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5 संबंधों: भारत, भारत में संकटग्रस्त भाषाओं की सूची, भारत में स्थानीय वक्ताओं की संख्यानुसार भाषाओं की सूची, भारत की भाषाएँ, अंतरराष्ट्रीय मानकीकरण संगठन।
भारत
भारत (आधिकारिक नाम: भारत गणराज्य, Republic of India) दक्षिण एशिया में स्थित भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे बड़ा देश है। पूर्ण रूप से उत्तरी गोलार्ध में स्थित भारत, भौगोलिक दृष्टि से विश्व में सातवाँ सबसे बड़ा और जनसंख्या के दृष्टिकोण से दूसरा सबसे बड़ा देश है। भारत के पश्चिम में पाकिस्तान, उत्तर-पूर्व में चीन, नेपाल और भूटान, पूर्व में बांग्लादेश और म्यान्मार स्थित हैं। हिन्द महासागर में इसके दक्षिण पश्चिम में मालदीव, दक्षिण में श्रीलंका और दक्षिण-पूर्व में इंडोनेशिया से भारत की सामुद्रिक सीमा लगती है। इसके उत्तर की भौतिक सीमा हिमालय पर्वत से और दक्षिण में हिन्द महासागर से लगी हुई है। पूर्व में बंगाल की खाड़ी है तथा पश्चिम में अरब सागर हैं। प्राचीन सिन्धु घाटी सभ्यता, व्यापार मार्गों और बड़े-बड़े साम्राज्यों का विकास-स्थान रहे भारतीय उपमहाद्वीप को इसके सांस्कृतिक और आर्थिक सफलता के लंबे इतिहास के लिये जाना जाता रहा है। चार प्रमुख संप्रदायों: हिंदू, बौद्ध, जैन और सिख धर्मों का यहां उदय हुआ, पारसी, यहूदी, ईसाई, और मुस्लिम धर्म प्रथम सहस्राब्दी में यहां पहुचे और यहां की विविध संस्कृति को नया रूप दिया। क्रमिक विजयों के परिणामस्वरूप ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कंपनी ने १८वीं और १९वीं सदी में भारत के ज़्यादतर हिस्सों को अपने राज्य में मिला लिया। १८५७ के विफल विद्रोह के बाद भारत के प्रशासन का भार ब्रिटिश सरकार ने अपने ऊपर ले लिया। ब्रिटिश भारत के रूप में ब्रिटिश साम्राज्य के प्रमुख अंग भारत ने महात्मा गांधी के नेतृत्व में एक लम्बे और मुख्य रूप से अहिंसक स्वतन्त्रता संग्राम के बाद १५ अगस्त १९४७ को आज़ादी पाई। १९५० में लागू हुए नये संविधान में इसे सार्वजनिक वयस्क मताधिकार के आधार पर स्थापित संवैधानिक लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित कर दिया गया और युनाईटेड किंगडम की तर्ज़ पर वेस्टमिंस्टर शैली की संसदीय सरकार स्थापित की गयी। एक संघीय राष्ट्र, भारत को २९ राज्यों और ७ संघ शासित प्रदेशों में गठित किया गया है। लम्बे समय तक समाजवादी आर्थिक नीतियों का पालन करने के बाद 1991 के पश्चात् भारत ने उदारीकरण और वैश्वीकरण की नयी नीतियों के आधार पर सार्थक आर्थिक और सामाजिक प्रगति की है। ३३ लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के साथ भारत भौगोलिक क्षेत्रफल के आधार पर विश्व का सातवाँ सबसे बड़ा राष्ट्र है। वर्तमान में भारतीय अर्थव्यवस्था क्रय शक्ति समता के आधार पर विश्व की तीसरी और मानक मूल्यों के आधार पर विश्व की दसवीं सबसे बडी अर्थव्यवस्था है। १९९१ के बाज़ार-आधारित सुधारों के बाद भारत विश्व की सबसे तेज़ विकसित होती बड़ी अर्थ-व्यवस्थाओं में से एक हो गया है और इसे एक नव-औद्योगिकृत राष्ट्र माना जाता है। परंतु भारत के सामने अभी भी गरीबी, भ्रष्टाचार, कुपोषण, अपर्याप्त सार्वजनिक स्वास्थ्य-सेवा और आतंकवाद की चुनौतियां हैं। आज भारत एक विविध, बहुभाषी, और बहु-जातीय समाज है और भारतीय सेना एक क्षेत्रीय शक्ति है। .
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भारत में संकटग्रस्त भाषाओं की सूची
एक लुप्तप्राय भाषा वह भाषा है जिसके कुछ ही जीवित वक्ता(बोलने वाले) हैं व जो उपयोग से बाहर होने की कगार पर है। अगर इनमें से कोई भाषा अपने सभी मूल वक्ताओं को खो देती हैं, तो ये एक विलुप्त भाषा बन जायेगी। यूनेस्को 'सुरक्षित' (खतरे में नहीं) और "विलुप्त" के बीच भाषाओं के चार स्तरों को परिभाषित करता है.
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भारत में स्थानीय वक्ताओं की संख्यानुसार भाषाओं की सूची
भारत कई सौ भाषाओं का घर है। ज़्यादातर भारतीय इंडो-आर्यन परिवार (74%)की भाषा बोलते हैं जो इंडो-यूरोपियन की ही एक शाखा है। द्रविड़ (24%), ऑस्ट्रोएस्ट्रीएटिक मुंडा (1.2%) और साइनो-तिब्बतन (0.6%) भी बोली जाती हैं इसके अतिरिक्त हिमालय की कुछ भाषाएँ अभी भी वर्गीकृत नहीं हैं। एस आई एल एथनोलॉग की सूची अनुसार अनुसार भारत में 415 जीवित भाषाएँ हैं। .
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भारत की भाषाएँ
भारत बहुत सारी भाषाओं का देश है, लेकिन सरकारी कामकाज में व्यवहार में लायी जाने वाली दो भाषायें हैं, हिन्दी और अंग्रेज़ी। वृहद भारत के भाषा परिवार .
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अंतरराष्ट्रीय मानकीकरण संगठन
अन्तर्राष्ट्रीय विद्युततकनीकी आयोग यह लेख या कुछ अंश अपनी मूल भाषा में है, जिससे कि इन तथ्यों की मौलिकता बनी रहे। कृपया इसे अनुवाद करने का प्रयास न करें, या पहले संवाद पृष्ठ पर चर्चा करके फिर सुधार करें। अन्तराष्ट्रीय मानकीकरण संगठन (फ्रेंच में Organisation internationale de normalisation), जिसे अधिकतर ISO कहा जाता है, विभिन्न राष्ट्रों के मानक संगठनों के प्रतिनिधियों से गठित एक अन्तर्राष्ट्रीय मानक-विन्यास संस्था है। इसकी स्थापना 23 फरवरी, 1947 को हुई थी, विश्वव्यापी औद्योगिक एवं वाणिज्यिक मानकों को घोषित करने हेतु। इसका मुख्यालय जेनेवा, स्विट्जरलैंड में स्थित है। यद्यपि ISO स्वयं को एक गैर सरकारी संगठन कहता है, इसकी मानक स्थापित करने की क्षमता, जो कि प्राय्ः विधि बन जाते हैं, या तो समझौतों के द्वारा, या फिर राष्ट्रीय मान; यह इसको गैर सरकारी संगठनों से अधिक शक्तिशाली बनाता है। वैसे व्यवहार में यह एक संकाय या अल्पकालीन संगठन जैसे कार्यरत है, जिसकी सरकारों से मजबूत कङियाँ हैं।.