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पल्युल संप्रदाय

सूची पल्युल संप्रदाय

पल्युल सांप्रदायिक मूल मठ, तिब्बत चीन दक्षिण भारत, मैसूर, बैलाकुप्पे में मौजूदा पल्युल सांप्रदायिक मठ, नाम्ड्रोल्लिङ पद्म सम्भव बौद्ध विहार पल्युल संप्रदाय पल्युल मठ तिब्बती बौद्ध धर्म के ञिङमा पारम्परिक छ मूल मठ में से एक है। इस मठ को पल्युल संप्रदाय के प्रथम सिंहासन धारक विद्याधर कुन्जाङ शेसरब द्वारा 1665 में स्थापित किया गया था, जो आजकल चीन के सिचुआन प्रांत, बैयु काउंटी, गर्जे तिब्बती स्वायत्त प्रान्त के पूर्वी शहर में है। वास्तव में पल्युल एक जगह का नाम था और बाद में उस जगह पर स्थापित मठ और गोन्पा को पल्युल मठ या पल्युल गोन्पा कहा गया, और उसी मठ से सम्बंधित बौद्ध महासिद्ध और गुरु द्वारा दिएगए बौद्ध शिक्षण संप्रदाय का नाम भी पल्युल संप्रदाय रहा गया। .

3 संबंधों: ञिङमा, पद्म नोर्बु रिन्पोछे, बौद्ध धर्म

ञिङमा

ञिङमा (तिब्बती भाषा: རྙིང་མ་པ།, अंग्रेज़ी: Nyingma), तिब्बती बौद्ध धर्म की पांच प्रमुख शाखाओं में से एक हैं। तिब्बती भाषा में "ञिङमा" का अर्थ "प्राचीन" होता है। कभी-कभी इसे ङग्युर (སྔ་འགྱུར།, Ngagyur) भी कहा जाता है जिसका अर्थ "पूर्वानूदित" होता है, जो नाम इस सम्प्रदाय द्वारा सर्वप्रथम महायोग, अनुयोग, अतियोग और त्रिपिटक आदि बौद्ध ग्रंथों को संस्कृत इत्यादि भारतीय भाषों से तिब्बती में अनुवाद करने के कारण रखा गया। तिब्बती लिपि और तिब्बती भाषा के औपचारिक व्याकरण की आधारशिला भी इसी ध्येय से रखी गई थी। आधुनिक काल में ञिङमा संप्रदाय का धार्मिक संगठन तिब्बत के खम प्रदेश पर केन्द्रित है। .

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पद्म नोर्बु रिन्पोछे

'''पद्म नोर्बु रिन्पोछे''' फोटो द्वारा: Chris Fynn, 1981 पद्म नोर्बु रिन्पोछे, पद्नोर रिन्पोछे या ड्रुब्वाङ पद्म नोर्बु रिन्पोछे (तिब्बती: པདྨ་ནོར་བུ་, Wylie: pad ma nor bu, 1932 - मार्च 27, 2009) ञिङमा पल्युल सांप्रदायिक मठ के ग्यारहवें सिंहासन-धारक और ञिङमा संप्रदाय के तीसरे परम प्रमुख गुरु हैं। उन्हें भारतीय बौद्ध धर्म के महापण्डित विमलमित्र के अवतार के रूप में भी माना जाता है। बौद्ध वज्रयान महासन्धि शिक्षण परंपरा का सुविज्ञ गुरु होने की कारण से तिब्बती बौद्ध की दुनिया में व्यापक रूप से प्रसिद्ध थे। .

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बौद्ध धर्म

बौद्ध धर्म भारत की श्रमण परम्परा से निकला धर्म और महान दर्शन है। इसा पूर्व 6 वी शताब्धी में बौद्ध धर्म की स्थापना हुई है। बौद्ध धर्म के संस्थापक गौतम बुद्ध है। भगवान बुद्ध का जन्म 563 ईसा पूर्व में लुंबिनी, नेपाल और महापरिनिर्वाण 483 ईसा पूर्व कुशीनगर, भारत में हुआ था। उनके महापरिनिर्वाण के अगले पाँच शताब्दियों में, बौद्ध धर्म पूरे भारतीय उपमहाद्वीप में फैला और अगले दो हजार वर्षों में मध्य, पूर्वी और दक्षिण-पूर्वी जम्बू महाद्वीप में भी फैल गया। आज, हालाँकि बौद्ध धर्म में चार प्रमुख सम्प्रदाय हैं: हीनयान/ थेरवाद, महायान, वज्रयान और नवयान, परन्तु बौद्ध धर्म एक ही है किन्तु सभी बौद्ध सम्प्रदाय बुद्ध के सिद्धान्त ही मानते है। बौद्ध धर्म दुनिया का चौथा सबसे बड़ा धर्म है।आज पूरे विश्व में लगभग ५४ करोड़ लोग बौद्ध धर्म के अनुयायी है, जो दुनिया की आबादी का ७वाँ हिस्सा है। आज चीन, जापान, वियतनाम, थाईलैण्ड, म्यान्मार, भूटान, श्रीलंका, कम्बोडिया, मंगोलिया, तिब्बत, लाओस, हांगकांग, ताइवान, मकाउ, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया एवं उत्तर कोरिया समेत कुल 18 देशों में बौद्ध धर्म 'प्रमुख धर्म' धर्म है। भारत, नेपाल, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया, रूस, ब्रुनेई, मलेशिया आदि देशों में भी लाखों और करोडों बौद्ध हैं। .

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