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तलास

सूची तलास

तलास के पास मनास का गुम्बज़ (मक़बरा) तलास (किरगिज़: Талас, अंग्रेज़ी: Talas) मध्य एशिया के किर्गिज़स्तान देश में एक छोटा-सा शहर है और उस राष्ट्र के तलास प्रांत की राजधानी भी है। तलास शहर १८७७ में रूसी साम्राज्य के ज़माने में भेजे गए लोगों द्वारा तलास नदी की वादी में दो ऊँची पर्वत शृंखलाओं के बीच बसाया गया था। इस शहर के दक्षिण में बेश-ताश वादी है (बेश-ताश का मतलब किरगिज़ भाषा में 'पांच पत्थर' होता है)। .

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सामग्री की तालिका

  1. 13 संबंधों: चुय नदी, तलास प्रांत, बिश्केक, मध्य एशिया, मनास की दास्तान, रूसी साम्राज्य, सोवियत संघ, ख़ातून, गुम्बज़, किर्गिज़ भाषा, किर्गिज़स्तान, कज़ाख़िस्तान, अंग्रेज़ी भाषा

चुय नदी

तोकमोक शहर के पास चुय नदी का एक नज़ारा चुय नदी (किरगिज़: Чүй, काज़ाख़​: Шу, अंग्रेज़ी: Chuy) उत्तरी किरगिज़स्तान और दक्षिणी काज़ाख़​स्तान में बहने वाली १,०६७ किमी (६६३ मील) लम्बी एक नदी है। यह किरगिज़स्तान की सबसे लम्बी नदियों में से एक है। किरगिज़स्तान के उत्तरतम प्रांत, चुय ओब्लास्त, का नाम इसी नदी पर रखा गया है। किरगिज़स्तान की राजधानी बिश्केक इसी नदी की एक उपनदी के किनारे बसी हुई है।, Bradley Mayhew, Greg Bloom, Paul Clammer, pp.

देखें तलास और चुय नदी

तलास प्रांत

तलास शहर के पास मनास का गुम्बज़ (मक़बरा) तलास प्रांत (किरगिज़: Талас областы, अंग्रेज़ी: Talas Province) मध्य एशिया के किर्गिज़स्तान देश के पश्चिमोत्तर में स्थित एक प्रांत है। इस प्रांत राजधानी का नाम भी तलास शहर है। इसकी सरहदें काज़ाख़स्तान और उज़बेकिस्तान से भी लगती हैं। इस प्रांत के उत्तर में किरगिज़ आला-तू के पर्वत हैं और मध्य भाग से तलास नदी निकलती है। .

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बिश्केक

बिश्केक (किरगिज़: Бишкек), जिसे पहले पिश्पेक और फ़्रूनज़े के नामों से भी जाना जाता था, मध्य एशिया के किरगिज़स्तान देश की राजधानी और सबसे बड़ा शहर है। यह उस देश के चुय प्रांत की राजधानी भी है। .

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मध्य एशिया

मध्य एशिया एशिया के महाद्वीप का मध्य भाग है। यह पूर्व में चीन से पश्चिम में कैस्पियन सागर तक और उत्तर में रूस से दक्षिण में अफ़ग़ानिस्तान तक विस्तृत है। भूवैज्ञानिकों द्वारा मध्य एशिया की हर परिभाषा में भूतपूर्व सोवियत संघ के पाँच देश हमेशा गिने जाते हैं - काज़ाख़स्तान, किरगिज़स्तान, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज़बेकिस्तान। इसके अलावा मंगोलिया, अफ़ग़ानिस्तान, उत्तरी पाकिस्तान, भारत के लद्दाख़ प्रदेश, चीन के शिनजियांग और तिब्बत क्षेत्रों और रूस के साइबेरिया क्षेत्र के दक्षिणी भाग को भी अक्सर मध्य एशिया का हिस्सा समझा जाता है। इतिहास में मध्य एशिया रेशम मार्ग के व्यापारिक और सांस्कृतिक महत्व के लिए जाना जाता है। चीन, भारतीय उपमहाद्वीप, ईरान, मध्य पूर्व और यूरोप के बीच लोग, माल, सेनाएँ और विचार मध्य एशिया से गुज़रकर ही आते-जाते थे। इस इलाक़े का बड़ा भाग एक स्तेपी वाला घास से ढका मैदान है हालाँकि तियान शान जैसी पर्वत शृंखलाएँ, काराकुम जैसे रेगिस्तान और अरल सागर जैसी बड़ी झीलें भी इस भूभाग में आती हैं। ऐतिहासिक रूप मध्य एशिया में ख़ानाबदोश जातियों का ज़ोर रहा है। पहले इसपर पूर्वी ईरानी भाषाएँ बोलने वाली स्किथी, बैक्ट्रियाई और सोग़दाई लोगों का बोलबाला था लेकिन समय के साथ-साथ काज़ाख़, उज़बेक, किरगिज़ और उईग़ुर जैसी तुर्की जातियाँ अधिक शक्तिशाली बन गई।Encyclopædia Iranica, "CENTRAL ASIA: The Islamic period up to the Mongols", C.

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मनास की दास्तान

किरगिज़ मनासची मनास की दास्तान (किरगिज़: Манас дастаны, मनास दास्तानी; अंग्रेज़ी: Epic of Manas) मध्य एशिया के किरगिज़ लोगों की एक शौर्य काव्य-गाथा है। यह १८वीं सदी में लिखी गई थी लेकिन हो सकता है कि इसकी कहानी उस से पहले से प्रचलित हो। मनास किरगिज़ लोगों का एक ऐतिहासिक महानायक था। मनास कथा में उसे बहुत बहादुर बताया गया है और बतलाया जाता है कि कैसे उसने किरगिज़ लोगों के बहुत दुश्मनों से टक्कर लेकर उन्हें हराया, जैसे कि ख़ितानी, ओइरत लोग, उईग़ुर और अफ़ग़ान​। मनास-दास्तान किरगिज़ भाषा की सब से महत्वपूर्ण साहित्य-कृति मानी जाती है। किर्गिज़स्तान में यह वीर-कथा रस्मी रूप से गाकर सुनाई जाती है और मनास-दास्तान सुनाने वाले को 'मनासची' (Манасчы, Manaschi) कहा जाता है। मनास गाथा में क़रीब ५ लाख पंक्तियाँ हैं जो महाभारत से ढाई गुना है (हालाँकि महाभारत शब्दों के हिसाब से अधिक लम्बी है)। इस कथा के कुछ रूपों में मनास को नोगाई ख़ान बताया गया है। १९९५ में किर्गिज़स्तान की सरकार ने मनास की १००० वीं जन्म जयंती का राष्ट्रोत्सव मनाया।, Dilip Hiro, Penguin, 2009, ISBN 978-1-59020-221-0,...

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रूसी साम्राज्य

सन् १८६६ में रूसी साम्राज्य (हरे रंग में) रूसी साम्राज्य (रूसी: Российская Империя, रोसिस्काया इम्पेरिया) सन् १७२१ से १९१७ तक की रूसी क्रांति तक अस्तित्व में रहने वाला एक साम्राज्य था। रूसी साम्राज्य से पहले रूस में रूसी त्सार-राज्य था और उसके बाद बहुत कम अवधि के लिए रूसी गणतंत्र चला और उसके उपरान्त सोवियत संघ स्थापित हुआ। रूसी साम्राज्य दुनिया के सब से बड़े साम्राज्यों में से एक था और केवल मंगोल और ब्रिटिश साम्राज्य ही क्षेत्रफल में उस से बड़े रहे हैं। सन् १८६६ में रूसी साम्राज्य पूर्वी यूरोप से लेकर सुदूर पूर्व एशिया तक और फिर समुद्र के पार उत्तर अमेरिका के कुछ इलाक़ों पर विस्तृत था। १८९७ में सामराज्य की जनसँख्या १२.५६ करोड़ थी।, Jane Burbank, David L.

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सोवियत संघ

सोवियत संघ (रूसी भाषा: Сове́тский Сою́з, सोवेत्स्की सोयूज़; अंग्रेज़ी: Soviet Union), जिसका औपचारिक नाम सोवियत समाजवादी गणतंत्रों का संघ (Сою́з Сове́тских Социалисти́ческих Респу́блик, Union of Soviet Socialist Republics) था, यूरेशिया के बड़े भूभाग पर विस्तृत एक देश था जो १९२२ से १९९१ तक अस्तित्व में रहा। यह अपनी स्थापना से १९९० तक साम्यवादी पार्टी (कोम्युनिस्ट पार्टी) द्वारा शासित रहा। संवैधानिक रूप से सोवियत संघ १५ स्वशासित गणतंत्रों का संघ था लेकिन वास्तव में पूरे देश के प्रशासन और अर्थव्यवस्था पर केन्द्रीय सरकार का कड़ा नियंत्रण रहा। रूसी सोवियत संघीय समाजवादी गणतंत्र (Russian Soviet Federative Socialist Republic) इस देश का सबसे बड़ा गणतंत्र और राजनैतिक, सांस्कृतिक और आर्थिक केंद्र था, इसलिए पूरे देश का गहरा रूसीकरण हुआ। यही कारण रहा कि विदेश में भी सोवियत संघ को अक्सर गलती से 'रूस' बोल दिया जाता था। .

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ख़ातून

मंगोल सम्राट हुलागु ख़ाँ अपनी ईसाई पत्नी दोक़ुज़ ख़ातून के साथ ख़ातून (خاتون, Khātūn, Hatun) एक स्त्रियों को दी जाने वाली उपाधि है जो सब से पहले गोएकतुर्क साम्राज्य और मंगोल साम्राज्य में प्रयोग की गई थी। इनके क्षेत्रों में यह "रानी" और "महारानी" की बराबरी की उपाधि थी। समय के साथ-साथ यह भारतीय उपमहाद्वीप में "देवी" की तरह किसी भी महिला के लिए एक आदरपूर्ण ख़िताब बन गया। भारत में कई प्रसिद्ध औरतों के नाम से यह उपाधि जुड़ी हुई है, मसलन "हब्बा ख़ातून" कश्मीरी भाषा की एक प्रसिद्ध कवियित्री थीं। .

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गुम्बज़

गोल गुम्बज़, जो भारत के बीजापुर शहर में आदिल शाह का मक़बरा है, विश्व का दूसरा सबसे बडा़ गुम्बद है। सलीमिया मस्जिद का आंतरिक दृश्य। गुम्बद या गुम्बज़ एक वास्तुकला का सामान्य रचना अवयव है, जो कि एक खाली गोलार्ध से चिन्हित है। The interior dome of the Santa Maria del Fiore in Florence गुम्बद के अनुप्रस्थ परिच्च्हेद का पूर्ण गोला होना आवश्यक नहीं है। इसका अनुप्रस्थ अंडाकार भी हो सकता है। यदि अंडाकार आकृति के बडे़ व्यास के समानांतर, गुम्बद की आधार रेखा होती है, तब हमें एक ऊँचा गुम्बद मिलता है। इसी तरह यदि छोटे व्यास के समानांतर आधार रेखा होती है, तब हमें तश्तरी गुम्बद या सॉकर गुम्बद मिलता है, परंतु यह बडे़ क्षेत्र को घेरता है। गुम्बद के सभी सतह वक्राकार होते हैं। अंडाकार गुम्बद अधिकतर गिरजाघरों दिखते हैं। सबसे बडा़ अंडाकार गुम्बद वोकोफोर्ट के बैसिलिका में बना था। .

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किर्गिज़ भाषा

किर्गिज़ एक तुर्की भाषा है और रूसी भाषा के अतिरिक्त यह किर्गिज़स्तान की आधिकारिक भाषा है। कुल के हिसाब से यह अल्तेय से बहुत निकट से और कज़ाख से दूर से जुड़ती है। हालाँकि वर्तमान समय में भाषीय सम्मिलन की वजह से किर्गिज़ और कज़ाख के बीच ज्यादा निकटता नजर आती है। किर्गिज़ भाषा किर्गिज़स्तान, चीन, अफ़गानिस्तान, कज़ाख़िस्तान, ताजिकिस्तान, तुर्की, उज़्बेकिस्तान, पाकिस्तान और रूस में करीबन 40 लाख लोगों द्वारा बोली जाती है। किर्गिज़ २०वीं शताब्दी तक मूलतः संशोधित अरबी-फ़ारसी लिपि में लिखी जाती थी, जिसके बाद कुछ समय के लिए रोमन लिपि का इस्तेमाल किया जाने लगा। बाद में सोवियत संघ के प्रभाव की वजह से सिरिलिक वर्णमाला मानक बन गई और आज तक चलन में है। हालाँकि कुछ लोग आज भी अरबी लिपि का उपयोग करते हैं। सोवियत संघ के 1991 में विघटन और देश के स्वतंत्र होने के बाद से किर्गिज़ भाषा को पुनः रोमन लिपि में कुछ किर्गिज राजनीतिज्ञ बात कह रहे हैं, लेकिन इस योजना को मूर्त रूप नहीं दिया जा सका। आजकल, यह अभी भी मुख्य भाषा मुख्य शहरों में, इस तरह के रूप में बिश्केक जबकि किरगिज़ जारी है जमीन खोने विशेष रूप से युवा पीढ़ी के बीच। .

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किर्गिज़स्तान

किर्ग़िज़स्तान, आधिकारिक तौर पर किर्ग़िज़ गणतंत्र, मध्य एशिया में स्थित एक देश है। चारों तरफ जमीन और पहाड़ियों से घिरे इस देश की सीमा उत्तर में कज़ाख़िस्तान, पश्चिम में उज़्बेकिस्तान, दक्षिण पश्चिम में ताजिकिस्तान और पूर्व में चीन से मिलती है। "किरगिज़", जिससे देश का नाम पड़ा है, शब्द की उत्पति मूलतः "चालीस लड़कियां" या फिर "चालीस जनजातियां" मानी जाती है। जो संभवतः महानायक मानस की ओर इंगित करती हैं, जिन्होंने किंवदंती के अनुसार, खितान के खिलाफ चालीस जनजातियों को एकजुट किया था। किर्ग़िज़स्तान के झंडे में सूर्य की चालीस किरणें मानस के इन्हीं चालीस जनजातियों का प्रतीक हैं। .

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कज़ाख़िस्तान

क़ज़ाख़स्तान (क़ज़ाख़: Қазақстан / Qazaqstan, रूसी:Казахстан / Kazakhstán) यूरेशिया में स्थित एक देश है। क्षेत्रफल के आधार से ये दुनिया का नवाँ सबसे बड़ा देश है। एशिया में एक बड़े भूभाग में फैला हुआ यह देश पहले सोवियत संघ का हिस्सा हुआ करता था। 1991 में सोवियत संघ के विघटन के उपरांत इसने सबसे अंत में अपने आपको स्वतंत्र घोषित किया। सोवियत प्रशासन के दौरान यहाँ कई महत्वपूर्ण परियोजनाएँ संपन्न हुईं, जिसमें कई रॉकेटों का प्रक्षेपण से लेकर क्रुश्चेव का वर्ज़िन भूमि परियोजना शामिल हैं। देश की अधिकाँश भूमि स्तेपी घास मैदान, जंगल तथा पहाड़ी क्षेत्रों से ढकी है। यहाँ के मुख्य निवासी क़ज़ाख़ लोग हैं जो तुर्क मूल के हैं। अपने इतिहास के अधिकांश हिस्से में कज़ाख़स्तान की भूमि यायावर जातियों के साम्राज्य का हिस्सा रही है। इसकी राजधानी सन १९९८ में अस्ताना को बनाई गई जो सोवियत कालीन राजधानी अल्माती से बदलकर बनाई गई थी। यहां की क़ाज़ाक़ भाषा और रूसी भाषा मुख्य- और राजभाषाएँ हैं। .

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अंग्रेज़ी भाषा

अंग्रेज़ी भाषा (अंग्रेज़ी: English हिन्दी उच्चारण: इंग्लिश) हिन्द-यूरोपीय भाषा-परिवार में आती है और इस दृष्टि से हिंदी, उर्दू, फ़ारसी आदि के साथ इसका दूर का संबंध बनता है। ये इस परिवार की जर्मनिक शाखा में रखी जाती है। इसे दुनिया की सर्वप्रथम अन्तरराष्ट्रीय भाषा माना जाता है। ये दुनिया के कई देशों की मुख्य राजभाषा है और आज के दौर में कई देशों में (मुख्यतः भूतपूर्व ब्रिटिश उपनिवेशों में) विज्ञान, कम्प्यूटर, साहित्य, राजनीति और उच्च शिक्षा की भी मुख्य भाषा है। अंग्रेज़ी भाषा रोमन लिपि में लिखी जाती है। यह एक पश्चिम जर्मेनिक भाषा है जिसकी उत्पत्ति एंग्लो-सेक्सन इंग्लैंड में हुई थी। संयुक्त राज्य अमेरिका के 19 वीं शताब्दी के पूर्वार्ध और ब्रिटिश साम्राज्य के 18 वीं, 19 वीं और 20 वीं शताब्दी के सैन्य, वैज्ञानिक, राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक प्रभाव के परिणाम स्वरूप यह दुनिया के कई भागों में सामान्य (बोलचाल की) भाषा बन गई है। कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों और राष्ट्रमंडल देशों में बड़े पैमाने पर इसका इस्तेमाल एक द्वितीय भाषा और अधिकारिक भाषा के रूप में होता है। ऐतिहासिक दृष्टि से, अंग्रेजी भाषा की उत्पत्ति ५वीं शताब्दी की शुरुआत से इंग्लैंड में बसने वाले एंग्लो-सेक्सन लोगों द्वारा लायी गयी अनेक बोलियों, जिन्हें अब पुरानी अंग्रेजी कहा जाता है, से हुई है। वाइकिंग हमलावरों की प्राचीन नोर्स भाषा का अंग्रेजी भाषा पर गहरा प्रभाव पड़ा है। नॉर्मन विजय के बाद पुरानी अंग्रेजी का विकास मध्य अंग्रेजी के रूप में हुआ, इसके लिए नॉर्मन शब्दावली और वर्तनी के नियमों का भारी मात्र में उपयोग हुआ। वहां से आधुनिक अंग्रेजी का विकास हुआ और अभी भी इसमें अनेक भाषाओँ से विदेशी शब्दों को अपनाने और साथ ही साथ नए शब्दों को गढ़ने की प्रक्रिया निरंतर जारी है। एक बड़ी मात्र में अंग्रेजी के शब्दों, खासकर तकनीकी शब्दों, का गठन प्राचीन ग्रीक और लैटिन की जड़ों पर आधारित है। .

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