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प्रकाश वाल्व

सूची प्रकाश वाल्व

प्रकाश वाल्व या प्रकाश कपाट ऐसी युक्ति है जो किसी प्रकाश-स्रोत से निकलकर किसी लक्ष्य तक पहुँचने वाले प्रकाश की मात्रा को आवश्यकतानुसार परिवर्तित करने की सुविधा प्रदान करती है। संगणक स्क्रीन या वीडियो प्रक्षेपण (प्रोजेक्टर) में प्रयोग होने वाला पर्दा 'लक्ष्य' के कुछ उदाहरण हैं। प्रकाश वाल्व की क्रिया को प्राप्त करने के दो बुनियादी सिद्धांत हैं। पहला, लक्ष्य तक पहुँचने वाले प्रकाश का इसके मार्ग से विक्षेपण करके (एक परावर्तक प्रकाश वाल्व) और दूसरा प्रकाश को अवरुद्ध करके (एक पारगम्य प्रकाश वाल्व)। अवरुद्ध विधि का प्रयोग द्रव क्रिस्टल प्रादर्शी (LCDs) स्क्रीन, वीडियो प्रक्षेपक और पश्च-प्रक्षेपण टेलीविज़न में होता है। .

सामग्री की तालिका

  1. 4 संबंधों: द्रव क्रिस्टल प्रादर्शी, पश्च-प्रक्षेपण टेलीविज़न, प्रकाश, कंप्यूटर

  2. प्रकाशिकी
  3. प्रदर्शन प्रौद्योगिकी
  4. भौतिकी आधार

द्रव क्रिस्टल प्रादर्शी

एलसीडी घड़ी द्रव क्रिस्टल प्रादर्शी के विभिन्न स्तर द्रव क्रिस्टल प्रादर्शी ('लिक्विड क्रिस्टल डिस्प्ले', लघुरूप: LCD) एक प्रकार का डिस्प्ले (प्रादर्शी) है जो टेक्स्ट, छबि, विडियो आदि को एलेक्ट्रानिक विधि से प्रदर्शित करने के काम आता है। यह स्वयं कोई प्रकाश उत्पन्न नहीं करता बल्कि किसी दूसरे स्रोत से असके उपर पड़ने वाले प्रकाश को मॉडुलेट करता है। द्रव क्रिस्टल प्रादर्शी, द्रव क्रिस्टलों के विभिन्न आकृति वाले मूल अवयवों (एलिमेन्ट्स) से बना होता है। वाह्य विद्युत क्षेत्र के प्रभाव में ये द्रव क्रिस्टल अपना झुकाव (ओरिएण्टेशन) बदल देते हैं। इन क्रिस्टलों का ओरिएण्टेशन बदलने से इन पर पड़ने वाले प्रकाश के ध्रुवण भी बदलता है। जो उस क्रिस्टल-एलिमेन्ट की दृश्यता/अदृष्यता का निर्धारण करता है। इसी से ही कम्प्यूटर के मॉनिटर, टीवी, उपकरणों के पैनेल, तथा सामान्य जनजीवन में प्रयुक्त उपभोक्ता बस्तुओं (जैसे कैलकुलेटर, कलाई की घड़ियाँ आदि) के डिस्प्ले बनते हैं। हल्का होना, पोर्टेबल होना, कम बिजली से चलना, बड़ी आकृति में भी निर्माण में आसानी आदि इसकी प्रमुख विशेषताएं हैं। वस्तुत: यह एक "एलेक्ट्रानिक रीति से परिवर्तनीय प्रकाशीय युक्ति" (electronically-modulated optical device) है जो अनेकानेक एलिमेन्ट्स/पिक्सलों (pixels) से बनी होती है जिनमें द्रव क्रिस्टल से भरे होते हैं। .

देखें प्रकाश वाल्व और द्रव क्रिस्टल प्रादर्शी

पश्च-प्रक्षेपण टेलीविज़न

45 इंच जेनिथ सी आर टी पश्च-प्रक्षेपण टेलीविज़नपश्च-प्रक्षेपण टेलीविज़न या RPTV, बड़े पर्दे (स्क्रीन) वाले टेलीविज़न की प्रादर्शी प्रौद्योगिकी का एक प्रकार है। सन 2000 के दशक के मध्य तक अधिकांश बड़ी स्क्रीन वाले उपभोक्ता टेलीविज़न (100 इंच (2500 मिमी) स्क्रीन आकार वाले) पश्च-प्रक्षेपण प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करते थे। इसका एक भिन्नरूप वीडियो प्रक्षेपक (प्रोजेक्टर) है, जो इसी तरह की तकनीक का उपयोग करते हुए, दीवार पर टंगे पर्दे पर छवियों का प्रक्षेपण करता है। .

देखें प्रकाश वाल्व और पश्च-प्रक्षेपण टेलीविज़न

प्रकाश

सूर्य के प्रकाश से प्रकाशित एक मेघ प्रकाश एक विद्युतचुम्बकीय विकिरण है, जिसकी तरंगदैर्ध्य दृश्य सीमा के भीतर होती है। तकनीकी या वैज्ञानिक संदर्भ में किसी भी तरंगदैर्घ्य के विकिरण को प्रकाश कहते हैं। प्रकाश का मूल कण फ़ोटान होता है। प्रकाश की तीन प्रमुख विमायें निम्नवत है।.

देखें प्रकाश वाल्व और प्रकाश

कंप्यूटर

निजी संगणक कंप्यूटर (अन्य नाम - संगणक, कंप्यूटर, परिकलक) वस्तुतः एक अभिकलक यंत्र (programmable machine) है जो दिये गये गणितीय तथा तार्किक संक्रियाओं को क्रम से स्वचालित रूप से करने में सक्षम है। इसे अंक गणितीय, तार्किक क्रियाओं व अन्य विभिन्न प्रकार की गणनाओं को सटीकता से पूर्ण करने के लिए योजनाबद्ध तरीके से निर्देशित किया जा सकता है। चूंकि किसी भी कार्य योजना को पूर्ण करने के लिए निर्देशो का क्रम बदला जा सकता है इसलिए संगणक एक से ज्यादा तरह की कार्यवाही को अंजाम दे सकता है। इस निर्देशन को ही कम्प्यूटर प्रोग्रामिंग कहते है और संगणक कम्प्यूटर प्रोग्रामिंग भाषा की मदद से उपयोगकर्ता के निर्देशो को समझता है। यांत्रिक संगणक कई सदियों से मौजूद थे किंतु आजकल अभिकलित्र से आशय मुख्यतः बीसवीं सदी के मध्य में विकसित हुए विद्दुत चालित अभिकलित्र से है। तब से अबतक यह आकार में क्रमशः छोटा और संक्रिया की दृष्टि से अत्यधिक समर्थ होता गया हैं। अब अभिकलक घड़ी के अन्दर समा सकते हैं और विद्युत कोष (बैटरी) से चलाये जा सकते हैं। निजी अभिकलक के विभिन्न रूप जैसे कि सुवाह्य संगणक, टैबलेट आदि रोजमर्रा की जरूरत बन गए हैं। परंपरागत संगणकों में एक केंद्रीय संचालन इकाई (सीपीयू) और सूचना भन्डारण के लिए स्मृति होती है। संचालन इकाई अंकगणित व तार्किक गणनाओ को अंजाम देती है और एक अनुक्रमण व नियंत्रण इकाई स्मृति में रखे निर्देशो के आधार पर संचालन का क्रम बदल सकती है। परिधीय या सतह पे लगे उपकरण किसी बाहरी स्रोत से सूचना ले सकते है व कार्यवाही के फल को स्मृति में सुरक्षित रख सकते है व जरूरत पड़ने पर पुन: प्राप्त कर सकते हैं। एकीकृत परिपथ पर आधारित आधुनिक संगणक पुराने जमाने के संगणकों के मुकबले करोड़ो अरबो गुना ज्यादा समर्थ है और बहुत ही कम जगह लेते है। सामान्य संगणक इतने छोटे होते है कि मोबाइल फ़ोन में भी समा सकते है और मोबाइल संगणक एक छोटी सी विद्युत कोष (बैटरी) से मिली ऊर्जा से भी काम कर सकते है। ज्यादातर लोग “संगणकों” के बारे में यही राय रखते है कि अपने विभिन्न स्वरूपों में व्यक्तिगत संगणक सूचना प्रौद्योगिकी युग के नायक है। हालाँकि embedded system|सन्निहित संगणक जो कि ज्यादातर उपकरणों जैसे कि आंकिक श्रव्य वादक|एम.पी.३ वादक, वायुयान व खिलौनो से लेकर औद्योगिक मानव यन्त्र में पाये जाते है लोगो के बीच ज्यादा प्रचलित है। .

देखें प्रकाश वाल्व और कंप्यूटर

यह भी देखें

प्रकाशिकी

प्रदर्शन प्रौद्योगिकी

भौतिकी आधार