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निम्नताप मॉड्यूल

सूची निम्नताप मॉड्यूल

क्रायोमॉड्यूल (cryomodule) या निम्नताप मॉड्यूल उन पात्रों (cryostats) को कहते हैं जिनके अन्दर अतिचालक रेडियो आवृत्ति कैविटी को रखकर उसे अतिचालक बनाया जाता है। इसके लिये क्रायोमॉड्यूल के अन्दर द्रव हिलियम का प्रवेश कराकर उसकी सहायता से कैविटी को 4K या 2K (2 केल्विन्) तक ठण्डा किया जाता है। ये कैविटीज आधुनिक कण त्वरक के प्रमुख अंग हैं। इनके द्वारा ही आवेशित कण किरणपुंज को त्वरित किया जाता है। .

सामग्री की तालिका

  1. 5 संबंधों: त्वरण, द्रव हिलियम, कण त्वरक, अतिचालक रेडियो आवृत्ति, अतिचालकता

त्वरण

विभिन्न प्रकार के त्वरण के अन्तर्गत गति में वस्तु की समान समयान्तराल बाद स्थितियाँ दोलन करता हुआ लोलक: इसका वेग एवं त्वरण तीर द्वारा दर्शाया गया है। वेग एवं त्वरण दोनों का परिमाण एवं दिशा हर क्षण बदल रही है। किसी वस्तु के वेग परिवर्तन की दर को त्वरण (Acceleration) कहते हैं। इसका मात्रक मीटर प्रति सेकेण्ड2 होता है तथा यह एक सदिश राशि हैं। या, उदाहरण: माना समय t.

देखें निम्नताप मॉड्यूल और त्वरण

द्रव हिलियम

द्रव अवस्था में स्थित हिलियम को द्रव हिलियम (liquid helium) कहते हैं। मानक दाब पर बहुत कम ताप (लगभग 4K .

देखें निम्नताप मॉड्यूल और द्रव हिलियम

कण त्वरक

'''इन्डस-२''': भारत (इन्दौर) का 2.5GeV सिन्क्रोट्रान विकिरण स्रोत (SRS) कण-त्वरक एसी मशीन है जिसके द्वारा आवेशित कणों की गतिज ऊर्जा बढाई जाती हैं। यह एक ऐसी युक्ति है, जो किसी आवेशित कण (जैसे इलेक्ट्रान, प्रोटान, अल्फा कण आदि) का वेग बढ़ाने (या त्वरित करने) के काम में आती हैं। वेग बढ़ाने (और इस प्रकार ऊर्जा बढाने) के लिये वैद्युत क्षेत्र का प्रयोग किया जाता है, जबकि आवेशित कणों को मोड़ने एवं फोकस करने के लिये चुम्बकीय क्षेत्र का प्रयोग किया जाता है। त्वरित किये जाने वाले आवेशित कणों के समूह या किरण-पुंज (बीम) धातु या सिरैमिक के एक पाइप से होकर गुजरती है, जिसमे निर्वात बनाकर रखना पड़ता है ताकि आवेशित कण किसी अन्य अणु से टकराकर नष्ट न हो जायें। टीवी आदि में प्रयुक्त कैथोड किरण ट्यूब (CRT) भी एक अति साधारण कण-त्वरक ही है। जबकि लार्ज हैड्रान कोलाइडर विश्व का सबसे विशाल और शक्तिशाली कण त्वरक है। कण त्वरकों का महत्व इतना है कि उन्हें 'अनुसंधान का यंत्र' (इंजन्स ऑफ डिस्कवरी) कहा जाता है। .

देखें निम्नताप मॉड्यूल और कण त्वरक

अतिचालक रेडियो आवृत्ति

केक-बी में प्रयुक्त एकल सेल वाली नायोबियम SRF कैविटी का चित्र अतिचालक रेडियो आवृत्ति (Superconducting radio frequency (SRF)) विज्ञान एवं तकनीकी का एक क्षेत्र है जो रेडियो आवृत्ति पर काम करने वाली युक्तियों में वैद्युत अतिचालकों का उपयोग करती है। इन युक्तियों में प्रयुक्त अतिचालक पदार्थों की अत्यन्त कम प्रतिरोधकता के कारण रेडियो आवृत्ति के अनुनादी (RF resonator) का क्वालिटी फैक्टर Q अत्यन्त उच्च हो सकता है। उदाहरण के लिये, 1.8 केल्विन ताप पर नायोबियम से निर्मित 1.3 GHz के SRF अनुनादी का क्वालिटी फैक्टर Q.

देखें निम्नताप मॉड्यूल और अतिचालक रेडियो आवृत्ति

अतिचालकता

सामान्य चालकों तथा अतिचालकों में ताप के साथ प्रतिरोधकता का परिवर्तन जब किसी मैटेरियल को 0°k तक ठंडा किया जाता है तो उसका प्रतिरोध पूर्णतः शून्य प्रतिरोधकता प्रदर्शित करते हैं। उनके इस गुण को अतिचालकता (superconductivity) कहते हैं। शून्य प्रतिरोधकता के अलावा अतिचालकता की दशा में पदार्थ के भीतर चुम्बकीय क्षेत्र भी शून्य हो जाता है जिसे मेसनर प्रभाव (Meissner effect) के नाम से जाना जाता है। सुविदित है कि धात्विक चालकों की प्रतिरोधकता उनका ताप घटाने पर घटती जाती है। किन्तु सामान्य चालकों जैसे ताँबा और चाँदी आदि में, अशुद्धियों और दूसरे अपूर्णताओं (defects) के कारण एक सीमा के बाद प्रतिरोधकता में कमी नहीं होती। यहाँ तक कि ताँबा (कॉपर) परम शून्य ताप पर भी अशून्य प्रतिरोधकता प्रदर्शित करता है। इसके विपरीत, अतिचालक पदार्थ का ताप क्रान्तिक ताप से नीचे ले जाने पर, इसकी प्रतिरोधकता तेजी से शून्य हो जाती है। अतिचालक तार से बने हुए किसी बंद परिपथ की विद्युत धारा किसी विद्युत स्रोत के बिना सदा के लिए स्थिर रह सकती है। अतिचालकता एक प्रमात्रा-यांत्रिक दृग्विषय (quantum mechanical phenomenon.) है। अतिचालक पदार्थ चुंबकीय परिलक्षण का भी प्रभाव प्रदर्शित करते हैं। इन सबका ताप-वैद्युत-बल शून्य होता है और टामसन-गुणांक बराबर होता है। संक्रमण ताप पर इनकी विशिष्ट उष्मा में भी अकस्मात् परिवर्तन हो जाता है। यह विशेष उल्लेखनीय है कि जिन परमाणुओं में बाह्य इलेक्ट्रॉनों की संख्या 5 अथवा 7 है उनमें संक्रमण ताप उच्चतम होता है और अतिचालकता का गुण भी उत्कृष्ट होता है। .

देखें निम्नताप मॉड्यूल और अतिचालकता

क्रायो मॉड्यूल, क्रायोमॉड्यूल के रूप में भी जाना जाता है।