सामग्री की तालिका
46 संबंधों: ऊसर, तवा, तवा नदी, देवता, नदी, नर्मदा जिला, नेमावर, बड़ोदरा, बरना, बंगाल की खाड़ी, भरूच जिला, भारत, भेड़ाघाट, मध्य प्रदेश, महाभारत, महाराष्ट्र, मंडला ज़िला, मेघदूतम्, मीटर, रामायण, राज्य, रघुवंशम्, शर्करा, शेर, सतपुड़ा, संगमर्मर, स्कन्द पुराण, सोन नदी, हिरण, होशंगाबाद, जबलपुर, जलोढ़क, विन्ध्याचल, विष्णु, वेद, खण्डवा, गुलबकावली, गुजरात, गोदावरी नदी, कपिलधारा जलप्रपात, कालिदास, कृष्णा नदी, अमरकंटक, अमरकोश, अरब सागर, उदगमंदलम।
- खंभात की खाड़ी
- गुजरात की नदियाँ
- पवित्र नदियाँ
- बौद्ध धर्म में नदियाँ
- मध्य प्रदेश की नदियाँ
- महाराष्ट्र की नदियाँ
ऊसर
ऊसर या बंजर (barren land) वह भूमि है जिसमें लवणों की अधिकता हो, (विशेषत: सोडियम लवणों की अधिकता हो)। ऐसी भूमि में कुछ नहीं अथवा बहुत कम उत्पादन होता है। .
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तवा
रोटी पकाने के लिए तवा तवा भारतीय खाना बनाने में इस्तेमाल होनेवाला बर्तन है। यह रोटी पकाने के काम आता है। इसे आँच पर चढ़ा कर रखा जाता है। तवा .
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तवा नदी
तवा नदी मध्यप्रदेश की एक प्रमुख नदी हैं। इसका उदगम मध्यप्रदेश के होशंगाबाद जिले के पंचमढ़ी के महादेव पर्वत श्रंखला की कालीभीत पहाड़ियों से हुआ है। होशंगाबाद में मध्यप्रदेश का सबसे लंबा बाँध तवा बाँध है। होशंगाबाद के पास बांद्राभान में नर्मदा से मिल जाती है। Multai distric betul .
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देवता
अंकोरवाट के मन्दिर में चित्रित समुद्र मन्थन का दृश्य, जिसमें देवता और दैत्य बासुकी नाग को रस्सी बनाकर मन्दराचल की मथनी से समुद्र मथ रहे हैं। देवता, दिव् धातु, जिसका अर्थ प्रकाशमान होना है, से निकलता है। अर्थ है कोई भी परालौकिक शक्ति का पात्र, जो अमर और पराप्राकृतिक है और इसलिये पूजनीय है। देवता अथवा देव इस तरह के पुरुषों के लिये प्रयुक्त होता है और देवी इस तरह की स्त्रियों के लिये। हिन्दू धर्म में देवताओं को या तो परमेश्वर (ब्रह्म) का लौकिक रूप माना जाता है, या तो उन्हें ईश्वर का सगुण रूप माना जाता है। बृहदारण्य उपनिषद में एक बहुत सुन्दर संवाद है जिसमें यह प्रश्न है कि कितने देव हैं। उत्तर यह है कि वास्तव में केवल एक है जिसके कई रूप हैं। पहला उत्तर है ३३ करोड़; और पूछने पर ३३३९; और पूछने पर ३३; और पूछने पर ३ और अन्त में डेढ और फिर केवल एक। वेद मन्त्रों के विभिन्न देवता है। प्रत्येक मन्त्र का ऋषि, कीलक और देवता होता है। .
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नदी
भागीरथी नदी, गंगोत्री में नदी भूतल पर प्रवाहित एक जलधारा है जिसका स्रोत प्रायः कोई झील, हिमनद, झरना या बारिश का पानी होता है तथा किसी सागर अथवा झील में गिरती है। नदी शब्द संस्कृत के नद्यः से आया है। संस्कृत में ही इसे सरिता भी कहते हैं। नदी दो प्रकार की होती है- सदानीरा या बरसाती। सदानीरा नदियों का स्रोत झील, झरना अथवा हिमनद होता है और वर्ष भर जलपूर्ण रहती हैं, जबकि बरसाती नदियाँ बरसात के पानी पर निर्भर करती हैं। गंगा, यमुना, कावेरी, ब्रह्मपुत्र, अमेज़न, नील आदि सदानीरा नदियाँ हैं। नदी के साथ मनुष्य का गहरा सम्बंध है। नदियों से केवल फसल ही नहीं उपजाई जाती है बल्कि वे सभ्यता को जन्म देती हैं अपितु उसका लालन-पालन भी करती हैं। इसलिए मनुष्य हमेशा नदी को देवी के रूप में देखता आया है। .
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नर्मदा जिला
नर्मदा भारतीय राज्य गुजरात का एक जिला है। जिले का मुख्यालय राजपीपला है। क्षेत्रफल - वर्ग कि॰मी॰ जनसंख्या - (2001 जनगणना) जिलाधिकारी - (सितम्बर 2006 में) समुद्र तल से उचाई - अक्षांश - उत्तर देशांतर - पूर्व .
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नेमावर
नेमावर देवास जिला, मध्य प्रदेश, भारत में स्थित एक नगर है। मंदिर निर्माण- मंदिर निर्माण की कथा महाभारत कालीन है बताया जाता हे की कौरवो एवम् पांडवो के बिच एक रात में मंदिर निर्माण की शर्त्त लगी थी कौरव की संख्या अधिक होने से उन्होंने एक ही रात में तत्कालीन सिद्धनाथ मंदिर जा निर्माण कर दिया जबकि पांडवों की संख्या कम थी अत उनका मंदिर अधूरा ही बन पाया जो आज भी मुख्य मंदिर से पास ही मणिगिरी पर्वत पर वेसी ही अवस्था में स्थित है कौरवो ने मंदिर निर्माण कर पांडवो को अभिमान वश होकर ताने मारेे अतः भीम ने कोधित होकर मंदिर को घुमा कर मंदिर का मुख द्वार पूर्व से पश्चिम दिशा में कर दिया जो आज भी है कई विद्वानों की माने तो मन्दिर पर बनाई गई मुर्तिया विश्व में एक अद्भुत कलाकृति है नेमावर का महत्व- नेमावर नर्मदा नदी के उत्तर तट पर सहित है यहाँ माँ नर्मदा का नाभि स्थान है यानि यह नर्मदा जी जा मध्य भाग है नेमावर में प्रकति का सुन्दर नमूना है यहाँ कई साधू संत व महायोगी की नगरी रही है आज भी यहाँ चिन्मय धाम आश्रम स्थित है जो विश्वनाथ प्रकाश जी महाराज द्वारा स्थापित है जिन्हें ब्रह्मचारी बाबा कहा जाता था आप महायोगी थे आश्रम पर वासुदेवानंद सरस्वती (टेम्बे स्वामी) जी की पादुका भी स्थापित है श्रेणी:मध्य प्रदेश के नगर अधिक जानकारी के लिए आप www.hindukushjankari.ml पर संपर्क कर सकते है.
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बड़ोदरा
बड़ोदरा गुजरात राज्य का तीसरा सबसे अधिक जनसन्ख्या वाला शहर है। यह एक शहर है जहा का महाराजा सयाजीराव विश्वविद्यालय अपने सुंदर स्थापत्य के लिए जाना जाता है। वड़ोदरा गुजरात का एक महत्त्वपूर्ण नगर है। वड़ोदरा शहर, वडोदरा ज़िले का प्रशासनिक मुख्यालय, पूर्वी-मध्य गुजरात राज्य, पश्चिम भारत, अहमदाबाद के दक्षिण-पूर्व में विश्वामित्र नदी के तट पर स्थित है। वडोदरा को बड़ौदा भी कहते हैं। इसका सबसे पुराना उल्लेख 812 ई.
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बरना
बरना भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के एटा जिले के अलीगंज प्रखण्ड का एक गाँव है। श्रेणी:एटा जिला के गाँव.
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बंगाल की खाड़ी
बंगाल की खाड़ी विश्व की सबसे बड़ी खाड़ी है और हिंद महासागर का पूर्वोत्तर भाग है। यह मोटे रूप में त्रिभुजाकार खाड़ी है जो पश्चिमी ओर से अधिकांशतः भारत एवं शेष श्रीलंका, उत्तर से बांग्लादेश एवं पूर्वी ओर से बर्मा (म्यांमार) तथा अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह से घिरी है। बंगाल की खाड़ी का क्षेत्रफल 2,172,000 किमी² है। प्राचीन हिन्दू ग्रन्थों के अन्सुआर इसे महोदधि कहा जाता था। बंगाल की खाड़ी 2,172,000 किमी² के क्षेत्रफ़ल में विस्तृत है, जिसमें सबसे बड़ी नदी गंगा तथा उसकी सहायक पद्मा एवं हुगली, ब्रह्मपुत्र एवं उसकी सहायक नदी जमुना एवं मेघना के अलावा अन्य नदियाँ जैसे इरावती, गोदावरी, महानदी, कृष्णा, कावेरी आदि नदियां सागर से संगम करती हैं। इसमें स्थित मुख्य बंदरगाहों में चेन्नई, चटगाँव, कोलकाता, मोंगला, पारादीप, तूतीकोरिन, विशाखापट्टनम एवं यानगॉन हैं। .
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भरूच जिला
भरुच भारतीय राज्य गुजरात का एक जिला है। इस जिले का मुख्यालय भरुच शहर में है। क्षेत्रफल - वर्ग कि॰मी॰ जनसंख्या - (2001 जनगणना) साक्षरता - एस॰टी॰डी॰ कोड - जिलाधिकारी - (सितम्बर 2006 में) समुद्र तल से उचाई - अक्षांश - उत्तर देशांतर - पूर्व औसत वर्षा - मि॰मी॰ .
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भारत
भारत (आधिकारिक नाम: भारत गणराज्य, Republic of India) दक्षिण एशिया में स्थित भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे बड़ा देश है। पूर्ण रूप से उत्तरी गोलार्ध में स्थित भारत, भौगोलिक दृष्टि से विश्व में सातवाँ सबसे बड़ा और जनसंख्या के दृष्टिकोण से दूसरा सबसे बड़ा देश है। भारत के पश्चिम में पाकिस्तान, उत्तर-पूर्व में चीन, नेपाल और भूटान, पूर्व में बांग्लादेश और म्यान्मार स्थित हैं। हिन्द महासागर में इसके दक्षिण पश्चिम में मालदीव, दक्षिण में श्रीलंका और दक्षिण-पूर्व में इंडोनेशिया से भारत की सामुद्रिक सीमा लगती है। इसके उत्तर की भौतिक सीमा हिमालय पर्वत से और दक्षिण में हिन्द महासागर से लगी हुई है। पूर्व में बंगाल की खाड़ी है तथा पश्चिम में अरब सागर हैं। प्राचीन सिन्धु घाटी सभ्यता, व्यापार मार्गों और बड़े-बड़े साम्राज्यों का विकास-स्थान रहे भारतीय उपमहाद्वीप को इसके सांस्कृतिक और आर्थिक सफलता के लंबे इतिहास के लिये जाना जाता रहा है। चार प्रमुख संप्रदायों: हिंदू, बौद्ध, जैन और सिख धर्मों का यहां उदय हुआ, पारसी, यहूदी, ईसाई, और मुस्लिम धर्म प्रथम सहस्राब्दी में यहां पहुचे और यहां की विविध संस्कृति को नया रूप दिया। क्रमिक विजयों के परिणामस्वरूप ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कंपनी ने १८वीं और १९वीं सदी में भारत के ज़्यादतर हिस्सों को अपने राज्य में मिला लिया। १८५७ के विफल विद्रोह के बाद भारत के प्रशासन का भार ब्रिटिश सरकार ने अपने ऊपर ले लिया। ब्रिटिश भारत के रूप में ब्रिटिश साम्राज्य के प्रमुख अंग भारत ने महात्मा गांधी के नेतृत्व में एक लम्बे और मुख्य रूप से अहिंसक स्वतन्त्रता संग्राम के बाद १५ अगस्त १९४७ को आज़ादी पाई। १९५० में लागू हुए नये संविधान में इसे सार्वजनिक वयस्क मताधिकार के आधार पर स्थापित संवैधानिक लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित कर दिया गया और युनाईटेड किंगडम की तर्ज़ पर वेस्टमिंस्टर शैली की संसदीय सरकार स्थापित की गयी। एक संघीय राष्ट्र, भारत को २९ राज्यों और ७ संघ शासित प्रदेशों में गठित किया गया है। लम्बे समय तक समाजवादी आर्थिक नीतियों का पालन करने के बाद 1991 के पश्चात् भारत ने उदारीकरण और वैश्वीकरण की नयी नीतियों के आधार पर सार्थक आर्थिक और सामाजिक प्रगति की है। ३३ लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के साथ भारत भौगोलिक क्षेत्रफल के आधार पर विश्व का सातवाँ सबसे बड़ा राष्ट्र है। वर्तमान में भारतीय अर्थव्यवस्था क्रय शक्ति समता के आधार पर विश्व की तीसरी और मानक मूल्यों के आधार पर विश्व की दसवीं सबसे बडी अर्थव्यवस्था है। १९९१ के बाज़ार-आधारित सुधारों के बाद भारत विश्व की सबसे तेज़ विकसित होती बड़ी अर्थ-व्यवस्थाओं में से एक हो गया है और इसे एक नव-औद्योगिकृत राष्ट्र माना जाता है। परंतु भारत के सामने अभी भी गरीबी, भ्रष्टाचार, कुपोषण, अपर्याप्त सार्वजनिक स्वास्थ्य-सेवा और आतंकवाद की चुनौतियां हैं। आज भारत एक विविध, बहुभाषी, और बहु-जातीय समाज है और भारतीय सेना एक क्षेत्रीय शक्ति है। .
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भेड़ाघाट
भेड़ाघाट, भारतीय राज्य मध्य प्रदेश के जबलपुर जिला में स्थित एक रमणीय पर्यटन स्थल है। भारतीय पुरातत्व विभाग द्वारा संरक्षित चौसठ योगिनी मंदिर इसके समीप स्थित है। धुआंधार जलप्रपात, भेड़ाघाट के निकट एक आकर्षक पर्यटन स्थल है। भेडाघाट में बहती नर्मदा नदी नर्मदा नदी के दोनों तटों पर संगमरमर की सौ फुट तक ऊँची चट्टानें भेड़ाघाट की खासियत हैं। यह पर्यटन स्थल भी जबलपुर से महज 23 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। जबलपुर से भेड़ाघाट के लिए बस(मेट्रो), टेम्पो और टैक्सी भी उपलब्ध रहती है। यहाँ कई प्रसिद्ध् हिन्दी फिल्मो का छित्रान्कन हुआ है।;संगरमर की चट्टानें चाँद की रोशनी में भेड़ाघाट की सैर एक अलग ही तरह का अनुभव रहता है।;धुआँधार वॉटर फॉल भेड़ाघाट के पास नर्मदा का पानी एक बड़े झरने के रूप में गिरता है। यह स्पॉट धुआँधार फॉल्स कहलाता है।;चौंसठ योगिनी मंदिर भेड़ाघाट के पास ही यह मंदिर एक पहाड़ी पर स्थित है। यह बहुत ही भव्य मंदिर है। यहाँ ६४ योगिनी अर्थात् देवियों की प्रतिमा है। दसवीं शताब्दी में स्थापित हुए दुर्गा के इस मंदिर से नर्मदा दिखाई देती है। .
देखें नर्मदा नदी और भेड़ाघाट
मध्य प्रदेश
मध्य प्रदेश भारत का एक राज्य है, इसकी राजधानी भोपाल है। मध्य प्रदेश १ नवंबर, २००० तक क्षेत्रफल के आधार पर भारत का सबसे बड़ा राज्य था। इस दिन एवं मध्यप्रदेश के कई नगर उस से हटा कर छत्तीसगढ़ की स्थापना हुई थी। मध्य प्रदेश की सीमाऐं पांच राज्यों की सीमाओं से मिलती है। इसके उत्तर में उत्तर प्रदेश, पूर्व में छत्तीसगढ़, दक्षिण में महाराष्ट्र, पश्चिम में गुजरात, तथा उत्तर-पश्चिम में राजस्थान है। हाल के वर्षों में राज्य के सकल घरेलू उत्पाद की विकास दर राष्ट्रीय औसत से ऊपर हो गया है। खनिज संसाधनों से समृद्ध, मध्य प्रदेश हीरे और तांबे का सबसे बड़ा भंडार है। अपने क्षेत्र की 30% से अधिक वन क्षेत्र के अधीन है। इसके पर्यटन उद्योग में काफी वृद्धि हुई है। राज्य में वर्ष 2010-11 राष्ट्रीय पर्यटन पुरस्कार जीत लिया। .
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महाभारत
महाभारत हिन्दुओं का एक प्रमुख काव्य ग्रंथ है, जो स्मृति वर्ग में आता है। कभी कभी केवल "भारत" कहा जाने वाला यह काव्यग्रंथ भारत का अनुपम धार्मिक, पौराणिक, ऐतिहासिक और दार्शनिक ग्रंथ हैं। विश्व का सबसे लंबा यह साहित्यिक ग्रंथ और महाकाव्य, हिन्दू धर्म के मुख्यतम ग्रंथों में से एक है। इस ग्रन्थ को हिन्दू धर्म में पंचम वेद माना जाता है। यद्यपि इसे साहित्य की सबसे अनुपम कृतियों में से एक माना जाता है, किन्तु आज भी यह ग्रंथ प्रत्येक भारतीय के लिये एक अनुकरणीय स्रोत है। यह कृति प्राचीन भारत के इतिहास की एक गाथा है। इसी में हिन्दू धर्म का पवित्रतम ग्रंथ भगवद्गीता सन्निहित है। पूरे महाभारत में लगभग १,१०,००० श्लोक हैं, जो यूनानी काव्यों इलियड और ओडिसी से परिमाण में दस गुणा अधिक हैं। हिन्दू मान्यताओं, पौराणिक संदर्भो एवं स्वयं महाभारत के अनुसार इस काव्य का रचनाकार वेदव्यास जी को माना जाता है। इस काव्य के रचयिता वेदव्यास जी ने अपने इस अनुपम काव्य में वेदों, वेदांगों और उपनिषदों के गुह्यतम रहस्यों का निरुपण किया हैं। इसके अतिरिक्त इस काव्य में न्याय, शिक्षा, चिकित्सा, ज्योतिष, युद्धनीति, योगशास्त्र, अर्थशास्त्र, वास्तुशास्त्र, शिल्पशास्त्र, कामशास्त्र, खगोलविद्या तथा धर्मशास्त्र का भी विस्तार से वर्णन किया गया हैं। .
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महाराष्ट्र
महाराष्ट्र भारत का एक राज्य है जो भारत के दक्षिण मध्य में स्थित है। इसकी गिनती भारत के सबसे धनी राज्यों में की जाती है। इसकी राजधानी मुंबई है जो भारत का सबसे बड़ा शहर और देश की आर्थिक राजधानी के रूप में भी जानी जाती है। और यहाँ का पुणे शहर भी भारत के बड़े महानगरों में गिना जाता है। यहाँ का पुणे शहर भारत का छठवाँ सबसे बड़ा शहर है। महाराष्ट्र की जनसंख्या सन २०११ में ११,२३,७२,९७२ थी, विश्व में सिर्फ़ ग्यारह ऐसे देश हैं जिनकी जनसंख्या महाराष्ट्र से ज़्यादा है। इस राज्य का निर्माण १ मई, १९६० को मराठी भाषी लोगों की माँग पर की गयी थी। यहां मराठी ज्यादा बोली जाती है। मुबई अहमदनगर पुणे, औरंगाबाद, कोल्हापूर, नाशिक नागपुर ठाणे शिर्डी-अहमदनगर आैर महाराष्ट्र के अन्य मुख्य शहर हैं। .
देखें नर्मदा नदी और महाराष्ट्र
मंडला ज़िला
मण्डला जिला मंडला जिला, भारत के मध्य प्रदेश राज्य में सतपुड़ा पहाड़ियों में स्थित एक जिला है। नर्मदा नदी उत्तर-पश्चिम बहती हुई इस जिले को रीवा से अलग करती है। नर्मदा की सहायक बंजार नदी की घाटी में जिले का सबसे अधिक उपजाऊ भाग पड़ता है, जिसे 'हवेली' कहते हैं। हवेली के दक्षिण बंजार की घाटी जंगलों से ढकी हुई हैं। सर्वप्रमुख इमारती पेड़ साल हैं। बाँस, टीक और हरड़ अन्य उल्लेखनीय वृक्ष हैं। नदियों की घाटियों में धान, गेहूँ और तिलहन की उपज होती है। जंगल में चीता के आखेट के लिये यह एक प्रसिद्ध जिला हैं। लाख उत्पादन, लकड़ी चीरना, पान उगाना, पशुपालन, चटाई और रस्सियों का निर्माण यहाँ के लोगों के उद्यम हैं। यहाँ के 60 प्रतिशत निवासी गौंड़ जनजाति के हें। यहाँ मैगनीज और धातु के निक्षेप हैं। मंडला नगर, नर्मदा नदी के किनारे जबलपुर के 45 मील दक्षिण-पूर्व में मंडला जिले का प्रशासनिक केन्द्र है, जो तीन ओर से नर्मदा द्वारा घिरा हुआ हैं। फुल धातु ((Bell metal) के पात्रों के लिये विख्यात है। यह गोंड़ वंश की राजधानी रह चुका है। यहाँ किले और प्रासाद के अवशेष हैं। देश का एकमात्र जीवाश्म राष्ट्रीय पार्क मंडला जिले में स्थित है। श्रेणी:मध्य प्रदेश के जिले.
देखें नर्मदा नदी और मंडला ज़िला
मेघदूतम्
कालिदास रचित मेघदूतम् मेघदूतम् महाकवि कालिदास द्वारा रचित विख्यात दूतकाव्य है। इसमें एक यक्ष की कथा है जिसे कुबेर अलकापुरी से निष्कासित कर देता है। निष्कासित यक्ष रामगिरि पर्वत पर निवास करता है। वर्षा ऋतु में उसे अपनी प्रेमिका की याद सताने लगती है। कामार्त यक्ष सोचता है कि किसी भी तरह से उसका अल्कापुरी लौटना संभव नहीं है, इसलिए वह प्रेमिका तक अपना संदेश दूत के माध्यम से भेजने का निश्चय करता है। अकेलेपन का जीवन गुजार रहे यक्ष को कोई संदेशवाहक भी नहीं मिलता है, इसलिए उसने मेघ के माध्यम से अपना संदेश विरहाकुल प्रेमिका तक भेजने की बात सोची। इस प्रकार आषाढ़ के प्रथम दिन आकाश पर उमड़ते मेघों ने कालिदास की कल्पना के साथ मिलकर एक अनन्य कृति की रचना कर दी। मेघदूत की लोकप्रियता भारतीय साहित्य में प्राचीन काल से ही रही है। जहाँ एक ओर प्रसिद्ध टीकाकारों ने इस पर टीकाएँ लिखी हैं, वहीं अनेक संस्कृत कवियों ने इससे प्रेरित होकर अथवा इसको आधार बनाकर कई दूतकाव्य लिखे। भावना और कल्पना का जो उदात्त प्रसार मेघदूत में उपलब्ध है, वह भारतीय साहित्य में अन्यत्र विरल है। नागार्जुन ने मेघदूत के हिन्दी अनुवाद की भूमिका में इसे हिन्दी वाङ्मय का अनुपम अंश बताया है। मेघदूतम् काव्य दो खंडों में विभक्त है। पूर्वमेघ में यक्ष बादल को रामगिरि से अलकापुरी तक के रास्ते का विवरण देता है और उत्तरमेघ में यक्ष का यह प्रसिद्ध विरहदग्ध संदेश है जिसमें कालिदास ने प्रेमीहृदय की भावना को उड़ेल दिया है। कुछ विद्वानों ने इस कृति को कवि की व्यक्तिव्यंजक (आत्मपरक) रचना माना है। "मेघदूत" में लगभग ११५ पद्य हैं, यद्यपि अलग अलग संस्करणों में इन पद्यों की संख्या हेर-फेर से कुछ अधिक भी मिलती है। डॉ॰ एस.
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मीटर
मान (मीटर) लम्बाई के नाप/माप की इकाई है। यह अन्तर्राष्ट्रीय इकाई प्रणाली में एवं मीट्रिक प्रणाली में भी, लम्बाई के मापन की SI मूल इकाई है। इसका प्रयोग विश्वव्यापी स्तर पर वैज्ञानिक और सामान्य प्रयोगों हेतु होता है। ऐतिहासिक रूप से, मान को फ़्रांसीसी विज्ञान अकादमी ने परिभाषित किया था। यह परिभाषा थी:.
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रामायण
रामायण आदि कवि वाल्मीकि द्वारा लिखा गया संस्कृत का एक अनुपम महाकाव्य है। इसके २४,००० श्लोक हैं। यह हिन्दू स्मृति का वह अंग हैं जिसके माध्यम से रघुवंश के राजा राम की गाथा कही गयी। इसे आदिकाव्य तथा इसके रचयिता महर्षि वाल्मीकि को 'आदिकवि' भी कहा जाता है। रामायण के सात अध्याय हैं जो काण्ड के नाम से जाने जाते हैं। .
देखें नर्मदा नदी और रामायण
राज्य
विश्व के वर्तमान राज्य (विश्व राजनीतिक) पूँजीवादी राज्य व्यवस्था का पिरामिड राज्य उस संगठित इकाई को कहते हैं जो एक शासन (सरकार) के अधीन हो। राज्य संप्रभुतासम्पन्न हो सकते हैं। इसके अलावा किसी शासकीय इकाई या उसके किसी प्रभाग को भी 'राज्य' कहते हैं, जैसे भारत के प्रदेशों को भी 'राज्य' कहते हैं। राज्य आधुनिक विश्व की अनिवार्य सच्चाई है। दुनिया के अधिकांश लोग किसी-न-किसी राज्य के नागरिक हैं। जो लोग किसी राज्य के नागरिक नहीं हैं, उनके लिए वर्तमान विश्व व्यवस्था में अपना अस्तित्व बचाये रखना काफ़ी कठिन है। वास्तव में, 'राज्य' शब्द का उपयोग तीन अलग-अलग तरीके से किया जा सकता है। पहला, इसे एक ऐतिहासिक सत्ता माना जा सकता है; दूसरा इसे एक दार्शनिक विचार अर्थात् मानवीय समाज के स्थाई रूप के तौर पर देखा जा सकता है; और तीसरा, इसे एक आधुनिक परिघटना के रूप में देखा जा सकता है। यह आवश्यक नहीं है कि इन सभी अर्थों का एक-दूसरे से टकराव ही हो। असल में, इनके बीच का अंतर सावधानी से समझने की आवश्यकता है। वैचारिक स्तर पर राज्य को मार्क्सवाद, नारीवाद और अराजकतावाद आदि से चुनौती मिली है। लेकिन अभी राज्य से परे किसी अन्य मज़बूत इकाई की खोज नहीं हो पायी है। राज्य अभी भी प्रासंगिक है और दिनों-दिन मज़बूत होता जा रहा है। यूरोपीय चिंतन में राज्य के चार अंग बताये जाते हैं - निश्चित भूभाग, जनसँख्या, सरकार और संप्रभुता। भारतीय राजनीतिक चिन्तन में 'राज्य' के सात अंग गिनाये जाते हैं- राजा या स्वामी, मंत्री या अमात्य, सुहृद, देश, कोष, दुर्ग और सेना। (राज्य की भारतीय अवधारण देखें।) कौटिल्य ने राज्य के सात अंग बताये हैं और ये उनका "सप्तांग सिद्धांत " कहलाता है - राजा, आमात्य या मंत्री, पुर या दुर्ग, कोष, दण्ड, मित्र । .
देखें नर्मदा नदी और राज्य
रघुवंशम्
रघुवंश कालिदास रचित महाकाव्य है। इस महाकाव्य में उन्नीस सर्गों में रघु के कुल में उत्पन्न बीस राजाओं का इक्कीस प्रकार के छन्दों का प्रयोग करते हुए वर्णन किया गया है। इसमें दिलीप, रघु, दशरथ, राम, कुश और अतिथि का विशेष वर्णन किया गया है। वे सभी समाज में आदर्श स्थापित करने में सफल हुए। राम का इसमें विषद वर्णन किया गया है। उन्नीस में से छः सर्ग उनसे ही संबन्धित हैं। आदिकवि वाल्मीकि ने राम को नायक बनाकर अपनी रामायण रची, जिसका अनुसरण विश्व के कई कवियों और लेखकों ने अपनी-अपनी भाषा में किया और राम की कथा को अपने-अपने ढंग से प्रस्तुत किया। कालिदास ने यद्यपि राम की कथा रची परंतु इस कथा में उन्होंने किसी एक पात्र को नायक के रूप में नहीं उभारा। उन्होंने अपनी कृति ‘रघुवंश’ में पूरे वंश की कथा रची, जो दिलीप से आरम्भ होती है और अग्निवर्ण पर समाप्त होती है। अग्निवर्ण के मरणोपरांत उसकी गर्भवती पत्नी के राज्यभिषेक के उपरान्त इस महाकाव्य की इतिश्री होती है। रघुवंश पर सबसे प्राचीन उपलब्ध टीका १०वीं शताब्दी के काश्मीरी कवि वल्लभदेव की है। किन्तु सर्वाधिक प्रसिद्ध टीका मल्लिनाथ (1350 ई - 1450 ई) द्वारा रचित 'संजीवनी' है। .
देखें नर्मदा नदी और रघुवंशम्
शर्करा
डेट्राइट, मिशिगनआवर्धित रूप में चीनी के दाने शक्कर, शर्करा या चीनी (Sugar) एक क्रिस्टलीय खाद्य पदार्थ है। इसमें मुख्यत: सुक्रोज, लैक्टोज एवं फ्रक्टोज उपस्थित होता है। मानव की स्वाद ग्रन्थियाँ मस्तिष्क को इसका स्वाद मीठा बताती हैं। चीनी मुख्यत: गन्ना (या ईख) एवं चुकन्दर से तैयार की जाती है। यह फलों, मधु एवं अन्य कई स्रोतों में भी पायी जाती है। इसे मारवाडी भाषा में 'खोड' अथवा ' मुरस ' कहा जाता है। चीनी की अत्यधिक मात्रा खाने से प्रकार-२ का मधुमेह होने की घटनाएँ अधिक देखी गयीं हैं। इसके अलावा मोटापा और दाँतों का क्षरण भी होता है। विश्व में ब्राजील में प्रति व्यक्ति चीनी की खपत सर्वाधिक होती है। भारत में एक देश के रूप में सर्वाधिक चीनी का खपत होती है। .
देखें नर्मदा नदी और शर्करा
शेर
शेर के कई अर्थ हो सकते हैं.
देखें नर्मदा नदी और शेर
सतपुड़ा
सतपुड़ा भारत के मध्य भाग में स्थित एक पर्वतमाला है।सतपुड़ा पर्वतश्रेणी नर्मदा एवं ताप्ती की दरार घाटियों के बीच राजपीपला पहाड़ी, महादेव पहाड़ी एवं मैकाल श्रेणी के रूप में पश्चिम से पूर्व की ओर विस्तृत है। पूर्व में इसका विस्तार छोटा नागपुर पठार तक है। यह पर्वत श्रेणी एक ब्लाक पर्वत है, जो मुख्यत: ग्रेनाइट एवं बेसाल्ट चट्टानों से निर्मित है। इस पर्वत श्रेणी की सर्वोच्च चोटी धूपगढ़ 1350 मीटर है, जो महादेव पर्वत पर स्थित है। श्रेणी:भारत के पर्वत श्रेणी:मध्य प्रदेश का भूगोल श्रेणी:महाराष्ट्र का भूगोल R.s.Rajawat dist Ujjain mp.
देखें नर्मदा नदी और सतपुड़ा
संगमर्मर
ताजमहल, एक विश्व प्रसिद्ध स्मारक, जो कि प्रेम हेतु सृजित है, एक संगमरमर में तराशी कलाकृति रोमन देवी, वीनस की मूर्ती संगमरमर या सिर्फ मरमर (फारसी:سنگ مرمر) एक कायांतरित शैल है, जो कि चूना पत्थर के कायांतरण का परिणाम है। यह अधिकतर कैलसाइट का बना होता है, जो कि कैल्शियम कार्बोनेट (CaCO3) का स्फटिकीय रूप है। यह शिल्पकला के लिये निर्माण अवयव हेतु प्रयुक्त होता है। इसका नाम फारसी से निकला है, जिसका अर्थ है मुलायम पत्थर। संग-पत्थर, ए-का, मर्मर-मुलायम .
देखें नर्मदा नदी और संगमर्मर
स्कन्द पुराण
विभिन्न विषयों के विस्तृत विवेचन की दृष्टि से स्कन्दपुराण सबसे बड़ा पुराण है। भगवान स्कन्द के द्वारा कथित होने के कारण इसका नाम 'स्कन्दपुराण' है। इसमें बद्रिकाश्रम, अयोध्या, जगन्नाथपुरी, रामेश्वर, कन्याकुमारी, प्रभास, द्वारका, काशी, कांची आदि तीर्थों की महिमा; गंगा, नर्मदा, यमुना, सरस्वती आदि नदियों के उद्गम की मनोरथ कथाएँ; रामायण, भागवतादि ग्रन्थों का माहात्म्य, विभिन्न महीनों के व्रत-पर्व का माहात्म्य तथा शिवरात्रि, सत्यनारायण आदि व्रत-कथाएँ अत्यन्त रोचक शैली में प्रस्तुत की गयी हैं। विचित्र कथाओं के माध्यम से भौगोलिक ज्ञान तथा प्राचीन इतिहास की ललित प्रस्तुति इस पुराण की अपनी विशेषता है। आज भी इसमें वर्णित विभिन्न व्रत-त्योहारों के दर्शन भारत के घर-घर में किये जा सकते हैं। इसमें लौकिक और पारलौकिक ज्ञानके अनन्त उपदेश भरे हैं। इसमें धर्म, सदाचार, योग, ज्ञान तथा भक्ति के सुन्दर विवेचनके साथ अनेकों साधु-महात्माओं के सुन्दर चरित्र पिरोये गये हैं। आज भी इसमें वर्णित आचारों, पद्धतियोंके दर्शन हिन्दू समाज के घर-घरमें किये जा सकते हैं। इसके अतिरिक्त इसमें भगवान शिव की महिमा, सती-चरित्र, शिव-पार्वती-विवाह, कार्तिकेय-जन्म, तारकासुर-वध आदि का मनोहर वर्णन है। इस पुराण के माहेश्वरखण्ड के कौमारिकाखण्ड के अध्याय २३ में एक कन्या को दस पुत्रों के बराबर कहा गया है- यह खण्डात्मक और संहितात्मक दो स्वरूपों में उपलब्ध है। दोनों स्वरूपों में ८१-८१ हजार श्लोक परंपरागत रूप से माने गये हैं। खण्डात्मक स्कन्द पुराण में क्रमशः माहेश्वर, वैष्णव, ब्राह्म, काशी, अवन्ती (ताप्ती और रेवाखण्ड) नागर तथा प्रभास -- ये सात खण्ड हैं। संहितात्मक स्कन्दपुराण में सनत्कुमार, शंकर, ब्राह्म, सौर, वैष्णव और सूत -- छः संहिताएँ हैं। .
देखें नर्मदा नदी और स्कन्द पुराण
सोन नदी
सोन नद या सोनभद्र नद भारत के मध्य प्रदेश राज्य से निकल कर उत्तर प्रदेश, झारखंड के पहाड़ियों से गुजरते हुए पटना के समीप जाकर गंगा नदी में मिल जाती है। यह बिहार की एक प्रमुख नदी है। इस नदी का नाम सोन पड़ा क्योंकि इस नदी के बालू (रेत) पीले रंग के हैँ जो सोने कि तरह चमकते हैँ। इस नदी के रेत भवन निर्माण आदी के लिए बहुत उपयोगी हैं यह रेत पूरे बिहार में भवन निर्माण के लिए उपयोग में लाया जाता है तथा यह रेत उत्तर प्रदेश के कुछ शहरों में भी निर्यात किया जाता है। सोन नद का उल्लेख रामायण आदि पुराणो में आता है । .
देखें नर्मदा नदी और सोन नदी
हिरण
right एक हिरण एक सर्विडे परिवार का रूमिनंट स्तनपायी जन्तु है। हिरण Cervidae परिवार के सदस्य हैं। एक मादा हिरण एक हरिणी कहा जाता है। एक पुरुष एक हिरन कहा जाता है। हिरण की प्रजातियों में से कई किस्में हैं। हिरण दुनिया भर के कई महाद्वीपों पर पाए जाते हैं। यह स्तनधारी प्रजातियों आमतौर पर वन निवास में रह पाया है। बक्स करने के लिए सींग है करते हैं। डो सींग का अधिकारी नहीं करते हैं। हिरण भी खुरों के अधिकारी। Animals of Hindustan small deer and cows called gīnī, from Illuminated manuscript Baburnama (Memoirs of Babur) श्रेणी:हिरण श्रेणी:स्तनधारी.
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होशंगाबाद
होशंगाबाद भारत के मध्य प्रदेश प्रान्त में स्थित एक प्रमुख शहर है। होशंगाबाद जिला मुख्यालय है। होशंगाबाद की स्थापना मांडू (मालवा) के द्वितीय राजा सुल्तान हुशंगशाह गौरी द्वारा पन्द्रहवी शताब्दी के आरंभ में की गई थी। होशंगाबाद नर्मदा नदी के किनारे स्थित है। इसके किनारे पर सतपुड़ा पर्वत स्थित है। नर्मदा नदी जिले की उत्तरी सीमा के साथ-साथ बहती है। नर्मदा की सहायक नदी दूधी है जोकि होशंगाबाद जिले की उत्तरी पूर्वी सीमा बनाती है। होशंगाबाद में प्रतिभूति कागज कारखाना है जिसमें भारतीय रुपया छापने के लिए कागज बनाया जाता है। यहाँ एक केन्द्रीय विद्यालय भी है जिसका पूरा नाम केन्द्रीय विद्यालय प्रतिभूति कागज कारखाना होशंगाबाद है। होशंगाबाद के पास प्राचीन पहाड़ियाँ हैं जिन्हें "पहाड़िया" कहा जाता है। इन पहाड़ियों में कुछ गुफायें हैं जिनमें शैलचित्र जिन्हें राक पेंटिंग भी कहते हैं उकेरे गये हैं। ये राक पेंटि्ग्स आदि मानव द्वारा निर्मित हैं। हजारों साल से खुले आसमान के नीचे रहने के बाद भी ये पेंटिंग्स अभी भी मिटी नहीं हैं। नर्मदा नदी का प्रसिद्ध सेठानी घाट होशंगाबाद में ही है। होशंगाबाद में एक प्राचीन गुरुकुल है। .
देखें नर्मदा नदी और होशंगाबाद
जबलपुर
जबलपुर भारत के मध्यप्रदेश राज्य का एक शहर है। यहाँ पर मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय तथा राज्य विज्ञान संस्थान है। इसे मध्यप्रदेश की संस्कारधानी भी कहा जाता है। थलसेना की छावनी के अलावा यहाँ भारतीय आयुध निर्माणियों के कारखाने तथा पश्चिम-मध्य रेलवे का मुख्यालय भी है। .
देखें नर्मदा नदी और जबलपुर
जलोढ़क
जलोढ़: नदी जल द्वारा अपने मार्ग में जमा की गई मिट्टी जलोढ़क, अथवा अलूवियम उस मृदा को कहा जाता है, जो बहते हुए जल द्वारा बहाकर लाया तथा कहीं अन्यत्र जमा किया गया हो। यह भुरभुरा अथवा ढीला होता है अर्थात् इसके कण आपस में सख्ती से बंधकर कोई 'ठोस' शैल नहीं बनाते। जलोढ़क से भरी मिट्टी को जलोढ़ मृदा या जलोढ़ मिट्टी कहा जाता है। जलोढ़ मिट्टी प्रायः विभिन्न प्रकार के पदार्थों से मिलकर बनी होती है जिसमें गाद (सिल्ट) तथा मृत्तिका के महीन कण तथा बालू तथा बजरी के अपेक्षाकृत बड़े कण भी होते हैं। .
देखें नर्मदा नदी और जलोढ़क
विन्ध्याचल
विन्ध्याचल उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले का एक धार्मिक दृष्टिकोण से प्रसिद्ध शहर है। यहाँ माँ विन्ध्यवासिनी देवी का मंदिर है। मार्कण्डेय पुराण के अनुसार, माँ विन्ध्यवासिनी ने महिषासुर का वध करने के लिए अवतार लिया था। यह नगर गंगा के किनारे स्थित है। भारतीय मानक समय (IST) की रेखा विन्ध्याचल के रेलवे स्टेशन से होकर जाती है। .
देखें नर्मदा नदी और विन्ध्याचल
विष्णु
वैदिक समय से ही विष्णु सम्पूर्ण विश्व की सर्वोच्च शक्ति तथा नियन्ता के रूप में मान्य रहे हैं। हिन्दू धर्म के आधारभूत ग्रन्थों में बहुमान्य पुराणानुसार विष्णु परमेश्वर के तीन मुख्य रूपों में से एक रूप हैं। पुराणों में त्रिमूर्ति विष्णु को विश्व का पालनहार कहा गया है। त्रिमूर्ति के अन्य दो रूप ब्रह्मा और शिव को माना जाता है। ब्रह्मा को जहाँ विश्व का सृजन करने वाला माना जाता है, वहीं शिव को संहारक माना गया है। मूलतः विष्णु और शिव तथा ब्रह्मा भी एक ही हैं यह मान्यता भी बहुशः स्वीकृत रही है। न्याय को प्रश्रय, अन्याय के विनाश तथा जीव (मानव) को परिस्थिति के अनुसार उचित मार्ग-ग्रहण के निर्देश हेतु विभिन्न रूपों में अवतार ग्रहण करनेवाले के रूप में विष्णु मान्य रहे हैं। पुराणानुसार विष्णु की पत्नी लक्ष्मी हैं। कामदेव विष्णु जी का पुत्र था। विष्णु का निवास क्षीर सागर है। उनका शयन शेषनाग के ऊपर है। उनकी नाभि से कमल उत्पन्न होता है जिसमें ब्रह्मा जी स्थित हैं। वह अपने नीचे वाले बाएँ हाथ में पद्म (कमल), अपने नीचे वाले दाहिने हाथ में गदा (कौमोदकी),ऊपर वाले बाएँ हाथ में शंख (पाञ्चजन्य) और अपने ऊपर वाले दाहिने हाथ में चक्र(सुदर्शन) धारण करते हैं। शेष शय्या पर आसीन विष्णु, लक्ष्मी व ब्रह्मा के साथ, छंब पहाड़ी शैली के एक लघुचित्र में। .
देखें नर्मदा नदी और विष्णु
वेद
वेद प्राचीन भारत के पवितत्रतम साहित्य हैं जो हिन्दुओं के प्राचीनतम और आधारभूत धर्मग्रन्थ भी हैं। भारतीय संस्कृति में वेद सनातन वर्णाश्रम धर्म के, मूल और सबसे प्राचीन ग्रन्थ हैं, जो ईश्वर की वाणी है। ये विश्व के उन प्राचीनतम धार्मिक ग्रंथों में हैं जिनके पवित्र मन्त्र आज भी बड़ी आस्था और श्रद्धा से पढ़े और सुने जाते हैं। 'वेद' शब्द संस्कृत भाषा के विद् शब्द से बना है। इस तरह वेद का शाब्दिक अर्थ 'ज्ञान के ग्रंथ' है। इसी धातु से 'विदित' (जाना हुआ), 'विद्या' (ज्ञान), 'विद्वान' (ज्ञानी) जैसे शब्द आए हैं। आज 'चतुर्वेद' के रूप में ज्ञात इन ग्रंथों का विवरण इस प्रकार है -.
देखें नर्मदा नदी और वेद
खण्डवा
खंडवा भारत के मध्य प्रदेश प्रान्त में स्थित एक प्रमुख शहर है। समुद्र तल से 900 मीटर की ऊंचाई पर है। यह जिला नर्मदा और ताप्ती नदी घाटी के मध्य बसा है। 6200 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैले खंडवा की सीमाएं बेतूल, होशंगाबाद, बुरहानपुर, खरगोन और देवस से मिलती हैं। ओमकारेश्वर यहां का लोकप्रिय और पवित्र दर्शनीय स्थल है। इसे भारत के 12 ज्योतिर्लिगों में शुमार किया जाता है। इसके अलावा घंटाघर, दादा धुनीवाले दरबार, हरसुद,मूँदी, सिद्धनाथ मंदिर और वीरखाला रूक यहां के अन्य लोकप्रिय पर्यटन स्थल हैं। .
देखें नर्मदा नदी और खण्डवा
गुलबकावली
गुल बकवाली या कपूर-कचरी (Hedychium coronarium) गुलबकावली हल्दी की जाति का एक पौधा जो प्रायः दलदलों या नम जमीन में होता है। इस पौधे का लंबोतरा फूल कई रंगों का और बहुत सुंगधित होता है। यह आँखों के रोगों में उपकारी माना जाता है। 'गुलबकावली' नाम की एक लोककथा तथा एक फिल्म भी है। .
देखें नर्मदा नदी और गुलबकावली
गुजरात
गुजरात (गुजराती:ગુજરાત)() पश्चिमी भारत में स्थित एक राज्य है। इसकी उत्तरी-पश्चिमी सीमा जो अन्तर्राष्ट्रीय सीमा भी है, पाकिस्तान से लगी है। राजस्थान और मध्य प्रदेश इसके क्रमशः उत्तर एवं उत्तर-पूर्व में स्थित राज्य हैं। महाराष्ट्र इसके दक्षिण में है। अरब सागर इसकी पश्चिमी-दक्षिणी सीमा बनाता है। इसकी दक्षिणी सीमा पर दादर एवं नगर-हवेली हैं। इस राज्य की राजधानी गांधीनगर है। गांधीनगर, राज्य के प्रमुख व्यवसायिक केन्द्र अहमदाबाद के समीप स्थित है। गुजरात का क्षेत्रफल १,९६,०७७ किलोमीटर है। गुजरात, भारत का अत्यंत महत्वपूर्ण राज्य है। कच्छ, सौराष्ट्र, काठियावाड, हालार, पांचाल, गोहिलवाड, झालावाड और गुजरात उसके प्रादेशिक सांस्कृतिक अंग हैं। इनकी लोक संस्कृति और साहित्य का अनुबन्ध राजस्थान, सिंध और पंजाब, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के साथ है। विशाल सागर तट वाले इस राज्य में इतिहास युग के आरम्भ होने से पूर्व ही अनेक विदेशी जातियाँ थल और समुद्र मार्ग से आकर स्थायी रूप से बसी हुई हैं। इसके उपरांत गुजरात में अट्ठाइस आदिवासी जातियां हैं। जन-समाज के ऐसे वैविध्य के कारण इस प्रदेश को भाँति-भाँति की लोक संस्कृतियों का लाभ मिला है। .
देखें नर्मदा नदी और गुजरात
गोदावरी नदी
गोदावरी दक्षिण भारत की एक प्रमुख नदी है| यह नदी दूसरी प्रायद्वीपीय नदियों में से सबसे बड़ी नदी है। इसे दक्षिण गंगा भी कहा जाता है। इसकी उत्पत्ति पश्चिमी घाट में त्रयंबक पहाड़ी से हुई है। यह महाराष्ट्र में नासिक जिले से निकलती है। इसकी लम्बाई प्रायः 1465 किलोमीटर है। इस नदी का पाट बहुत बड़ा है। गोदावरी की उपनदियों में प्रमुख हैं प्राणहिता, इन्द्रावती, मंजिरा। यह महाराष्ट,तेलंगना और आंध्र प्रदेश से बहते हुए राजहमुन्द्री शहर के समीप बंगाल की खाड़ी मे जाकर मिलती है। .
देखें नर्मदा नदी और गोदावरी नदी
कपिलधारा जलप्रपात
कपिलधारा जलप्रपात मध्य प्रदेश में स्थित एक जलप्रपात है।narmada nadi par hai श्रेणी:भारत के जल प्रपात श्रेणी:मध्य प्रदेश.
देखें नर्मदा नदी और कपिलधारा जलप्रपात
कालिदास
कालिदास संस्कृत भाषा के महान कवि और नाटककार थे। उन्होंने भारत की पौराणिक कथाओं और दर्शन को आधार बनाकर रचनाएं की और उनकी रचनाओं में भारतीय जीवन और दर्शन के विविध रूप और मूल तत्व निरूपित हैं। कालिदास अपनी इन्हीं विशेषताओं के कारण राष्ट्र की समग्र राष्ट्रीय चेतना को स्वर देने वाले कवि माने जाते हैं और कुछ विद्वान उन्हें राष्ट्रीय कवि का स्थान तक देते हैं। अभिज्ञानशाकुंतलम् कालिदास की सबसे प्रसिद्ध रचना है। यह नाटक कुछ उन भारतीय साहित्यिक कृतियों में से है जिनका सबसे पहले यूरोपीय भाषाओं में अनुवाद हुआ था। यह पूरे विश्व साहित्य में अग्रगण्य रचना मानी जाती है। मेघदूतम् कालिदास की सर्वश्रेष्ठ रचना है जिसमें कवि की कल्पनाशक्ति और अभिव्यंजनावादभावाभिव्यन्जना शक्ति अपने सर्वोत्कृष्ट स्तर पर है और प्रकृति के मानवीकरण का अद्भुत रखंडकाव्ये से खंडकाव्य में दिखता है। कालिदास वैदर्भी रीति के कवि हैं और तदनुरूप वे अपनी अलंकार युक्त किन्तु सरल और मधुर भाषा के लिये विशेष रूप से जाने जाते हैं। उनके प्रकृति वर्णन अद्वितीय हैं और विशेष रूप से अपनी उपमाओं के लिये जाने जाते हैं। साहित्य में औदार्य गुण के प्रति कालिदास का विशेष प्रेम है और उन्होंने अपने शृंगार रस प्रधान साहित्य में भी आदर्शवादी परंपरा और नैतिक मूल्यों का समुचित ध्यान रखा है। कालिदास के परवर्ती कवि बाणभट्ट ने उनकी सूक्तियों की विशेष रूप से प्रशंसा की है। thumb .
देखें नर्मदा नदी और कालिदास
कृष्णा नदी
विजयवाड़ा में बहती कृष्णा कृष्णा भारत में बहनेवाली एक नदी है। यह पश्चिमी घाट के पर्वत महाबलेश्वर से निकलती है। इसकी लम्बाई प्रायः 1290 किलोमीटर है। यह दक्षिण-पूर्व में बहती हुई बंगाल की खाड़ी में जाकर गिरती है। कृष्णा नदी की उपनदियों में प्रमुख हैं: तुंगभद्रा, घाटप्रभा, मूसी और भीमा.
देखें नर्मदा नदी और कृष्णा नदी
अमरकंटक
अमरकंटक नर्मदा नदी, सोन नदी और जोहिला नदी का उदगम स्थान है। यह मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले में स्थित है। यह हिंदुओं का पवित्र स्थल है। मैकाल की पहाडि़यों में स्थित अमरकंटक मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले का लोकप्रिय हिन्दू तीर्थस्थल है। समुद्र तल से 1065 मीटर ऊंचे इस स्थान पर ही मध्य भारत के विंध्य और सतपुड़ा की पहाडि़यों का मेल होता है। चारों ओर से टीक और महुआ के पेड़ो से घिरे अमरकंटक से ही नर्मदा और सोन नदी की उत्पत्ति होती है। नर्मदा नदी यहां से पश्चिम की तरफ और सोन नदी पूर्व दिशा में बहती है। यहां के खूबसूरत झरने, पवित्र तालाब, ऊंची पहाडि़यों और शांत वातावरण सैलानियों को मंत्रमुग्ध कर देते हैं। प्रकृति प्रेमी और धार्मिक प्रवृत्ति के लोगों को यह स्थान काफी पसंद आता है। अमरकंटक का बहुत सी परंपराओं और किवदंतियों से संबंध रहा है। कहा जाता है कि भगवान शिव की पुत्री नर्मदा जीवनदायिनी नदी रूप में यहां से बहती है। माता नर्मदा को समर्पित यहां अनेक मंदिर बने हुए हैं, जिन्हें दुर्गा की प्रतिमूर्ति माना जाता है। अमरकंटक बहुत से आयुर्वेदिक पौधों में लिए भी प्रसिद्ध है, जिन्हें किंवदंतियों के अनुसार जीवनदायी गुणों से भरपूर माना जाता है। नर्मदा नदी का विहंगम दृश्य .
देखें नर्मदा नदी और अमरकंटक
अमरकोश
अमरकोश संस्कृत के कोशों में अति लोकप्रिय और प्रसिद्ध है। इसे विश्व का पहला समान्तर कोश (थेसॉरस्) कहा जा सकता है। इसके रचनाकार अमरसिंह बताये जाते हैं जो चन्द्रगुप्त द्वितीय (चौथी शब्ताब्दी) के नवरत्नों में से एक थे। कुछ लोग अमरसिंह को विक्रमादित्य (सप्तम शताब्दी) का समकालीन बताते हैं। इस कोश में प्राय: दस हजार नाम हैं, जहाँ मेदिनी में केवल साढ़े चार हजार और हलायुध में आठ हजार हैं। इसी कारण पंडितों ने इसका आदर किया और इसकी लोकप्रियता बढ़ती गई। .
देखें नर्मदा नदी और अमरकोश
अरब सागर
अरब सागर जिसका भारतीय नाम सिंधु सागर है, भारतीय उपमहाद्वीप और अरब क्षेत्र के बीच स्थित हिंद महासागर का हिस्सा है। अरब सागर लगभग 38,62,000 किमी2 सतही क्षेत्र घेरते हुए स्थित है तथा इसकी अधिकतम चौड़ाई लगभग 2,400 किमी (1,500 मील) है। सिन्धु नदी सबसे महत्वपूर्ण नदी है जो अरब सागर में गिरती है, इसके आलावा भारत की नर्मदा और ताप्ती नदियाँ अरब सागर में गिरती हैं। यह एक त्रिभुजाकार सागर है जो दक्षिण से उत्तर की ओर क्रमश: संकरा होता जाता है और फ़ारस की खाड़ी से जाकर मिलता है। अरब सागर के तट पर भारत के अलावा जो महत्वपूर्ण देश स्थित हैं उनमें ईरान, ओमान, पाकिस्तान, यमन और संयुक्त अरब अमीरात सबसे प्रमुख हैं। .
देखें नर्मदा नदी और अरब सागर
उदगमंदलम
उटकमंडलम या ऊटी तमिलनाडु राज्य का एक शहर है। कर्नाटक और तमिलनाडु की सीमा पर बसा यह शहर मुख्य रूप से एक पर्वतीय स्थल (हिल स्टेशन) के रूप में जाना जाता है। कोयंबतूर यहाँ का निकटतम हवाई अड्डा है। सड़को द्वारा यह तमिलनाडु और कर्नाटक के अन्य हिस्सों से अच्छी तरह जुड़ा है परन्तु यहाँ आने के लिये कन्नूर से रेलगाड़ी या ट्वाय ट्रेन किया जाता है। यह तमिलनाडु प्रान्त में नीलगिरि की पहाडियो में बसा हुआ एक लोकप्रिय पर्वतीय स्थल है। उधगमंडलम शहर का नया आधिकारिक तमिल नाम है। ऊटी समुद्र तल से लगभग ७,४४० फीट (२,२६८ मीटर) की ऊचाई पर स्थित है। .
देखें नर्मदा नदी और उदगमंदलम
यह भी देखें
खंभात की खाड़ी
- अलांग
- काठियावाड़
- खंभात की खाड़ी
- खम्भात की खाड़ी का समुद्री पुरातत्व
- ताप्ती नदी
- दमन और दीव
- नर्मदा नदी
- सूरत
- सौराष्ट्र
गुजरात की नदियाँ
- ताप्ती नदी
- नर्मदा नदी
- विश्वामित्री नदी
- सरस्वती नदी
- साबरमती नदी
पवित्र नदियाँ
- कावेरी नदी
- कृष्णा नदी
- गंगा नदी
- गोदावरी नदी
- गोमती नदी
- घाट
- जॉर्डन नदी
- त्रिवेणी संगम
- नर्मदा नदी
- ब्रह्मपुत्र नदी
- भागीरथी नदी
- यमुना नदी
- राप्ती नदी
- सरस्वती नदी
- सिन्धु नदी
- हुगली नदी
बौद्ध धर्म में नदियाँ
- आमू दरिया
- काबुल नदी
- कावेरी नदी
- गंगा नदी
- गण्डकी नदी
- गोदावरी नदी
- गोमती नदी
- घाघरा नदी
- चनाब नदी
- झेलम नदी
- नर्मदा नदी
- फल्गू नदी
- बेतवा नदी
- ब्यास नदी
- मन्दाकिनी नदी
- महानदी
- यमुना नदी
- राप्ती नदी
- रावी नदी
- विश्वामित्री नदी
- वैतरणी
- सतलुज नदी
- सरस्वती नदी
- सिन्धु नदी
- स्वात नदी
मध्य प्रदेश की नदियाँ
- कन्हान नदी
- काली सिन्ध नदी
- कुंवारी नदी
- केन नदी
- क्षिप्रा नदी
- खान नदी (भारत)
- चम्बल नदी
- तवा नदी
- ताप्ती नदी
- धसान नदी
- नर्मदा नदी
- परवन नदी
- पूर्णा नदी
- बनास नदी
- बीना नदी
- बेतवा नदी
- वर्धा नदी
- वैनगंगा नदी
- सोन नदी
महाराष्ट्र की नदियाँ
- इंद्रावती नदी
- उल्हास नदी
- कन्हान नदी
- कुंडली नदी
- कृष्णा नदी
- कोयना नदी
- गोदावरी नदी
- ताप्ती नदी
- नर्मदा नदी
- पूर्णा नदी
- भीमा नदी
- मुठा नदी
- मुला नदी
- वर्धा नदी
- वैनगंगा नदी
- सिंधफणा नदी
नर्मदा के रूप में भी जाना जाता है।