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प्रभाकर वामन ऊर्ध्वेरेषे

सूची प्रभाकर वामन ऊर्ध्वेरेषे

प्रभाकर वामन ऊर्ध्वेरेषे मराठी भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक आत्मकथा हरवलेले दिवस के लिये उन्हें सन् 1989 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित(मरणोपरांत) किया गया। .

सामग्री की तालिका

  1. 5 संबंधों: भारतीय, भारतीय साहित्य अकादमी, मराठी भाषा, हरवलेले दिवस, आत्मकथा

भारतीय

भारत देश के निवासियों को भारतीय कहा जाता है। भारत को हिन्दुस्तान नाम से भी पुकारा जाता है और इसीलिये भारतीयों को हिन्दुस्तानी भी कहतें है।.

देखें प्रभाकर वामन ऊर्ध्वेरेषे और भारतीय

भारतीय साहित्य अकादमी

भारत की साहित्य अकादमी भारतीय साहित्य के विकास के लिये सक्रिय कार्य करने वाली राष्ट्रीय संस्था है। इसका गठन १२ मार्च १९५४ को भारत सरकार द्वारा किया गया था। इसका उद्देश्य उच्च साहित्यिक मानदंड स्थापित करना, भारतीय भाषाओं और भारत में होनेवाली साहित्यिक गतिविधियों का पोषण और समन्वय करना है। .

देखें प्रभाकर वामन ऊर्ध्वेरेषे और भारतीय साहित्य अकादमी

मराठी भाषा

मराठी भारत के महाराष्ट्र प्रांत में बोली जानेवाली सबसे मुख्य भाषा है। भाषाई परिवार के स्तर पर यह एक आर्य भाषा है जिसका विकास संस्कृत से अपभ्रंश तक का सफर पूरा होने के बाद आरंभ हुआ। मराठी भारत की प्रमुख भाषओं में से एक है। यह महाराष्ट्र और गोवा में राजभाषा है तथा पश्चिम भारत की सह-राजभाषा हैं। मातृभाषियों कि संख्या के आधार पर मराठी विश्व में पंद्रहवें और भारत में चौथे स्थान पर है। इसे बोलने वालों की कुल संख्या लगभग ९ करोड़ है। यह भाषा 900 ईसवी से प्रचलन में है और यह भी हिन्दी के समान संस्कृत आधारित भाषा है। .

देखें प्रभाकर वामन ऊर्ध्वेरेषे और मराठी भाषा

हरवलेले दिवस

हरवलेले दिवस मराठी भाषा के विख्यात साहित्यकार प्रभाकर वामन ऊर्ध्वेरेषे द्वारा रचित एक आत्मकथा है जिसके लिये उन्हें सन् 1989 में मराठी भाषा के लिए मरणोपरांत साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

देखें प्रभाकर वामन ऊर्ध्वेरेषे और हरवलेले दिवस

आत्मकथा

आत्मकथा हिंदी गद्य की एक विधा है जिसमें लेखक अपनी ही कथा स्मृतियों के आधार पर लिखता है। आत्मकथा में निष्पक्षता जरूरी है। इसे काल्पनिक बातों और घटनाओं से बचाना भी जरूरी है और रोचकता भी बनाए रखने की जरूरी है। .

देखें प्रभाकर वामन ऊर्ध्वेरेषे और आत्मकथा