हम Google Play स्टोर पर Unionpedia ऐप को पुनर्स्थापित करने के लिए काम कर रहे हैं
निवर्तमानआने वाली
🌟हमने बेहतर नेविगेशन के लिए अपने डिज़ाइन को सरल बनाया!
Instagram Facebook X LinkedIn

पुरुषोत्तमदेव (वैयाकरण)

सूची पुरुषोत्तमदेव (वैयाकरण)

पुरुषोत्तमदेव बहुत बड़े वैयाकरण थे। इनको 'देव' नाम से भी पुकारा गया है। ये बंगाल के निवासी और बौद्ध धर्मावलंबी थे। बौद्धों और वैदिकों की अनबन पुरानी है। इन वातावरण के प्रभाव में पुरुषोत्तमदेव ने अष्टाध्यायी के सूत्रों में से वैदिक सूत्रों को अलग करके शेष सूत्रों पर भाष्य लिखा। इस भाष्य का नाम 'भाषावृत्ति' है। इस ग्रंथ का बहुत बड़ा महत्व है। देव के समय में उपलब्ध होने वाले प्रामाणिक ग्रंथों का उल्लेख भाषावृत्ति में पाया जाता है। वे ग्रंथ अब लुप्त हो गए हैं। भाषावृत्ति का प्रमाण उत्तरवर्ती वैयाकरणों ने स्वीकार किया है। बंगाल के निवासी सृष्टिधर थे। उन्होंने भाषावृत्ति की (भाषावृत्यर्थवृत्ति) टीका की है। इसमें २३ वैयाकरण उद्धृत हैं। भाषावृत्ति के निर्माण का कारण भी लिखा है। तदनुसार राजा लक्ष्मण सेन जी की प्रेरणा से बंगाल के निवासी श्री पुरुषोत्तमदेव ने भाषावृत्ति का निर्माण किया था। अतएव राजा लक्ष्मण सेन का बौद्ध होना और पुरुषोत्तमदेव का उनके आश्रित होना प्रतीत होता है। पुरुषोत्तमदेव ने जैनधर्म को भी सादर स्मरण किया है। राजा लक्ष्मण सेन सं.

सामग्री की तालिका

  1. 6 संबंधों: बंगाल, बौद्ध धर्म, भाष्य, लक्ष्मण सेन, वैयाकरण, अष्टाध्यायी

बंगाल

बंगाल (बांग्ला: বঙ্গ बॉंगो, বাংলা बांला, বঙ্গদেশ बॉंगोदेश या বাংলাদেশ बांलादेश, संस्कृत: अंग, वंग) उत्तरपूर्वी दक्षिण एशिया में एक क्षेत्र है। आज बंगाल एक स्वाधीन राष्ट्र, बांग्लादेश (पूर्वी बंगाल) और भारतीय संघीय प्रजातन्त्र का अंगभूत राज्य पश्चिम बंगाल के बीच में सहभाजी है, यद्यपि पहले बंगाली राज्य (स्थानीय राज्य का ढंग और ब्रिटिश के समय में) के कुछ क्षेत्र अब पड़ोसी भारतीय राज्य बिहार, त्रिपुरा और उड़ीसा में है। बंगाल में बहुमत में बंगाली लोग रहते हैं। इनकी मातृभाषा बांग्ला है। .

देखें पुरुषोत्तमदेव (वैयाकरण) और बंगाल

बौद्ध धर्म

बौद्ध धर्म भारत की श्रमण परम्परा से निकला धर्म और महान दर्शन है। इसा पूर्व 6 वी शताब्धी में बौद्ध धर्म की स्थापना हुई है। बौद्ध धर्म के संस्थापक गौतम बुद्ध है। भगवान बुद्ध का जन्म 563 ईसा पूर्व में लुंबिनी, नेपाल और महापरिनिर्वाण 483 ईसा पूर्व कुशीनगर, भारत में हुआ था। उनके महापरिनिर्वाण के अगले पाँच शताब्दियों में, बौद्ध धर्म पूरे भारतीय उपमहाद्वीप में फैला और अगले दो हजार वर्षों में मध्य, पूर्वी और दक्षिण-पूर्वी जम्बू महाद्वीप में भी फैल गया। आज, हालाँकि बौद्ध धर्म में चार प्रमुख सम्प्रदाय हैं: हीनयान/ थेरवाद, महायान, वज्रयान और नवयान, परन्तु बौद्ध धर्म एक ही है किन्तु सभी बौद्ध सम्प्रदाय बुद्ध के सिद्धान्त ही मानते है। बौद्ध धर्म दुनिया का चौथा सबसे बड़ा धर्म है।आज पूरे विश्व में लगभग ५४ करोड़ लोग बौद्ध धर्म के अनुयायी है, जो दुनिया की आबादी का ७वाँ हिस्सा है। आज चीन, जापान, वियतनाम, थाईलैण्ड, म्यान्मार, भूटान, श्रीलंका, कम्बोडिया, मंगोलिया, तिब्बत, लाओस, हांगकांग, ताइवान, मकाउ, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया एवं उत्तर कोरिया समेत कुल 18 देशों में बौद्ध धर्म 'प्रमुख धर्म' धर्म है। भारत, नेपाल, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया, रूस, ब्रुनेई, मलेशिया आदि देशों में भी लाखों और करोडों बौद्ध हैं। .

देखें पुरुषोत्तमदेव (वैयाकरण) और बौद्ध धर्म

भाष्य

संस्कृत साहित्य की परम्परा में उन ग्रन्थों को भाष्य (शाब्दिक अर्थ - व्याख्या के योग्य), कहते हैं जो दूसरे ग्रन्थों के अर्थ की वृहद व्याख्या या टीका प्रस्तुत करते हैं। मुख्य रूप से सूत्र ग्रन्थों पर भाष्य लिखे गये हैं। भाष्य, मोक्ष की प्राप्ति हेतु अविद्या (ignorance) का नाश करने के साधन के रूप में जाने जाते हैं। पाणिनि के अष्टाध्यायी पर पतंजलि का व्याकरणमहाभाष्य और ब्रह्मसूत्रों पर शांकरभाष्य आदि कुछ प्रसिद्ध भाष्य हैं। .

देखें पुरुषोत्तमदेव (वैयाकरण) और भाष्य

लक्ष्मण सेन

राजा लक्ष्मण सेन (बांग्ला: লক্ষ্মণ সেন) (1179 - 1206 ई) बंगाल के सेन राजवंश के चौथे शासक और एकीकृत बंगाल के आखिरी हिंदू शासक थे। अपने पूर्ववर्ती बल्लाल सेन से प्रभार लेने के बाद लक्ष्मण सेन ने सेना साम्राज्य का विस्तार असम, उड़ीसा, बिहार और शायद वाराणसी तक किया। उनकी राजधानी नवद्वीप थी। श्रेणी:बंगाल का इतिहास श्रेणी:सेन राजवंश के राजा.

देखें पुरुषोत्तमदेव (वैयाकरण) और लक्ष्मण सेन

वैयाकरण

| abovecolor .

देखें पुरुषोत्तमदेव (वैयाकरण) और वैयाकरण

अष्टाध्यायी

अष्टाध्यायी (अष्टाध्यायी .

देखें पुरुषोत्तमदेव (वैयाकरण) और अष्टाध्यायी