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पैरी नदी

सूची पैरी नदी

पैरी महानदी की सहायक नदी है। पैरी गरियाबंद तहसील की बिन्द्रानवागढ़ जमींदारी में स्थित भातृगढ़ पहाड़ी से निकलती है। उसके बाद उत्तर-पूर्व दिशा की ओर करीब ९६ कि॰मी॰ बहती हुई राजिम क्षेत्र में महानदी से मिलती है। पैरी नदी धमतरी और राजिम को विभाजित करती है। पैरी नदी के तट पर स्थित है राजीवलोचन मंदिर। राजिम में महानदी और सोंढुर नदियों का त्रिवेणी संगम-स्थल भी है। इसकी लम्बाई 90 किलोमीटर है तथा प्रवाह क्षेत्र 3,000 वर्ग मीटर है। .

10 संबंधों: धमतरी, पूर्व, महानदी, राजिम, राजीवलोचन मंदिर, संगम, सोंढुर नदी, उत्तर, ११ अगस्त, २००८

धमतरी

धमतरी भारत के छत्तीसगढ़ राज्य के धमतरी जिले में स्थित एक नगर है। यह धमतरी जिले का मुख्यालय भी है। यह 6 जुलाई 1998 में बना। यह महानदी के समीप रायपुर से ५५ किमी दक्षिण में स्थित है। यह रेलवे का अंतिम स्टेशन है। इसके समीपवर्ती क्षेत्रों में नहरों द्वारा सिंचाई होती है, जिससे कृषिक्षेत्र का यह केंद्र है। इसके अतिरिक्त समीपवर्ती जंगलों से इमारती लकड़ी, लाख तथा हरीतकी या हर्रा का व्यापार होता है। यहाँ धान कूटने, आटा पीसने और लाख बनाने के अनेक कारखानें हैं। यह शिक्षा का केंद्र भी है। यहाँ एक औद्योगिक स्कूल है। दक्षिण-पश्चिम में सीसे की खानें हैं। .

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पूर्व

east direction पूर्ण ब्रहामाण्ड को शुन्य माना गया है। शुन्या की आकृति ३६० अंश होकर गोलकार है। यहि नहीं इस अकाश म्ंड्ल में जितने भी गृह है वह लगभग गोल ही है। हमारी पृथ्वी भी गोलकार है। अगर गोलाकार है तो इसका आरम्भ कहां से होगा यह एक बहुत बड़ा प्रशन है जिसका उतर हितचिंतक एस्टरोलोजिकल इंस्टीयट के अनुसन्धान केन्द्र में प्रचार्या विकास ग्रोवर एव्ं डा;सनिया गर्ग के साथ अन्य सह्योगियो के मनन से मत इस प्रकार है कि- दिशा ग्यान को पुरातण वास्तु शास्त्रो में अति महत्वपूर्ण मान गया है।इसके बोध के बिना निर्माण को कुल्नाश तक घातक बताया गया है। अर्थात: श्ंडकु को स्थापित कर संक्राति के अनुसार इसकी छाया को राशि में प्रवेश के स्थान पर चिन्हित कर भुखन्ड पर भवन बनाने वालो के लिये भविषवानिययो का विवरण भी प्रपात होता है परन्तु समतय अनुसार इस विधि में कम्पास से धरती के चुम्वभकिया क्षेत्र प्रभाव का आंकलण आसान होने के कारण शंड्कु स्थपना क प्रचलण लगभग बन्द हो गया है। वास्तु में शंड्कु स्थापित कर दिशा क बेह्द विस्तृत एवं व्यापक अर्थ है।इन चिन्हो द्वारा भुमि के प्रभावित होने वाले खण्डोपर प्राभाव कर परीक्षण तथा शोधन करने के उपारान्त ही उसके ऊपर किये जाने वाले निर्माण आदि क निर्णय किय जात रहा है। Bold textपूर्व दिशा को अगर सधारण्त:देखे तो यह २२।५ अंश ईशान की ओर तथा २२।५ अंश अग्नेय की ओर कुल ४५ अंश होती है। एक कम्पास गुलाब पूर्व भूगोल में एक दिशा है।यह एक के चार प्रमुख दिशा में से एक है ओं या अंक, पश्चिम के विपरीत कम्पास और सही कोण उत्तर और दक्षिण के लिए हैं।पूर्व की ओर, जो पृथ्वी अपने अक्ष के बारे में rotates दिशा है और इसलिए जिसमें से सूर्य की वृद्धि करने के लिए प्रकट होता है जो सामान्य दिशा है। हालांकि, सूरज के खगोल विज्ञान में पूर्व की ओर विपरीत दिशा में रोटेशन के संबंध में है, तो यह जो से rotates दिशा है परिभाषित किया गया है। .

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महानदी

छत्तीसगढ़ तथा उड़ीसा अंचल की सबसे बड़ी नदी है। प्राचीनकाल में महानदी का नाम चित्रोत्पला था। महानन्दा एवं नीलोत्पला भी महानदी के ही नाम हैं। महानदी का उद्गम रायपुर के समीप धमतरी जिले में स्थित सिहावा नामक पर्वत श्रेणी से हुआ है। महानदी का प्रवाह दक्षिण से उत्तर की तरफ है। सिहावा से निकलकर राजिम में यह जब पैरी और सोढुल नदियों के जल को ग्रहण करती है तब तक विशाल रूप धारण कर चुकी होती है। ऐतिहासिक नगरी आरंग और उसके बाद सिरपुर में वह विकसित होकर शिवरीनारायण में अपने नाम के अनुरुप महानदी बन जाती है। महानदी की धारा इस धार्मिक स्थल से मुड़ जाती है और दक्षिण से उत्तर के बजाय यह पूर्व दिशा में बहने लगती है। संबलपुर में जिले में प्रवेश लेकर महानदी छ्त्तीसगढ़ से बिदा ले लेती है। अपनी पूरी यात्रा का आधे से अधिक भाग वह छत्तीसगढ़ में बिताती है। सिहावा से निकलकर बंगाल की खाड़ी में गिरने तक महानदी लगभग ८५५ कि॰मी॰ की दूरी तय करती है। छत्तीसगढ़ में महानदी के तट पर धमतरी, कांकेर, चारामा, राजिम, चम्पारण, आरंग, सिरपुर, शिवरी नारायण और उड़ीसा में सम्बलपुर, बलांगीर, कटक आदि स्थान हैं तथा पैरी, सोंढुर, शिवनाथ, हसदेव, अरपा, जोंक, तेल आदि महानदी की प्रमुख सहायक नदियाँ हैं। महानदी का डेल्टा कटक नगर से लगभग सात मील पहले से शुरू होता है। यहाँ से यह कई धाराओं में विभक्त हो जाती है तथा बंगाल की खाड़ी में मिल जाती है। इस पर बने प्रमुख बाँध हैं- रुद्री, गंगरेल तथा हीराकुंड। यह नदी पूर्वी मध्यप्रदेश और उड़ीसा की सीमाओं को भी निर्धारित करती है। .

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राजिम

राजिम का राजीव लोचन मंदिर राजिम छत्तीसगढ़ में महानदी के तट पर स्थित का प्रसिद्ध तीर्थ है। इसे छत्तीसगढ़ का 'प्रयाग' भी कहते हैं। यहाँ के प्रसिद्ध राजीव लोचन मंदिर में भगवान विष्णु प्रतिष्ठित हैं। प्रतिवर्ष यहाँ पर माघ पूर्णिमा से लेकर शिवरात्रि तक एक विशाल मेला लगता है। यहाँ पर महानदी, पैरी नदी तथा सोंढुर नदी का संगम होने के कारण यह स्थान छत्तीसगढ़ का त्रिवेणी संगम कहलाता है। संगम के मध्य में कुलेश्वर महादेव का विशाल मंदिर स्थित है। कहा जाता है कि वनवास काल में श्री राम ने इस स्थान पर अपने कुलदेवता महादेव जी की पूजा की थी। इस स्थान का प्राचीन नाम कमलक्षेत्र है। ऐसी मान्यता है कि सृष्टि के आरम्भ में भगवान विष्णु के नाभि से निकला कमल यहीं पर स्थित था और ब्रह्मा जी ने यहीं से सृष्टि की रचना की थी। इसीलिये इसका नाम कमलक्षेत्र पड़ा। राजिम को छत्तीसगढ़ का प्रयाग मानते हैं, यहाँ पैरी नदी, सोंढुर नदी और महानदी का संगम है। संगम में अस्थि विसर्जन तथा संगम किनारे पिंडदान, श्राद्ध एवं तर्पण किया जाता है। .

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राजीवलोचन मंदिर

राजिम में महानदी के तट पर छत्तीसगढ़ का प्रसिद्ध राजीव लोचन मंदिर स्थित है जहाँ पर भगवान विष्णु प्रतिष्ठित हैं। प्रतिवर्ष यहाँ पर माघ पूर्णिमा से लेकर शिवरात्रि तक एक विशाल मेला लगता है। यहाँ पर महानदी, पैरी नदी तथा सोंढुर नदी का संगम होने के कारण यह स्थान छत्तीसगढ़ का त्रिवेणी संगम कहलाता है। राजीवलोचन मंदिर एक विशाल आयताकार प्राकार के मध्य में बनाया गया है। भू-विन्यास योजना में यह मंदिर-महामण्डप, अन्तराल, गर्भगृह और प्रदक्षिणापथ, इन चार विशिष्ट अंगों में विभक्त है। .

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संगम

संगम के अन्य अर्थों के लिये यहां जाएं - संगम (बहुविकल्पी) संगम का अर्थ है मिलन, सम्मिलन। भूगोल में संगम उस जगह को कहते हैं जहाँ पानी की दो या दो से अधिक धाराएँ मिल रही होती हैं। जैसे इलाहाबाद में गंगा, यमुना (और, लोककथाओं के अनुसार, सरस्वती) के मिलन स्थल को त्रिवेणी संगम कहते हैं। .

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सोंढुर नदी

सोंढुर का वासतविक नाम मुचकुंदपुर था,वह कालंतर में वरत़़मान नाम मेचका है, और यह़ नाम राजा मुचकुंद के नाम पर पडा़,राजा मुचकुंद ने देवासुर संगराम मे देवताऔं की तरप से भाग लिया यह लडाई बहुत दिनों तक चलि और देंवताओं की जीत हुई,बरमहा आदि देंवताऔं ने राजा मुचकुंद काे वरदान मांगने कहा राजन ने लडाई से थककर गाढी निदरा का वर लिया और जो भी इस नींद से जगाने वाले को आंख खुलते ही भसम हो जाने क वर लिया,कालंतर दवापर में भगवान किसन ने कालयवन असुर को यहिं पर मरवाया ॉ सोंढुर नाले पर डैम बनने के कारण सोंढुर नाम परचलन मे आया है,,, .

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उत्तर

उत्तर दिशा - चार दिशाओं में से एक है। उत्तर दिशा "उ" अक्षर से संबोधित की जाती हैं। उत्तर का एक अन्य अर्थ है किसी सवाल का जवाब - जैसे कि प्रश्नोत्तर में। श्रेणी:दिशाएँ da:Kompasretning#Nord भारत उपमहाद्वीप के उत्तर में हिमालय है.

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११ अगस्त

11 अगस्त ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 223वाँ (लीप वर्ष में 224 वाँ) दिन है। साल में अभी और 142 दिन बाकी हैं। मंगलवार, बृहस्पतिवार या शनिवार के दिन इस तिथि के पड़ने की संभावना (400 वर्षों में 58 बार) कुछ अधिक होती है, बजाय रविवार या सोमवार के (57), तथा बुधवार या शुक्रवार को पड़ने की संभावना कुछ और कम (56) हो जाती है। .

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२००८

२००८ ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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