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5 संबंधों: दिल्ली, दिल्ली मेट्रो रेल, महात्मा गाँधी मार्ग, दिल्ली, सरदार पटेल मार्ग, इंदिरा गांधी अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र।
दिल्ली
दिल्ली (IPA), आधिकारिक तौर पर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली (अंग्रेज़ी: National Capital Territory of Delhi) भारत का एक केंद्र-शासित प्रदेश और महानगर है। इसमें नई दिल्ली सम्मिलित है जो भारत की राजधानी है। दिल्ली राजधानी होने के नाते केंद्र सरकार की तीनों इकाइयों - कार्यपालिका, संसद और न्यायपालिका के मुख्यालय नई दिल्ली और दिल्ली में स्थापित हैं १४८३ वर्ग किलोमीटर में फैला दिल्ली जनसंख्या के तौर पर भारत का दूसरा सबसे बड़ा महानगर है। यहाँ की जनसंख्या लगभग १ करोड़ ७० लाख है। यहाँ बोली जाने वाली मुख्य भाषाएँ हैं: हिन्दी, पंजाबी, उर्दू और अंग्रेज़ी। भारत में दिल्ली का ऐतिहासिक महत्त्व है। इसके दक्षिण पश्चिम में अरावली पहाड़ियां और पूर्व में यमुना नदी है, जिसके किनारे यह बसा है। यह प्राचीन समय में गंगा के मैदान से होकर जाने वाले वाणिज्य पथों के रास्ते में पड़ने वाला मुख्य पड़ाव था। यमुना नदी के किनारे स्थित इस नगर का गौरवशाली पौराणिक इतिहास है। यह भारत का अति प्राचीन नगर है। इसके इतिहास का प्रारम्भ सिन्धु घाटी सभ्यता से जुड़ा हुआ है। हरियाणा के आसपास के क्षेत्रों में हुई खुदाई से इस बात के प्रमाण मिले हैं। महाभारत काल में इसका नाम इन्द्रप्रस्थ था। दिल्ली सल्तनत के उत्थान के साथ ही दिल्ली एक प्रमुख राजनैतिक, सांस्कृतिक एवं वाणिज्यिक शहर के रूप में उभरी। यहाँ कई प्राचीन एवं मध्यकालीन इमारतों तथा उनके अवशेषों को देखा जा सकता हैं। १६३९ में मुगल बादशाह शाहजहाँ ने दिल्ली में ही एक चारदीवारी से घिरे शहर का निर्माण करवाया जो १६७९ से १८५७ तक मुगल साम्राज्य की राजधानी रही। १८वीं एवं १९वीं शताब्दी में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने लगभग पूरे भारत को अपने कब्जे में ले लिया। इन लोगों ने कोलकाता को अपनी राजधानी बनाया। १९११ में अंग्रेजी सरकार ने फैसला किया कि राजधानी को वापस दिल्ली लाया जाए। इसके लिए पुरानी दिल्ली के दक्षिण में एक नए नगर नई दिल्ली का निर्माण प्रारम्भ हुआ। अंग्रेजों से १९४७ में स्वतंत्रता प्राप्त कर नई दिल्ली को भारत की राजधानी घोषित किया गया। स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात् दिल्ली में विभिन्न क्षेत्रों से लोगों का प्रवासन हुआ, इससे दिल्ली के स्वरूप में आमूल परिवर्तन हुआ। विभिन्न प्रान्तो, धर्मों एवं जातियों के लोगों के दिल्ली में बसने के कारण दिल्ली का शहरीकरण तो हुआ ही साथ ही यहाँ एक मिश्रित संस्कृति ने भी जन्म लिया। आज दिल्ली भारत का एक प्रमुख राजनैतिक, सांस्कृतिक एवं वाणिज्यिक केन्द्र है। .
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दिल्ली मेट्रो रेल
दिल्ली मेट्रो रेल भारत की राजधानी दिल्ली की मेट्रो रेल परिवहन व्यवस्था है जो दिल्ली मेट्रो रेल निगम लिमिटेड द्वारा संचालित है। इसका शुभारंभ २४ दिसंबर, २००२ को शहादरा तीस हजारी लाईन से हुई। इस परिवहन व्यवस्था की अधिकतम गति ८०किमी/घंटा (५०मील/घंटा) रखी गयी है और यह हर स्टेशन पर लगभग २० सेकेंड रुकती है। सभी ट्रेनों का निर्माण दक्षिण कोरिया की कंपनी रोटेम (ROTEM) द्वारा किया गया है। दिल्ली की परिवहन व्यवस्था में मेट्रो रेल एक महत्वपूर्ण कड़ी है। इससे पहले परिवहन का ज्यादतर बोझ सड़क पर था। प्रारंभिक अवस्था में इसकी योजना छह मार्गों पर चलने की थी जो दिल्ली के ज्यादातर हिस्से को जोड़ते थे। इस प्रारंभिक चरण को २००६ में पूरा किय़ा गया। बाद में इसका विस्तार राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र से सटे शहरों गाजियाबाद, फरीदाबाद, गुड़गाँव और नोएडा तक किया गया। इस परिवहन व्यवस्था की सफलता से प्रभावित होकर भारत के दूसरे राज्यों जैसे उत्तर प्रदेश, राजस्थान, कर्नाटक ७ अप्रैल, २००६ बीबीसी, हिन्दी, आंध्र प्रदेश एवं महाराष्ट्र में भी इसे चलाने की योजनाएं बन रही हैं। दिल्ली मेट्रो रेल व्यव्स्था अपने शुरुआती दौर से ही ISO १४००१ प्रमाण-पत्र अर्जित करने में सफल रही है जो सुरक्षा और पर्यावरण की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है। सितंबर २०११ में संयुक्त राष्ट्र ने "स्वच्छ विकास तंत्र" योजना के तहत हरित गृह गैसों में कमी लाने के लिए दिल्ली मेट्रो को दुनिया का पहला "कार्बन क्रेडिट" दिया जिसके अंतर्गत उसे सात सालों के लिए 95 लाख डॉलर मिलेंगे। .
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महात्मा गाँधी मार्ग, दिल्ली
रिंग मार्ग का प्रतीक चिह्न - सामान्यतः दिल्ली में प्रयुक्त दिल्ली का मानचित्र जिसपर लाल रेखांकित महात्मा गांधी मार्ग देखा जा सकता है। महात्मा गांधी मार्ग या मुद्रिका मार्ग या रिंग रोड दिल्ली के दो रिंग मार्गों में से एक है। दूसरा है डॉ हेडगेवार मार्ग या बाहरी रिंग मार्ग (अंग्रेजी: Outer Ring Road, आउटर रिंग रोड)। दोनों की लम्बाई मिलाकर 87 कि॰मी॰ है। 40 कि.
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सरदार पटेल मार्ग
सरदार पटेल मार्ग रिंग मार्ग को धौला कुआं पर काटता हुआ दिल्ली का सड़क मार्ग है। रिंग मार्ग को काटते मार्ग.
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इंदिरा गांधी अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र
इंदिरा गांधी अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र भारत की राजधानी एवं राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली का प्रधान अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र है। यह नई दिल्ली नगर केन्द्र से लगभग १६ कि॰मी॰(10 मील) दक्षिण-पश्चिम दिशा में स्थित है। भारत की पूर्व प्रधान मंत्री इंदिरा गाँधी के नाम पर बना यह भारत का व्यस्ततम विमानक्षेत्र है। |वेबदुनिया। । नई दिल्ली। रविवार, 13 मार्च 2011(10:53IST। अभिगमन तिथि: २४ नवम्बर २०१२ हवाई अड्डे के नवीनतम टर्मिनल-३ के चालू हो जाने के बाद से ४ करोड़ ६० लाख यात्री क्षमता तथा वर्ष २०३० तक की अनुमानित यात्री क्षमता १० करोड़ के साथ यह भारत के साथ-साथ पूरे दक्षिण एशिया का सबसे बड़ा और सबसे महत्त्वपूर्ण व्यापार संबंधी विमानन केन्द्र बन गया है। भारत की वाणिज्यिक राजधानी मुंबई के छत्रपति शिवाजी अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र के साथ इसके आंकड़े मिलाकर देखें तो ये दोनों दक्षिण एशिया के आधे से अधिक विमान यातायात को वहन करते हैं। इस विमानक्षेत्र के संचालक दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (डयल) इसे विश्व का अगला अन्तर्राष्ट्रीय ट्रांज़िट हब बनाने के प्रयास कर रहा है। लगभग ५,२२० एकड़ (२,११० हेक्टेयर) की भू-संपदा में विस्तृत, दिल्ली विमानक्षेत्र राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के लिये प्राथमिक नागर विमानन हब (केन्द्र) है। सर्वप्रथम इसका संचालन भारतीय वायु सेना के पास था, जिसके बाद उसने इसका प्रबंधन दायित्व भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को सौंप दिया। मई २००६ से हवाई अड्डे का प्रबंधन दिल्ली अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट लिमिटेड (डायल) के पास आया। डायल जीएमआर समूह के नेतृत्व में एक संयुक्त उद्यम (ज्वाइन्ट वेन्चर) है। डायल ही विमानक्षेत्र के आगे हो रहे विस्तार एवं आधुनिकीकरण के लिये भी उत्तरदायी है। इस निजीकरण का भरपूर विरोध भाविप्रा कर्मचारियों ने किया, किन्तु अन्ततः ३ मई २००६ को यह प्रबंधन स्थानांतरण संपन्न हो गया। वर्ष २००१-१२ में विमानक्षेत्र से ३५८.८ लाख यात्रियों की आवाजाही संपन्न हुई और यहां के विस्तार कार्यक्रम योजना के अनुसार इसकी क्षमता वर्ष २०३० तक १० करोड़ यात्री तक हो जायेगी। यहां के नये टर्मिनल भवन के २०१० के राष्ट्रमंडल खेलों से पूर्व निर्माण के बाद ही इसकी वार्षिक ३४० लाख यात्रियों की क्षमता है। यहां का टर्मिनल-३ विश्व का ८वां सबसे बड़ा यात्री टर्मिनल है। सितंबर २००८ में यहां ४.४३ कि.मी लंबी नयी उड़ानपट्टी (रनवे-३) का उद्घाटन हुआ था। इंदिरा गांधी अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र को २०१० में एयरपोर्ट काउन्सिल इन्टरनेशनल द्वारा १५०-२५० लाख यात्री श्रेणी में विश्व का चौथा सर्वोत्तम विमानक्षेत्र, एवं एशिया-प्रशांत क्षेत्र में सर्वाधिक प्रगति वाला विमानक्षेत्र होने का सम्मान मिला था। वर्ष २०११ में विमानक्षेत्र को इसी परिषद द्वारा पुनः २.५-४ करोड़ यात्री क्षमता श्रेणी में विश्व का दूसरा सर्वोत्तम विमानक्षेत्र होने का गौरव मिला था। यह स्थान कोरिया के इंचेयन अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र के बाद था। इसके अलावा वर्ष २०११ में ही यह विमानक्षेत्र विश्व का ३४वाँ व्यस्ततम विमानक्षेत्र बना जिसकी यात्री आवागमन संख्या ३,४७,२९,४६७ रही एवं पिछले वर्ष के मुकाबले यातायात में इसने १७.८% की बढ़ोत्तरी भी दर्ज की। .
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