लोगो
यूनियनपीडिया
संचार
Google Play पर पाएं
नई! अपने एंड्रॉयड डिवाइस पर डाउनलोड यूनियनपीडिया!
इंस्टॉल करें
ब्राउज़र की तुलना में तेजी से पहुँच!
 

तानसेन संगीत सम्मेलन

सूची तानसेन संगीत सम्मेलन

तानसेन संगीत सम्मेलन का आयोजन हर वर्ष ग्वालियर में तानसेन की मज़ार पर किया जाता है। तानसेन संगीत सम्मेलन विगत चार-पाँच शताब्दियों से यह हिन्दुस्तानी संगीत शैली का मूल स्रोत रहा है। हिन्दुस्तानी संगीत के बड़े आयोजनों में ग्वालियर के ‘तानसेन संगीत सम्मेलन’ का भी नाम है। यह समारोह दिसम्बर मास के प्रथम सप्ताह में मौहम्मद गौस के मकबरे के नज़दीक हजीरा (ग्वालियर) में आयोजित किया जाता रहा है। पुरातत्व विभाग की अप्रत्याशित आपत्तियों को लेकर यह आयोजन अब कलाविधिका पड़ाव ग्वालियर में आयोजित किया जाने लगा है। इस सम्मेलन का आयोजन विभिन्न काल खण्डों में विभिन्न संगठनों व संस्थाओं द्वारा किया जाता रहा है, किन्तु वर्तमान में इस आयोजन की व्यवस्था मध्यप्रदेश सरकार का संस्कृति विभाग द्वारा की जाती है। तानसेन संगीत सम्मेलन में हर वर्ष उच्चकोटि के संगीतज्ञ भाग लेते हैं और सहर्ष अपनी कला का प्रदर्शन करते हैं। प्रत्येक वर्ग के श्रोता इस कार्यक्रम को सुनकर इसका भरपूर आनन्द उठाते हैं। वर्षों पूर्व ग्वालियर के संगीत प्रेमियों ने संघर्ष करके टिकट का प्रतिबंध हटवा दिया था। यह कार्यक्रम लगातार तीन-चार दिन तक चलता रहता है जो रात-दिन निरन्तर जारी रहता है। इस समारोह में प्रत्येक वर्ष किसी एक संगीत साधक को “तानसेन सम्मान” से अलंकृत किया जाता है जिसके अंतर्गत एक लाख रूपये नकद तथा स्मृति चिन्ह भेंट किया जाता है। इस समारोह का मुख्य उद्देश्य संगीतकारों द्वारा संगीत के महान पुरोधा तानसेन को श्रद्धांजलि अर्पित करना है। शास्त्रीय संगीत परम्परा में हाशिए पर चल रही ध्रुपद गायन शैली को उजागर करने में इस संगीत समारोह का विशेष योगदान रहा है। तानसेन को मुख्यतः तत्कालीन प्रचलित ध्रुपद गायन शैली का युग पुरूष माना जाता है। अत: इस सम्मेलन में ख्याल, गतकारी शैलियों के साथ-साथ ध्रुपद गायन का भी महत्वपूर्ण स्थान रहता है। श्रेणी:ग्वालियर श्रेणी:हिन्दुस्तानी संगीत.

2 संबंधों: तानसेन, ग्वालियर

तानसेन

तानसेन या मियां तानसेन या रामतनु पाण्डेय हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत के एक महान ज्ञाता थे। उन्हे सम्राट अकबर के नवरत्नों में भी गिना जाता है। संगीत सम्राट तानसेन की नगरी ग्वालियर के लिए कहावत प्रसिद्ध है कि यहाँ बच्चे रोते हैं, तो सुर में और पत्थर लुढ़कते हैं तो ताल में। इस नगरी ने पुरातन काल से आज तक एक से बढ़कर एक संगीत प्रतिभायें संगीत संसार को दी हैं और संगीत सूर्य तानसेन इनमें सर्वोपारि हैं। तानसेन को संगीत का ज्ञान कैसे प्राप्त हुआ? प्रारम्भ से ही तानसेन मे दूसरों की नकल करने की अपूर्व क्षमता थी। बालक तानसेन पशु-पक्षियों की तरह- तरह की बोलियों की सच्ची नकल करता था और हिंसक पशुओं की बोली से लोगों को डरवाया करता था। इसी बीच स्वामी हरिदास से उनकी भेंट हो गयी । मिलने की भी एक मनोरंजक घटना है। उनकी अलग-अलग बोलियों को बोलने की प्रतिभा को देखकर वो काफी प्रभावित हुए। स्वामी जी ने उन्हें उनके पिता से संगीत सिखाने के लिए माँग लिया। इस तरह तानसेन को संगीत का ज्ञान हुआ। .

नई!!: तानसेन संगीत सम्मेलन और तानसेन · और देखें »

ग्वालियर

ग्वालियर भारत के मध्य प्रदेश प्रान्त का एक प्रमुख शहर है। भौगोलिक दृष्टि से ग्वालियर म.प्र.

नई!!: तानसेन संगीत सम्मेलन और ग्वालियर · और देखें »

निवर्तमानआने वाली
अरे! अब हम फेसबुक पर हैं! »