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दुजेल नरसंहार

सूची दुजेल नरसंहार

दुजेल नरसंहार 8 जुलाई 1982 को दुजेल नामक कस्वे में इराकी राष्ट्रपति सद्दाम हुसैन के खिलाफ हत्या के प्रयास के बाद घटनाओं को संदर्भित करता है। इस घटना क समय 75,000 निवासियों के साथ शहर में बड़ी शिया आबादी थी। यह 53 किमी (33 मील) मुख्य रूप से इराक के सुन्नी सालाहेद्दीन प्रांत में स्थित है। असफल हत्या के प्रयास के बाद सैकड़ों पुरुषों, महिलाओं और बच्चों को हिरासत में लिया गया था। साजिश में उनकी कथित भागीदारी के लिए 140 से ज्यादा लोगों को सजा सुनाई गई और उन्हें मार डाला गया, जिसमें चार लोगों को शामिल किया गया था, जिनमें गलती से मारे गए थे। सैकड़ों को भेजा गया था निर्वासन और उनके घरों, खेतों और संपत्तियों को ध्वस्त कर दिया गया था। 30 दिसंबर 2006 को नरसंहार में उनकी भागीदारी के संबंध में मानवता के खिलाफ अपराधों के लिए सद्दाम हुसैन को फांसी दी गई थी।.

सामग्री की तालिका

  1. 4 संबंधों: दुजेल, सद्दाम हुसैन, हत्या, इराक़

दुजेल

दुजेल इराक के सलादिन प्रांत में एक शिया जिला है। यह इराक की राजधानी बगदाद के 65 किलोमीटर (40 मील) उत्तर में स्थित है, और इसमें लगभग 100,000 निवासी हैं। यह 1982 के दुजेल नरसंहार और 2008 दुजेल बमबारी का स्थान था। .

देखें दुजेल नरसंहार और दुजेल

सद्दाम हुसैन

२००४ में सद्दाम हुसैन सद्दाम हुसैन अब्द अल-माजिद अल-तिक्रिती (अरबी: صدام حسين عبد المجيد التكريتي) दो दशक तक (16 जुलाई, 1979 से 9 अप्रैल, 2003 तक) इराक़ के राष्ट्रपति रह चुके है। उन्हें 30 दिसम्बर 2006 को उत्तरी बगदाद में स्थानीय समय के अनुसार सुबह ६ बजे फाँसी दी गई थी। ३१ वर्ष की आयु में सद्दाम हुसैन ने जनरल अहमद अल बक्र के साथ मिल कर इराक की सत्ता हासिल की। 1979 में वह खुद इराक के राष्ट्रपति बन गए। सन् 1982 में इराक में हए दुजैल जनसंहार मामले में फाँसी की सजा मिली। .

देखें दुजेल नरसंहार और सद्दाम हुसैन

हत्या

गैर कानूनी ढंग से किसी का कत्ल करना हत्या करना (Murder) कहलाता है और हत्या करने वाला हत्यारा कहलाता है। .

देखें दुजेल नरसंहार और हत्या

इराक़

इराक़ पश्चिमी एशिया में स्थित एक जनतांत्रिक देश है जहाँ के लोग मुख्यतः मुस्लिम हैं। इसके दक्षिण में सउदी अरब और कुवैत, पश्चिम में जोर्डन और सीरिया, उत्तर में तुर्की और पूर्व में ईरान अवस्थित है। दक्षिण पश्चिम की दिशा में यह फ़ारस की खाड़ी से भी जुड़ा है। दजला नदी और फरात इसकी दो प्रमुख नदियाँ हैं जो इसके इतिहास को ५००० साल पीछे ले जाती हैं। इसके दोआबे में ही मेसोपोटामिया की सभ्यता का उदय हुआ था। इराक़ के इतिहास में असीरिया के पतन के बाद विदेशी शक्तियों का प्रभुत्व रहा है। ईसापूर्व छठी सदी के बाद से फ़ारसी शासन में रहने के बाद (सातवीं सदी तक) इसपर अरबों का प्रभुत्व बना। अरब शासन के समय यहाँ इस्लाम धर्म आया और बगदाद अब्बासी खिलाफत की राजधानी रहा। तेरहवीं सदी में मंगोल आक्रमण से बगदाद का पतन हो गया और उसके बाद की अराजकता के सालों बाद तुर्कों (उस्मानी साम्राज्य) का प्रभुत्व यहाँ पर बन गया २००३ से दिसम्बर २०११ तक अमेरिका के नेतृत्व में नैटो की सेना की यहाँ उपस्थिति बनी हुई थी जिसके बाद से यहाँ एक जनतांत्रिक सरकार का शासन है। राजधानी बगदाद के अलावा करबला, बसरा, किर्कुक तथा नजफ़ अन्य प्रमुख शहर हैं। यहाँ की मुख्य बोलचाल की भाषा अरबी और कुर्दी भाषा है और दोनों को सांवैधानिक दर्जा मिला है। .

देखें दुजेल नरसंहार और इराक़