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1 संबंध: प्राचीन रोम में धर्म।
- युवावस्था
प्राचीन रोम में धर्म
यूपीतेर- आकाश के देवता रोमन धर्म प्राचीन रोम नगर और इटली देश का सबसे मुख्य- और राजधर्म था। रोमन धर्म सामी धर्म बिलकुल नहीं था। वो एक भारोपीय (हिन्द-यूरोपीय) धर्म था। ये एक मूर्तिपूजक और बहुदेवतावादी धर्म था। इसमें एक अदृश्य ईश्वर की अवधारणा नहीं थी। ईसाई धर्म के राजधर्म बनने के बाद ईसाइयों ने इसपर प्रतिबंध लगा दिया। इसके बाद ये लुप्त हो गया। फिर भी, आज कल, कुछ यूरोपीय लोग सामी धर्म (यहूदी, ईसाई और ईस्लामी धर्म) छोड़ दिये और रोमन धर्म और दर्शन वापस चल चुके हैं। क्योंकि वे लोगों को लगता है कि रोमन धर्म ईसाई धर्म से अच्छा है और सहिष्णु भी। रोमन धर्म में कुछ बड़े, गहरे और मुक्त दर्शन हैं। रोमन लोग बहुत धार्मिक और आत्मिक लोग थे। इस धर्म के कई देवताओं के सम्तुल्य देवता प्राचीन यूनानी धर्म में, जर्मनिक धर्म, फ़ारसी धर्म और हिन्दू धर्म में मिलते हैं। इसका वजह है कि वे सब धर्म वैदिक और आर्य धर्म हैं। जैसे यूनानी, जर्मनिक, फ़ारसी और हिन्दू संस्कृति, रोमन संस्कृति और धर्म भारोपीय (हिन्द-यूरोपीय) ही थे। ये देवता और देवियाँ रोमन हैं। तुल्य हिन्दू देवता देवियाँ भी लेखे हुए हैं लेकिन 100% समान नहीं हैं। कुछ अलग भी है, मगर सच है कि रोमन ईश्वरीय परम्परा हिन्दु परम्परे से दूर नहीं है। रोमन और हिन्दू दोनों भारोपीय हैं, यानी बहन संस्कृतियाँ। .
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यह भी देखें
युवावस्था
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- रैगिंग