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पराठे वाली गली

सूची पराठे वाली गली

'''पराठे''' वाली गली जो कि प्रसिद्ध है सिर्फ परांठा के लिये Dec 2006. पराठे वाली गली य़ा गली पराठे वाली, एक सकरी गली चाँदनी चौक नामक प्रसिद्ध बाज़ार मे जो की दिल्ली में स्थित है। वहां काफी पुरानी पराठे बनाने वाली दुकाने हैं। यह एक भारतीय रोटी का विशिष्ट रूप है। यह व्यंजन उत्तर भारत में जितना लोकप्रिय है, लगभग उतना ही दक्षिण भारत में भी है, बस मूल फर्क ये है, कि जहां उत्तर में आटे का बनता है, वहीं दक्षिण में मैदे का बनता है। माना जाता है यहाँ के दुकानदार मुगलों के समय से पराठे बेच रहे हैं। .

9 संबंधों: चाँदनी चौक, दिल्ली, दक्षिण भारत, मुम्बई, मुग़ल साम्राज्य, शाह जहाँ, जवाहरलाल नेहरू, इन्दिरा गांधी, उत्तर भारत

चाँदनी चौक

चाँदनी चौक दिल्ली का सबसे पुराना एवं सबसे व्यस्त क्षेत्र है। यह पुरानी दिल्ली के सबसे व्यस्त बाजारों में से एक है। चांदनी चौक पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन के नजदीक स्थित है। लाल किला स्मारक बाजार के भीतर स्थित है। यह १७ वीं शताब्दी में भारत के मुगल सम्राट शाहजहां द्वारा बनाया गया था, और इसका डिजाइन उनकी बेटी जहांआरा द्वारा तैयार किया गया था। चांद की रोशनी को प्रतिबिंबित करने के लिए बाजार को नहरों द्वारा विभाजित किया गया था और यह भारत के सबसे बड़े थोक बाजारों में से एक बना हुआ है। .

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दिल्ली

दिल्ली (IPA), आधिकारिक तौर पर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली (अंग्रेज़ी: National Capital Territory of Delhi) भारत का एक केंद्र-शासित प्रदेश और महानगर है। इसमें नई दिल्ली सम्मिलित है जो भारत की राजधानी है। दिल्ली राजधानी होने के नाते केंद्र सरकार की तीनों इकाइयों - कार्यपालिका, संसद और न्यायपालिका के मुख्यालय नई दिल्ली और दिल्ली में स्थापित हैं १४८३ वर्ग किलोमीटर में फैला दिल्ली जनसंख्या के तौर पर भारत का दूसरा सबसे बड़ा महानगर है। यहाँ की जनसंख्या लगभग १ करोड़ ७० लाख है। यहाँ बोली जाने वाली मुख्य भाषाएँ हैं: हिन्दी, पंजाबी, उर्दू और अंग्रेज़ी। भारत में दिल्ली का ऐतिहासिक महत्त्व है। इसके दक्षिण पश्चिम में अरावली पहाड़ियां और पूर्व में यमुना नदी है, जिसके किनारे यह बसा है। यह प्राचीन समय में गंगा के मैदान से होकर जाने वाले वाणिज्य पथों के रास्ते में पड़ने वाला मुख्य पड़ाव था। यमुना नदी के किनारे स्थित इस नगर का गौरवशाली पौराणिक इतिहास है। यह भारत का अति प्राचीन नगर है। इसके इतिहास का प्रारम्भ सिन्धु घाटी सभ्यता से जुड़ा हुआ है। हरियाणा के आसपास के क्षेत्रों में हुई खुदाई से इस बात के प्रमाण मिले हैं। महाभारत काल में इसका नाम इन्द्रप्रस्थ था। दिल्ली सल्तनत के उत्थान के साथ ही दिल्ली एक प्रमुख राजनैतिक, सांस्कृतिक एवं वाणिज्यिक शहर के रूप में उभरी। यहाँ कई प्राचीन एवं मध्यकालीन इमारतों तथा उनके अवशेषों को देखा जा सकता हैं। १६३९ में मुगल बादशाह शाहजहाँ ने दिल्ली में ही एक चारदीवारी से घिरे शहर का निर्माण करवाया जो १६७९ से १८५७ तक मुगल साम्राज्य की राजधानी रही। १८वीं एवं १९वीं शताब्दी में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने लगभग पूरे भारत को अपने कब्जे में ले लिया। इन लोगों ने कोलकाता को अपनी राजधानी बनाया। १९११ में अंग्रेजी सरकार ने फैसला किया कि राजधानी को वापस दिल्ली लाया जाए। इसके लिए पुरानी दिल्ली के दक्षिण में एक नए नगर नई दिल्ली का निर्माण प्रारम्भ हुआ। अंग्रेजों से १९४७ में स्वतंत्रता प्राप्त कर नई दिल्ली को भारत की राजधानी घोषित किया गया। स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात् दिल्ली में विभिन्न क्षेत्रों से लोगों का प्रवासन हुआ, इससे दिल्ली के स्वरूप में आमूल परिवर्तन हुआ। विभिन्न प्रान्तो, धर्मों एवं जातियों के लोगों के दिल्ली में बसने के कारण दिल्ली का शहरीकरण तो हुआ ही साथ ही यहाँ एक मिश्रित संस्कृति ने भी जन्म लिया। आज दिल्ली भारत का एक प्रमुख राजनैतिक, सांस्कृतिक एवं वाणिज्यिक केन्द्र है। .

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दक्षिण भारत

भारत के दक्षिणी भाग को दक्षिण भारत भी कहते हैं। अपनी संस्कृति, इतिहास तथा प्रजातीय मूल की भिन्नता के कारण यह शेष भारत से अलग पहचान बना चुका है। हलांकि इतना भिन्न होकर भी यह भारत की विविधता का एक अंगमात्र है। दक्षिण भारतीय लोग मुख्यतः द्रविड़ भाषा जैसे तेलुगू,तमिल, कन्नड़ और मलयालम बोलते हैं और मुख्यतः द्रविड़ मूल के हैं। .

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मुम्बई

भारत के पश्चिमी तट पर स्थित मुंंबई (पूर्व नाम बम्बई), भारतीय राज्य महाराष्ट्र की राजधानी है। इसकी अनुमानित जनसंख्या ३ करोड़ २९ लाख है जो देश की पहली सर्वाधिक आबादी वाली नगरी है। इसका गठन लावा निर्मित सात छोटे-छोटे द्वीपों द्वारा हुआ है एवं यह पुल द्वारा प्रमुख भू-खंड के साथ जुड़ा हुआ है। मुम्बई बन्दरगाह भारतवर्ष का सर्वश्रेष्ठ सामुद्रिक बन्दरगाह है। मुम्बई का तट कटा-फटा है जिसके कारण इसका पोताश्रय प्राकृतिक एवं सुरक्षित है। यूरोप, अमेरिका, अफ़्रीका आदि पश्चिमी देशों से जलमार्ग या वायुमार्ग से आनेवाले जहाज यात्री एवं पर्यटक सर्वप्रथम मुम्बई ही आते हैं इसलिए मुम्बई को भारत का प्रवेशद्वार कहा जाता है। मुम्बई भारत का सर्ववृहत्तम वाणिज्यिक केन्द्र है। जिसकी भारत के सकल घरेलू उत्पाद में 5% की भागीदारी है। यह सम्पूर्ण भारत के औद्योगिक उत्पाद का 25%, नौवहन व्यापार का 40%, एवं भारतीय अर्थ व्यवस्था के पूंजी लेनदेन का 70% भागीदार है। मुंबई विश्व के सर्वोच्च दस वाणिज्यिक केन्द्रों में से एक है। भारत के अधिकांश बैंक एवं सौदागरी कार्यालयों के प्रमुख कार्यालय एवं कई महत्वपूर्ण आर्थिक संस्थान जैसे भारतीय रिज़र्व बैंक, बम्बई स्टॉक एक्स्चेंज, नेशनल स्टऑक एक्स्चेंज एवं अनेक भारतीय कम्पनियों के निगमित मुख्यालय तथा बहुराष्ट्रीय कंपनियां मुम्बई में अवस्थित हैं। इसलिए इसे भारत की आर्थिक राजधानी भी कहते हैं। नगर में भारत का हिन्दी चलचित्र एवं दूरदर्शन उद्योग भी है, जो बॉलीवुड नाम से प्रसिद्ध है। मुंबई की व्यवसायिक अपॊर्ट्युनिटी, व उच्च जीवन स्तर पूरे भारतवर्ष भर के लोगों को आकर्षित करती है, जिसके कारण यह नगर विभिन्न समाजों व संस्कृतियों का मिश्रण बन गया है। मुंबई पत्तन भारत के लगभग आधे समुद्री माल की आवाजाही करता है। .

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मुग़ल साम्राज्य

मुग़ल साम्राज्य (फ़ारसी:, मुग़ल सलतनत-ए-हिंद; तुर्की: बाबर इम्परातोरलुग़ु), एक इस्लामी तुर्की-मंगोल साम्राज्य था जो 1526 में शुरू हुआ, जिसने 17 वीं शताब्दी के आखिर में और 18 वीं शताब्दी की शुरुआत तक भारतीय उपमहाद्वीप में शासन किया और 19 वीं शताब्दी के मध्य में समाप्त हुआ। मुग़ल सम्राट तुर्क-मंगोल पीढ़ी के तैमूरवंशी थे और इन्होंने अति परिष्कृत मिश्रित हिन्द-फारसी संस्कृति को विकसित किया। 1700 के आसपास, अपनी शक्ति की ऊँचाई पर, इसने भारतीय उपमहाद्वीप के अधिकांश भाग को नियंत्रित किया - इसका विस्तार पूर्व में वर्तमान बंगलादेश से पश्चिम में बलूचिस्तान तक और उत्तर में कश्मीर से दक्षिण में कावेरी घाटी तक था। उस समय 40 लाख किमी² (15 लाख मील²) के क्षेत्र पर फैले इस साम्राज्य की जनसंख्या का अनुमान 11 और 13 करोड़ के बीच लगाया गया था। 1725 के बाद इसकी शक्ति में तेज़ी से गिरावट आई। उत्तराधिकार के कलह, कृषि संकट की वजह से स्थानीय विद्रोह, धार्मिक असहिष्णुता का उत्कर्ष और ब्रिटिश उपनिवेशवाद से कमजोर हुए साम्राज्य का अंतिम सम्राट बहादुर ज़फ़र शाह था, जिसका शासन दिल्ली शहर तक सीमित रह गया था। अंग्रेजों ने उसे कैद में रखा और 1857 के भारतीय विद्रोह के बाद ब्रिटिश द्वारा म्यानमार निर्वासित कर दिया। 1556 में, जलालुद्दीन मोहम्मद अकबर, जो महान अकबर के नाम से प्रसिद्ध हुआ, के पदग्रहण के साथ इस साम्राज्य का उत्कृष्ट काल शुरू हुआ और सम्राट औरंगज़ेब के निधन के साथ समाप्त हुआ, हालाँकि यह साम्राज्य और 150 साल तक चला। इस समय के दौरान, विभिन्न क्षेत्रों को जोड़ने में एक उच्च केंद्रीकृत प्रशासन निर्मित किया गया था। मुग़लों के सभी महत्वपूर्ण स्मारक, उनके ज्यादातर दृश्य विरासत, इस अवधि के हैं। .

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शाह जहाँ

शाह जहाँ (उर्दू: شاہجہان)पांचवे मुग़ल शहंशाह था। शाह जहाँ अपनी न्यायप्रियता और वैभवविलास के कारण अपने काल में बड़े लोकप्रिय रहे। किन्तु इतिहास में उनका नाम केवल इस कारण नहीं लिया जाता। शाहजहाँ का नाम एक ऐसे आशिक के तौर पर लिया जाता है जिसने अपनी बेग़म मुमताज़ बेगम के लिये विश्व की सबसे ख़ूबसूरत इमारत ताज महल बनाने का यत्न किया। सम्राट जहाँगीर के मौत के बाद, छोटी उम्र में ही उन्हें मुगल सिंहासन के उत्तराधिकारी के रूप में चुन लिया गया था। 1627 में अपने पिता की मृत्यु होने के बाद वह गद्दी पर बैठे। उनके शासनकाल को मुग़ल शासन का स्वर्ण युग और भारतीय सभ्यता का सबसे समृद्ध काल बुलाया गया है। .

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जवाहरलाल नेहरू

जवाहरलाल नेहरू (नवंबर १४, १८८९ - मई २७, १९६४) भारत के प्रथम प्रधानमन्त्री थे और स्वतन्त्रता के पूर्व और पश्चात् की भारतीय राजनीति में केन्द्रीय व्यक्तित्व थे। महात्मा गांधी के संरक्षण में, वे भारतीय स्वतन्त्रता आन्दोलन के सर्वोच्च नेता के रूप में उभरे और उन्होंने १९४७ में भारत के एक स्वतन्त्र राष्ट्र के रूप में स्थापना से लेकर १९६४ तक अपने निधन तक, भारत का शासन किया। वे आधुनिक भारतीय राष्ट्र-राज्य – एक सम्प्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, और लोकतान्त्रिक गणतन्त्र - के वास्तुकार मानें जाते हैं। कश्मीरी पण्डित समुदाय के साथ उनके मूल की वजह से वे पण्डित नेहरू भी बुलाएँ जाते थे, जबकि भारतीय बच्चे उन्हें चाचा नेहरू के रूप में जानते हैं। स्वतन्त्र भारत के प्रथम प्रधानमन्त्री का पद सँभालने के लिए कांग्रेस द्वारा नेहरू निर्वाचित हुएँ, यद्यपि नेतृत्व का प्रश्न बहुत पहले 1941 में ही सुलझ चुका था, जब गांधीजी ने नेहरू को उनके राजनीतिक वारिस और उत्तराधिकारी के रूप में अभिस्वीकार किया। प्रधानमन्त्री के रूप में, वे भारत के सपने को साकार करने के लिए चल पड़े। भारत का संविधान 1950 में अधिनियमित हुआ, जिसके बाद उन्होंने आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक सुधारों के एक महत्त्वाकांक्षी योजना की शुरुआत की। मुख्यतः, एक बहुवचनी, बहु-दलीय लोकतन्त्र को पोषित करते हुएँ, उन्होंने भारत के एक उपनिवेश से गणराज्य में परिवर्तन होने का पर्यवेक्षण किया। विदेश नीति में, भारत को दक्षिण एशिया में एक क्षेत्रीय नायक के रूप में प्रदर्शित करते हुएँ, उन्होंने गैर-निरपेक्ष आन्दोलन में एक अग्रणी भूमिका निभाई। नेहरू के नेतृत्व में, कांग्रेस राष्ट्रीय और राज्य-स्तरीय चुनावों में प्रभुत्व दिखाते हुएँ और 1951, 1957, और 1962 के लगातार चुनाव जीतते हुएँ, एक सर्व-ग्रहण पार्टी के रूप में उभरी। उनके अन्तिम वर्षों में राजनीतिक मुसीबतों और 1962 के चीनी-भारत युद्ध में उनके नेतृत्व की असफलता के बावजूद, वे भारत के लोगों के बीच लोकप्रिय बने रहें। भारत में, उनका जन्मदिन बाल दिवस के रूप में मनाया जाता हैं। .

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इन्दिरा गांधी

युवा इन्दिरा नेहरू औरमहात्मा गांधी एक अनशन के दौरान इन्दिरा प्रियदर्शिनी गाँधी (जन्म उपनाम: नेहरू) (19 नवंबर 1917-31 अक्टूबर 1984) वर्ष 1966 से 1977 तक लगातार 3 पारी के लिए भारत गणराज्य की प्रधानमन्त्री रहीं और उसके बाद चौथी पारी में 1980 से लेकर 1984 में उनकी राजनैतिक हत्या तक भारत की प्रधानमंत्री रहीं। वे भारत की प्रथम और अब तक एकमात्र महिला प्रधानमंत्री रहीं। .

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उत्तर भारत

उत्तरी भारत में अनेक भौगोलिक क्षेत्र आते हैं। इसमें मैदान, पर्वत, मरुस्थल आदि सभी मिलते हैं। यह भारत का उत्तरी क्षेत्र है। प्रधान भौगोलिक अंगों में गंगा के मैदान और हिमालय पर्वतमाला आती है। यही पर्वतमाला भारत को तिब्बत और मध्य एशिया के भागों से पृथक करती है। उत्तरी भारत मौर्य, गुप्त, मुगल एवं ब्रिटिश साम्राज्यों का ऐतिहासिक केन्द्र रहा है। यहां बहुत से हिन्दू तीर्थ जैसे पर्वतों में गंगोत्री से लेकर मैदानों में वाराणासी तक हैं, तो मुस्लिम तीर्थ जैसे अजमेर.

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