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फ़ूजीयामा

सूची फ़ूजीयामा

फ़ूजी पर्वत, जिसे फ़ूजी यामा ('यामा' का अर्थ जापानी भाषा में 'पर्वत' होता है) भी कहते हैं, जापान के होन्शू द्वीप पर स्थित एक ज्वालामुखी है जो जापान का सबसे ऊँचा पर्वत भी है। इस पर्वत का जापानी संस्कृति में विशेष स्थान है और इसे आदरपूर्वक फ़ूजी सान (यानि 'फ़ूजी जी') भी बुलाया जाता है। .

3 संबंधों: होन्शू, जापान, ज्वालामुखी

होन्शू

होक्काइदो का नक़्शा फ़ूजी पर्वत का दृश्य क्योतो शहर में गोकोगु जिन्जा मंदिर होन्शू (जापानी: 本州, अंग्रेज़ी: Honshu) जापान का सबसे बड़ा द्वीप है। यह त्सुगारु जलडमरू के पार होक्काइदो द्वीप से दक्षिण में, सेतो भीतरी सागर के पार शिकोकू द्वीप के उत्तर में और कानमोन जलडमरू के पार क्यूशू द्वीप से पूर्वोत्तर में स्थित है। होन्शू दुनिया का सातवा सबसे बड़ा द्वीप है और इंडोनीशिया के जावा द्वीप के बाद विश्व का दूसरा सर्वाधिक जनसँख्या वाला द्वीप भी है। जापान की राजधानी टोक्यो होन्शु के मध्य-पूर्व में स्थित है। होन्शू पर सन् २००५ में १०.३ करोड़ लोग रह रहे थे। इसका क्षेत्रफल २,२७,९६२ वर्ग किमी है, जो ब्रिटेन से ज़रा बड़ा है और भारत के उत्तर प्रदेश राज्य से ज़रा छोटा है।, Paul A. Tucci, Mathew T. Rosenberg, Visible Ink Press, 2009, ISBN 978-1-57859-215-9,...

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जापान

जापान, एशिया महाद्वीप में स्थित देश है। जापान चार बड़े और अनेक छोटे द्वीपों का एक समूह है। ये द्वीप एशिया के पूर्व समुद्रतट, यानि प्रशांत महासागर में स्थित हैं। इसके निकटतम पड़ोसी चीन, कोरिया तथा रूस हैं। जापान में वहाँ का मूल निवासियों की जनसंख्या ९८.५% है। बाकी 0.5% कोरियाई, 0.4 % चाइनीज़ तथा 0.6% अन्य लोग है। जापानी अपने देश को निप्पॉन कहते हैं, जिसका मतलब सूर्योदय है। जापान की राजधानी टोक्यो है और उसके अन्य बड़े महानगर योकोहामा, ओसाका और क्योटो हैं। बौद्ध धर्म देश का प्रमुख धर्म है और जापान की जनसंख्या में 96% बौद्ध अनुयायी है। .

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ज्वालामुखी

तवुर्वुर का एक सक्रिय ज्वालामुखी फटते हुए, राबाउल, पापुआ न्यू गिनिया ज्वालामुखी पृथ्वी की सतह पर उपस्थित ऐसी दरार या मुख होता है जिससे पृथ्वी के भीतर का गर्म लावा, गैस, राख आदि बाहर आते हैं। वस्तुतः यह पृथ्वी की ऊपरी परत में एक विभंग (rupture) होता है जिसके द्वारा अन्दर के पदार्थ बाहर निकलते हैं। ज्वालामुखी द्वारा निःसृत इन पदार्थों के जमा हो जाने से निर्मित शंक्वाकार स्थलरूप को ज्वालामुखी पर्वत कहा जाता है। ज्वालामुखी का सम्बंध प्लेट विवर्तनिकी से है क्योंकि यह पाया गया है कि बहुधा ये प्लेटों की सीमाओं के सहारे पाए जाते हैं क्योंकि प्लेट सीमाएँ पृथ्वी की ऊपरी परत में विभंग उत्पन्न होने हेतु कमजोर स्थल उपलब्ध करा देती हैं। इसके अलावा कुछ अन्य स्थलों पर भी ज्वालामुखी पाए जाते हैं जिनकी उत्पत्ति मैंटल प्लूम से मानी जाती है और ऐसे स्थलों को हॉटस्पॉट की संज्ञा दी जाती है। भू-आकृति विज्ञान में ज्वालामुखी को आकस्मिक घटना के रूप में देखा जाता है और पृथ्वी की सतह पर परिवर्तन लाने वाले बलों में इसे रचनात्मक बल के रूप में वर्गीकृत किया जाता है क्योंकि इनसे कई स्थलरूपों का निर्माण होता है। वहीं, दूसरी ओर पर्यावरण भूगोल इनका अध्ययन एक प्राकृतिक आपदा के रूप में करता है क्योंकि इससे पारितंत्र और जान-माल का नुकसान होता है। .

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

फ़ूजी पर्वत, फ्यूजीयामा

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