बचनेश का जन्म सं0-1932 में फर्रुखाबाद (उत्तर प्रदेश) में हुआ था। आपकी प्रतिभा बहुमुखी थी। यही कारण है कि आपने गद्य और पद्य दोनों में ही सफलता हासिल की। प्रमुख काव्य ग्रंथों में- नीति कुंडल, आनन्द लहरी, नवरत्न, मनोरंजिनी, बचनेश शतक, भारती भूषण, धर्म ध्वजा, धर्म पताका, युग भक्त, बचन विलास, ध्रुव चरित्र, विनोद, श्री शिव सुमिरिनी, शान्त समीर, शबरी और हरिदास उल्लेखनीय हैं। आपके ‘सैरन्ध्री’, प्रहलाद चरित्र, रामलीला और खून की होली नाटक तथा ‘नन्दाबाई’ व ‘लाल कुमारी’ उपन्यास भी पठनीय हैं। आपकी कविता में स्वाभाविकता के साथ व्यंग्य और परिहास का अच्छा पुट मिलता है। लक्ष्मी की निर्लज्जता कविता का आनन्द लीजिए, जो विनोद से उद्धृत है- .
2 संबंधों: फ़र्रूख़ाबाद, शबरी।
फ़र्रूख़ाबाद भारत के उत्तर प्रदेश का एक प्रमुख शहर एवं लोकसभा क्षेत्र है। फ़र्रूख़ाबाद जिला, उत्तर प्रदेश की उत्तर-पश्चिमी दिशा में स्थित है। इसका परिमाप १०५ किलो मीटर लम्बा तथा ६० किलो मीटर चौड़ा है। इसका क्षेत्रफल ४३४९ वर्ग किलो मीटर है, गंगा, रामगंगा, कालिन्दी व ईसन नदी इस क्षेत्र की प्रमुख नदियां हैं। यहाँ गंगा के पश्चिमी तट पर आबादी बहुत समय पहले से पायी जाती है। .
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श्रीराम को फल अर्पण करते हुए शबरी शबरी एक भिलनी थी.
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