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तिरुमालादेवी

सूची तिरुमालादेवी

तिरुमालादेवी विजयनगर के राजा कृष्णदेवराय की दूसरी और छोटी पत्नी थी। तिरुलामादेवी की पुत्री तिरुमालुमबा थी। तिरुमालादेवी की दूसरी पुत्री वेन्गलम्बा थी।। तिरुमालादेवी के दो बेटे तिरुमलराय और रामराय थे।.

सामग्री की तालिका

  1. 3 संबंधों: रामराय, विजयनगर, कृष्णदेवराय

रामराय

रामराय एक विद्वान भक्त थे। ये ऐसे विद्वान् भक्त हो गए हैं कि जीव गोस्वामी तथा विश्वनाथ चक्रवर्ती ने अपनी रचनाओं में इनकी वंदना की है। ये अपना वंश गीतगोविन्द के रचयिता श्री जयदेव से चला हुआ मानते हैं। रामराय, जयदेव से चौदहवीं पीढ़ी में हुए। इनका जन्म लाहौर में हुआ पर ये छोटी अवस्था में ही विरक्त होकर वृन्दावन चले आए। इनकी 'गीतगोविंद भाषा' की रचना संवत् १६२२ में हुई जिससे इनका काल सं.

देखें तिरुमालादेवी और रामराय

विजयनगर

विजयनगर साम्राज्य की राजधानी; अब यह हम्पी (पम्पा से निकला हुआ) नगर है। .

देखें तिरुमालादेवी और विजयनगर

कृष्णदेवराय

कृष्णदेवराय की कांस्य प्रतिमा संगीतमय स्तम्भों से युक्त हम्पी स्थित विट्ठल मन्दिर; इसके होयसला शैली के बहुभुजाकार आधार पर ध्यान दीजिए। कृष्णदेवराय (1509-1529 ई.; राज्यकाल 1509-1529 ई) विजयनगर के सर्वाधिक कीर्तिवान राजा थे। वे स्वयं कवि और कवियों के संरक्षक थे। तेलुगु भाषा में उनका काव्य अमुक्तमाल्यद साहित्य का एक रत्न है। इनकी भारत के प्राचीन इतिहास पर आधारित पुस्तक वंशचरितावली तेलुगू  के साथ—साथ संस्कृत में भी मिलती है। संभवत तेलुगू का अनुवाद ही संस्कृत में हुआ है। प्रख्यात इतिहासकार तेजपाल सिंह धामा ने हिन्दी में इनके जीवन पर प्रामाणिक उपन्यास आंध्रभोज लिखा है। तेलुगु भाषा के आठ प्रसिद्ध कवि इनके दरबार में थे जो अष्टदिग्गज के नाम से प्रसिद्ध थे। स्वयं कृष्णदेवराय भी आंध्रभोज के नाम से विख्यात थे। .

देखें तिरुमालादेवी और कृष्णदेवराय