पद: जहाँ पुण्यात्मा मरणोपरांत अपने आराध्या देवी या देवता के लोक जाते हैं उसे पद कहते हैं। भगवान श्री हरी का पद सबसे अधिक प्रसिद्ध है। कपोत और कपोतकी की कथा ब्रह्मपुराण में सचित्र दी हुई है। कपोत और कपोतकी को भगवान श्री हरी का पद मरणोपरांत प्राप्त होता है। माँ भगवती के पद का वर्णन श्रीमद्देवीभागवत में दिया है। भगवान विष्णु का पद वैकुण्ठ (विष्णु लोक) है। भगवान शिव का पद (शिवलोक) शिव भक्तों को मिलता है। .
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