सामग्री की तालिका
11 संबंधों: ताजिकिस्तान, नंगरहार प्रान्त, प्लेट विवर्तनिकी, भारत, भूकम्प, मेर्साली तीव्रता परिमाप, संयुक्त राज्य भूगर्भ सर्वेक्षण, ख़ैबर पख़्तूनख़्वा, गिलगित-बल्तिस्तान, अप्रैल 2015 नेपाल भूकम्प, अक्टूबर २०१५ हिन्दू कुश भूकंप।
- 2015 में भारत
- अफ़ग़ानिस्तान में भूकम्प
- पाकिस्तान में भूकम्प
- भारत में भूकम्प
- हिन्दु कुश
ताजिकिस्तान
अंतरिक्ष से ताजिकिस्तान का मंज़र ताज़िकिस्तान (ताजिक: Тоҷикистон,, तोजिकिस्तोन) मध्य एशिया मे स्थित एक देश है जो चारों ओर से ज़मीन से घिरा (स्थलवेष्ठित) है। यह पहले सोवियत संघ का हिस्सा था और उस देश के विघटन के बाद सन् १९९१ में एक स्वतंत्र देश बना। १९९२-९७ के काल में गृहयुद्धों की मार झेल चुके इस देश की कूटनीतिक-भौगोलिक स्थिति बहुत महत्वपूर्ण है। यह उज़बेकिस्तान, अफ़ग़ानिस्तान, किर्गिज़स्तान तथा चीन के मध्य स्थित है। इसके अलावा पाकिस्तान के उत्तरी इलाके से इसे केवल अफ़ग़ानिस्तान के बदख़्शान प्रान्त का पतला-सा वाख़ान गलियारा ही अलग करता है। ताजिकिस्तान की राजधानी दुशानबे शहर है और यहाँ की भाषा को ताजिक कहा जाता है जो फ़ारसी भाषा का एक रूप माना जाता है। इस भाषा को सीरीलिक अक्षरों में लिखा जाता है जिसमें रूसी तथा कुछ अन्य भाषाएँ भी लिखी जाती हैं। .
देखें दिसम्बर २०१५ हिंदू कुश भूकंप और ताजिकिस्तान
नंगरहार प्रान्त
अफ़्ग़ानिस्तान का नंगरहार प्रान्त (लाल रंग में) नंगरहार (पश्तो:, अंग्रेजी: Nangarhar) अफ़्ग़ानिस्तान का एक प्रांत है जो उस देश के पूर्व में स्थित है। इस प्रान्त का क्षेत्रफल ७,७२७ वर्ग किमी है और इसकी आबादी सन् २००९ में लगभग १३.३ लाख अनुमानित की गई थी।, Central Intelligence Agency (सी आइ ए), Accessed 27 दिसम्बर 2011 इस प्रान्त की राजधानी जलालाबाद शहर है। इस प्रान्त की पूर्वी और दक्षिणी सरहदें पाकिस्तान से लगती हैं। यहाँ के अधिकतर निवासी पश्तो बोलने वाले पठान हैं। .
देखें दिसम्बर २०१५ हिंदू कुश भूकंप और नंगरहार प्रान्त
प्लेट विवर्तनिकी
प्लेट विवर्तनिकी (Plate tectonics) एक वैज्ञानिक सिद्धान्त है जो पृथ्वी के स्थलमण्डल में बड़े पैमाने पर होने वाली गतियों की व्याख्या प्रस्तुत करता है। साथ ही महाद्वीपों, महासागरों और पर्वतों के रूप में धरातलीय उच्चावच के निर्माण तथा भूकम्प और ज्वालामुखी जैसी घटनाओं के भौगोलिक वितरण की व्याख्या प्रस्तुत करने का प्रयास करता है। यह सिद्धान्त बीसवीं शताब्दी के प्रथम दशक में अभिकल्पित महाद्वीपीय विस्थापन नामक संकल्पना से विकसित हुआ जब 1960 के दशक में ऐसे नवीन साक्ष्यों की खोज हुई जिनसे महाद्वीपों के स्थिर होने की बजाय गतिशील होने की अवधारणा को बल मिला। इन साक्ष्यों में सबसे महत्वपूर्ण हैं पुराचुम्बकत्व से सम्बन्धित साक्ष्य जिनसे सागर नितल प्रसरण की पुष्टि हुई। हैरी हेस के द्वारा सागर नितल प्रसरण की खोज से इस सिद्धान्त का प्रतिपादन आरंभ माना जाता है और विल्सन, मॉर्गन, मैकेंज़ी, ओलिवर, पार्कर इत्यादि विद्वानों ने इसके पक्ष में प्रमाण उपलब्ध कराते हुए इसके संवर्धन में योगदान किया। इस सिद्धान्त अनुसार पृथ्वी की ऊपरी लगभग 80 से 100 कि॰मी॰ मोटी परत, जिसे स्थलमण्डल कहा जाता है, और जिसमें भूपर्पटी और भूप्रावार के ऊपरी हिस्से का भाग शामिल हैं, कई टुकड़ों में टूटी हुई है जिन्हें प्लेट कहा जाता है। ये प्लेटें नीचे स्थित एस्थेनोस्फीयर की अर्धपिघलित परत पर तैर रहीं हैं और सामान्यतया लगभग 10-40 मिमी/वर्ष की गति से गतिशील हैं हालाँकि इनमें कुछ की गति 160 मिमी/वर्ष भी है। इन्ही प्लेटों के गतिशील होने से पृथ्वी के वर्तमान धरातलीय स्वरूप की उत्पत्ति और पर्वत निर्माण की व्याख्या प्रस्तुत की जाती है और यह भी देखा गया है कि प्रायः भूकम्प इन प्लेटों की सीमाओं पर ही आते हैं और ज्वालामुखी भी इन्हीं प्लेट सीमाओं के सहारे पाए जाते हैं। प्लेट विवर्तनिकी में विवर्तनिकी (लातीन:tectonicus) शब्द यूनानी भाषा के τεκτονικός से बना है जिसका अर्थ निर्माण से सम्बंधित है। छोटी प्लेट्स की संख्या में भी कई मतान्तर हैं परन्तु सामान्यतः इनकी संख्या 100 से भी अधिक स्वीकार की जाती है। .
देखें दिसम्बर २०१५ हिंदू कुश भूकंप और प्लेट विवर्तनिकी
भारत
भारत (आधिकारिक नाम: भारत गणराज्य, Republic of India) दक्षिण एशिया में स्थित भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे बड़ा देश है। पूर्ण रूप से उत्तरी गोलार्ध में स्थित भारत, भौगोलिक दृष्टि से विश्व में सातवाँ सबसे बड़ा और जनसंख्या के दृष्टिकोण से दूसरा सबसे बड़ा देश है। भारत के पश्चिम में पाकिस्तान, उत्तर-पूर्व में चीन, नेपाल और भूटान, पूर्व में बांग्लादेश और म्यान्मार स्थित हैं। हिन्द महासागर में इसके दक्षिण पश्चिम में मालदीव, दक्षिण में श्रीलंका और दक्षिण-पूर्व में इंडोनेशिया से भारत की सामुद्रिक सीमा लगती है। इसके उत्तर की भौतिक सीमा हिमालय पर्वत से और दक्षिण में हिन्द महासागर से लगी हुई है। पूर्व में बंगाल की खाड़ी है तथा पश्चिम में अरब सागर हैं। प्राचीन सिन्धु घाटी सभ्यता, व्यापार मार्गों और बड़े-बड़े साम्राज्यों का विकास-स्थान रहे भारतीय उपमहाद्वीप को इसके सांस्कृतिक और आर्थिक सफलता के लंबे इतिहास के लिये जाना जाता रहा है। चार प्रमुख संप्रदायों: हिंदू, बौद्ध, जैन और सिख धर्मों का यहां उदय हुआ, पारसी, यहूदी, ईसाई, और मुस्लिम धर्म प्रथम सहस्राब्दी में यहां पहुचे और यहां की विविध संस्कृति को नया रूप दिया। क्रमिक विजयों के परिणामस्वरूप ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कंपनी ने १८वीं और १९वीं सदी में भारत के ज़्यादतर हिस्सों को अपने राज्य में मिला लिया। १८५७ के विफल विद्रोह के बाद भारत के प्रशासन का भार ब्रिटिश सरकार ने अपने ऊपर ले लिया। ब्रिटिश भारत के रूप में ब्रिटिश साम्राज्य के प्रमुख अंग भारत ने महात्मा गांधी के नेतृत्व में एक लम्बे और मुख्य रूप से अहिंसक स्वतन्त्रता संग्राम के बाद १५ अगस्त १९४७ को आज़ादी पाई। १९५० में लागू हुए नये संविधान में इसे सार्वजनिक वयस्क मताधिकार के आधार पर स्थापित संवैधानिक लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित कर दिया गया और युनाईटेड किंगडम की तर्ज़ पर वेस्टमिंस्टर शैली की संसदीय सरकार स्थापित की गयी। एक संघीय राष्ट्र, भारत को २९ राज्यों और ७ संघ शासित प्रदेशों में गठित किया गया है। लम्बे समय तक समाजवादी आर्थिक नीतियों का पालन करने के बाद 1991 के पश्चात् भारत ने उदारीकरण और वैश्वीकरण की नयी नीतियों के आधार पर सार्थक आर्थिक और सामाजिक प्रगति की है। ३३ लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के साथ भारत भौगोलिक क्षेत्रफल के आधार पर विश्व का सातवाँ सबसे बड़ा राष्ट्र है। वर्तमान में भारतीय अर्थव्यवस्था क्रय शक्ति समता के आधार पर विश्व की तीसरी और मानक मूल्यों के आधार पर विश्व की दसवीं सबसे बडी अर्थव्यवस्था है। १९९१ के बाज़ार-आधारित सुधारों के बाद भारत विश्व की सबसे तेज़ विकसित होती बड़ी अर्थ-व्यवस्थाओं में से एक हो गया है और इसे एक नव-औद्योगिकृत राष्ट्र माना जाता है। परंतु भारत के सामने अभी भी गरीबी, भ्रष्टाचार, कुपोषण, अपर्याप्त सार्वजनिक स्वास्थ्य-सेवा और आतंकवाद की चुनौतियां हैं। आज भारत एक विविध, बहुभाषी, और बहु-जातीय समाज है और भारतीय सेना एक क्षेत्रीय शक्ति है। .
देखें दिसम्बर २०१५ हिंदू कुश भूकंप और भारत
भूकम्प
भूकम्प या भूचाल पृथ्वी की सतह के हिलने को कहते हैं। यह पृथ्वी के स्थलमण्डल (लिथोस्फ़ीयर) में ऊर्जा के अचानक मुक्त हो जाने के कारण उत्पन्न होने वाली भूकम्पीय तरंगों की वजह से होता है। भूकम्प बहुत हिंसात्मक हो सकते हैं और कुछ ही क्षणों में लोगों को गिराकर चोट पहुँचाने से लेकर पूरे नगर को ध्वस्त कर सकने की इसमें क्षमता होती है। भूकंप का मापन भूकम्पमापी यंत्रों (सीस्मोमीटर) के साथ करा जाता है, जो सीस्मोग्राफ भी कहलाता है। एक भूकंप का आघूर्ण परिमाण मापक्रम पारंपरिक रूप से नापा जाता है, या सम्बंधित और अप्रचलित रिक्टर परिमाण लिया जाता है। ३ या उस से कम रिक्टर परिमाण की तीव्रता का भूकंप अक्सर अगोचर होता है, जबकि ७ रिक्टर की तीव्रता का भूकंप बड़े क्षेत्रों में गंभीर क्षति का कारण होता है। झटकों की तीव्रता का मापन विकसित मरकैली पैमाने पर किया जाता है। पृथ्वी की सतह पर, भूकंप अपने आप को, भूमि को हिलाकर या विस्थापित कर के प्रकट करता है। जब एक बड़ा भूकंप उपरिकेंद्र अपतटीय स्थति में होता है, यह समुद्र के किनारे पर पर्याप्त मात्रा में विस्थापन का कारण बनता है, जो सूनामी का कारण है। भूकंप के झटके कभी-कभी भूस्खलन और ज्वालामुखी गतिविधियों को भी पैदा कर सकते हैं। सर्वाधिक सामान्य अर्थ में, किसी भी सीस्मिक घटना का वर्णन करने के लिए भूकंप शब्द का प्रयोग किया जाता है, एक प्राकृतिक घटना) या मनुष्यों के कारण हुई कोई घटना -जो सीस्मिक तरंगों) को उत्पन्न करती है। अक्सर भूकंप भूगर्भीय दोषों के कारण आते हैं, भारी मात्रा में गैस प्रवास, पृथ्वी के भीतर मुख्यतः गहरी मीथेन, ज्वालामुखी, भूस्खलन और नाभिकीय परिक्षण ऐसे मुख्य दोष हैं। भूकंप के उत्पन्न होने का प्रारंभिक बिन्दु केन्द्र या हाईपो सेंटर कहलाता है। शब्द उपरिकेंद्र का अर्थ है, भूमि के स्तर पर ठीक इसके ऊपर का बिन्दु। San Andreas faultके मामले में, बहुत से भूकंप प्लेट सीमा से दूर उत्पन्न होते हैं और विरूपण के व्यापक क्षेत्र में विकसित तनाव से सम्बंधित होते हैं, यह विरूपण दोष क्षेत्र (उदा.
देखें दिसम्बर २०१५ हिंदू कुश भूकंप और भूकम्प
मेर्साली तीव्रता परिमाप
मर्साली तीव्रता मापक का ग्राफ़िक दर्शन मेर्साली तीव्रता परिमाप (अंग्रेज़ी:Mercalli intensity scale) एक पैमाना है जो भूकम्पीय तीव्रता को मापने के काम में लाया जाता है। इसका नाम इसके विकासकर्ता, जियूसीप्पी मेर्साली (Giuseppe Mercalli) के नाम पर रखा गया जो एक इतालवी ज्वालामुखीविद था। मेर्साली तीव्रता परिमाप भूकम्प को मापने के अन्य परिमापो जैसे रिक्टर पैमाने, के विपरीत भूकम्प का धरती की सतह, मनुष्यों, प्राकृतिक वस्तुओं और मानव-निर्मित ढाँचों पर पड़ने वाले प्रभाव को १ से १२ परिमापकों पर मापता है। १ का अर्थ है भूकम्प महसूस नहीं होना और १२ का अर्थ है महाविनाश। ये प्रभाव भूकम्प की दूरी के साथ-साथ असमान हो सकते है, जिसमें सर्वाधिक तीव्रता भूकम्प केन्द्र के आसपास होती है। मर्साली पैमाना व्यापक स्तर पर प्रयोग किये जा रहे दस डिग्री रॉसी-फॉस्टर पैमाने के जियूसीप्पी मेर्साली द्वारा १८८४ एवं १९०६ में किए गए सुधा एवं विकास से जन्मा था। मर्साली तीव्रता पैमाना या मर्साली पैमाना नाम को १९०२ के मूल दस डिग्री पैमाने के अलावा अन्यथा प्रयोग कदापि नहीं करना चाहिये। १९०२ मेंद स डिग्री मर्साली पैमाने को इतालवी भौतिकशास्त्री एडोल्फो कैनसानी द्वारा बारह डिगरी तक विस्तृत किया गया था। बाद में जर्मन भूगर्भभौतिज्ञ अगस्त हेनरिक सीबर्ग द्वारा पुनर्लेखन के बाद इसका नाम मर्साली-कैन्सानी-सीबर्ग पैमाना हो गया। इसे १९३१ में हैरी ओ वुड एवं फ्रैंक न्यूमैन द्वारा मर्साली-वुड-न्यूमैन (MWN) पैमाना नाम से अंगं प्रकाशित किया गया। बाद में फिर इसे रिक्टर पैमाना के जनक - चार्ल्स रिक्टर द्वारा सुधारा गया। वर्तमान में इस पैमाने को मर्साली पैमाना ही कहते हैं जिसे लघुरूप में MM ही लिखा जाता है। .
देखें दिसम्बर २०१५ हिंदू कुश भूकंप और मेर्साली तीव्रता परिमाप
संयुक्त राज्य भूगर्भ सर्वेक्षण
संयुक्त राज्य भूगर्भ सर्वेक्षण (अंग्रेज़ी: United States Geological Survey या USGS) अमेरिकी सरकार की वैज्ञानिक संस्था है। यूएसजीएस के वैज्ञानिक अमेरिकी धरती, प्राकृतिक संसाधन और प्राकृतिक आपदाओं इत्यादि के बारे में शोधकार्य करते हैं। इस संस्था की चार प्रमुख विज्ञान शाखाएं है जो हैं: भूगोल, जीव विज्ञान, भूगर्भविद्या और जलविज्ञान। यूएसजीएस एक अनुसंधान संस्था है और इसपर कोई विनियामक दायित्व नहीं है। यह संयुक्त राज्य का एकमात्र आंतरिक वैज्ञानिक विभाग है। यूएसजीएस में लगभग १०,००० लोग कार्यरत हैं और इसका मुख्यालय रेस्टन (वर्जीनिया) में स्थित है और अन्य प्रमुख कार्यालय डेनवर (कोलोरैडो) और मेन्लो पार्क (कैलीफोर्निया) में भी स्थित हैं। यूएसजीएस का भूकम्प सूचना केन्द्र गोल्डन (कोलोरैडो) में स्थित है और यह विभाग विश्वभर में भूकम्पों की स्थिति और तीव्रता का पता लगाने का काम करता है। .
देखें दिसम्बर २०१५ हिंदू कुश भूकंप और संयुक्त राज्य भूगर्भ सर्वेक्षण
ख़ैबर पख़्तूनख़्वा
मकरा चोटी ख़ैबर-पख़्तूनख़्वा (पहले:उत्तर पश्चिम सीमांत प्रान्त) पाकिस्तान का एक प्रान्त या सूबा है। इसे सूबा-ए-सरहद के नाम से भी जाना जाता है जो अफ़ग़ानिस्तान की सीमा पर स्थित है। यहाँ पर पश्तूनों की आबादी अधिक है जिन्हें स्थानीय रूप से पख़्तून भी कहते हैं। इनकी मातृभाषा पश्तो है। इस प्रांत की जनसंख्या करीब 2 करोड़ है जिसमें अफ़ग़ानिस्तान से आए शरणार्थियों की 15 लाख की आबादी सम्मिलित नहीं है। .
देखें दिसम्बर २०१५ हिंदू कुश भूकंप और ख़ैबर पख़्तूनख़्वा
गिलगित-बल्तिस्तान
गिलगित-बल्तिस्तान (उर्दू:, बलती: གིལྒིཏ་བལྟིསྟན), पाक-अधिकृत कश्मीर के भीतर एक स्वायत्तशासी क्षेत्र है जिसे पहले उत्तरी क्षेत्र या शुमाली इलाक़े (शुमाली इलाक़ाजात) के नाम से जाना जाता था। यह पाकिस्तान की उत्तरतम राजनैतिक इकाई है। इसकी सीमायें पश्चिम में खैबर-पख़्तूनख्वा से, उत्तर में अफ़ग़ानिस्तान के वाख़ान गलियारे से, उत्तरपूर्व में चीन के शिन्जियांग प्रान्त से, दक्षिण में और दक्षिणपूर्व में भारतीय जम्मू व कश्मीर राज्य से लगती हैं। गिलगित-बल्तिस्तान का कुल क्षेत्रफल 72,971 वर्ग किमी (28,174 मील²) और अनुमानित जनसंख्या लगभग दस लाख है। इसका प्रशासनिक केन्द्र गिलगित शहर है, जिसकी जनसंख्या लगभग 2,50,000 है। 1970 में "उत्तरी क्षेत्र” नामक यह प्रशासनिक इकाई, गिलगित एजेंसी, लद्दाख़ वज़ारत का बल्तिस्तान ज़िला, हुन्ज़ा और नगर नामक राज्यों के विलय के पश्चात अस्तित्व में आई थी। पाकिस्तान इस क्षेत्र को विवादित कश्मीर के क्षेत्र से पृथक क्षेत्र मानता है जबकि भारत और यूरोपीय संघ के अनुसार यह कश्मीर के वृहत विवादित क्षेत्र का ही हिस्सा है। कश्मीर का यह वृहत क्षेत्र सन 1947 के बाद से ही भारत और पाकिस्तान के बीच विवाद का विषय है। .
देखें दिसम्बर २०१५ हिंदू कुश भूकंप और गिलगित-बल्तिस्तान
अप्रैल 2015 नेपाल भूकम्प
2015 नेपाल भूकम्प क्षणिक परिमाण परिमाप पर 7.8 या 8.1 तीव्रता का भूकम्प था जो 25 अप्रैल 2015 सुबह 11:56 स्थानीय समय में घटित हुआ था। भूकम्प का अधिकेन्द्र लामजुंग, नेपाल से 38 कि॰मी॰ दूर था। भूकम्प के अधिकेन्द्र की गहराई लगभग 15 कि॰मी॰ नीचे थी। बचाव और राहत कार्य जारी हैं। भूकंप में कई महत्वपूर्ण प्राचीन ऐतिहासिक मंदिर व अन्य इमारतें भी नष्ट हुईं हैं। 1934 के बाद पहली बार नेपाल में इतना प्रचंड तीव्रता वाला भूकम्प आया है जिससे 8000 से अधिक मौते हुई हैं और 2000 से अधिक घायल हुए हैं। भूकंप के झटके चीन, भारत, बांग्लादेश और पाकिस्तान में भी महसूस किये गये। नेपाल के साथ-साथ चीन, भारत और बांग्लादेश में भी लगभग 250 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। भूकम्प की वजह से एवरेस्ट पर्वत पर हिमस्खलन आ गया जिससे 17 पर्वतारोहियों के मृत्यु हो गई। काठमांडू घाटी में यूनेस्को विश्व धरोहर समेत कई प्राचीन एतिहासिक इमारतों को नुकसान पहुचाँ है। 18वीं सदी में निर्मित धरहरा मीनार पूरी तरह से नष्ट हो गयी, अकेले इस मीनार के मलबे से 200 से ज्यादा शव निकाले गये। भूकम्प के बाद के झटके 12 मई 2015 तक भारत, नेपाल, चीन, अफगानिस्तान, पाकिस्तान व पडोसी देशों में महसूस किये जाते रहे। .
देखें दिसम्बर २०१५ हिंदू कुश भूकंप और अप्रैल 2015 नेपाल भूकम्प
अक्टूबर २०१५ हिन्दू कुश भूकंप
२६ अक्टूबर २०१५ को, १४:४५ पर (०९:०९ यूटीसी), हिंदू कुश के क्षेत्र में, एक 7.5 परिमाण के भूकंप ने दक्षिण एशिया को प्रभावित किया। मुख्य भूकंप के 40 मिनट बाद 4.8 परिमाण के पश्चात्वर्ती आघात ने फिर से प्रभावित किया; 4.1 परिमाण या उससे अधिक के तेरह और अधिक झटकों ने 29 अक्टूबर की सुबह को प्रभावित किया। मुख्य भूकंप 210 किलोमीटर की गहराई पर हुआ। 5 नवम्बर तक, यह अनुमान लगाया गया था कि कम से कम 398 लोगों की मौत हो गयी हैं, ज्यादातर पाकिस्तान में। http://abcnews.go.com/International/wireStory/latest-strong-afghan-earthquake-felt-south-asia-34730075 भूकंप के झटके अफगानिस्तान, पाकिस्तान, भारत, ताजिकिस्तान, और किर्गिस्तान में महसूस किए गए। भूकंप के झटके भारतीय शहरों नई दिल्ली, श्रीनगर, अमृतसर, चंडीगढ़ लखनऊ आदि और चीन के जनपदों झिंजियांग, आक़्सू, ख़ोतान तक महसूस किए गए जिनकी सूचना अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में भी दिया गया। कंपन नेपालियों की राजधानी काठमांडू में भी महसूस किया गया, जहां लोगों ने शुरू में सोचा कि यह अप्रैल 2015 में आए भूकंप के कई मायनों आवर्ती झटकों में से एक था। दैनिक पाकिस्तानी "द नेशन" ने सूचित किया कि यह भूकंप पाकिस्तान में 210 किलोमीटर पर होने वाला सबसे बड़ा भूकंप है। .
देखें दिसम्बर २०१५ हिंदू कुश भूकंप और अक्टूबर २०१५ हिन्दू कुश भूकंप
यह भी देखें
2015 में भारत
- 2015 नेपाल नाकाबंदी
- अटल पेंशन योजना
- आईआरएनएसएस-1डी
- आईएनएस कलवरी (एस50)
- इनसैट-4ई
- ऐस्ट्रोसैट
- जाट आरक्षण आंदोलन
- जीसैट-15
- दिसम्बर २०१५ हिंदू कुश भूकंप
- प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना
अफ़ग़ानिस्तान में भूकम्प
- अक्टूबर २०१५ हिन्दू कुश भूकंप
- दिसम्बर २०१५ हिंदू कुश भूकंप
- २००५ कश्मीर भूकम्प
पाकिस्तान में भूकम्प
- अक्टूबर २०१५ हिन्दू कुश भूकंप
- दिसम्बर २०१५ हिंदू कुश भूकंप
- २००५ कश्मीर भूकम्प
- २०११ पाकिस्तान भूकम्प
- २०१३ में पाकिस्तान में भूकम्प
- २०१३ सीस्तान और बलोचिस्तान भूकम्प
भारत में भूकम्प
- अक्टूबर २०१५ हिन्दू कुश भूकंप
- अप्रैल 2015 नेपाल भूकम्प
- गुजरात भूकम्प २००१
- दिसम्बर २०१५ हिंदू कुश भूकंप
- भारत में आए भूकम्पों की सूची
- मई 2015 नेपाल भूकम्प
- १९९१ उत्तरकाशी भूकम्प
- १९९९ चमोली भूकम्प
- २०१६ उत्तर-पूर्व भारत भूकम्प