, तथापि वस्तुत: यह इसी पालतू घोड़े के पूर्वजो में से है। दक्षिण अफ्रिका के जंगलों में आज भी घोड़े बृहत झुंडो में पाए जाते है। एक झुंड में एक नर ओर कई मादाएँ रहती है। सबसे अधिक 1000 तक घोड़े एक साथ जंगल में पाए गए है। परंतु ये सब घोड़े ईक्वस कैबेलस के ही जंगली पूर्वज है और एक घोड़े को नेता मानकर उसकी आज्ञा में अपना सामाजिक जीवन व्यतीत करतेे है। एक गुट के घोड़े दूसरे गुट के जीवन और शांति को भंग नहीं करते है। संकटकाल में नर चारों तरफ से मादाओ को घेर खड़े हो जाते है और आक्रमणकारी का सामना करते हैं। एशिया में काफी संख्या में इनके ठिगने कद के जंगली संबंधी 50 से लेकर कई सौ तक के झुंडों में मिलते है। मनुष्य अपनी आवश्यकता के अनुसार उन्हे पालतू बनाता रहता है। .
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विंडसर कासल
विंड्सर कासल(Windsor Castle, ब्रिटिश उच्चारण:व़िन्ज़र् खास्ल्) अर्थात् विंड्सर किला, इंग्लैंड के बर्कशायर काउंटी के विंड्सर नामक स्थान में स्थित एक शाही किला है। यह वर्त्तमान समय में विश्व का विशालतम् रिहाइशी किला है, और इसे महारानी एलिज़ाबेथ द्वितीय द्वारा छुट्टियों में रहने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। लंदन के बकिंघम पैलेस के माफ़िक़ इस पर स्वामित्व भी ब्रिटिश राजमुकुट के पास है। इस आलिशान एवं ऐतिहासिक किले का अंग्रेज़ी तथा ब्रिटिश राजपरिवार के साथ बेहद लंबा एवं गहरा रिश्ता रहा है। इस किले को प्राथमिक तौर पर 11वीं सदी में इंग्लैंड पर नॉर्मल आक्रमण के दौरान, नॉर्मन सेना ने नेता विलियम द कॉंकरर ने बनवाया गया था। हेनरी प्रथम के समय से ही इस महल को इंग्लिस्तान तथा ब्रिटेन के सभी शासकों द्वारा उपयोग किया जाता रहा है और यह यूरोप का सबसे लंबे समय तक इस्तेमाल होने वाला किला है। इस महल को विश्व भर में अपनी आलिशान राजकीय महलों की वास्तुकला के लिए जाना जाता है जिसके लिए यह प्राथमिक आधुनिक काल के दौरान से ही प्रशंसा का पात्र रही है। यह किला, थेम्स नदीके पास एक पहाड़ी ऊंचाईपर स्थितहै और मूलतः इसे थेम्सके इस, सामरिक तौरपर, महत्वपूर्ण क्षेत्रपर नॉर्मल वर्चस्व बनाए रखनेहेतु बनाया गयाथा। इसे मूलतः मॉट एंड बेली शैलीमें एक पहाड़ीपर तीन प्रकोष्ठोंके साथ बनाया गयाथा, जिसे धीरे-धीरे पथरीली किलेबंदीसे बदल दिया गया। 13वीं सदीके शुरुआतमें इस किलेने प्रथम बैरन युद्धके दौरान लंबी घेराबंदीका भी सामना कियाथा। राजा हेनरी तृतीयने उसी सदीके मध्यमें इस किलेके भीतर एक अत्यंत आलीशान शाही महल बनवाया, जिसे एडवर्ड तृतीयने औरभी शानदार बनानेमें अपना योगदान दिया। एडवर्डद्वारा कियागया यह उदारीकरण-योजना, मध्यकालीन इंग्लैंडका बहुमूल्यतम् गैर-धार्मिक निर्माणयोजना बानी। एडवर्ड द्वारा बनाया गया डिजाइन पूरे शून्य कालके दौरान बरकरार रहा। इसबीच राजा हेनरी अष्टम और रानी एलिजाबेथ प्रथम ने इस किले का शाही दरबार, राजकीय मनोरंजन और अन्य महत्वपूर्ण राजनीतिक कार्यके लिए इस महल का अघिक उपयोग करना शुरू कर दिया। इस किलेने अंग्रेजी ग्रह युद्धकी उथल-पुथलका समयभी देखा, जब संसदीय बलों द्वारा इस महल को सैन्य मुख्यालय के रूप में इस्तेमाल किया गया था। साथ ही राजा चार्ल्स प्रथम को इसी महल में बंदी बना के रखा गया था। १६६० में राजतंत्र के पुनर्स्थापन के बाद चार्ल्स द्वितीय द्वारा इस किले का नवनिर्माण किया गया, इसमें शानदार बरूक शैली की इंटीरियर कलाकारी को जोड़ा गया, जिन्हें आज भी माना जाता है। 18वीं सदी में नज़रअंदाज़गी के बाद जॉर्ज तृतीय और चतुर्थ ने चार्ल्स द्वितीय के महल को नवनिर्मित करवाया जिसके कारण महलों की वर्तमान सजावट की गई, तत्पश्चात महारानी विक्टोरियाने भी कई छोटे-मोटे निर्माण करवाएं। द्वितीय विश्वयुद्ध में इस महल को शाही परिवार की पनाहगाह के रूप में इस्तेमाल किया गया था। आज के समय, इस किलेमें करीब 500 लोग रहते और काम करते हैं और यह विश्व का सबसे बड़ा रिहायशी एवं कार्यशील किला है। .
देखें बर्मीज़ (घोड़ी) और विंडसर कासल
ओटावा
ऊपर से: कनाडा की संसद, राष्ट्रीय युद्ध स्मारक, कनाडा की राष्टीय गैलरी, रिडो नहर ओटावा (Ottawa) कनाडा की राजधानी है। यह नगर कैनाडा में ओण्टेरियो प्रांत के कार्लटन प्रदेश में ओटावा नदी के दाहिने किनारे पर शोडयेर जलप्रपात के पास स्थित है। यह नगर माँट्रील से १५० किमी पश्चिम और टोरेंटो से ३२५ किमी उत्तर-पूर्व की ओर है। .
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