सामग्री की तालिका
6 संबंधों: द टू टावर्स, द रिटर्न ऑफ़ द किंग, द लॉर्ड ऑफ़ द रिंग्स, जे॰आर॰आर॰ टोल्किन, इंग्लैण्ड, अंग्रेज़ी भाषा।
द टू टावर्स
द लॉर्ड ऑफ़ द रिंग्स--द टू टावर्स (The Lord of the Rings--The Two Towers, मतलब अंगूठियों का मालिक--अंगूठी की मैत्री) अंग्रेज़ी में रचित उपन्यास सिलसिले अंगूठियों का मालिक की दूसरी कड़ी है जिसके (ब्रिटिश) लेखक जे.
देखें द फॅलोशिप ऑफ़ द रिंग और द टू टावर्स
द रिटर्न ऑफ़ द किंग
द लॉर्ड ऑफ़ द रिंग्स--द रिटर्न ऑफ़ द किंग (The Lord of the Rings--The Return of the King, मतलब अंगूठियों का मालिक--राजा की वापसी) अंग्रेज़ी में रचित उपन्यास सिलसिले अंगूठियों का मालिक की तीसरी कड़ी है जिसके (ब्रिटिश) लेखक जे.
देखें द फॅलोशिप ऑफ़ द रिंग और द रिटर्न ऑफ़ द किंग
द लॉर्ड ऑफ़ द रिंग्स
वो शैतानी अंगूठी: एक कलाकार की छवि द लॉर्ड ऑफ़ द रिंग्स (en:The Lord of the Rings, मतलब अंगूठियों का मालिक) अंग्रेज़ी में रचित एक उपन्यास है जिसके (ब्रिटिश) लेखक जे.
देखें द फॅलोशिप ऑफ़ द रिंग और द लॉर्ड ऑफ़ द रिंग्स
जे॰आर॰आर॰ टोल्किन
जॉन रोनल्ड राउल टोल्किन (John Ronald Reuel Tolkien, जनवरी 3, 1882—सितम्बर 2, 1973) अंग्रेज़ी भाषा के एक मशहूर लेखक और कहानीकार थे। वो एक रोमन कैथोलोक ब्रिटिश थे। उनके सबसे प्रसिद्ध कार्य उनका उपन्यास समूह है, जिसमें द हॉबिट (The Hobbit), द लॉर्ड ऑफ़ द रिंग्स (The Lord of the Rings) और द सिल्मैरिलॉन (The Silmarillon) शामिल हैं। हॉलिवुड की अब तक की सबसे मशहूर फ़िल्मों में से एक फ़िल्मी शृंखला द लॉर्ड ऑफ़ द रिंग्स उन्हीं के उपन्यास का फ़िल्मांकन है। टोल्किन जर्मनिक, ऐंग्लो सैक्सन और नॉर्स मिथकों से बहुत प्रभावित थे और वो ब्रिटिश लोगों के लिये एक अच्छी पौराणिक कहानी लिखना चाहते थे। अपनी जवानी में वो प्रथम विश्वयुद्ध में ब्रिटिश सिपाही बन कर लड़े थे और उनको अपने कई दोस्तों के युद्ध में मौत का दुख सहना पड़ा था। इन बातों की झलक टोल्किन के कार्यों में भी दिखती है। युद्ध के बाद उन्होंने एक वृहत काल्पनिक कहानी लिखना शुरु किया, जिसने सबसे पहले द हॉबिट नाम के उपन्यास का रूप लिया। उसका सिलसिला द लॉर्ड ऑफ़ द रिंग्स में जारी रहा। उनकी मौत के बाद उनके पुत्र क्रिस्टोफ़र टोल्किन ने सिलसिला जारी रखते हुए कुछ अन्यौपन्यास भी प्रकाशित किये। श्रेणी:साहित्य श्रेणी:व्यक्तिगत जीवन श्रेणी:LOTR.
देखें द फॅलोशिप ऑफ़ द रिंग और जे॰आर॰आर॰ टोल्किन
इंग्लैण्ड
इंग्लैण्ड (अंग्रेज़ी: England), ग्रेट ब्रिटेन नामक टापू के दक्षिणी भाग में स्थित एक देश है। इसका क्षेत्रफल 50,331 वर्ग मील है। यह यूनाइटेड किंगडम का सबसे बड़ा निर्वाचक देश है। इंग्लैंड के अलावा स्कॉटलैंड, वेल्स और उत्तर आयरलैंड भी यूनाइटेड किंगडम में शामिल हैं। यह यूरोप के उत्तर पश्चिम में अवस्थित है जो मुख्य भूमि से इंग्लिश चैनल द्वारा पृथकीकृत द्वीप का अंग है। इसकी राजभाषा अंग्रेज़ी है और यह विश्व के सबसे संपन्न तथा शक्तिशाली देशों में से एक है। इंग्लैंड के इतिहास में सबसे स्वर्णिम काल उसका औपनिवेशिक युग है। अठारहवीं सदी से लेकर बीसवीं सदी के मध्य तक ब्रिटिश साम्राज्य विश्व का सबसे बड़ा और शकितशाली साम्राज्य हुआ करता था जो कई महाद्वीपों में फैला हुआ था और कहा जाता था कि ब्रिटिश साम्राज्य में सूर्य कभी अस्त नहीं होता। उसी समय पूरे विश्व में अंग्रेज़ी भाषा ने अपनी छाप छोड़ी जिसकी वज़ह से यह आज भी विश्व के सबसे अधिक लोगों द्वारा बोले व समझे जाने वाली भाषा है। .
देखें द फॅलोशिप ऑफ़ द रिंग और इंग्लैण्ड
अंग्रेज़ी भाषा
अंग्रेज़ी भाषा (अंग्रेज़ी: English हिन्दी उच्चारण: इंग्लिश) हिन्द-यूरोपीय भाषा-परिवार में आती है और इस दृष्टि से हिंदी, उर्दू, फ़ारसी आदि के साथ इसका दूर का संबंध बनता है। ये इस परिवार की जर्मनिक शाखा में रखी जाती है। इसे दुनिया की सर्वप्रथम अन्तरराष्ट्रीय भाषा माना जाता है। ये दुनिया के कई देशों की मुख्य राजभाषा है और आज के दौर में कई देशों में (मुख्यतः भूतपूर्व ब्रिटिश उपनिवेशों में) विज्ञान, कम्प्यूटर, साहित्य, राजनीति और उच्च शिक्षा की भी मुख्य भाषा है। अंग्रेज़ी भाषा रोमन लिपि में लिखी जाती है। यह एक पश्चिम जर्मेनिक भाषा है जिसकी उत्पत्ति एंग्लो-सेक्सन इंग्लैंड में हुई थी। संयुक्त राज्य अमेरिका के 19 वीं शताब्दी के पूर्वार्ध और ब्रिटिश साम्राज्य के 18 वीं, 19 वीं और 20 वीं शताब्दी के सैन्य, वैज्ञानिक, राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक प्रभाव के परिणाम स्वरूप यह दुनिया के कई भागों में सामान्य (बोलचाल की) भाषा बन गई है। कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों और राष्ट्रमंडल देशों में बड़े पैमाने पर इसका इस्तेमाल एक द्वितीय भाषा और अधिकारिक भाषा के रूप में होता है। ऐतिहासिक दृष्टि से, अंग्रेजी भाषा की उत्पत्ति ५वीं शताब्दी की शुरुआत से इंग्लैंड में बसने वाले एंग्लो-सेक्सन लोगों द्वारा लायी गयी अनेक बोलियों, जिन्हें अब पुरानी अंग्रेजी कहा जाता है, से हुई है। वाइकिंग हमलावरों की प्राचीन नोर्स भाषा का अंग्रेजी भाषा पर गहरा प्रभाव पड़ा है। नॉर्मन विजय के बाद पुरानी अंग्रेजी का विकास मध्य अंग्रेजी के रूप में हुआ, इसके लिए नॉर्मन शब्दावली और वर्तनी के नियमों का भारी मात्र में उपयोग हुआ। वहां से आधुनिक अंग्रेजी का विकास हुआ और अभी भी इसमें अनेक भाषाओँ से विदेशी शब्दों को अपनाने और साथ ही साथ नए शब्दों को गढ़ने की प्रक्रिया निरंतर जारी है। एक बड़ी मात्र में अंग्रेजी के शब्दों, खासकर तकनीकी शब्दों, का गठन प्राचीन ग्रीक और लैटिन की जड़ों पर आधारित है। .
देखें द फॅलोशिप ऑफ़ द रिंग और अंग्रेज़ी भाषा
द फेलोशिप ऑफ द रिंग, अंगूठी की मैत्री के रूप में भी जाना जाता है।