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निर्गम यंत्र

सूची निर्गम यंत्र

निर्गम यंत्र (output device) किसी कम्प्यूटर या कम्प्यूटर प्रणाली से जुड़ा एक ऐसा यंत्र होता है जो सूचना ले और उसे कम्प्यूटर के दिए हुए निर्देशों के अनुसार किसी रूप में प्रदर्शित करे, जैसे कि काग़ज़ पर छापना, स्क्रीन पर प्रदर्शित करना, स्पीकर पर ध्वनी उत्पन्न करना, इत्यादि। आमतौर पर यह प्रदर्शन मानवों द्वारा समझे जाने या अनुभव करने के ध्येय से किया जाता है। कम्प्यूटर मॉनीटर, प्रिंटर, वग़ैराह निर्गम यंत्रों के उदाहरण हैं। इनके विपरीत निवेश यंत्र (input device) का काम मनुष्यों और अन्य बाहरी स्रोतों से सूचना लेकर कम्प्यूटर प्रणाली में उपयोग के लिए अंदर ले जाना है। .

सामग्री की तालिका

  1. 6 संबंधों: निवेश यंत्र, निवेश/निर्गम, परिधीय यंत्र, प्रिण्टर, कम्प्यूटर मॉनीटर, कंप्यूटर

  2. संगणक निर्गम यंत्र

निवेश यंत्र

निवेश यंत्र (input device) किसी कम्प्यूटर या कम्प्यूटर प्रणाली से जुड़ा एक ऐसा यंत्र होता है जो किसी प्रयोगकर्ता या अन्य प्रणाली से किसी कम्प्यूटर तक सूचना ले जाए। माउस और कुंजीपटल (कीबोर्ड) ऐसे यंत्रों के उदाहरण हैं। इनके विपरीत निर्गम यंत्र (output device) का काम कम्प्यूटर प्रणाली से सूचना लेकर मनुष्यों और अन्य बाहरी प्रणालियों तक पहुँचाना है। .

देखें निर्गम यंत्र और निवेश यंत्र

निवेश/निर्गम

निवेश/निर्गम (input/output, इन्पुट/आउटपुट) या आई/ओ (I/O) किसी संगणक (कम्प्यूटर) और प्रयोगकर्ता या किसी अन्य सूचना प्रणाली के बीच में सूचना के संचार को कहते हैं। निवेश (input) वह संकेत होते हैं जो बाहरी दुनिया से संगणक को प्राप्त होते हैं और निर्गम (output) वह संकेत होते हैं जो संगणक से बाहरी दुनिया को जाते हैं। आमतौर से इन संकेतों का प्रसार परिधीय यंत्रों के द्वारा करा जाता है। .

देखें निर्गम यंत्र और निवेश/निर्गम

परिधीय यंत्र

परिधीय यंत्र (peripheral, पेरिफ़रल) ऐसा यंत्र है जिसके द्वारा संगणक (कम्प्यूटर) में सूचना पहुँचाई जाती है या संगणक से बाहर पहुँचाई जाती है। .

देखें निर्गम यंत्र और परिधीय यंत्र

प्रिण्टर

एक आधुनिक प्रिण्टर प्रिण्टर एक उपकरण है डिजिटल सामग्री को कागज पर छापने का कार्य करता है। यह टेक्स्ट एवं चित्र दोनों छाप सकता है। प्रायः यह संगणक के साथ काम करता है किन्तु यह अन्य डिजिटल उपकरणों के साथ भी काम कर सकता है।कागज पर छपी सामग्री को हार्ड कॉपी कहते हैं। .

देखें निर्गम यंत्र और प्रिण्टर

कम्प्यूटर मॉनीटर

एक १९-इंच, १६:१० चौड़ी स्क्रीन वाला LCD मॉनीटर कम्प्यूटर मॉनीटर या डिस्प्ले (जिसे दृश्य प्रदर्शन इकाई, अंग्रेजी में Visual Display Unit भी केहते हैं) एक इलेक्ट्रॉनिक्स डिस्पले डिवाइस है। एक मॉनीटर में प्रदर्शन इकाई, प्रदर्शन इकाई और आवरण होता है। आज कल के मॉनीटर में प्रदर्शन इकाई आम तौर पर पतली फिल्म ट्रांजिस्टर लिक्विड क्रिस्टल डिस्प्ले (अंग्रेजी में thin film transistor liquid crystal display (TFT-LCD)) और पुराने मॉनीटर में कैथोड किरण नली (अंग्रेजी में Cathode ray tube) से बनी होती है। शुरूआती मॉनीटर कैथोड किरण नली से बनते थे और अब इस सदी में लिक्विड क्रिस्टल डिस्प्ले प्रमुख तौर पर मॉनीटर बनाने के लिये उपयोग में लिये जाते हैं। मूलतः कम्प्यूटर मॉनीटर का इस्तेमाल आंकड़े संसाधन और टेलीविज़न रिसीवर का उपयोग मनोरंजन के लिये किया जाता था। १९८० के बाद से कम्प्यूटर और उनके मॉनीटर का उपयोग मनोरंजन के लिये भी किया जाने लगा है और टेलीविज़न में कुछ कम्प्यूटर कार्यक्षमता आ गयी है। टेलीविज़न और कम्प्यूटर मॉनीटर का पहलू अनुपात भी ४:३ से १६:९ हो गया है। .

देखें निर्गम यंत्र और कम्प्यूटर मॉनीटर

कंप्यूटर

निजी संगणक कंप्यूटर (अन्य नाम - संगणक, कंप्यूटर, परिकलक) वस्तुतः एक अभिकलक यंत्र (programmable machine) है जो दिये गये गणितीय तथा तार्किक संक्रियाओं को क्रम से स्वचालित रूप से करने में सक्षम है। इसे अंक गणितीय, तार्किक क्रियाओं व अन्य विभिन्न प्रकार की गणनाओं को सटीकता से पूर्ण करने के लिए योजनाबद्ध तरीके से निर्देशित किया जा सकता है। चूंकि किसी भी कार्य योजना को पूर्ण करने के लिए निर्देशो का क्रम बदला जा सकता है इसलिए संगणक एक से ज्यादा तरह की कार्यवाही को अंजाम दे सकता है। इस निर्देशन को ही कम्प्यूटर प्रोग्रामिंग कहते है और संगणक कम्प्यूटर प्रोग्रामिंग भाषा की मदद से उपयोगकर्ता के निर्देशो को समझता है। यांत्रिक संगणक कई सदियों से मौजूद थे किंतु आजकल अभिकलित्र से आशय मुख्यतः बीसवीं सदी के मध्य में विकसित हुए विद्दुत चालित अभिकलित्र से है। तब से अबतक यह आकार में क्रमशः छोटा और संक्रिया की दृष्टि से अत्यधिक समर्थ होता गया हैं। अब अभिकलक घड़ी के अन्दर समा सकते हैं और विद्युत कोष (बैटरी) से चलाये जा सकते हैं। निजी अभिकलक के विभिन्न रूप जैसे कि सुवाह्य संगणक, टैबलेट आदि रोजमर्रा की जरूरत बन गए हैं। परंपरागत संगणकों में एक केंद्रीय संचालन इकाई (सीपीयू) और सूचना भन्डारण के लिए स्मृति होती है। संचालन इकाई अंकगणित व तार्किक गणनाओ को अंजाम देती है और एक अनुक्रमण व नियंत्रण इकाई स्मृति में रखे निर्देशो के आधार पर संचालन का क्रम बदल सकती है। परिधीय या सतह पे लगे उपकरण किसी बाहरी स्रोत से सूचना ले सकते है व कार्यवाही के फल को स्मृति में सुरक्षित रख सकते है व जरूरत पड़ने पर पुन: प्राप्त कर सकते हैं। एकीकृत परिपथ पर आधारित आधुनिक संगणक पुराने जमाने के संगणकों के मुकबले करोड़ो अरबो गुना ज्यादा समर्थ है और बहुत ही कम जगह लेते है। सामान्य संगणक इतने छोटे होते है कि मोबाइल फ़ोन में भी समा सकते है और मोबाइल संगणक एक छोटी सी विद्युत कोष (बैटरी) से मिली ऊर्जा से भी काम कर सकते है। ज्यादातर लोग “संगणकों” के बारे में यही राय रखते है कि अपने विभिन्न स्वरूपों में व्यक्तिगत संगणक सूचना प्रौद्योगिकी युग के नायक है। हालाँकि embedded system|सन्निहित संगणक जो कि ज्यादातर उपकरणों जैसे कि आंकिक श्रव्य वादक|एम.पी.३ वादक, वायुयान व खिलौनो से लेकर औद्योगिक मानव यन्त्र में पाये जाते है लोगो के बीच ज्यादा प्रचलित है। .

देखें निर्गम यंत्र और कंप्यूटर

यह भी देखें

संगणक निर्गम यंत्र