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डेल्टा स्कूटी परिवर्ती तारा

सूची डेल्टा स्कूटी परिवर्ती तारा

डेल्टा स्कूटी परिवर्ती (Delta Scuti variable) एक प्रकार के परिवर्ती तारे होते हैं जिनकी तेजस्विता में तारे की सतह पर होने वाली त्रिज्याई (radial) और अत्रिज्याई (non-radial) घड़कनों के कारण बदलाव होते हैं। यह तारे अंतरिक्ष में दूरी मापने के लिए बहुत उपयोगी होते हैं और इनके प्रयोग से बड़ा मॅजलॅनिक बादल, गोल तारागुच्छों, खुला तारागुच्छों और गैलेक्सी केन्द्र तक की दूरियाँ अनुमानित करी गई हैं। McNamara, D. H.; Madsen, J. B.; Barnes, J.; Ericksen, B. F. (2000).

10 संबंधों: तारा, तेजस्विता, तेजस्वी नीला परिवर्ती तारा, परिवर्ती तारा, बड़ा मॅजलॅनिक बादल, बेटा सॅफ़ॅई परिवर्ती तारा, खुला तारागुच्छ, गांगेय केंद्र, गोल तारागुच्छ, अंतरिक्ष

तारा

तारे (Stars) स्वयंप्रकाशित (self-luminous) उष्ण गैस की द्रव्यमात्रा से भरपूर विशाल, खगोलीय पिंड हैं। इनका निजी गुरुत्वाकर्षण (gravitation) इनके द्रव्य को संघटित रखता है। मेघरहित आकाश में रात्रि के समय प्रकाश के बिंदुओं की तरह बिखरे हुए, टिमटिमाते प्रकाशवाले बहुत से तारे दिखलाई देते हैं। .

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तेजस्विता

खगोलशास्त्र में तेजस्विता (luminosity) किसी तारे, गैलेक्सी या अन्य खगोलीय वस्तु द्वारा किसी समय की ईकाई में प्रसारित होने वाली ऊर्जा की मात्रा होती है। यह चमक (brightness) से सम्बन्धित है जो वस्तु की वर्णक्रम के किसी भाग में मापी गई तेजस्विता को कहते हैं। अन्तरराष्ट्रीय मात्रक प्रणाली में तेजस्विता को जूल प्रति सकैंड या वॉट में मापा जाता है। अक्सर इसे हमारे सूरज की तेजस्विता की तुलना में मापा जाता है, जिसका कुल ऊर्जा उत्पादन है। सौर ज्योति (सौर तेजस्विता) का चिन्ह L⊙ है। .

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तेजस्वी नीला परिवर्ती तारा

तेजस्वी नीला परिवर्ती (Luminous blue variable, LBV) भीमकाय आकार के ऐसे तारे होते हैं जो अचानक अपनी तेजस्विता और वर्णक्रम में परिवर्तन कर लेते हैं। इन्हें कभी-कभी एस डोराडस परिवर्ती (S Doradus variable) भी कहा जाता है क्योंकि बड़े मॅजलॅनिक बादल का एक सबसे उज्ज्वल तारा, एस डोराडस, इसी प्रकार का है। तेजस्वी नीला परिवर्ती बहुत कम मिलते हैं और तारा सूचियों में केवल लगभग २० ऐसे तारे मिलते हैं। .

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परिवर्ती तारा

द्वितारे में एक तारे के कभी खुले चमकने और कभी ग्रहण हो जाने से उसकी चमक परिवर्तित होती रहती है - नीचे की लक़ीर पृथ्वी तक पहुँच रही चमक को माप रही है परिवर्ती तारा ऐसे तारे को बोलते हैं जिसकी पृथ्वी तक पहुँचती हुई चमक बदलती रहती हो, यानि उसका सापेक्ष कान्तिमान बदलता रहता हो। इसकी दो वजहें हो सकती हैं -.

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बड़ा मॅजलॅनिक बादल

बड़ा मॅजलॅनिक बादल (ब॰मॅ॰बा॰) एक बेढंगी गैलेक्सी है जो हमारी अपनी गैलेक्सी, आकाशगंगा, की उपग्रह है। यह पृथ्वी से क़रीब १६०,००० प्रकाश-वर्ष दूर है और आकाशगंगा से तीसरी सब से समीप वाली गैलेक्सी है। इसका कुल द्रव्यमान (मास) हमारे सूरज से लगभग १० अरब गुना है और इसका व्यास (डायामीटर) १४,००० प्रकाश-वर्ष है। तुलना के लिए आकाशगंगा का द्रव्यमान बड़े मॅजलॅनिक बादल से सौ गुना अधिक है और उसका व्यास १००,००० प्रकाश-वर्ष है। आसपास की ३० गैलेक्सियों के स्थानीय समूह में ब॰मॅ॰बा॰ एण्ड्रोमेडा, आकाशगंगा और ट्राऐन्गुलम के बाद चौथी सब से बड़ी गैलेक्सी है। .

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बेटा सॅफ़ॅई परिवर्ती तारा

बेटा सॅफ़ॅई परिवर्ती तारा ऐसे तारे को कहा जाता है जिसकी सतह पर स्पन्दन (धक-धकी या कंपन) होने की वजह से उसकी चमक में बदलाव आता रहता हो, यानि की वह सतही कंपन की वजह से एक परिवर्ती तारा हो। आम तौर पर ऐसे तारो की चमक (निरपेक्ष कान्तिमान) में हर 0.1 से 0.6 दिनों के अंतराल पर 0.01 से 0.3 मैग्नीट्यूड का फ़र्क़ पड़ता है। बेटा सॅफ़ॅ​ई परिवर्ती तारे सौर द्रव्यमान के 7 से 20 गुना द्रव्यमान (मास) रखने वाले मुख्य अनुक्रम तारे होते हैं। इस श्रेणी का नाम बेटा सॅफ़ॅ​ई तारे पर पड़ा है जिसकी पृथ्वी से देखी जाने वाली चमक (सापेक्ष कान्तिमान) 4.57 घंटे के अंतराल में +3.16 से +3.27 मैग्नीट्यूड के बीच बदलता रहता है। .

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खुला तारागुच्छ

वृष तारामंडल में स्थित कृत्तिका तारागुच्छ (अंग्रेज़ी में "प्लीअडीज़") एक मशहूर खुला तारागुच्छ है खुला तारागुच्छ NGC 2244 खुले तारागुच्छे ("ओपन क्लस्टर") १०-३० प्रकाश वर्ष के चपटे क्षेत्र में फैले चंद सौ तारों के तारागुच्छे होते हैं। इनमे से अधिकतर तारे छोटी आयु वाले (कुछ करोड़ वर्षों पुराने) नवजात सितारे होते हैं। सर्पिल गैलेक्सियों (जैसे की हमारी गैलेक्सी, आकाशगंगा) में यह अक्सर भुजाओं में मिलते हैं। क्योंकि इनमें आपसी गुरुत्वाकर्षक बंधन उतना मज़बूत नहीं होता जितना के गोल तारागुच्छों के सितारों में होता है, इसलिए अक्सर इनके तारे आसपास के विशाल आणविक बादलों और अन्य वस्तुओं के प्रभाव में आकर भटक जाते हैं और तारागुच्छा छोड़ देते हैं। कृत्तिका तारागुच्छ (अंग्रेज़ी में "प्लीअडीज़") इस श्रेणी के तारागुच्छों का एक मशहूर उदहारण है। .

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गांगेय केंद्र

गांगेय केंद्र (Galactic Center), हमारी आकाशगंगा का घूर्णी केंद्र है। यह हमारी पृथ्वी से 8.33±0.35 kpc (~27,000±1,000 प्रकाश वर्ष) की दूरी पर स्थित है।Majaess D. J., Turner D. G., Lane D. J. (2009).

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गोल तारागुच्छ

धनु तारामंडल में स्थित मॅसिये ६९ नाम का गोल तारागुच्छा गोल तारागुच्छे ("ग्लोब्युलर क्लस्टर") १०-३० प्रकाश वर्ष के गोलाकार क्षेत्र में एकत्रित दस हज़ार से दसियों लाख तारों के तारागुच्छे होते हैं। इनमे से अधिकतर तारे ठन्डे (लाल और पीले रंगों में सुलगते हुए) और छोटे आकार के (ज़्यादा-से-ज़्यादा सूरज से दुगने बड़े) और काफी बूढ़े होते हैं। बहुत से तो पूरी ब्रह्माण्ड की आयु (जो १३.६ अरब वर्ष अनुमानित की गयी है) से चंद करोड़ साल कम के ही होते हैं। इनसे बड़े या अधिक गरम तारे या तो महानोवा (सुपरनोवा) बनकर ध्वस्त हो चुके होते हैं या सफ़ेद बौने बन चुके होते हैं। फिर भी कभी-कभार इन गुच्छों में अधिक बड़े और गरम नीले तारे भी मिल जाते हैं। वैज्ञानिकों का अनुमान है के ऐसे नीले तारे इन गुच्छों के घने केन्द्रों में पैदा हो जाते हैं जब दो या उसे से अधिक तारों का आपस में टकराव और फिर विलय हो जाता है। आकाशगंगा (मिल्की वे, हमारी गैलेक्सी) में गोल तारागुच्छे आकाशगंगा के केंद्र के इर्द-गिर्द फैले हुए गैलेक्सीय सेहरे में मिलते हैं। .

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अंतरिक्ष

किसी ब्रह्माण्डीय पिण्ड, जैसे पृथ्वी, से दूर जो शून्य (void) होता है उसे अंतरिक्ष (Outer space) कहते हैं। यह पूर्णतः शून्य (empty) तो नहीं होता किन्तु अत्यधिक निर्वात वाला क्षेत्र होता है जिसमें कणों का घनत्व अति अल्प होता है। इसमें हाइड्रोजन एवं हिलियम का प्लाज्मा, विद्युतचुम्बकीय विकिरण, चुम्बकीय क्षेत्र तथा न्युट्रिनो होते हैं। सैद्धान्तिक रूप से इसमें 'डार्क मैटर' dark matter) और 'डार्क ऊर्जा' (dark energy) भी होती है। .

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