दांतों की संरचना का नुक्सान होना किसी भी प्रकार के यांत्रिक बल के कारण,रगड़न कहलाता है! यह रगड़न तब होती है जब दांतों के बीच में कोई वस्तु आती है या फर किसी भी वस्तु को मुह में बार बार लेने से दांतों में रगड़न नज़र आती है! किसी भी कारण अगर यह बल दांतों के सीमेंटोइनेमल जंक्शन में होता है तो दांतों में ज्यादा मात्र में रगड़न दिखाई देती है, क्युंकी उस स्थान पर इनेमल की परत पतली होती है! इनेमल की परत पर रगड़न होने के बाद यह सीमेनटम को भी नुक्सान करती है! .
दाँत (tooth) मुख की श्लेष्मिक कला के रूपांतरित अंकुर या उभार हैं, जो चूने के लवण से संसिक्त होते हैं। दाँत का काम है पकड़ना, काटना, फाड़ना और चबाना। कुछ जानवरों में ये कुतरने (चूहे), खोदने (शूकर), सँवारने (लीमर) और लड़ने (कुत्ते) के काम में भी आते हैं। दांत, आहार को काट-पीसकर गले से उतरने योग्य बनाते हैं। दाँत की दो पंक्तियाँ होती हैं,.